तरीके और तकनीक

स्टॉक मार्केट इंडेक्स के प्रकार

स्टॉक मार्केट इंडेक्स के प्रकार
NIFTY 1991-2022, Source: TradingView chart

NSE और BSE क्या है?

बीएसई का मतलब है ‘बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज’ और एनएसई का मतलब है ‘नेशनल स्टॉक एक्सचेंज’। हालांकि हर कोई जानता है कि ये दोनों शेयर्स और बॉन्‍ड्स जैसी सिक्योरिटीज से जुड़े हुये हैं, लेकिन इनका असली मतलब शायद हर किसी को पता नहीं होगा। आइये हम बताते है क्या हैं बीएसई और एनएसई। भारत में दो शेयर बाज़ार हैं: बीएसई यानि ‘बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज’ और एनएसई यानि ‘नेशनल स्टॉक एक्सचेंज’।

भारत में दो प्रमुख स्टॉक एक्सचेंज :

  • BSE यानि (Bombay Stock Exchange), की स्थापना सन 1875 में हई थी।
  • NSE यानि (National Stock Exchange) की स्थापना सन 1992 में हुई थी।

दोनों एक्सचेंज के सूचकांक(INDEX) :

  • NSE का सूचकांक NIFTY (‘N’=NSE तथा ‘IFTY’=fifty यानि NSE-50)| “NIFTY INDEX” NSE में सूचीबद्ध शेयरों का प्रतिनिधित्व करती है। और
  • BSE का सूचकांक “SENSEX” (“सेंसिटिव इंडेक्स”) । “SENSEX INDEX” BSE में सूचीबद्ध शेयरों का प्रतिनिधित्व(represent) करती है।

NSE और BSE index की गणना विधि क्या है ? :

SENSEX और NIFTY INDEX की गणना “free float market capitalization” विधि से की जाती है। यानी सेन्सेक्स की गणना “मार्केट कैपिटलाइजेशन-वेटेज मेथेडोलॉजी” के आधार पर की जाती है।

National Stock Exchange क्या है ?

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज मुंबई में स्थित है, यह भारत का सबसे बड़ा स्टॉक एक्सचेंज है। यह 1992 से अस्तित्व में आया और यहीं से इलेक्ट्रोनिक एक्सचेंज सिस्टम की शुरुआत हुई और पेपर सिस्टम खत्म हुआ।

एनएसई ने 1996 से निफ्टी की शुरुआत की, जो टॉप 50 स्टॉक इंडेक्स दे रहा था और यह तेजी से भारतीय पूंजी बाज़ार की रीड बना। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज को 1992 को कंपनी के रूप में पहचान मिली और 1992 में इसे सिक्योरिटीज कॉन्ट्रैक्ट्स एक्ट, 1956 के तहत कर भुगतान कंपनी के रूप में स्थापित किया गया।

National stock exchange दुनिया का 11 वां सबसे बड़ा स्टॉक एक्सचेंज है। इसका बजार पूंजीकरण (market capitalization) अप्रैल 2018 तक 2.27 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुच गया था ।

BSE यानि BOMBAY STOCK EXCHANGE क्या है ? :

बीएसई की स्थापना 1875 में हुई, इसे नेटिव शेयर और स्टॉक ब्रोकर एसोसिएशन’ के नाम से जाना जाता था। इसके बाद, 1957 के बाद भारत सरकार ने सिक्योरिटीज कॉन्ट्रैक्ट रेगुलेशन एक्ट, 1956 के तहत इसे भारत के प्रमुख स्टॉक एक्सचेंज के रूप में मान्यता दे दी।

सेन्सेक्स की शुरुआत 1986 में हुई, यह भारत का पहला इक्विटी इंडेक्स है जो कि टॉप 30 एक्सचेंज ट्रेडिंग कंपनियों को एक पहचान दे रहा था। सेंसेक्स का आधार वर्ष 1978-79 है

1995 में, बीएसई की ऑनलाइन ट्रेडिंग शुरू हुई, उस समय इसकी क्षमता एक दिन में 8 मिलियन ट्रांजेक्शन थी।

बीएसई एशिया का पहला स्टॉक एक्सचेंज है, और यह मार्केट डेटा सर्विस, रिस्क मैनेजमेंट, सीडीएसएल (सेंट्रल डिपॉजिटरी सर्विसेज लिमिटेड), डिपॉजिटरी सर्विसेज आदि सेवाएँ प्रदान करता है। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज दुनिया का 12वा बड़ा स्टॉक एक्सचेंज है, आउर जुलाई 2017 को इसका बाजार पूंजीकरण 2 ट्रिलियन डॉलर से ज़्यादा था।

बीएसई और एनएसई में मुख्य अंतर :

  • बीएसई और एनएसई दोनों भारत के बड़े शेयर बाज़ार हैं।
  • बीएसई पुराना और एनएसई नया है।
  • टॉप स्टॉक एक्सचेंज में बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का 10वां स्थान है वहीं एनएसई का 11वां।
  • इलेक्ट्रॉनिक एक्चेंज सिस्टम पहली बार एनएसई में 1992 में और बीएसई में 1995 में शुरू किया गया।
  • कितने शेयरों को शामिल किया जाता है : एनएसई का निफ्टी इंडेक्स 50 स्टॉक इंडेक्स दिखाता है वहीं बीएसई का सेन्सेक्स 30 स्टॉक एक्सचेंज दिखाता है।
  • बीएसई को 1957 में स्टॉक एक्सचेंज के रूप में पहचान मिली वहीं एनएसई को 1993 में पहचान मिली।

BSE और NSE के स्‍थापना को लेकर अंतर :

  1. एनएसई भारत का सबसे बड़ा एक्सचेंज है, बीएसई सबसे पुराना है।
  2. बीएसई 1875 में स्थापित हुआ, जब कि एनएसई 1992 में।
  3. एनएसई का बेंचमार्क इंडेक्स निफ्टी है, जब कि बीएसई का सेन्सेक्स है। एनएसई में 1696 और बीएसई में 5749 कंपनियाँ सूचीबद्ध हैं।
  4. इनकी ग्लोबल रैंक 11 और 10 है।

निष्कर्ष : नेशनल स्टॉक एक्सचेंज और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज दोनों भारतीय पूंजी बाजार का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। रोज लाखों ब्रोकर और निवेशक इन स्टॉक एक्सचेंजों में ट्रेडिंग करते हैं। ये दोनों महाराष्ट्र के मुंबई में स्थापित हैं और सेबी (भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड) से मान्यता प्राप्त हैं।

आपके सुझाव आमंत्रित है। इस आर्टिकल से संबंधित किसी भी प्रकार का संशोधन, आप हमारे साथ साझा कर सकते हैं। यह लेख आपको कैसा लगा अपनी राय निचे दिए गए कमेंट बॉक्स में अवश्य लिखें ।

Nifty in Hindi: निफ्टी क्या है? – इसकी गणना कैसे होती है

निफ्टी क्या है?- इसकी गणना कैसे होती है? यदि आप इस सवाल का जवाब खोजते हुए, यहाँ आये है, तो आप बिल्कुल सही जगह आये है। इस article में हम सबने Nifty50 और National Stock Exchange से संबंधित सभी जानकारियों को समाहित किया है।

What is Nifty in Hindi?

निफ्टी क्या है?

NSE का full form National Stock Exchange of India है। निफ्टी में 50 कंपनियां शामिल होती है। इसकी शुरुआत नवंबर 1994 को हुयी थी। Nifty शब्द- National और Fifty से मिलकर बना है। यहाँ Fifty नेशनल स्टॉक एक्सचेंज में शामिल 50 कंपनियों के लिए है।

निफ्टी, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का सूचकांक है

निफ्टी(Nifty) के बारें में जानने के पहले आपको शेयर बाजार क्या है तथा इसमें निवेश कैसे करते है, इस बात की जानकारी होनी चाहिए।

संक्षेप में :
Stock Market(शेयर बाजार) :- शेयर बाजार में शेयरों की खरीद-बिक्री होती है।
Equity(शेयर) :- शेयर का अर्थ होता है हिस्सा, किसी कंपनी में लगने वाले पूंजी(capital) का हिस्सा।

भारत में दो सूचकांक है

निफ्टी की जानकारी?

Nifty नेशनल स्टॉक एक्सचेंज पर सूचीबद्ध 50 प्रमुख कंपनियों के शेयरों का सूचकांक है। यह National Stock Exchange में शामिल कंपनियों को Index करता है।

NSE में 1600 से भी ज्यादा companies registered है। निफ्टी इन सभी कंपनियों को इंडेक्स नही करता। निफ्टी में इंडेक्स होने के लिए देश के 12 अलग-अलग सेक्टर की 50 सबसे बड़ी, आर्थिक रूप से मजबूत तथा सबसे ज्यादा मार्केट कैप वाली कंपनियों को चुना जाता है।

ये कंपनिया देश के कई क्षेत्रों(sector) जैसे – Bank, Real estate, Media, Information technology, Auto, Financial services, Pharma, Metal, FMCG, Energy इत्यादि वर्गों से आती स्टॉक मार्केट इंडेक्स के प्रकार है।

निफ्टी की शुरुआत वर्ष 1994 से हुयी थी, जबकि इसका base year एक वर्ष बाद नवंबर 1995 है, तथा base value 1000 है।

यहाँ Base Year तथा Base Value कहने का मतलब यह है की Nifty को वर्ष 1995 के Market Cap एवं base value 1000 को आधार मानकर कैलकुलेट करते है।

Nifty का प्रबंधन India Index Services and Products (IISL) करता है। निफ्टी के टॉप 50 कंपनियों में शामिल होने के लिए बीएसई-सेंसेक्स की तरह ही कंपनियों को कई शर्तों को पूरा करने की जरुरत पड़ती है। जिन्हें आप हमारे पिछले लेख: सेंसेक्स क्या होता है? में पढ़ सकते है।

निफ्टी की गणना कैसे होती है?

How Nifty is calculated in Hindi

निफ्टी की गणना(Calculation of Nifty) सेंसेक्स के तरह ही Free-float Market Capitalisation के आधार पर की जाती है। Nifty की गणना करते वक्त सेंसेक्स की गणना में उपयोग किये जानेवाले पद्धति का ही इस्तेमाल किया जाता है, लेकिन कुछ टर्म निफ्टी में बदल जाते है।

जो इस प्रकार है –

  • Nifty की गणना करते वक्त आधार वर्ष(base year) 1995 और आधार वैल्यू(base value) 1000 का उपयोग किया जाता है।
  • Nifty की गणना में देश के 12 अलग-अलग सेक्टर की 50 सबसे ज्यादा मार्केट कैप वाली कंपनियों को चुना जाता है।

Market capitalisation तथा Free-float Market capitalisation क्या है

इन दोनों बातों को जानना आपके लिए अत्यंत आवश्यक है। इससे संबंधित बातों को हमने पिछले आर्टिकल सेंसेक्स क्या है – आसानी से समझे में काफी अच्छे से बताया है, आप वहां इसके बारे में ज्यादा जानकारी हासिल कर सकते है।

Market Capitalisation(बाजार पूंजी) : Market Capitalisation किसी कंपनी की कीमत होती है।

Free-float Market Capitalisation : यह किसी कंपनी के शेयर का वो खुला हुआ हिस्सा होता है जो खरीदने के लिए उपलब्ध होता है। इसे open market share भी कहते है। ये स्टॉक मार्केट से खरीदा जा सकता है।

1991 – 2022 के वर्षों में निफ्टी का प्रदर्शन

NIFTY 1991-2022 Tradingview chart

NIFTY 1991-2022, Source: TradingView chart

निफ्टी क्या होता है और इसकी गणना स्टॉक मार्केट इंडेक्स के प्रकार कैसे होती है? आप जान चुके होंगे। शेयर बाजार में निवेश करने के पहले किन जरुरी बातों का ध्यान हमेशा रखना चाहिए आप इस निचे के लिंक पर क्लिक करके पढ़ सकते है।
शेयर बाजार में निवेश के कुछ जरूरी टिप्स(10+ Tips for Investing in Share Bazar)

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भारत के प्रमुख Share Markets और Stock Price Indices in Hindi

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आज हम भारत के प्रमुख शेयर बाजारों (Share Markets) और मूल्य सूचकांकों (Price Index) की बात करेंगे. कुछ रोचक तथ्य (facts) भी आपको बताएंगे. इस पोस्ट में हम भारतीय पूँजी बाजार से सम्बंधित कुछ महत्त्वपूर्ण घटनाओं (important timeline) की लिस्ट आपके सामने रखेंगे.

भारत के प्रमुख शेयर बाजार/Important Share Markets in India:-

राष्ट्रीय शेयर बाजार (National Stock Exchanges) – राष्ट्रीय शेयर बाजार की स्थापना 1992 को हुई. इसकी सिफारिश 1991 में फेर्वानी समिति (M J Pherwani Committee) ने की थी. इसका मुख्यालय दक्षिण मुंबई वर्ली में है.

बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) – यह एशिया का सबसे पुराना स्टॉक एक्सचेंज है. इसकी स्थापना 1875 ई. में स्टॉक एक्सचेंज मुंबई के नाम से की गई थी जिसे 2002 में बदलकर बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) कर दिया गया.

ओवर दी काउंटर एक्सचेंज ऑफ़ इंडिया (OTCEI) – इसकी स्थापना नवम्बर, 1992 में मुंबई में की गयी. इसकी स्थापना भारत में सर्वप्रथम ऑनलाइन ट्रेडिंग सुविधा सम्पन्न Computerized Exchange के रूप में हुई. इसकी अवधारणा USA के स्टॉक एक्सचेंज “NASDAQ” के आधार पर की गयी. जिन लघु या मध्यम औद्योगिक इकाइयों का पूँजी स्तर 30 लाख रु. से 25 करोड़ रु. हो, उन्हीं को OTCEI में सूचीबद्ध किया जाता है.

कुछ महत्त्वपूर्ण तथ्य:-Some Important Facts

1. विश्व का सबसे पहला संगठित शेयर बाजार वर्ष 1602 में Amsterdam, Netherlands में स्थापित किया गया था.

2. भारत में National Commodity & Derivatives Exchange Ltd. (NCDEX) ने कृषिगत उत्पादों (agricultural products) के लिए NCDEXAGRI नामक सूचकांक (Index) 3 मई, 2005 को शुरू किया. यह सूचकांक देश का पहला Commodity Index है.

3. ग्रीनेक्स (GREENEX) देश का पहला पर्यावरण अनुकूल शेयर मूल्य सूचकांक है जिसे देश में हरित निवेश को बढ़ावा (to promote green investment) देने के लिए शुरू किया गया है.

4. रेजिडेक्स (RESIDEX) राष्ट्रीय आवास बैंक (NHB) द्वारा 11 जुलाई, 2007 को लागू किया गया. जमीन की खरीद-बिक्री में अक्सर बेईमानी होती है. कालाबाजारी की निगरानी और रोकथाम के लिए इस इंडेक्स को लांच किया गया.

विश्व के प्रसिद्ध शेयर बाजारों के प्रमुख शेयर मूल्य सूचकांक/Important Stock Price Index in the World Share Market

शेयर मूल्य सूचकांक/Share Price Index स्टॉक स्टॉक मार्केट इंडेक्स के प्रकार एक्सचेंज/Stock Exchanges
डो जोन्स (Dow Jones) न्यूयॉर्क
निक्की (Nikkei) टोकियो
मिड डेक्स (MID DAX) फैंकफर्ट, जर्मनी
हैंग सेंग (HANG SENG) हांगकांग
सिमेक्स (SIMEX) सिंगापुर
कोस्पी (KOSPI) कोरिया
सेट (SET) थाइलैंड
तेन (TAIEN) ताईवान
शंघाई कॉम (Shanghai Com) चीन
नासदाक (NASDAQ) USA
एस.एंड.पी (S.& P.) कनाडा
बोवेस्पा ब्राजील
मिब्टेल इटली
आई.पी.सी. (IPC) मैक्सिको
जकार्ता कम्पोजिट इंडोनेशिया
KLSE कम्पोजिट मलेशिया
सियोल कम्पोजिट दक्षिण कोरिया
FTSE-100 लन्दन

भारत के प्रमुख शेयर मूल्य सूचकांक/ Important Stock Price Indices in India

BSE SENSEX– यह मुंबई स्टॉक एक्सचेंज (The Stock Exchange Mumbai) का संवेदी शेयर सूचकांक है. यह 30 प्रमुख शेयरों का प्रतिनिधित्व करता है. इसका आधार वर्ष 1978-79 है.
BSE 200–यह मुंबई स्टॉक एक्सचेंज के 200 शेयरों का प्रतिनिधित्व करता है. इसका आधार वर्ष 1989-90 ई. है. इसका नाम BSE 200 इसलिए है क्योंकि इसमें 200 कंपनी रजिस्टर्ड हैं.
DOLLEX- BSE 200 BSE 200 सूचकांक का ही डॉलर मूल्य सूचकांक डॉलेक्स (DOLLEX) कहलाता है. इसका आधार वर्ष 1989-90 ई. है.
NSE-50–राष्ट्रीय स्टॉक एक्सचेंज (NSE) दिल्ली से सम्बंधित इस सूचकांक का नाम बदलकर S & P CNX Nifty रखा गया है.

निफ्टी क्या है? निफ्टी 50 क्या होता है

निफ्टी क्या है

ठीक इसी प्रकार यदि इंडेक्स में शामिल कंपनियों को फायदा कम हो रहा है तो इसका उचित प्रभाव उस कंपनी के शेयर के मूल्य पर पड़ता है और शेयर के मूल्य में कमी आ जाती है जिससे निफ्टी में गिरावट को देखा जा सकता है।

निफ्टी और देश की अर्थव्यवस्था का भी एक दूसरे के साथ रिश्ता होता है। निफ्टी का ऊपर जाना और लाभ कमाना इससे हमें यह पता चलता है कि देश की अर्थव्यवस्था भी अच्छी है। क्योंकि जितना अधिक भारतीय व्यवसाय की पूंजी लाभ कमाएंगी उतना ही ज्यादा कर भारत की अर्थव्यवस्था में शामिल किया जाएगा जो कि भारतीय अर्थव्यवस्था को कहीं ना कहीं मजबूत जरूर बनाएगा।

निफ्टी एक प्रकार से हमें इसमें शामिल कंपनियों के शेयर के मूल्य में होने वाली तेजी और मंदी की तो जानकारी देता ही है इसके साथ-साथ हमें पूरे बाजार की चाल चलन क्या है यह भी जानकारी देता है।

निफ्टी के आकलन से तात्पर्य उन 50 सूचित कंपनियों के शेयर का आंकलन करना है। निफ्टी में जहां सिर्फ 50 कंपनियां सूचित होती हैं।

भारतीय शेयर बाजार में कम से कम 6800 के आसपास कंपनियां हैं। और इन 6800 कंपनियों में से करीब 1600 कंपनियां नेशनल स्टॉक एक्सचेंज में शामिल है और उनमें से 50 सबसे महत्वपूर्ण कंपनियों को निफ्टी में रखा जाता है। जिससे बाजार की चाल का अंदाजा लगाया जा सकता है।

निफ्टी में सूचित 50 कंपनियों के शेयर सबसे अधिक खरीदे और बेचे जाते हैं। यह अपने अपने इलाके की सबसे बड़ी कंपनियां होती हैं। इनका Market Capitalization पूरे बाजार का लगभग 60% होता है।

निफ्टी की 50 कंपनियों को चुनने का निर्णय इंडेक्स कमेटी का होता है जो की कंपनी की टोटल मार्केट कैपिटल के आधार पर किया जाता है। इस कमेटी में बड़े-बड़े अर्थशास्त्री शामिल होते हैं।

निफ़्टी फिफ्टी में शामिल 50 कंपनियां हमेशा बदलती रहती है इनमें नई कंपनियों को ऐड किया जाता है और जो कंपनी अच्छी तरह काम नहीं कर रही है और जिसका मार्केट कैपिटललाइजेशन कम हो गया है उसको निफ्टी 50 की सूची से निकाल दिया जाता है।

निफ्टी 50 इंडेक्स की गणना फ्लोट-एडजस्टेड और मार्केट कैपिटलाइज़ेशन वेटेड मेथड के आधार पर की जाती है। जिसको मापने का फार्मूला नीचे दिया गया है:

इंडेक्स मूल्य = वर्तमान MV या बाजार मूल्य/(आधार बाजार पूंजी×1000)

निफ्टी में कैसे कोई कंपनी शामिल होती है?

  • कंपनी नेशनल स्टॉक एक्सचेंज में पंजीकृत होनी चाहिए।
  • पिछले छह महीनों के दौरान कंपनी की ट्रेडिंग फ़्रीक्वेंसी 100% होनी चाहिए।
  • कंपनी का भारत का अधिवास होना चाहिए।
  • कंपनी के शेयर प्राइस में ज्यादा लिक्विडिटी होनी चाहिए। इसके शेयर का लेनदेन ज्यादा होना चाहिए।

निफ़्टी इंडेक्स का हर 6 महीने में पुनर्गठन किया जाता है। जिसका मतलब है कि हर छह महीने बाद इसमें शामिल कंपनियों की समीक्षा की जाती है। और कंपनी की पिछले छह महीने की परफॉर्मेंस के आधार पर कंपनी को इंडेक्स में शामिल किया जाता है या इससे बाहर किया जाता है। इनके साथ-साथ SEBI के नए दिशा निर्देशों के कारण हर कंपनी की हर 3 महीने बाद निफ्टी शेयर बाजार द्वारा समीक्षा की जाती है।

कुछ निश्चित कारणों के कारण किसी कंपनी को 6 महीने से पहले भी निफ़्टी इंडेक्स से बाहर किया जा सकता है।

जैसे कि अब आप जानते हैं कि Nifty 50 में भारत की टॉप 50 कंपनियां शामिल होती है जिसका अर्थ है कि अगर इन कंपनियों के शेयर प्राइस में बढ़ोतरी होती है तो हम समझ सकते हैं कि बाजार में तेजी है। अगर इसी तरह यह कंपनियां अच्छी तरह से परफॉर्म नहीं कर रही है और निफ़्टी फिफ्टी गिर रहा है तो इसका मतलब है कि बाजार में अभी मंदी है।

Nifty में निवेश कैसे करें?

निफ़्टी में निवेश करने के लिए आप निफ़्टी फ्यूचर एंड ऑप्शन का उपयोग कर सकते हैं। यह मासिक कॉन्ट्रैक्ट होते हैं और हर महीने के आखिरी गुरुवार को यह एक्सपायर हो जाते हैं। ज्यादा जानकारी के लिए पढ़ें, “शेयर बाजार में कैसे निवेश करें?”

इसके अलावा आप निफ़्टी इंडेक्स म्युचुअल फंड के स्टॉक मार्केट इंडेक्स के प्रकार जरिए लंबे समय तक निफ़्टी 50 या किसी अन्य निफ़्टी इंडेक्स में निवेश कर सकते हैं। इंडेक्स म्युचुअल फंड निफ़्टी के साथ ऊपर नीचे ऊपर नीचे होते रहते हैं।

निफ़्टी में निवेश करने के लिए आपके पास डीमैट अकाउंट और ट्रेडिंग अकाउंट होना चाहिए। डीमैट अकाउंट के बिना आप निफ़्टी 50 में निवेश नहीं कर सकते हैं। डिमैट स्टॉक मार्केट इंडेक्स के प्रकार अकाउंट आप किसी भी अच्छे स्टॉक ब्रोकर के साथ खोल सकते हैं।

हमारी पिछली पोस्ट में हमने भारत के प्रसिद्ध स्टॉक ब्रोकर के बारे में जाना था। आप नीचे दिए गए स्टॉक ब्रोकर में से किसी के साथ भी अपना डिमैट अकाउंट खोल सकते हैं। यह स्टॉक ब्रोकर भारत के उत्तम ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म प्रदान करते हैं और रिटेल ट्रेडर्स के लिए पॉकेट फ्रेंडली है।

भारत के प्रसिद्ध ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म:

    : जीरोधा भारत का सर्वश्रेष्ठ डिस्काउंट ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म हैं। : खास तौर पर मोबाइल से ट्रेडिंग करने के लिए

आप आप इनमें से किसी के साथ ही अपना ट्रेडिंग अकाउंट ओपन कर सकते हैं और इनमें में से कोई भी आपको निराश नहीं करेगा। आप स्टॉक ब्रोकर के द्वारा किसी भी कंपनी का शेयर खरीद सकते हैं, म्यूचुअल फंड में इन्वेस्ट कर सकते हैं, IPO खरीद सकते हैं और इसके अलावा सभी ट्रेडिंग सुविधाओं का लाभ उठा सकते हैं।

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