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बीमा ब्रोकर का नाम क्या होना चाहिए?

बीमा ब्रोकर का नाम क्या होना चाहिए?
सुनिश्चित करें कि आपको सही नो-क्लेम बोनस मिलता है क्योंकि यदि आप जितने के हकदार हैं उससे अधिक नो-क्लेम बोनस लेते हैं तो हो सकता है आपका दावा , यदि कोई हो तो संसाधित नहीं किया जाए।

बीमा किसे कहते है बीमा जो है वो कम्पनी और जो बीमा खरीद रहा है उसके बीच एक अग्रीमेंट होता है उसमे ये होता है की आप ने बीमा खरीदा है और उस बीमे की क़िस्त देने के आप हकदार हो और बदले मैं बीमा कम्पनी आपके अगर कोई घटना होती है

किरायेदार बीमा अकसर किये गए सवाल

क्या आप इस बारे में सोच रहे हैं कि क्या आपकी निजी संपत्ति क्षतिग्रस्त हो जाती है, या अगर कोई आपके अपार्टमेंट में खुद को चोट पहुंचाता है तो आपको संरक्षित किया जाएगा?

किरायेदार का बीमा एक प्रकार का बीमा है जो किराए पर लेने वाले लोगों के लिए डिज़ाइन किया गया है, जो स्वयं के विपरीत हैं, उनकी रहने की जगह है। किराए के बीमा में निजी संपत्ति कवरेज (आपके द्वारा अपने अपार्टमेंट में रखे गए सामानों के नुकसान के साथ-साथ देयता कवरेज (चोटों के लिए) शामिल हो सकती है।

इसके रूप में भी जाना जाता है : किरायेदार का बीमा, अपार्टमेंट बीमा।

आपको किरायेदार के बीमा की आवश्यकता क्यों है

यदि बीमा ब्रोकर का नाम क्या होना चाहिए? आपके किसी भी फर्नीचर, इलेक्ट्रॉनिक्स, किताबें, या अन्य सामान क्षतिग्रस्त या नष्ट हो जाते हैं, तो आपको किराए पर लेने के लिए आपको किराए के बीमा की आवश्यकता होती है। किरायेदार का बीमा आपको इस घटना में भी शामिल करता है कि आपके अपार्टमेंट में कोई और घायल हो या किसी की बीमा ब्रोकर का नाम क्या होना चाहिए? निजी संपत्ति क्षतिग्रस्त हो और आपको मुकदमा हो।

जब तक आप अपना घर किराए पर लेते हैं तो किरायेदार का बीमा महत्वपूर्ण होता है। यह वही लागू होता है चाहे आप एक अपार्टमेंट, कोंडो, कॉप, या घर किराए पर लेते हों।

आपको अपने मकान मालिक के पास बीमा क्यों है, इसकी आवश्यकता क्यों है

अगर आपके मकान मालिक के पास बीमा है तो आपको किरायेदार के बीमा की भी आवश्यकता है। यद्यपि आपके मकान मालिक के पास लगभग निश्चित रूप बीमा ब्रोकर का नाम क्या होना चाहिए? से संपत्ति और देयता बीमा है, लेकिन आपके मकान मालिक की नीति आपके द्वारा अपने अपार्टमेंट के अंदर रखी गई वस्तुओं को कवर नहीं करती है, और यदि कोई अतिथि घायल हो जाता है और देयता के लिए आपको मुकदमा करता है तो यह आपकी रक्षा नहीं करता है।

किरायेदार का बीमा शायद आपके विचार से कम खर्च करता है।

यह आपको लगभग $ 10- $ 25 प्रति माह चलाना चाहिए, और आप कुछ छूट से लाभ प्राप्त कर सकते हैं।

ऑलस्टेट, जीईआईसीओ और स्टेट फार्म जैसे कई शीर्ष नाम बीमाकर्ता, किराए पर लेने वाले बीमा की पेशकश करते हैं। यदि आपके पास पहले से बीमा ब्रोकर का नाम क्या होना चाहिए? ही एक कंपनी के साथ बीमा है (उदाहरण के लिए, आपकी कार के लिए), तो अपने एजेंट या ब्रोकर से पूछें कि क्या आप किराए पर लेने वाली बीमा पॉलिसी भी प्राप्त कर सकते हैं।

बीमा के बारे में जानें

कार बीमा खरीदना आपके वाहन को सुरक्षित रखने में मदद करता है और दुर्घटना, चोरी, क्षति, आदि जैसी दुर्भाग्यपूर्ण घटना के मामले में मन की शांति देता है। इसके अलावा, कुछ गलत होने पर यह वित्तीय बोझ से बचाता है

इस लेख में, हम आपको कार बीमा के बारे में सब कुछ बताएंगे जिसमें इसके प्रकार, इसमें क्या कवर होता है, यह क्यों महत्वपूर्ण है और इससे अधिक शामिल हैंं।

कार बीमा क्या है?

कार बीमा आपकी कार को चोरी या दुर्घटना के कारण किसी भी नुकसान या क्षति से बचाने के लिए आपके और बीमा कंपनी के बीच एक अनुबंध है। बीमा कंपनी प्रीमियम के बदले में आपकी कार के नुकसान या क्षति का भुगतान करने के लिए सहमत है ।

आइए एक कार बीमा पॉलिसी के कवरेज क्षेत्रों के बारे में जानें।

कार बीमा पॉलिसी के कवरेज क्षेत्र

एक कार बीमा पॉलिसी में निम्नलिखित क्षेत्रों को कवर किया जाता है;

इंश्योरेंस: एजेंट और कंपनी का लफड़ा

चेक से पेमेंट
इंश्योरेंस एजेंट इंश्योरेंस पॉलिसी के लिए कैश में या अपने नाम का चेक नहीं ले सकता। कंपनी के रेगुलेशन 8(4)1981 में विशेष रूप से इसकी मनाही है, जो आम जनता को पता नहीं होता। सुप्रीम कोर्ट ने 1997 के अपने एक आदेश में हर्षद जे़ शाह बनाम एलआईसी के मामले में यह बात स्प्ष्ट कर दी थी। इसी तर्ज पर 2009 में नैशनल कमीशन ने भी एलआईसी बनाम गिरधारी लाल व केसवानी मामले में इस बात को दोहराया कि एजेंट को बीमा कंपनी की ओर से कैश या अपने नाम चेक लेने का अधिकार नहीं है। कोई अगर यह भूल करता है तो कंपनी की जिम्मेदारी नहीं होगी। ऐसे कई मामले सामने आए हैं, जिनमें एजेंट विदेश जाने वाले लोगों से कैश लेकर इंश्योरेंस करवाते ही नहीं।

खूब पैसा कमाने के लिए इन टिप्स को आजमाकर शेयर मार्केट में ट्राई करें किस्मत

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क्या आप यह जानने के इच्छुक हैं कि शेयर बाजार का सेंसेक्स और निफ्टी कैसे काम करता है? अगर आपका जवाब हां है, तो स्टॉक ब्रोकर के रूप में आप बेहतरीन कॅरियर बना सकते हैं। यह एक रोमांकचक कॅरियर विकल्प है जिसमें काफी चुनौतियां शामिल हैं। इन्हें सिक्युरिटी सेल्स एजेंट या सिक्युरिटी एंड कोमोडिटिस सेल्स एजेंट भी कहा जाता है। स्टॉक ब्रोकर ग्राहकों की ओर से स्टॉक और अन्य प्रतिभूतियों को खरीदते-बेचते हैं। ग्राहक व्यक्ति या संस्थान हो सकते हैं। ग्राहकों के लिए लेनदेन करने पर ब्रोकर को कमीशन मिलता है।

स्टॉक ब्रोकर बनने के लिए शैक्षिक योग्यता
स्टॉक ब्रोकर बनने के लिए किसी विशेष अनुभव की आवश्यकता नहीं होती है। वाणिज्य, विज्ञान, ह्यूमैनिटीस और कला जैसी शिक्षा पृष्ठभूमि के स्टूडेंट्स इसमें कॅरियर बना सकते हैं। 12वीं पास स्टूडेंट्स भी शेयर बाजार के पाठ्यक्रम के लिए आवेदन कर सकते हैं। इसे करने का आपमें जुनून होना चाहिए। अच्छी कम्युनिकेशन स्किल आपके लिए फायदेमंद हो बीमा ब्रोकर का नाम क्या होना चाहिए? सकती है। यदि आपके पास अर्थशास्त्र और अकाउंट्स में पकड़ अच्छी है तो इससे स्टॉक ब्रोकर के रूप में अवसर और बढ़ सकते हैं।

बीमा कितने प्रकार से बेचा जाता है

बीमा दो प्रकार से ही बेचा जा सकता है

डायरेक्ट मार्केटिंग – इसमें कार्यालय मैं बेचा जाता है या इन्टरनेट के माध्यम से

indirect मार्केटिंग – बीमा एजेंट के द्वारा , ब्रोकर के माध्यम से से बेचा जाता है

जीवन बीमा कम्पनी कौन कौन से प्रोडक्ट बेचा जाता है

अवधि बीमा योजनाये ( term insurance)

बंदोबस्ती योजनाये ( endowment plans )

धन वापसी योजनाये / मनी बेक योजनाये ( money back plans )

आजीवन बीमा योजनाये ( whole life plans )

पेनसन और बचत योजनाये ( पेंशन plans )

यूनिट लिकड बीमा योजनाये ( यूलिप ) ( यूनिट लिंक्ड insurance plans )

बीमा का इतिहास क्या है

बीमा के इतिहास को तीन भागो मैं बाटा गया है

पहला चरण – पूर्व भारत मैं 240 प्राइवेट कंपनिया बीमा का काम कर रही थी बीमा ब्रोकर का नाम क्या होना चाहिए? और सितम्बर 1956 मैं सभी प्राइवेट कम्पनी को इकट्टा किया गया और उनका राष्टीयकरन कर के एक कम्पनी बनाया गया जिसको भारतीय जीवन बीमा निगम का बीमा ब्रोकर का नाम क्या होना चाहिए? नाम दिया गया

दूसरा चरण – सन 1999 मैं मल्होत्रा समिति के गुज़ारिश करने बीमा ब्रोकर का नाम क्या होना चाहिए? पर बीमा बाज़ार को प्राइवेट कंपनियों के लिए खोला गया

पर इसमें विदेशी कंपनियों को भारतीय बाज़ार मैं भारतीय कंपनियों के साथ भागीदारी करने की अनुमति बीमा ब्रोकर का नाम क्या होना चाहिए? मिली विदेशी कम्पनी 26 % से अधिक का हिस्सेदारी नही रख सकता है

और बीमा अधिनियम के धारा 114A के अंतर्गत IRDA को विनियम बनाने की शक्ति प्राप्त है

और ये पालिसी धारक के हितो की रक्षा करती है

इसमें बीमा अधिनियम 1938 के अनुसार तथा GIBN मैं बदलाव किया गया

बीमा एजेंट कैसे बने

बीमा अधिनियम के अनुसार अगर आप बीमा एजेंट बनना चाहते है तो उसके लिए आपकी उम्र 18 साल होनी चाहिए ,

अगर आप 5 हज़ार से अधिक आबादी वाले जगह पर रहते है तो उसके लिए आपका 12th होना जरुरी है बीमा ब्रोकर का नाम क्या होना चाहिए? अगर आबादी उससे कम है तो उसके लिए आपको 10 th पास होना चाइये

और आपको IRDA के द्वारा 50 घंटे की ट्रेनिंग और उसके बाद परीक्षा पास होना चाहिए

आप जिस भी कम्पनी मैं एजेंट बनोगे आप जो भी बीमा प्रोडक्ट सेल करोगे उसके बारे मैं ग्राहक को सही जानकारी देना होता है

पॉलिसीधारको के हितलाभ

बीमा कवर तथा निवेश risk cover & investment

घटना घटित होने पर बीमा धनराशी की सीमा तक उसकी नुकसान को भरना

धारा 80c के अंतर्गत एक लाख तक कर लाभ ततस नामित या पॉलिसीधारक द्वारा प्राप्त मुर्त्यु या या जो भी पैसा मिलेगा वो टैक्स फ्री होगा धारा 10 (10D )

विभिन्न बीमा ब्रोकर का नाम क्या होना चाहिए? आयु वर्ग के इंसानों के लिए उनकी जरुरतो के अनुरूप विभिन्न उत्पाद उपलब्ध है

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