क्रिप्टोक्यूरेंसी का परिचय

सोने में इन्वेस्टमेंट

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Safer to Invest: आपका मनी सेफ कहां- सोना, चांदी या बैंक?

हम में से अधिकांश लोग आर्थिक विश्लेषक नहीं होते ना बाज़ार की हमें ज्यादा पकड़ होती है, ऐसे में यह जानना कि पैसा कैसे बचाएं कि हमारा भविष्य सुरक्षित हो पाए एक अहम सवाल बन जाता है। आइए जानते हैं कुछ आर्थिक विश्लेषकों से कि पैसा ज्यादा सुरक्षित कहां रहेगा-

उच्च तरलता और मुद्रास्फीति क्षमता जैसे कुछ प्रभावशाली कारकों के कारण, सोना भारत में सबसे पसंदीदा निवेशों में से एक है। पारंपरिक रूपों में, आप गहने, सिक्के, या कलाकृतियों के रूप में सोना खरीदते थे। आजकल परिदृश्य बदल गया है आप गोल्ड ईटीएफ, गोल्ड फंड, सोवरन गोल्ड बाण्ड्स खरीद सकते हैं।

सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड्स क्या हैं?

सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड डिजिटल गोल्ड खरीदने का सबसे सुरक्षित तरीका है, क्योंकि वे भारत सरकार की ओर से प्रतिवर्ष 2.50त्न की सुनिश्चित ब्याज के साथ भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा जारी किए जाते हैं। बांडों को 1 ग्राम की मूल इकाई के साथ सोने की इकाइयों में दर्शाया जाता है। एक अधिकतम निवेश 4 किलो का हो सकता है। इन बांडों में आठवें वर्ष के बाहर निकलने के विकल्प के साथ आठ साल का कार्यकाल होता है।

सोने के कुछ शीर्ष फंड

  • एक्सिस गोल्ड फंड
  • आदित्य बिड़ला सन लाइफ गोल्ड फंड
  • केनरा रोबेको गोल्ड सेविंग फंड
  • एच.डी.एफ.सी. गोल्ड फंड
  • आई.सी.आई.सी.आई. प्रु रेगुलर गोल्ड सेविंग फंड

सोने में निवेश क्यों करें

एक पारंपरिक निवेशक के लिए, सबसे महत्वपूर्ण मानदंड सुरक्षा, तरलता और लाभदायक रिटर्न है। आप सोने में निवेश करते समय इन सभी मानदंडों को पूरा करने की उम्मीद कर सकते हैं।

यदि आप भौतिक सोने को रखने के पक्ष में नहीं हैं, तो आप अन्य विकल्प लिए जा सकते हैं।

आपको क्या दस्तावेज चाहिए

2 लाख से अधिक सोने में निवेश आप करते हैं तो पैन कार्ड चाहिए। ईटीएफ में, आपको उसी फर्म के साथ डीमैट खाते के बाद ब्रोकरेज फर्म के साथ एक खाता खोलना होगा। सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड्स में निवेश के लिए, केवाईसी के लिए आवश्यक दस्तावेज, फिजिकल गोल्ड (आधार, पैन, वोटर आईडी या पासपोर्ट) खरीदने के लिए आवश्यक हैं।

चांदी सस्ती और विश्वसनीय कीमती धातु है। शुभ कार्यों के लिए सोने की जगह चांदी हम बरसों से इस्तेमाल करते आ रहे हैं।

छोटे निवेश

यदि आप कुछ हजार रुपये चांदी में निवेश करने की योजना बना रहे हैं, तो आप सिक्के खरीदने पर विचार कर सकते हैं। सिक्कों में आमतौर पर चित्र और श्रम शुल्क अंतिम मूल्य में जोड़ा जाता है। यह वेतनभोगी व्यक्तियों और व्यवसायिक लोगों के लिए एक अच्छा विकल्प है। आप अपनी क्षमता के अनुसार हर महीने कुछ सिक्के जमा कर सकते हैं और जब आप अपने निवेश को समाप्त करना चाहते हैं तो उन्हें बेचना भी संभव है। चांदी के सिक्के खरीदने का एक और फायदा बैंकों में उनकी उपलब्धता है। आपको शुद्धता का प्रमाण पत्र भी मिलता है। बैंक केवल चांदी के सिक्के बेचेंगे और बाद में उन्हें वापस नहीं खरीदेंगे। भविष्य में जरूरत पड़ने पर आपको अपने चांदी के सिक्के बेचने के लिए ज्वैलर्स से संपर्क करना होगा।

विशाल निवेश के लिए सिल्वर बार्स चुनें

आप इस तरह की चांदी की बार्स पर थोक में निवेश कर सकते हैं। बाजार में चांदी की सलाखों की अच्छी मांग है, जब आप उन्हें बाद में बेचना चाहते हैं तो आपको कोई समस्या नहीं होगी। सुनिश्चित करें कि आपके पास अतिरिक्त आवश्यकताओं के लिए पर्याप्त धनराशि है। चांदी के सिक्के और बार हमेशा विश्वसनीय स्रोतों से खरीदने चाहिए। बैंकों से प्रमाणित सिक्के खरीदने चाहिए। भले ही वे कुछ अतिरिक्त प्रीमियम लें।

चांदी के बार्स की बात करें तो आपको स्थानीय ज्वैलर्स से संपर्क करना चाहिए। चांदी को सुरक्षित रखने के लिए हमेशा बैंक लॉकर्स का चयन करना चाहिए।

चांदी की दरों में दैनिक आधार पर उतार-चढ़ाव बना रहता है। कई ऐप और अन्य स्रोत हैं जो बाजार में नवीनतम चांदी की कीमत के बारे में पूरी जानकारी प्रदान करेंगे और आप सटीक विवरण प्राप्त करने के लिए अपने मोबाइल फोन पर उनका उपयोग कर सकते हैं।

अधिकांश निवेशक इस तरह से निवेश करना चाहते हैं कि उन्हें मूल धन खोने के जोखिम के बिना जितनी जल्दी हो सके उच्च रिटर्न मिले। वास्तव में, जोखिम और रिटर्न सीधे संबंधित होते हैं। रिटर्न जितना अधिक होता है, जोखिम उतना ज्यादा। बैंकों में आपका पैसा हमेशा सुरक्षित रहता है और थोड़ी बहुत घटत-बढ़त के साथ ब्याज मिलता है।

बैंक सावधि जमा (एफडी)

बैंक फिक्स्ड डिपॉजिट को सुरक्षित माना जाता है। एक बैंक में प्रत्येक जमाकर्ता को मूलधन और ब्याज राशि दोनों के लिए 4 फरवरी, 2020 से अधिकतम 5 लाख रुपये तक का बीमा किया जाता है। आवश्यकतानुसार, कोई भी व्यक्ति मासिक, त्रैमासिक, अर्धवार्षिक, वार्षिक या संचयी ब्याज विकल्प चुन सकता है। अर्जित ब्याज दर को आय में जोड़ा जाता है और आय स्लैब के अनुसार कर लगाया जाता है।

सार्वजनिक भविष्य निधि (पीपीएफ)

15 वर्षों तक के लिए कोई भी भारतीय नागरिक सार्वजनिक भविष्य निधि बैंक या पोस्ट ऑफिस में खुलवा सकता है। इसका ब्याज इनकम टैक्स से कर मुक्त है और चक्रवृद्धि दरों पर दिया जाता है। न्यूनतम राशि प्रतिवर्ष एक हजार जमा करानी होती है और अधिकतम डेढ लाख करवायी जा सकती है। चार वर्ष बाद इस पर लोन लिया जा सकता है। सरकार द्वारा हर तिमाही पर ब्याज दर की समीक्षा की जाती है। 15 वर्ष पश्चात् 5-5 साल इसे आप बढ़ा सकते हैं।

राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस)

यह सरकार द्वारा प्रायोजित पेंशन योजना है। इसे जनवरी 2004 में सरकारी कर्मचारियों के लिए लॉन्च किया गया था। 2009 में, इसे सभी वर्गों के लिए खोल दिया गया था। योजना कामकाजी जीवन के दौरान पेंशन खाते में नियमित रूप से योगदान करने की अनुमति देती है। सेवानिवृत्ति के बाद, आप धन का एक हिस्सा निकाल सकते हैं और शेष धन का उपयोग कर सकते हैं, जिससे हर महीने आप एक निश्चित रकम पा सकें।

वरिष्ठ नागरिकों की बचत योजना

इस योजना में केवल वरिष्ठ नागरिक या प्रारंभिक सेवानिवृत्त व्यक्ति ही निवेश कर सकते हैं। एससीएसएस का लाभ 60 से ऊपर के किसी भी डाकघर या बैंक से लिया जा सकता है।

एससीएसएस का पांच साल का कार्यकाल है, जिसे योजना के परिपक्व होने के बाद तीन साल और बढ़ाया जा सकता है। ऊपरी निवेश सीमा 15 लाख रुपये है और एक से अधिक खाते खुल सकते हैं। एससीएसएस पर ब्याज दर त्रैमासिक देय है और पूरी तरह से कर योग्य है। योजना की ब्याज दर हर तिमाही की समीक्षा और संशोधन के अधीन है।

एक बार जब योजना में निवेश किया जाता है, तो योजना की परिपक्वता तक ब्याज दर समान रहेगी। वरिष्ठ नागरिक एससीएसएस से अर्जित ब्याज पर धारा 80 टीटीबी के तहत एक वित्तीय वर्ष में 50,000 रुपये तक की कटौती का दावा कर सकते हैं।

योगेश चांडक वरिष्ठ चार्टेड अकाउंटेंट कहते हैं कि ‘व्यक्ति को डायवॢसफायड पोर्टफोलिया में निवेश करना चाहिए। सोना लॉगटर्म प्लानिंग के लिए अच्छा है, पर उसमें उतनी बढ़त नहीं। चांदी सस्ती होने से हर एक की पहुंच में है। बैंक की विभिन्न योजनाओं में निवेश करने से आपका पैसा सुरक्षित रहता है पर रिटर्न ज्यादा नहीं मिलता। इन्वेस्टमेंट का नियम है ‘हायर द रिस्क हायर द रिटर्न।’

आर्थिक विश्लेषक श्री अनंत लढ्ढा अपने क्लाइंट्स को सोने में निवेश की सलाह नहीं दे रहे हैं क्योंकि उनके अनुसार दामों में बढोत्तरी अब नहीं होगी। सोने का ‘पीक’ आ चुका है चांदी उसके मुकाबले में बढ़ सकती है। बैंकों में डेब्ट फंड, एफ.डी., पी.पी.एफ. में निवेश सुरक्षित है।

निवेश व्यक्ति अपनी क्षमता, जरूरत, उम्र और बाजार ज्ञान के आधार पर करता है। लॉग टर्म निवेश और शार्ट टर्म इन्वेस्टमेंट आपके पास लिक्विडिटी कितनी है इस पर निर्भर करता है। ‘सभी अंडों को एक ही टोकरी में न रखें’ एक पुरानी कहावत है पर निवेश के लिए बिल्कुल ठीक बैठती है।

अपने फंड, भविष्य की जरूरतें, रिस्क फैक्टर और प्रचलन ध्यान में रखते हुए निवेश कीजिए।

बढ़ रही है सोने की कीमतें लेकिन ज्वैलरी नहीं Gold ETF में करें निवेश, मिलेगा शानदार रिटर्न

gold ETF

नई दिल्ली: सोने की कीमतें लगातार बढ़ती जा रही हैं, ऐसे में इंवेस्टर्स सोने पर दांव लगा रहे हैं लेकिन अगर हम आपे कहें कि ज्वैलरी नहीं बल्कि गोल्ड ईटीएफ में निवेश करना ज्यादा सही फैसला हो सकता है तो? अगर आपने अभी तक गोल्ड ईटीएफ के बारे में नहीं सुना है तो आज हम आपको पेपर गोल्ड की पूरी एबीसीडी बताएंगे ताकि आप भी इसमें इनवेस्ट कर ज्यादा पैसा कमा सकें।

Gold ETF- सोने को शेयरों की तरह खरीदने को गोल्ड ईटीएफ या पेपर गोल्ड कहा जाता है। यह वास्तव में एक म्यूचुअल फंड स्कीम है। सोने को यूनिट में खरीदने के बाद जब भी आप इसको बेचते हैं तो इसे बेचने पर आपको सोना नहीं बल्कि उस समय के बाजार मूल्य के बराबर पैसा मिलता है। सस्ता निवेश होने के कारण लोग इसे बेहद पसंद करते हैं और इसकी पॉपुलैरिटी का कारण भी सोने में इन्वेस्टमेंट यही है।

ईटीएफ में इंवेस्ट करने के लिए डीमैट अकाउंट जरूरी होता है। इन्हें शेयरों की तरह नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के कैश मार्केट में खरीदा-बेचा जा सकता है। इसमें कोई न्यूनतम लॉट साइज नहीं होता है। गोल्ड ईटीएफ की एक यूनिट एक ग्राम सोने के बराबर होती है। निवेशक इसकी यूनिट्स को एकमुश्त या फिर सिस्टमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (एसआईपी) के जरिये थोड़ा-थोड़ा भुगतान कर खरीद सकते हैं।

सोने के प्रति बढ़ रहा हैं निवेशकों का आकर्षण, अगस्त में Gold ETF में निवेश किए इतने करोड़

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। सोने (Gold) को लेकर हाल के दिनों में निवेशकों की धारणा में सुधार दिखाई दिया है. यही वजह है कि जुलाई में गोल्ड-ईटीएफ (Gold ETFs) में शुद्ध निकासी के बाद अगस्त माह में सोने के एक्सचेंज ट्रेडिड फंड्स (Gold ETFs) में सुधार दिखाई दिया और माह के दौरान 24 करोड़ रुपए का निवेश आकर्षित किया गया. एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (Amfi) के आंकड़ों के अनुसार चालू वित्त वर्ष के पहले आठ महीनों के दौरान Gold ETF में कुल प्रवाह 3,070 करोड़ रुपए तक पहुंच गया.

धारणा में सुधार आने के साथ ही गोल्ड ईटीएफ में निवेशक फोलियो की संख्या अगस्त में 21.46 लाख तक पहुंच गई जो पिछले महीने में 19.13 लाख थी. पीली धातु में निवेश करने वाले इस ईटीएफ में हालांकि, अगस्त 2019 से धीमी गति से सुधार का रुख है. हालांकि इस दौरान गोल्ड- ईटीएफ में नवंबर 2020 में 141 करोड़, फरवरी 2021 में 195 करोड़ और जुलाई 2021 में 61.5 करोड़ रुपये की शुद्ध निकासी दर्ज की गई.

जुलाई 2021 में निकासी के बाद अगस्त में सोने में निवेश सकरात्मक रहा लेकिन नेट खरीद केवल 23.92 करोड़ रुपये की रही. इसकी तुलना में, जून 2021 में इस ईटीएफ में 360 करोड़ रुपये और मई में 288 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश हुआ.

मार्निंगस्टार इंडिया में वरिष्ठ विश्लेषक प्रबंधक शोध कविता कृष्णन ने कहा, महामारी के बावजूद वैश्विक स्तर पर कुल मिलाकर बने सकारात्कमक रुख से पीली धातु को लेकर धारणा में सुधार आया है.

एलएक्सएमई की संस्थापक प्रीति राठी गुप्ता ने कहा कि अगस्त माह के दौरान गोल्ड- ईटीएफ ने निकासी के बजाय निवेश बढ़ने की तरफ उल्लेखनीय बदलाव देखा है. सोने के दाम वापस सामान्य स्थिति में आने पर निवेशक एक बार फिर से सोने में निवेश की तरफ आकर्षित होने लगे हैं.

पेपर गोल्ड में निवेश करने का सबसे अच्छा तरीका Gold ETF खरीदना है. यह एक ओपन एंडेड म्यूचुअल फंड होता है, जो सोने की गिरते चढ़ते भावों पर आधारित होता है. ईटीएफ बहुत अधिक कॉस्ट-इफेक्टिव होता है. एक Gold ETF यूनिट का मतलब है कि 1 ग्राम सोना. यह गोल्ड में इन्वेस्टमेंट के साथ स्टॉक में इन्वेस्टमेंट की फ्लेक्सिबिलिटी देता है. Gold ETF सोने में इन्वेस्टमेंट की खरीद और बिक्री शेयर की ही तरह बीएसई और एनएसई पर की जा सकती है.

शेयरों की तरह गोल्ड ईटीएफ यूनिट्स खरीद सकते हैं. फिजिकल गोल्ड के मुकाबले इस पर परचेजिंग चार्ज कम होता है. 100 फीसदी शुद्धता की गारंटी मिलती है. इसमें SIP के जरिए निवेश की सुविधा है.

Gold Investment: 49 हज़ार रुपए का हुआ सोना, दिसम्बर तक 52 हज़ार पहुंच सकता है, गोल्ड इन्वेस्टमेंट का सही मौका

Gold Investment: अगर आप गोल्ड में इन्वेस्ट करते हैं या करना चाहते हैं तो इससे अच्छा मौका शायद ही दोबारा मिले। 16 सितम्बर के दिन सोने और चांदी के भाव में भारी गिरावट देखने को मिली है. इंडियन बुलियन एंड ज्वैलर्स असोसिएशन की वेबसाइट के अनुसार सोना 552 रुपए सस्ता हुआ है और 16 सितम्बर को गोल्ड की कीमत घटकर 49,374 रुपए हो गई है। MXC पर दोपहर 1 बजे तक सोना और 212 रुपए की गिरावट के साथ 49,100 रुपए में ट्रेड हो रहा था.

सोने की कीमत (रुपए/10 ग्राम)

24 कैरेट सोने की कीमत -49,374

23 कैरेट सोने की कीमत -49,176

22 कैरेट सोने की कीमत -45,227

18 कैरेट सोने की कीमत -37,031

चांदी के सोने में इन्वेस्टमेंट दाम भी कम हुए जहां सोने की कीमत तो कम हुई साथ ही चांदी के दाम भी काफी नीचे चले गए. सर्राफा मार्केट में चांदी की प्राइज़ कम होकर 55,570 रुपए प्रति किलो को गई है वहीं इंटरनेशनल मार्केट में सोने की कीमत 1656.22 डॉलर हो गई है तो चांदी 18.88 प्रति ओंस पर ट्रेड हो रही है

सोने की कीमत और कम होगी

IBJA का कहना है कि अगले कुछ हफ़्तों में सोने की कीमत 500 से 600 रुपए और कम हो सकती है. लेकिन दिसम्बर में यह बढ़कर 55-56 हज़ार तक भी जा सकती है. वहीं केडिया अडवाइजरी का कहना है कि सा के अंत तक सोना 60 हज़ार रुपए तक पहुंच सकता है

जिन लोगों को सोने में इन्वेस्ट करना है उन्हें सितम्बर बीतने का इंतज़ार करना चाहिए ताकि कीमत थोड़ी और कम हो जाए. और जब दिसम्बर में यह महंगा हो जाएगा तो इसे बेचकर अच्छा मुनाफा कमाया जा सकता है

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