मार्केट रिसर्च

Ipsos iSay के बारे में
आपकी राय महत्वपूर्ण है, तो क्यों न इसे साझा करें? जब आप अपनी राय व्यक्त करते/करती हैं, तो आपका इनपुट सरकारों और ब्रांड्स द्वारा लिए गए निर्णयों को प्रभावित करेंगे। आप अपने इनपुट को किसी खबर में, दुकान में किसी नये प्रोडक्ट में या टेलीविज़न पर नये विज्ञापन या शो में पहचान सकें ऐसा भी हो सकता है।
2 अपनी राय को अनेक दिलचस्प तरीकों से साझा करें। Ipsos iSay केवल सर्वे से ज्यादा है।
हाँ, Ipsos iSay विभिन्न विषयों पर रोचक सर्वेक्षणों के उत्तर देने के अनेक अवसर प्रदान करता है। लेकिन यह वहाँ समाप्त नहीं होता है। नये प्रोडक्ट्स आज़माएँ। बोर्ड या समुदायों के लिए ऑनलाइन चर्चाओं में हिस्सा लें। शॉपिंग करते समय रिसर्च करें। आपका फीडबैक कितने अलग-अलग प्रश्नों के उत्तर दे सकता है और कितने अलग-अलग निर्णयों को प्रभावित कर सकता है।
3. पुरस्कार पाने के लिए पॉइंट्स इकट्ठा करें। अपने लिए महत्वपूर्ण पुरस्कार चुनें।
आप Ipsos iSay के लिए महत्वपूर्ण हैं। आप जो पुरस्कार चुनें वह आपके लिए महत्वपूर्ण होने चाहिए। Ipsos iSay कई अलग-अलग पुरस्कार प्रदान करता है
Ipsos iSay एक अग्रणी मार्केट रिसर्च कंपनी, Ipsos द्वारा संचालित है।
मार्केट रिसर्च पेशेवरों के स्वामित्व वाली और उनके द्वारा प्रबंधित Ipsos साल में मार्केट रिसर्च कई विभिन्न उद्योगों के और 100 से अधिक देशों में स्थित 5,000 से अधिक क्लायंट्स के लिए 70 मिलियन (7 करोड़) इंटरव्यू करती है।88
1975 में स्थापित Ipsos विश्व की तीसरी सबसे बड़ी रिसर्च कंपनी है, जिसके 80 से अधिक देशों में 17,500 से अधिक कर्मचारी हैं। Ipsos के बारे में और आप किस तरह से प्रभाव कर सकते/सकती हैं इसके बारे में और जानने के लिए, कृपया यहाँ क्लिक करें।.
Career Advice: मार्केट रिसर्च के क्षेत्र में होगी नौकरियों की बरसात, जानें कहां करें पढ़ाई
Career Advice: मार्केट रिसर्च प्रोफेशनल के तौर पर काम करने के लिए किसी खास डिग्री की जरूरत नहीं होती, बल्कि ग्रेजुएशन करते हुए भी आप रिसर्च के क्षेत्र में कदम रख सकते हैं। अगर जल्दी काम करना शुरू करेंगे, तो पढ़ाई के साथ-साथ आप इस क्षेत्र से जुड़ी जरूरतों को समझ पाएंगे और इस क्षेत्र में काम करने में सक्षम हो पाएंगे।
- मार्केट रिसर्च प्रोफेशनल बनने के लिए बीबीए की डिग्री होनी है जरूरी
- मार्केटिंग, अर्थशास्त्र, मनोविज्ञान की पढ़ाई हो सकती है फायदेमंद
- मिल सकता है 5 से 15 लाख तक का सालाना पैकेज
Career Advice: रोज बदलते बाजार का रुख जानना किसी भी बिजनेस के लिए बहुत जरूरी है। बाजार के ट्रेंड जाने बिना कोई भी काम नहीं कर सकता। यही कारण है कि फूड प्रोडक्ट और जूते की कंपनी से लेकर सरकारी योजनाओं तक में मार्केट रिसर्चर की मांग रहती है। एक्सपर्ट्स मानते हैं कि यह क्षेत्र तेजी से बढ़ रहा है और आने वाले समय में इसमें नौकरियों की बरसात होने वाली है। लोगों की किसी खास प्रोडक्ट या वस्तु, नई योजनाओं को लेकर प्रतिक्रिया, पसंद-नापसंद का अध्ययन, मार्केट रिसर्चर का काम होता है। एक मार्केट रिसर्च प्रोफेशनल सप्लायर और क्लाइंट दोनों की तरफ से काम करता है।
मार्केट रिसर्च प्रोफेशनल की योग्यता
इस क्षेत्र में कदम रखने के लिए किसी भी मान्यता प्राप्त यूनिवर्सिटी से बीबीए की डिग्री होना जरूरी है। 12वीं करने के बाद आप बीबीए कर सकते हैं। इसके आगे एमबीए की पढ़ाई कर सकते हैं। इसमें डिप्लोमा और पीजी डिप्लोमा के विकल्प भी मौजूद हैं और मास्टर्स स्तर पर मास्टर ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन का कोर्स कराया जाता है।
नौकरी के संभावनाएं
मार्केट रिसर्च में नौकरी के लिए ग्रेजुएट होना जरूरी है। इसके अलावा अंग्रेजी पर अच्छी कमांड होनी चाहिए। मार्केटिंग, अर्थशास्त्र, मनोविज्ञान, सोशोलॉजी में पढ़ाई फायदेमंद साबित होती है। अच्छी कम्युनिकेशन स्किल इस क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए जरूरी है।
जरूरी स्क्ल्सि
- कम्युनिकेशन स्किल्स
- क्रिएटिविटी
- सेल्समेनशिप
- डाटा जुटाने की क्षमता
- टीमवर्क
- एनालिसिस स्किल
- लगन
मुख्य कॉलेज
- क्राइस्ट यूनिवर्सिटी, बेंगलुरु
- एमिटी इंटरनेशनल बिजनेस स्कूल, नोएडा
- एपीजे स्कूल ऑफ मार्केटिंग, दिल्ली
- सिंबायोसिस इंस्टीट्यूट ऑफ मीडिया एंड कम्युनिकेशन, पुणे
- गुरु गोबिंद सिंह इंद्रप्रस्थ यूनिवर्सिटी, दिल्ली
- यूनिवर्सिटी ऑफ लखनऊ, लखनऊ
- बुंदेलखंड यूनिवर्सिटी, झांसी
- भारतीय विद्यापीठ इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड रिसर्च, दिल्ली
- सेंट जेवियर्स कॉलेज, कोलकाता
- आईआईएम (अहमदाबाद, बेंगलुरु, कोलकाता, लखनऊ व इंदौर)
- जमनालाल बजाज इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज, मुंबई
कितना कमा सकते हैं
मार्केट रिसर्च में फ्रेशर के रूप में आप 15,000 रुपए मंथली तक कमा सकते हैं। इसके बाद पद के हिसाब से 5 से 15 लाख तक का सालाना पैकेज बढ़ता जाता है।
बाजार में आने वाली है तूफानी तेजी? रिसर्च फर्म का दावा- सेंसेक्स छुएगा नई ऊंचाई, निवेश के लिए अभी भी है मौका
बाजार की तेजी में निवेशकों ने जबरदस्त मुनाफा कमाया. अगर आप तगड़े मुनाफे से चूक गए हैं, तो आपके लिए खुशखबरी है. ग्लोबल रिसर्च फर्म (Global Research Firm) की माने तो बाजार में तेजी का सफर जारी रहने वाला है. प्रमुख इंडेक्स 2023 के अंत तक फिर से नया रिकॉर्ड स्तर छुएंगे.
शेयर बाजार (Share Market) में रिकॉर्ड तेजी मार्केट रिसर्च जारी है. बाजार के प्रमुख इंडेक्स निफ्टी (Nifty) और सेंसेक्स (Sensex) नए रिकॉर्ड हाई पर ट्रेड कर रहे हैं. निफ्टी ने मंगलवार को अबतक का सर्वोच्च स्तर (Nifty record level) 18671 छुआ. वहीं सेंसेक्स भी (Sensex record level) 62,877 का उच्चतम स्तर टच कर चुका है. बाजार की तेजी में निवेशकों ने जबरदस्त मुनाफा कमाया. अगर आप तगड़े मुनाफे से चूक गए हैं, तो आपके लिए खुशखबरी है. ग्लोबल रिसर्च फर्म (Global Research Firm) की माने तो बाजार में तेजी का सफर जारी रहने वाला है. प्रमुख इंडेक्स 2023 के अंत तक फिर से नया रिकॉर्ड स्तर छुएंगे.
सेंसेक्स पर क्या है आउटलुक?
ग्लोबल ब्रोकरेज फर्म मॉर्गन स्टेनली (Morgan Stanley on Sensex) को दिसंबर 2023 तक सेंसेक्स 80,000 तक पहुंचने की उम्मीद जताई है. हालांकि, इसके लिए जरूरी है कि भारत ग्लोबल बॉन्ड इंडेक्सेज में शामिल हो, तेल और खाद सहित कमोडिटीज की कीमतों में गिरावट आए. साथ ही FY22-25 के दौरान कमाई 25 फीसदी की दर से बढ़े.
ब्रोकरेज रिपोर्ट के मुताबिक तेजी के माहौल में (Sensex in bull run) इंडेक्स 80 हजार का स्तर छूएगा. जबकि अगर किसी वजह से बिकवाली का दौर आता है तो इंडेक्स फिसलकर 52 हजार तक भी पहुंच सकता है. हालांकि, कुछ परिस्थितियों में सेंसेक्स 68500 का स्तर भी पार कर सकता है.
निफ्टी पर ग्लोबल ब्रोकरेज का आउटलुक
ग्लोबल ब्रोकरेज हाउस गोल्डमैन सैक्स (Goldman Sachs on Nifty) ने कहा कि 2023 के अंत तक निफ्टी 20500 तक पहुंच सकता है. यह इंडेक्स के मौजूदा स्तर से करीब 12 फीसदी की तेजी का अनुमान है. जबकि विदेशी निवेशकों के निवेश की गति कमजोर रहने की आशंका है. बावजूद इसके की चीन में जीरो कोविड पॉलिसी (Zero Covid Policy in China) के चलते FIIs का सेंटीमेंट कमजोर है.
अगले साल तक चीन में कोरोना (Corona in China) के बाद रीओपनिंग से निवेश बढ़ने का अनुमान है. यही वजह है कि भारतीय बाजार को लेकर पहली छमाही में FIIs सेंटीमेंट कमजोर रहने की आशंका है. ब्रोकरेज रिपोर्ट के मुताबिक FIIs का रुख भारतीय बाजार को लेकर 2023 की दूसरी छमाही में पॉजिटिव होगा. क्योंकि तब तक भारतीय इकोनॉमी ग्रोथ (Indian Economic Growth) और डॉलर रिजर्व (India dollar reserve) में सुधार दिखने लगेगा. साथ ही ग्लोबल मैक्रोइकोनॉमी का भी सपोर्ट मिलेगा.
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FPIs की खरीदारी लौटने से टेंशन हुई कम
बता दें कि सितंबर 2021 से जुलाई 2022 के दौरान विदेशी निवेशकों (FPIs selling in indian share market) ने करीब 35 अरब डॉलर के शेयरों की बिकवाली की. बिकवाली का यह आंकड़ा 2008 में आए आर्थिक संकट के दौरान हुई बिकवाली का दोगुना से भी ज्यादा है. तब विदेशी निवेशकों ने भारतीय बाजार में 15 अरब डॉलर के शेयरों की बिकवाली की थी. हालांकि, 2022 में अगस्त से अबतक के आंकड़ों को देखें तो निवेशकों (FPIs buying in share market) ने 11 अरब डॉलर के शेयरों की खरीदारी की है.
मार्केट रिसर्च
सूचना तकनीक के इस युग में अब पारंपरिक क्षेत्र को छोड़कर अन्य नय क्षेत्र खुल रहे हैं मार्केट रिसर्च जिसमें रोजगार के काफी अवसर है। ऐसे में युवाओं को बेहतर केरियर बनाने इस क्षेत्रों में उतरना होगा। ऐसे में अगर आप सेल्स, ब्रैंड मैनेजमेंट या मार्केट रिसर्च में करियर के बारे में सोच रहे हैं, तो इसमें काफी अच्छी संभावनाएं हैं। इसके लिए आपकी संवाद शैली बेहतर होनी चाहिए। जानें, मैनेजमेंट के क्षेत्र में कौन-कौन से विकल्प मौजूद हैं
ऑपरेशंस मैनेजमेंट-
अगर आप विपरीत परिस्थितियों को आसानी से संभाल लेते हैं और तकनीक में आपकी रुचि है, तो आप यह स्पेशलाइजेशन कर सकते हैं। यह क्वॉलिटी कंट्रोल और प्रॉडक्टिविटी इंप्रूवमेंट में अहम भूमिका निभाता है।
फाइनैंस-
नंबरों से खेलने का शौक रखने वाले इस लाइन में जा सकते हैं। ये लोग बैक एंड पर काम करते हैं और इंवेस्टमेंट बैंकिंग, मर्चेंट बैंकिंग, कॉरपोरेट फाइनेंस वगैरह की रीढ़ की हड्डी होते हैं।
सिस्टम मैनेजमेंट-
यह स्पेशलाइजेशन आईटी से ताल्लुक रखता है और अच्छी टेक्निकल व बिजनेस समझ रखने वालों को इसे चुनना चाहिए। इसके बाद आपको सिस्टम कंसल्टेंसी, अकाउंट या प्रॉजेक्ट मैनेजमेंट वगैरह में प्लेसमेंट मिल सकता है।
ह्यूमन रिसॉर्स मैनेजमेंट-
इसमें काम करने वाले लोगों पर पूरे ऑफिस के लोगों का मैनेजमेंट होता है। इसके लिए आपके पास अच्छा मार्केट रिसर्च व्यक्तित्व, अच्छी तरह बात करने की क्षमता और रिश्ते बनाने की कला का होना बेहद जरूरी है।
स्पेशलाइज्ड एमबीए-
कुछ इंस्टिट्यूस प्लेसमेंट्स को ध्यान में रखकर कोर्स भी पेश कर रही हैं, जिनमें रूरल मैनेजमेंट, रिटेल मैनेजमेंट, टेलिकॉम मैनेजमेंट, इंश्योरेंस मैनेजमेंट, फॉरिन ट्रेड उल्लेखनीय हैं।
इस तरह के हैं कोर्स-
एमबीए में दो साल की डिग्री के अलावा, एक साल का फुल टाइम प्रोग्राम, पार्ट टाइम एमबीए, डिस्टेंस लर्निंग एमबीए जैसे ऑप्शंस हैं। हालांकि हर पार्ट की अपनी-अपनी खूबी और खामियां हैं।