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अतिरिक्त कमाई

अतिरिक्त कमाई
प्रगतिशील किसान जयराम गायकवाड़

Business Idea: नौकरी के बाद 15 मिनट करें ये बिजनेस, होगी अच्छी खासी कमाई

महंगाई इतनी बढ़त गई है कि अब ज्यादातर लोग नौकरी के अलावा अतिरिक्त इनकम (Extra income) की तलाश में रहते हैं. खासकर मध्यम आय वाले व्यक्तियों के लिए वेतन के पैसों (Salary) से घर खर्च चलाना ही मुश्किल हो जाता है, ऐसे में अन्य खर्चों के लिए पैसों की जरूरत (Need money) पड़ती है. अगर आप भी अपनी नौकरी के साथ कुछ अतिरिक्त कमाई (How to earn money) करना चाहते हैं, तो आज हम आपको कुछ ऐसे आइडिया (earning ideas) दे रहे हैं, जहां से आप हर महीने मोटी कमाई (Earn money) कर सकते हैं.आइए जानते है इसकी अतिरिक्त कमाई पूरी जानकारी।

Business Idea: नौकरी के बाद 15 मिनट करें ये बिजनेस, होगी अच्छी खासी कमाई

HR Breaking News, डिजिटल डेस्क नई दिल्ली, इस काम के लिए आपको घर से बाहर (easy way to earn money from home) निकलने की भी जरूरत नहीं है. इस बिजनेस को आप यात्रा के दौरान, गांव या कहीं भी कर सकते हैं. इसके लिए आपको कोई बहुत बड़ी जगह की भी जरूरत नहीं है. इस बिजनेस के लिए सिर्फ आपके पास स्मार्टफोन या लैपटॉप (business via smartphones) होना जरूरी है.


तस्वीरें बेचकर पैसा कमाना


अगर आपको फोटोग्राफी का शौक है या फिर आप ऐसे इलाके में रहते हैं, जहां तस्वीरों की काफी डिमांड है? इस अतिरिक्त कमाई तरह के शौक रखने वाले लोगों को बता दें कि स्टॉक फोटोग्राफी वेबसाइट्स (stock photography websites) अपने आप में तस्वीरों का भंडार है. जो लगभग हर एक सब्जेट को कवर करती है. अब ये भी जान लीजिए कि ये काम कैसे करता है?


फोटोग्राफर अपनी तस्वीरों को डाटाबेस में से किसी भी एक कैटेगरी में अपलोड अतिरिक्त कमाई कर सकते हैं. किसी भी मैग्जीन एडिटर, डिजाइनर या फिर ऑर्गेनाइजेशन को आप वेबसाइट से कनेक्ट कर सकते हैं, अतिरिक्त कमाई ताकि यहां से आपकी फोटोज को खरीदा जा सके. स्टॉक वेबसाइट्स की सबसे अच्छी खासियत ये है कि इसके जरिए अतिरिक्त कमाई आप कितनी भी बार अपनी फोटोज को बेच सकते हैं. फोटो वेबसाइट्स की लिस्ट में शटरस्टॉक, फोटोशेल्टर और गेटी इमेज जैसे बड़े नाम शामिल हैं.


वीडियो के जरिए कमाई


पिछले कुछ सालों में यूट्यूब वीडियो कंटेंट (youtube video content) का बहुत बड़ा स्रोत बनकर उभरा है. शायद ही ऐसा कोई होगा, जिसका यूट्यूब पर खुद का अकाउंट न हो. फिर चाहें वो बड़ी बड़ी कंपनियां हों, फिल्म स्टार्स हो या फिर आम लोग. कई लोग यूट्यूब या वीडियो कंटेंट (youtube video content) के जरिए मोटी कमाई कर रहे हैं.

लोग अपने वीडियो को मोनेटाइज (पैसा कमा सकते हैं) कराने के लिए सब्सक्रिप्शन फीस लगा सकते हैं या फिर केवल पैसा देकर कॉन्टेंट देखने के लिए अतिरिक्त कमाई अतिरिक्त कमाई पासवर्ड प्रोटेक्शन भी लगा सकते हैं, ताकि आप इससे पैसा कमा सकें. यूट्यूब में ऐसे वीडियो होंगे जिनको पूरा देखने के लिए आपसे सब्सक्रिप्शन फीस मांगी जाती है. तो यह भी एक अच्छा तरीका हो सकता है पैसा कमाने का और वो भी घर बैठे.


इंटरनेट रिसर्च और सर्वे(Internet research and survey)


अगर अब कोई आपसे पूछे कि क्या दिनभर इंटरनेट में लगे रहते हो, तो आप इसका तगड़ा जवाब दे सकते हैं. क्योंकि इंटरनेट पर दिनभर लगे रहने से भी आप अच्छा खासा पैसा कमा सकते हैं. जी हां, बिल्कुल अच्छा पैसा कमाने का एक तरीका इंटरनेट भी है.

आप अपने खाली समय में इंटरनेट सर्फिंग कर सकते हैं या फिर ऑनलाइन सर्वे भर सकते हैं. इससे आपकी कमाई भी हो सकती है. ऑनलाइन सर्वे के जरिए पैसा कमाने की एक वेबसाइट ySense भी है.

रेल मंत्रालय ने अतिरिक्त कमाई के लिए रेलवे करेगा स्टेशनों की को-ब्रांडिंग

रेल मंत्रालय ने रेलवे की अतिरिक्त कमाई के लिए कई स्टेशनों के नाम की को-ब्रांडिंग के लिए गाइडलाइंस जारी की हैं. को-ब्राइंडिंग का मतलब है कि स्टेशन के नाम के साथ ब्रांड का नाम जोड़ा जाएगा. भारतीय रेलवे के अनुसार को-ब्रांडिंग का मकसद अतिरिक्त कमाई गैर-किराए वाला रेवेन्यू बढ़ाना है.

रेल मंत्रालय ने अतिरिक्त कमाई के लिए रेलवे करेगा स्टेशनों की को-ब्रांडिंग

नई दिल्ली, 05 मार्च : रेल मंत्रालय ने रेलवे की अतिरिक्त कमाई के लिए कई स्टेशनों के नाम की को-ब्रांडिंग के लिए गाइडलाइंस जारी की हैं. को-ब्राइंडिंग का मतलब है कि स्टेशन के नाम के साथ ब्रांड का नाम जोड़ा जाएगा. भारतीय रेलवे के अनुसार को-ब्रांडिंग का मकसद गैर-किराए वाला रेवेन्यू बढ़ाना है. हालांकि स्टेशन के नाम के साथ ब्रांड के नाम को जोड़े जाने के बाद भी टाइमटेबल, वेबसाइट, टिकट घोषणाओं और रूट मैप में स्टेशन का ओरिजनल नाम ही रहेगा. इसके मद्देनजर आने वाले दिनों में यात्रियों को भारतीय रेलवे स्टेशनों पर कमर्शियल ब्रांडिंग देखने को मिल सकती है. मंत्रालय की ओर से जारी गाइडलाइंस के अनुसार विज्ञापन देने वाली कंपनी की ब्रांडिंग स्टेशन परिसर में उस हर जगह पर होगी, जहां-जहां स्टेशन का नाम लिखा है. यह नाम स्टेशन के नाम से पहले भी जुड़ सकता है और बाद में भी. ऐसा डीएमआरसी (दिल्ली मेट्रो रेल कारपोरेशन) पिछले कई सालों से कर रही है जबकि टाइमटेबल, टिकट घोषणाओं और रूट मैप में स्टेशन का ओरिजनल नाम ही रहेगा.

खासबात ये है कि रेलवे हेरिटेज बिल्डिंग या स्टेशनों के नाम के साथ किसी तरह की छेड़छाड़ नहीं करेगी. या ऐसे स्टेशन जिनके नाम किसी लोकप्रिय हस्ती के नाम पर रखे गए हैं, उन स्टेशनों पर को-ब्रांडिंग नहीं की जाएगी. मंत्रालय की ओर से जारी गाइडलाइंस के अनुसार विज्ञापन देने वाली कंपनी की ब्रांडिंग स्टेशन परिसर में हर उस जगह पर होगी, जहां-जहां स्टेशन का नाम लिखा है. पूरे परिसर में स्टेशन के नाम के साथ ब्रांड का नाम जोड़ा जाएगा. हालांकि को-ब्रांडिंग के वक्त ये जरूर ध्यान रखा जाएगा कि कोई राजनीतिक, धार्मिक, एल्कोहल या तंबाकू बेचने वाली कंपनी का विज्ञापन न हो. को-ब्रांडिंग में किसी व्यक्ति के नाम का इस्तेमाल भी नहीं किया जायेगा. रेलवे मंत्रालय की से जारी पत्र में कहा गया है कि अगर कोई स्टेशन क्षेत्र व देश के महापुरूष के नाम से अंकित है तो उस स्टेशन के नाम से पहले व बाद में व्यक्ति विशेष का नाम नहीं जुड़ पाएगा. यह भी पढ़ें : Srinagar Fire Breaks: श्रीनगर के बोन एंड ज्वाइंट हॉस्पिटल में भीषण आग

ये ठीक उसी तरह है जैसे पिछले कई वर्षों से मोबाइल कंपनी या अन्य कंपनी का नाम आईपीएल (इंडियन प्रीमियर लीग) के साथ जोड़ा जाता रहा है. उसी तर्ज पर कंपनियां रेलवे स्टेशनों के नाम के साथ ब्रांड का नाम जोड़ दिया जाएगा. इस ब्रांडिंग के बदले रेलवे कंपनियों से अच्छा मुनाफा कमाएगा. स्टेशन को ब्रांडिंग के लिए एक बार में एक वर्ष से लेकर तीन वर्षों के लिए आवंटित किया जाएगा. इस दौरान विज्ञापन पैनल, होडिंग के रख रखाव अतिरिक्त कमाई की जिम्मेवारी संबंधित व्यक्ति की होगी.

जैविक खेती के साथ गोपालन करके शुरू की डेयरी और बायो गैस प्लांट, दूध से पनीर, मावा तो गोबर से बनाते हैं बिजली और खाद, कमाई 30 लाख रुपए

किसान जयराम का कहना है कि शुरू में उनके पास दो गाय थीं और आज बढ़कर 60 हो गई हैं. उनसे मिलने वाले गोबर से गोबर गैस बनाते हैं, इससे बिजली उत्पादन भी होता है.

प्रगतिशील किसान जयराम गायकवाड़

प्रगतिशील किसान जयराम गायकवाड़

gnttv.com

  • बैतूल,
  • 18 मई अतिरिक्त कमाई 2022,
  • (Updated 18 मई 2022, 8:26 AM IST)

3 सरकारी नौकरियों के मौके को छोड़कर चुनी जैविक खेती की राह

जयराम ने खेती के साथ-साथ गोपालन को अपना जुनून बना लिया

मध्य प्रदेश के बैतूल एक शख्स ने सरकारी नौकरी करने की जगह खेती करना चुना और आज इस किसान की हर जगह चर्चा हो रही है. ये है बैतूल के बघोली गांव के किसान जयराम गायकवाड़. जयराम को 3 सरकारी नौकरियों को मौका मिला था पर जयराम ने ऑर्गेनिक फार्मिंग का रुख किया. और अब कुछ ही सालों में उनकी कमाई लाखों रुपए तक पहुंच गई है.

54 साल के एमए पास किसान जयराम बैतूल से 11 किलोमीटर दूर बघोली गांव के रहने वाले हैं. उनके पास 30 एकड़ पुश्तैनी जमीन है, जिस पर उनके पिता खेती किया करते थे. पढ़ाई के दौरान जयराम को CRPF में नौकरी का मौका मिला. इसके बाद आर्मी और फिर रेलवे में क्लर्क.

जयराम का मन नौकरी करने का तो हुआ, लेकिन वह अपनी माटी को छोड़ नहीं पाए. उन्होंने नौकरी छोड़कर खेती करने का निर्णय लिया.

जैविक खेती को बनाया लक्ष्य

जयराम ने बताया कि खेती को जैविक तरीके से आधुनिक बनाने का आइडिया उन्हें कृषि विभाग के टूर प्रोग्राम से आया. वह अपने भाईयों के साथ 30 एकड़ में खेती करते हैं और खेतों में बिल्कुल भी केमिकल्स और फर्टिलाइजर्स का इस्तेमाल नहीं करते. गाय के गोबर से बनी वर्मी कंपोस्ट खाद से ही खेती करते हैं.

30 में से 9 एकड़ में सिर्फ गेहूं और गन्ने की खेती होती है. जैविक खेती अतिरिक्त कमाई की वजह से उनका गेहूं 30 रुपए किलो बिकता है. वहीं, गुड़ की कीमत 60 रुपए किलो है. इसके अलावा वह बाकी खेत में टमाटर, बैंगन समेत अन्य फल और सब्जियां उगाते हैं.

खेती के साथ शुरू किया गोपालन भी

जयराम ने खेती के साथ-साथ गोपालन को अपना जुनून बना लिया। साल 2012 में 2 गायों से डेयरी की शुरुआत की थी. आज महज 10 सालों में वह 60 से ज्यादा हाइब्रिड और देशी गाय सहित कई बछड़ों के मालिक बन गए हैं. गोपालन के साथ-साथ वह गोबर का भी अच्छा इस्तेमाल कर रहे हैं.

उन्होंने गायों के लिए शेड का निर्माण कुछ इस तरह से कराया है कि जानवरों का मल नालियों के जरिए सीधे शेड के पीछे बने गोबर गैस प्लांट में जमा होता है. वह गोबर गैस के जरिए घरेलू गैस और बिजली बनाते हैं. गैस प्लांट से बचा वेस्ट आगे बने टैंकों में चला जाता है, जो वर्मी कंपोस्ट की प्रारंभिक प्रक्रिया है. यहां से यह वेस्ट जैविक खाद के रूप में तैयार हो जाता है.

यही खाद उनकी फसलों के लिए रामबाण औषधि बन जाती है. उन्होंने अपने यहां 8 लड़कों को भी रोजगार दिया है. डेयरी में शंकर नस्ल की कई गायें जयराम और उनके परिवार के लिए खेती से इतर आय का बड़ा जरिया है.

दूध है आय का बड़ा साधन

जयराम ने बताया कि हर रोज उन्हें 150 लीटर दूध मिलता है. इससे वह मावा, पनीर, दही और घी सहित अन्य डेयरी प्रोडक्ट्स बनाते हैं. उन्हें डेयरी और खेती से सालाना 30 लाख रुपये की आय होती है. गोबर गैस से बनने वाली बिजली से वह जनरेटर चलाते हैं और इससे मावा मशीन चलती है.

दाना बारीक करने के लिए चक्की चलाते हैं. बाकी बायोगैस का इस्तेमाल मावा बनाने के लिए भी करते हैं. जयराम का कहना है कि वह गोबर से हर महीने में 300 क्विंटल खाद तैयार करते हैं. इससे उन्हें अतिरिक्त कमाई मिलती है.

दूसरे किसानों की कर रहे मदद

जयराम के नवाचारों ने उनकी खेती के तरीके को ही बदल दिया. यही वजह है कि सालों से पारंपरिक खेती करने वाले जयराम के सभी कायल हैं. दूसरे गांव के किसान भी उनसे जैविक खेती की राय लेने के लिए आते हैं और उनकी बातों को खेती में अपनाकर फायदा उठा रहे हैं.

उनका बेटा लोकेश गायकवाड़ अपने पिता की राह पर चलते हुए रीवा वेटनरी कॉलेज से ग्रेजुएशन कर रहा है. स्थानीय युवा का कहना है कि उन्हें जब भी फसलों से लेकर मवेशियों तक कि कोई सलाह अतिरिक्त कमाई लेनी होती है तो वह जयराम की शरण में ही आते हैं. जैविक खेती और दुग्ध उत्पादन करने वाले इस किसान को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुजरात के सीएम रहते हुए भी सम्मानित कर चुके हैं.

अतिथि शिक्षकों को बकाया मानदेय के लिए अतिरिक्त आवंटन जारी- MP karmchari news

श्री संजय कुमार अपर संचालक मित्र लोक शिक्षण संचालनालय द्वारा आवंटन आदेश जारी करते हुए बताया गया है कि, बीना, जैसीनगर, केसली, खुरई, मालथौन, राहतगढ़, सागर शहर एवं देवरी ब्लॉक में, एवं जबलपुर जिले के शाहपुरा ब्लॉक में अतिथि शिक्षकों के लिए अतिरिक्त आवंटन की मांग की गई थी। यह अतिरिक्त मांग शैक्षणिक सत्र 2021-22 के लिए की गई थी। यानी अतिथि शिक्षकों का पिछला बकाया चुकता किया जाएगा।

निर्देशित किया गया है कि आवंटित राशि का उपयोग केवल अतिथि शिक्षकों को मानदेय भुगतान हेतु किया जाएगा। यदि कोई नियम विरुद्ध आहरण करता है अथवा भुगतान किया जाता है तो आहरण संवितरण अधिकारी एवं लेखापाल के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।

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