शेयर मार्केट में सेंसेक्स क्या होता है?

What is Sensex meaning in Hindi ?
Sensex एक ऐसा शब्द है, जिसे हम अपनी रोज़मर्रा की ज़िन्दगी में सुनते,कभी news channels के माध्यम से कभी अख़बार में इसके बारें में पढ़ते है की sensex आज इतने शेयर मार्केट में सेंसेक्स क्या होता है? अंक ऊपर चढ़ गया, आज इतने अंक नीचे गिर गया। सेंसेक्स होता क्या है? और ये काम कैसे करता है।
आज मैं आपको इसी के बारें में बताओगी की सेंसेक्स क्या होता है,और कैसे इसकी गणना होती है? इस विषय को हम विस्तार के समझेंगे वो भी उदाहरण के साथ।
Sensex को समझने से पहले हमें stock market को समझना होगा। मैं आपको स्टॉक मार्किट के बारें में थोड़ा संक्षिप्त में बता देती हूँ। स्टॉक मार्किट वह जगह होती है जहा हम शेयर्स को खरीद व बेच सकते है। भारत में दो सबसे बड़ी और लोकप्रिय स्टॉक एक्सचेंज है।
BSE की स्थापना 1875 में हुई थी और यह पुरे एशिया का सबसे पुराना स्टॉक एक्सचेंज है। फ़िलहाल BSE दुनिया की 12वी सबसे बड़ी स्टॉक एक्सचेंज है। BSE में 5500 से भी जयादा कंपनियां सूचीबद्ध है।
सेंसेक्स एक तरह का सूचकांक(index) होता है जो देश के आर्थिक विकास और कंपनी के शेयर्स के वित्तीय प्रदर्शन का पता लगने का एक मापदंड होता है।
सेंसेक्स sensitive +index दो शब्दों के मिला कर बना है। जिसे संवेदनशील सूचकांक भी कहा जाता है।
यह भारत का सबसे पुराना स्टॉक इंडेक्स है इसकी स्थापना वर्ष 1986 में की गई थी।
शेयर बाज़ार में हज़ारों कंपनियां लिस्टेड होती है। अगर हमें मार्किट की performance को जानना है तो एक समय पर हर एक कंपनी के स्टॉक को track करना मुश्किल होगा। तो पूरी कंपनियां जो मार्किट का प्रतिनिधित्व करती है उनका सैंपल लिया जाता है, उस सैंपल को index या सूचकांक कहा जाता है।
BSE के सूचकांक को सेंसेक्स कहते है। सेंसेक्स sensitive +index दो शब्दों के मिला कर बना है। इसे संवेदी सूचकांक, BSE 30 या BSE SENSEX भी कहा जाता शेयर मार्केट में सेंसेक्स क्या होता है? है।
इसे BSE 30 इसलिए कहा जाता है क्योंकि इसमें 5500 में से शीर्ष 30 कंपनियों को उनके बाजार पूंजीकरण के आधार पर चुना जाता है। कंपनियां जैसे: Infosys ,ITC ,Hero इत्यादि।
बाजार पूंजीकरण और फ्री फ्लोट कैपिटलाइजेशन इन हिंदी
Free float उन “कुल शेयरों का प्रतिशत” होता है जिसे व्यापार के लिए बाज़ार में कंपनी उपलब्ध कराती है।
Market capitalization को कम्पनी के शेयरों की कुल संख्या को उनके मूल्यों से गुणा करके निकाला जाता है।
सेंसेक्स की गणना या गिनती कैसे करें
उदाहरण के लिए बाज़ार में दो कंपनियां है A और B
COMPANY A के पास कुल 250 शेयर्स है उनमें से 200 शेयर्स आम जनता के लिए है और 50 शेयर्स कंपनी मैनेजमेंट के लिए है। प्रति शेयर का मूल्य है 200/-
तो कंपनी का कुल मूल्य कितना होगा। कंपनी के कुल शेयर्स को प्रति शेयर मूल्य के गुणा करने के बाद की मूल्य निकलेगा वो कंपनी A का कुल बाजार पूंजीकरण (total market capitalization) है।
2003 से पहले सेंसेक्स की गणना करने के लिए कुल बाजार पूंजीकरण (total market capitalization) को ही सही विकल्प माना जाता था। 2003 के बाद से free float market को consider किया जाता है। इस दोनों में क्या अंतर है। free flow market में जो शेयर्स कंपनी के प्रबंधन के पास होते है, हम वो consider नहीं करते। जो आम जनता के लिए शेयर्स होते है हम वो ही शामिल करते है।
तो free float market capitalization होगा,
free floating shares*by share value i.e 200*200=40000
COMPANY B का free-floating share value आम जनता के लिए 150/- होगा और free-float market capitalization 60000 है, तो पूरी मार्किट की free float capitalization हो जाएगी 40,000+60,000=1,00000. अब समझते है की इससे sensex की गणना कैसे करते है।
सेंसेक्स की गणना के लिए हमें base index लेना होता है, उदाहरण के तौर पर मान लेते है की पिछले 10 सालों से हम सेंसेक्स की गणना करते आ रहे है,और जब सेंसेक्स पहली बार index हुआ था तो उसकी market value 10000 थी। इन्हीं 10000 को सेंसेक्स के 100 अंकों के बराबर मान लेते है। इसे ही हम base index कहते है।
जब पहली बार BSE ने index शुरू किया शेयर मार्केट में सेंसेक्स क्या होता है? था तो base index था 100 अंक। हमारे उदहारण के हिसाब से free float capitalization है 100000 तो आज के टाइम में सेंसेक्स होगा 1000 अंक। अब मान लेते है की COMPANY A को अगले दिन ाचा मुनाफा शेयर मार्केट में सेंसेक्स क्या होता है? हुआ और उसके शेयर का मूल्य 50/- प्रति शेयर बढ़ गया,तो entire free-float market capitalization होगा,
250*200=5,0000 +6,0000=1,10,000. तो इस हिसाब से सेंसेक्स 100 अंक से बढ़ कर हो जाएगा 1100 अंक।
तो दोस्तों ऐसे ही calculate होता है सेंसेक्स और free float capitalization. इसी के आधार पर ही उन्ही 30 कंपनियों की सेंसेक्स में शामिल किया जाता है। ज़रूरी नहीं ही जो 30 कंपनियां सेंसेक्स में शामिल होती है वह हमेशा ही उसमें बनी रहे,यह कम्पनिया समय समय पर बदलती रहती है। पर कंपनियों को संख्या 30 ही रहती है। यह 30 कंपनियां अलग अलग क्षेत्र की होती है।
सेंसेक्स अगर 10000 अंक है और अगर ये ऊपर जाता है तो 30 कंपनियों मे से जिन companies का वित्तीय प्रदर्शन अच्छा है, उन्हें लाभ अच्छा प्राप्त हो रहा है और लोग इन companies के shares खरीद रहे है और डिमांड बढ़ रही है तो इसके हम “BULL MARKET” भी कहते है। अगर सेंसेक्स नीचे जाता, उसके अंक घट रहे है तो कंपनी की वित्तीय प्रदर्शन अच्छा नहीं है,कंपनी को काम मुनाफा हो रहा है, या कंपनी का प्रदर्शन मार्किट में अच्छा नहीं है और लोग उस कंपनी ले शेयर्स को बेच रहे है मतलब उसकी डिमांड कम हो रही है तो उसे BEAR MARKET भी बोलते है।
सेंसेक्स का ऊपर जा रहा है तो वह आर्थिक विकास का प्रतिक है। इसीलिए,सेंसेक्स के आधार पर हम ये निर्णय लेते है की मार्किट ऊपर जा रही है या नीचे आ रही है और कंपनी का आर्थिक विकास कैसा हो रहा है।
सेंसेक्स का उतार चढ़ाव काफी हद तक बजट पर भी निर्भर करता है। जब भी बजट की घोषणा होती है तोह सेंसेक्स में उछाल आता है। अगर बजट मार्किट के लिए सकारात्मक है तो सेंसेक्स ऊपर जाता है और अगर बजट मार्किट के नकारात्मक है तो सेंसेक्स नीचे की ओर गिरता है।
Sensex Full Form in Hindi | सेंसेक्स का फुल फॉर्म क्या होता है | सेंसेक्स क्या होता है | What is the full form of Sensex in hindi
Sensex सेंसेक्स का पूर्ण रूप स्टॉक एक्सचेंज संवेदनशील सूचकांक है । सेंसेक्स भारत का सबसे पुराना स्टॉक एक्सचेंज है और इसे बीएसई (बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज) भी कहा जाता है । यह बीएसई पर सूचीबद्ध 30 आर्थिक रूप से मजबूत और बहुत अच्छी तरह से स्थापित संगठनों का एक मुफ्त फ्लोट, अर्थव्यवस्था-भारित सूचकांक है । इन फर्मों को भारत में ब्लू चिप कंपनियों के रूप में भी ब्रांडेड किया गया है । 30 घटक निगम जो सबसे सफल और उच्चतम कारोबार वाले शेयरों में से हैं, वे भारत में विभिन्न उद्योगों के प्रतिनिधि हैं।
Sensex Full Form in Hindi | सेंसेक्स का फुल फॉर्म क्या होता है
Sensex (सेंसेक्स) का Full Form: Stock Exchange Sensitive Index होता है, तथा सेंसेक्स को हिंदी में संवेदी सूचकांक कहते हैं। यह मुंम्बई स्टोक एक्स्चेंज का ही एक रूप है।
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सेंसेक्स के फायदे | Benefit of Sensex
- बेहतर दृश्यता – सेंसेक्स अधिक दृश्यता प्रदान करता है और कंपनी की प्रतिष्ठा को बढ़ाता है । यह कंपनी के शेयरों के लिए बाजार शेयर मार्केट में सेंसेक्स क्या होता है? बढ़ाता है और उसी मूल्यांकन का लाभ भी उठाता है।
- यह कंपनी की प्रतिष्ठा को और मजबूत करता है क्योंकि इसमें शीर्ष प्रदर्शन करने वाली फर्में शामिल हैं जो खुद के लिए भेद का विषय हैं।
- यह एक उद्यम को अपनी शेयर पूंजी जुटाने में सक्षम बनाता है।
- सेंसेक्स विलय, विस्तार और अधिग्रहण जैसे विकास के अवसर प्रदान करता है।
- यह कई अन्य लाभ भी प्रदान करता है, जैसे जोखिम वितरण और प्रोत्साहन में श्रमिकों की दक्षता के लिए गुंजाइश।
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सेंसेक्स के उद्देश्य
यह बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध शेयरों के प्रदर्शन का व्यापक दृष्टिकोण प्रस्तुत करता है । सेंसेक्स का उपयोग किसी सूचकांक में आंदोलनों को प्रेरित करने के लिए किसी विशेष स्टॉक की क्षमता को मापने के लिए किया जाता है । इसका उपयोग शेयर बाजार की वित्तीय ताकत का मूल्यांकन और संकेत करने के लिए भी किया जाता है
प्राथमिक उद्देश्य यह बाजार में आंदोलन को इंगित करता है । स्टॉक एक्सचेंज सेंसिटिव इंडेक्स लिक्विडिटी और मार्केट कैप के आधार पर देश के ट्रेंडिंग टॉप तीस शेयरों के प्रदर्शन को मापने में मदद करता है।
सेंसेक्स में उल्लिखित कॉर्पोरेट सूची
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सेंसेक्स कैसे काम करता है?
सेंसेक्स में सभी डिफरेंट वोटिंग राइट शेयर और सामान्य स्टॉक जो एस एंड पी बीएसई 100 का एक हिस्सा बनाते हैं, इंडेक्स समावेशन के लिए अर्हता प्राप्त करते हैं । यह समय की लंबी अवधि में डेटा की समय श्रृंखला प्रदान करता है । समापन आंकड़ा एक ट्रेडिंग सत्र के अंतिम पंद्रह मिनट में शेयर बाजार संवेदनशील सूचकांक घटकों पर सभी ट्रेडों के विषय में एक भारित औसत की मदद से गणना की है।
यदि स्टॉक एक्सचेंज संवेदनशील सूचकांक घटक का अंतिम पंद्रह मिनट में कारोबार नहीं किया जाता है, तो अंतिम मूल्य जो निपटाया गया है, सूचकांक के बंद होने की गणना के लिए माना जाता है । और, यदि पूरे दिन के लिए एक ही कारोबार नहीं किया जाता है, तो अंतिम दिन के लिए समापन मूल्य सूचकांक बंद होने की गणना के लिए माना जाता है।
सेंसेक्स की गणना कैसे की जाती है?
स्टॉक एक्सचेंज सेंसिटिव इंडेक्स को ट्रेंडिंग 30 शेयरों के प्रदर्शन की गणना करके मापा जा सकता है । अब इसकी गणना फ्री-फ्लोट मार्केट कैपिटलाइज़ेशन द्वारा की जाती है
उपयोग में विधि
हालांकि, पहले लोग गणना करने के लिए पूर्ण बाजार पूंजीकरण पद्धति का उपयोग करते थे । 1 सितंबर 2003 से, मुक्त फ्लोट बाजार पूंजीकरण विधि अस्तित्व में आई । फ्री-फ्लोट मार्केट कैपिटलाइज़ेशन विधि विश्व स्तर पर स्वीकृत और स्वीकृत है, और इसे उद्योग का सर्वोत्तम अभ्यास भी माना जाता है।
फ्री-फ्लोट मार्केट कैपिटलाइज़ेशन विधि, मार्केट कैपिटलाइज़ेशन वेटिंग स्कीम विधि और विभाजक विधि का उपयोग शीर्ष तीस शेयरों से संबंधित सेंसेक्स की गणना करने के लिए किया जाता है । बाजार पूंजीकरण भार पद्धति का उपयोग किसी इकाई के बाजार पूंजीकरण का मूल्यांकन करने के लिए उसके स्टॉक की कीमत लेने और जारी किए गए शेयरों की कुल संख्या के साथ गुणा करने के लिए किया जाता है।
उस विशेष इकाई द्वारा
मूल्यांकन किए गए बाजार पूंजीकरण को आगे गुणा के लिए उपयोग में लिया जाएगा, जहां इसे फ्री-फ्लोट बाजार पूंजीकरण का पता लगाने के लिए फ्री-फ्लोट कारक के साथ गुणा किया जाएगा । स्टॉक एक्सचेंज सेंसिटिव इंडेक्स की गणना इंडेक्स में रैंक की गई शीर्ष 30 कंपनियों के फ्री-फ्लोट मार्केट कैपिटलाइज़ेशन को लेकर की जा सकती है और इंडेक्स डिवाइजर के रूप में जानी जाने वाली संख्या का उपयोग करके इसे विभाजित किया जा सकता है ।
सूचकांक भाजक कुछ समय के साथ सूचकांक को तुलनीय रखने में मदद करता है । इसलिए, यह स्क्रिप्ट प्रतिस्थापन, कॉर्पोरेट कार्यों आदि से उत्पन्न होने वाले प्रत्येक सूचकांक समायोजन के लिए एक समायोजन बिंदु के रूप में कार्य करता है।
सेंसेक्स क्या होता है और इसकी गणना कैसे की जाती है ?
Sensex Full Form in Hindi faq
सेंसेक्स का क्या मतलब होता है?
सेंसेक्स का मतलब संवेदी सूचकांक होता है। सेंसेक्स हमारे भारतीय Stock Market का BenchMark index है
सेंसेक्स में कौन कौन सी कंपनियां आती है?
सेंसेक्स में शीर्ष 10 कंपनियों की सूची में रिलायंस इंडस्ट्रीज, टीसीएस, एचडीएफसी बैंक, इन्फोसिस, आईसीआईसीआई बैंक, हिंदुस्तान यूनिलीवर, एचडीएफसी, एसबीआई, बजाज फाइनेंस और भारती एयरटेल का स्थान रहा।
सेंसेक्स क्या है सेंसेक्स में कितने स्टॉक शामिल हैं?
सेंसेक्स भारत में बीएसई के बेंचमार्क इंडेक्स को संदर्भित करता है। सेंसेक्स बीएसई पर 30 सबसे बड़े और सबसे सक्रिय रूप से कारोबार करने वाले शेयरों में शामिल है
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सेंसेक्स Sensex को हिंदी में क्या कहते हैं?
सेंसेक्स Sensex एक प्रकार का सूचकांक है, इसे आमतौर पर स्टॉक एक्सचेंज सेंसिटिव इंडेक्स के रूप में भी जाना जाता है, सेंसेक्स भारत का सबसे पुराना स्टॉक मार्केट इंडेक्स है. आपको बता दें कि इसकी शुरुआत 1986 में हुई थी हम बात करें इसके काम की तो सेंसेक्स Sensex मुंबई स्टॉक एक्सचेंज के शेयर्स के भाव में होने वाले तेजी मंदी को बताती है. सेंसेक्स Sensex के अंदर लगभग 30 कंपनी आती हैं. सेंसेक्स Sensex के अंदर काम करने वाली कंपनियों के शेयर में उतार-चढ़ाव पर नजर रखती है यह आज के समय में इंडियन जीडीपी का कुल 36% है.
सेंसेक्स Sensex की परिभाषा हिंदी में
आपको बता दें कि SensEx भारत देश के बहुत ही खूबसूरत शहर मुंबई में स्थित शेयर बाजार S&P BSE का सूचकांक है। बीएससी BSE का फुल फॉर्म मुंबई स्टॉक एक्सचेंज है जबकि SensEx Sensitive IndEx से मिलकर बना है, आपको बता दें कि SensEx Sensitive IndEx का अर्थ संवेदी सूचकांक सेंसेक्स होता है जैसे कि हम सभी जानते हैं आज के समय में मुंबई शेयर बाजार में रजिस्टर और मार्केट कैप के हिसाब सबसे 30 बड़ी कंपनियों का ही इंडेक्स किया जाता है.
अगर हम और सरल शब्दों में कहें तो SensEx के घटने बढ़ने से यह पता चलता है कि देश की बड़ी कंपनियों को profit हो रहा है या loss हो रहा है. SensEx की शुरुआत 1 जनवरी 1986 में हुई थी इसमें से 30 कंपनियां इसमें शामिल की गई हैं और यह कंपनियां समय के साथ बदलती रहती हैं इस कंपनी को चुनने के लिए एक कमेटी बनाई गई है इस कंपनियों को लेकर आने के कारण इसे मुंबई स्टॉक एक्सचेंज के नाम से भी जाना जाता है.
किसी भी सूचीबद्ध कंपनी listed company को सूचकांक index में शामिल करने के लिए, उसे ‘बीएसई’ के 100 मार्केट कैप वाली कंपनियों में से एक होना चाहिए, और इसकी कुल मार्केट कैप बीएसई के कुल मार्केट कैप के 0.5% से अधिक होनी चाहिए। किसी भी सूचीबद्ध कंपनी को सूचकांक में शामिल करने के लिए ‘बीएसई’ BSE’ के 100 मार्केट कैप वाली कंपनियों में से एक होना चाहिए, और इसकी कुल मार्केट कैप बीएसई BSE’ के कुल बाजार के 0.5% से अधिक होनी चाहिए,
भारत में मुख्य रूप से दो एक्सचेंज हैं पहला बीएसई ( बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज) (Bombay Stock Exchange) और एक अन्य ‘एनएसई’ (नेशनल स्टॉक एक्सचेंज) ‘NSE’ (National Stock Exchange) को बीएसई के लिए ‘सेंसेक्स’ और एनएसई के लिए ‘निफ्टी’ के रूप में जाना जाता है। ”Sensex का आधार वर्ष 1 अप्रैल 1979 माना जाता है। इसकी गणना 100 के रूप में की जाती है, इसकी गणना फ्री फ्लोट बाजार पूंजीकरण पद्धति के आधार पर की जाती है। इस पद्धति के शेयर मार्केट में सेंसेक्स क्या होता है? लिए, सबसे सक्रिय 30 कंपनियों को BSE से लिया जाता है, और उसके बाद इन कंपनियों के ‘फ्री फ्लोट मार्केट कैप’ की गणना की जाती है।
सेंसेक्स की गणना कैसे की जाती है? How is Sensex Calculated?
जैसा कि आप जानते ही होंगे कि गणना calculation के लिए आधार वर्ष 1978-1979 तक चुना गया है। उस समय सेंसेक्स का बेस प्राइस सिर्फ 100 रुपए रखा गया था। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज की गणना calculation पहली बार वर्ष 1986 में की गई थी और 1 सितंबर 2003 से सेंसेक्स की गणना calculation फ्री फ्लोट विधि द्वारा की जा रही है।
फ्री फ्लोट मेथड (FFM) में कंपनी के जो भी शेयर मौजूद होते हैं, उन्हें हमेशा पब्लिक ट्रेडिंग के लिए उपलब्ध रखा जाता है, और इनमें से सरकार का हिस्सा निकाल लिया जाता है, और जो बचा रहता है, उसे बाजार में रख दिया जाता है। सार्वजनिक व्यापार के माध्यम से। के लिए उपलब्ध कराया गया है। इसे नीचे दिए गए उदाहरण से समझें।
उदाहरण- मान लीजिए कोई कंपनी A है, कंपनी के पास कुल शेयरों shares की संख्या 1000 है, जिसमें से 300 शेयर प्रमोटरों के पास हैं और 700 शेयर जनता के पास हैं। तो ये 700 शेयर जो जनता के पास हैं उन्हें फ्री फ्लोट शेयर float shares कहा जाएगा।
सेंसेक्स मुख्य रूप से बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का प्रतिनिधित्व करने वाला एक सूचकांक है जिसे 1875 में स्थापित किया गया था। स्टॉक एक्सचेंज का 1 जनवरी 1986 तक कोई आधिकारिक सूचकांक नहीं था। यह वह समय था जब भारतीय बाजार के प्रदर्शन को मापने के लिए सेंसेक्स को चुना गया था। सेंसेक्स में 30 प्रमुख स्टॉक शामिल हैं जो सेक्टरों से प्राप्त होते हैं और एक्सचेंज मार्केट में सक्रिय रूप से कारोबार करते हैं। सेंसेक्स वास्तव में भारतीय शेयर बाजार की चाल को दर्शाता है। यदि सेंसेक्स का मूल्य बढ़ता है, तो इसका मतलब है कि शेयरों की कीमतों में सामान्य शेयर मार्केट में सेंसेक्स क्या होता है? वृद्धि हुई है। वहीं, अगर सेंसेक्स में गिरावट आती है तो इसका मतलब है कि शेयरों की कीमत में सामान्य गिरावट है।
आप एसएंडपी बीएसई सेंसेक्स के माध्यम से शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव की पहचान कर सकते हैं। 19 फरवरी, 2013 से, BSE और S&P डॉव जोन्स इंडेक्स सेंसेक्स की गणना के लिए गठबंधन करते हैं। निफ्टी भारत में नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के लिए गणना की जाने वाली दूसरी इंडेक्स है।
सेंसेक्स में बीएसई पर 30 सबसे बड़े और सबसे सक्रिय रूप से कारोबार करने वाले स्टॉक शामिल हैं। जो भारत की अर्थव्यवस्था का एक गेज प्रदान करता है। सेंसेक्स भारत के सबसे पुराने स्टॉक इंडेक्स में से एक है, सेंसेक्स का उपयोग निवेशकों द्वारा भारतीय अर्थव्यवस्था के समग्र विकास, विकास, उतार-चढ़ाव के विकास के लिए किया जाता है।
सेंसेक्स सेंसिटिव इंडेक्स यानी सेंसिटिव इंडेक्स का संक्षिप्त नाम है। मुंबई स्टॉक एक्सचेंज का संवेदनशील सूचकांक जिसे संक्षेप में बीएसई 30 या बीएसई सेंसेक्स के रूप में भी जाना जाता है। वहां के शीर्ष 30 शेयरों के आधार पर। सेंसेक्स की तरह निफ्टी भी नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का इंडेक्स है और वहां के पचास शेयरों पर आधारित है।
Share Market Update Today: शेयर बाजार गिरावट पर खुला, सेंसेक्स 436 अंक लुढ़का; Britannia टॉप गेनर्स
Share Market Update Today: घरेलू शेयर बाजार के अलावा आज प्रमुख एशियाई शेयर बाजार में गिरावट रही है। वहीं, अमेरिकी शेयर बाजार भी गिरावट पर बंद हुए।
Share Market Update Today (सोशल मीडिया)
Share Market Update Today: ग्लोबल मार्केट से आए खराब संकेतों की वजह से घरेलू शेयर बाजार उभर नहीं पा रहा है। बीते कारोबारी सप्ताह में अधिकांश सत्र में गिरावट पर बंद हुए बाजार का हाल आज कुछ ऐसा ही रहा है। हफ्ते के पहले कारोबारी दिन यानी सोमवार को भारतीय शेयर बाजार ने खराब (गिरावट) शुरुआत की है। कारोबार में दोनों इंडेक्स सेंसेक्स और निफ्टी गिरावट के साथ खुले हैं।
9.30 बजे BSE का सेंसेक्स 436.04 अंक या 0.71 फीसदी की गिरावट के साथ 61227.44 पर खुला। इसी तरह, NSE का निफ्टी 123.85 अंक या 0.68 फीसदी लुढ़कर 18183.80 के स्तर पर खुला। इसके अलावा सेंसेक्स के 30 शेयर में 24 शेयर हरे निशान पर हैं,जबकि 6 शेयर लाल निशान पर हैं।
सभी प्रमुख इंडेकस लाल निशान पर
सुबह के समय कारोबार में हर तरफ बिकवाली देखने को मिल रही है। निफ्टी के सभी प्रमुख इंडेक्स गिरावट पर कारोबार कर रहे हैं। इसमें सबसे अधिक गिरावट आईटी इंडेक्स में आई है और यह 1.13 फीसदी टूटे हैं। इसके अलावा बैंक, ऑटो, फार्मा, एफएमसीजी और फाइनेंशियल इंडेक्स भी लाल निशान पर देख रहे हैं। इन इंडेक्सों में आधे फीसदी से अधिक गिरावट आई है। केवल निफ्टीस्मॉल कैप 400 और 250 इंडेक्स में ही हरे निशान पर हैं,जबकि रियल्टी और मीडिया इंडेक्स भी गिरावट पर कारोबार कर रहे हैं। वहीं, कारोबार में आज हैवीवेट शेयरों में भी गिरावट रही है।
टॉप गेनर्स व लूजर्स
आज टॉप गेनर्स की लिस्ट में Britannia, Axis Bank, Maruti Suzuki, BPCL, HUL, Tata Steel व HDFC Life हैं,जबकि टॉप लूजर्स की लिस्ट में ONGC, SBI Life, Adani Ent., Adani Ent., RIL, Bajaj Finance व Hindalco शामिल हैं।
प्रमुख एशियाई बाजारों में बिकवाली
भारतीय शेयर बाजार की तरह आज प्रमुख एशियाई बाजारों में भी गिरावट आई है। SGX Nixty 0.25 फीसदी, निक्केई 0.06 फीसदी , स्ट्रेट टाइम्स 0.25 फीसदी और हैंगसेंग में 2.90 फीसदी की गिरावट पर कारोबार कर रहे हैं। इसके अलावा ताइवान वेटेड 0.09 फीसदी और कोस्पी 1.09 फीसदी कमजोरी रही है, जबकि शंघाई कंपोजिट भी 1.03 फीसदी कमजोर साबित हुए हैं।
अमेरिकी बाजार गिरावट पर बंद
उधर, अमेरिकी शेयर बाजार गिरावट पर बंद हुए। शुक्रवार को Dow Jones 199.37 अंक की गिरावट के साथ 33,745.69 पर बंद हुआ। हालांकि S&P 500 इंडेक्स 0.48 फीसदी की बढ़त पर बंद हुआ। वहीं, Nasdaq Composite फ्लैट पर कारोबार करते हुए 11,146.06 के स्तर पर बंद हुआ।
सेंसेक्स क्या है ? What is Sensex in Hindi ?
दोस्तों आपने सेंसेक्स शब्द के बारे में तो सुना तो सुना ही होगा. आप रोज टीवी पर न्यूज़ में सुनते या अख़बार में पढ़ते होंगे सेंसेक्स आज इतने अंक ऊपर गया या इतने अंक नीचे आ गया ये पड़कर आप भी सोचते होंगे की आखिर ये सेंसेक्स है क्या और इसके ऊपर निचे जाने से फर्क क्या पड़ता है. शेयर बाज़ार में निवेश करने वालो की नज़र हमेशा सेंसेक्स क्यो होती है. इन्ही सब सवालों के जवाब के लिए आज की इस पोस्ट में हम जानेंगे की सेंसेक्स क्या है और कैसे काम करता है.
सेंसेक्स क्या है ?
SENSEX शेयर मार्किट की स्थिति को दर्शाने का सूचकांक है. हमारे देश में दो प्रमुख स्टॉक एक्सचेंज है BSE और NSE . सेंसेक्स बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज यानी BSE का सूचकांक है. सेंसेक्स शब्द दो शब्दों SENSITIVE + INDEX से मिलकर बना है. इसे संवेदी सूचकांक , BSE 30 या BSE SENSEX भी कहा जाता है. सेंसेक्स BSE में लिस्टेड 30 प्रमुख कंपनिया जो की अपने फील्ड की सबसे बड़ी कंपनी होती है उनके share के आधार पर बनता है.
सेंसेक्स की गड़ना कैसे की जाती है ?
सेंसेक्स हमारे देश का सबसे पुराना मार्केट इंडेक्स है. सेंसेक्स की शुरुआत साल 1979 से हुई. सेंसेक्स का आधार मूल्य 100 रखा गया था और इसी के आधार पर आज तक इसकी गड़ना की जाती है. अब तक सेंसेक्स का आंकड़ा 30000 के पार हो गया है जो बाज़ार में हुए बदलाव को दर्शाता है.
सेंसेक्स बनता कैसे है ?
जैसा की हमने बताया की सेंसेक्स Bombay Stock Exchange में मौजूद 30 प्रमुख company के shares के आधार पर बनता है. वैसे देखा जाए तो इन कंपनी की लिस्ट में बदलाव होता रहता है लेकिन गड़ना के लिए सिर्फ 30 सर्वोच्च कंपनी के शेयर्स को ही चुना जाता है. इन कंपनियों के शेयर्स की बाज़ार में लगभग आधी हिस्सेदारी होती है. इसलिए इनके शेयर्स की स्थिति से बाज़ार की स्थिति तय होती है.
सेंसेक्स इन्ही 30 कंपनियों के शेयर्स की स्थिति पर बनता है अगर इनके शेयर्स में तेजी होगी यानी इनके शेयर्स का भाव बढेगा तो सेंसेक्स भी बढता है. और अगर इनके शेयर्स के भाव में गिरावट आती है तो सेंसेक्स भी गिरता है कभी कभी इन कंपनियों का भाव तेजी से बढता है मतलब ये मुनाफे में होती है सेंसेक्स काफी ऊपर चला जाता हो और लोगो मार्किट में इन्वेस्ट करते है इसका उल्टा अगर कंपनिया घाटे में जा रही है तो लोग इनके शेयर्स बेच देते है जिससे मार्किट डाउन हो जाती है और सेंसेक्स भी निचे आ जाता है.
शेयर बाज़ार में निवेश करने वाले हमेशा सेंसेक्स पर नजर रखते है इससे उन्हें मार्केट की स्थिति का पता चलता है और इससे इन्हें मार्किट में निवेश करने में मदद मिलती है. अगर हम आम लोगो की बात करे तो सेंसेक्स का ऊपर जाने हमारे लिए भी फायदेमंद होता है अगर मार्किट ग्रो करता है तो भारत में निवेश बढेगा जिसका फायदा आम जन को भी होगा.
उम्मीद है सेंसेक्स के बारे में दी गयी जानकारी आपको पसंद आई होगी और आप समझ गए होगे की सेंसेक्स क्या होता है और कैसे बनता है.