समर्थन स्तर क्या है

इसके पीछे का कारण यह भी है कि देश का मतदाता तात्कालिक लाभ पाने के लिए गुमराह हो जाता है और जहां से मुफ्त का लाभ दिखाई देता है, उसे अपना समर्थन भी दे देता है। वास्तव में मुफ्त देने की राजनीति आम आदमी को निकम्मा बनाने का ही काम करती है। इसके बजाय लोगों को स्वावलंबी बनाने के प्रयास तेज करने का काम सरकार की ओर से किया जाना चाहिए, इसकी देश को बहुत समर्थन स्तर क्या है ज्यादा आवश्यकता है। जहां तक भारतीय जनता पार्टी की बात है तो यह बात कहने में कोई समर्थन स्तर क्या है संकोच नहीं है कि भाजपा अगर सत्ता पर फिर से विराजमान होती है तो यह उसकी नई उपलब्धि नहीं कही जाएगी, क्योंकि जो पहले से ही समर्थन स्तर क्या है प्राप्त है, वह उपलब्धि नहीं होती। इसके अलावा कांग्रेस और आप अपनी ताकत बढ़ाने में सफल होती हैं, तो स्वाभाविक रूप से भाजपा कमजोर ही होगी, यही बात भाजपा को सोचने के लिए विवश कर रही है। इसका आशय यह भी है कि कांग्रेस और आप के पास खोने के लिए कुछ भी नहीं है।
G20 Summit 2022: दो दिन के सम्मलेन में क्या-क्या हुआ, किन नेताओं के बीच हुई बातचीत; जानें सब कुछ
फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने कहा कि यूक्रेन युद्ध में रूस के पुरानी स्थिति की ओर वापस जाने के लिए G20 के नेता सहमत हैं। उन्होंने उम्मीद जताई कि आने वाले महीनों में चीन इसमें बड़ी मध्यस्थता की भूमिका निभा सकता है।
नुसा दुआ (इंडोनेशिया), रायटर। दो दिवसीय G20 शिखर सम्मलेन का समापन हो गया। इसके अंत में G20 के नेताओं ने यूक्रेन में रूस की आक्रामकता की कड़े शब्दों में निंदा की और बिना शर्त वहां से सैनिकों की वापसी की मांग की।
समर्थन स्तर क्या है
गुजरात के विधानसभा चुनाव में अबकी बार अलग प्रकार की राजनीति होती दिखाई दे रही है। लम्बे समय से गुजरात में भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस के बीच ही मुख्य मुकाबला होता था, लेकिन अब गुजरात की चुनावी राजनीति में आम आदमी पार्टी (आप) का प्रवेश भी हो चुका है। हालांकि आप गुजरात में कितना कुछ कर पाएगी, यह फिलहाल केवल संभावनाओं पर ही आधारित है, लेकिन वह कांग्रेस के सपनों पर पानी फेरती दिखाई दे रही है। आप ने जिस प्रकार से दिल्ली और पंजाब में अप्रत्याशित रूप से छप्पर फाड़ समर्थन प्राप्त किया, ऐसा कम ही देखने को मिलता है। यह बात सही है कि गुजरात के मतदाताओं का स्वभाव दिल्ली और पंजाब से मेल नहीं खाता, इसलिए आप गुजरात समर्थन स्तर क्या है में सफल हो जाएगी, इसकी गुंजाइश कम ही लगती है, लेकिन कहा जाता है कि राजनीति असंभावित समर्थन स्तर क्या है दृश्य को भी संभावित कर सकती है।
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नई दिल्ली: ठंड का अहसास होने लगा है। सुबह-सुबह दिन के साथ ठंडी हवा चली। तो दूसरी और दिल्ली में प्रदूषण स्तर में बढ़ोतरी देखी गई है। बता दें कि पिछले तीन दिनों से प्रदूषण स्तर में गिरावट देखी गई थी तो वहीं आज दिल्ली में प्रदूषण का स्तर 200 के पार हो गया है। सिस्टम ऑफ एयर क्वालिटी एंड वेदर फोरकास्टिंग एंड रिसर्च (SAFAR) के अनुसार दिल्ली में AQI 249 (खराब) श्रेणी में है।
दरअसल दिल्ली में प्रदूषण स्तर में गिरावट और बढ़ोतरी देखी जा रही है। इस दौरान तीन दिन से कमी के बाद फिर से 200 के पार पहुंच गया है। दिल्ली का एक्यूआई 249 पहुंच गया है। जो खराब श्रेणी में होता है। इससे पहले दिन सिस्टम ऑफ एयर क्वालिटी एंड वेदर फोरकास्टिंग एंड रिसर्च (SAFAR) के अनुसार दिल्ली में AQI 176 (मध्य श्रेणी में) था।वहीं उससे पिछले दिन (15 नवंबर) को दिल्ली में AQI 221 था जो खराब श्रेणी में आता है।
समर्थन स्तर क्या है
दिल्ली नगर निगम चुनाव को लेकर क्या है कांग्रेस की कमजोरियां और ताकत
नई दिल्ली, 13 नवंबर (आईएएनएस)। दिल्ली के एमसीडी चुनाव में कांग्रेस को पारंपरिक मतदाता आधार से समर्थन की उम्मीद है। अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों और मुसलमानों से अपेक्षित समर्थन पार्टी को मिल सकता है। लगातार बीजेपी से हारने के बावजूद पार्टी ने नगर निगम में अपनी उपस्थिति आज भी बनाई हुई है।
नई दिल्ली, 13 नवंबर (आईएएनएस)। दिल्ली के एमसीडी चुनाव में कांग्रेस को पारंपरिक मतदाता आधार से समर्थन की उम्मीद है। अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों और मुसलमानों से अपेक्षित समर्थन पार्टी को मिल सकता है। लगातार बीजेपी से हारने के समर्थन स्तर क्या है बावजूद पार्टी ने नगर निगम में अपनी उपस्थिति आज भी बनाई हुई है।
कैंपस की सियासत में ही बिखर गया बिहार का महागठबंधन: छात्र संघ चुनाव में RJD-JDU आमने-सामने, RJD पर JDU प्रत्याशी पर हमले का आरोप
बिहार में नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव राजनीति की नई कवायद शुरू कर रहे हैं। दोनों एक विचारधारा वाली पार्टी को एक बैनर के तले करने की मुहिम में जुटे हुए हैं। बिहार में महागठबंधन की सरकार बनाकर उन्होंने देश को ये संदेश भी दिया है।लेकिन इनकी यह कोशिश बिहार के सबसे बड़ी यूनिवर्सिटी (पटना यूनिवर्सिटी) के समर्थन स्तर क्या है छात्र संघ चुनाव में ही दम तोड़ दी है।
आमने-सामने राजद और जदयू
24 हजार से ज्यादा स्टूडेंट्स वाले पीयू के कैंपस में जेडीयू और आरजेडी दोनों वर्चस्व के मुकाबले में आमने-सामने हैं। सेंट्रल पैनल के पांचों पदों पर दोनों पार्टियों ने अपने-अपने उम्मीदवार उतारे हैं। दोनों अपनी-अपनी जीत के दावे कर रहे समर्थन स्तर क्या है हैं। इनका कहना है कि वे राज्य की सियासत कर रहे हैं हम कैंपस की लड़ाई लड़ रहे हैं।