2023 में सर्वश्रेष्ठ विदेशी मुद्रा बोनस

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ओलम्पिक व्यापार ने आंशिक इकाइयों की सुविधा शुरू की
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अंतर्राष्ट्रीय टूर पैकेज
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आईएमएफ ने 2022 के लिए भारत के वृद्धि दर अनुमान को घटाकर 6.8 प्रतिशत किया
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने विश्व आर्थिक परिदृश्य को लेकर जारी अपनी नवीनतम रिपोर्ट में कहा कि इस साल भारत की वृद्धि दर 6.8 प्रतिशत ही रहने की संभावना दिख रही है. यह जुलाई में व्यक्त पिछले अनुमान से 0.6 प्रतिशत कम है. वैश्विक अर्थव्यवस्था को लेकर कहा गया है कि सबसे बुरा दौर आना अभी बाकी है. The post आईएमएफ ने 2022 के लिए भारत के वृद्धि दर अनुमान को घटाकर 6.8 प्रतिशत किया appeared first on The Wire - Hindi.
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने विश्व आर्थिक परिदृश्य को लेकर जारी अपनी नवीनतम रिपोर्ट में कहा कि इस साल भारत की वृद्धि दर 6.8 प्रतिशत ही रहने की संभावना दिख रही है. यह जुलाई में व्यक्त पिछले अनुमान से 0.6 प्रतिशत कम है. वैश्विक अर्थव्यवस्था को लेकर कहा गया है कि सबसे बुरा दौर आना अभी बाकी है.
(प्रतीकात्मक फोटो: रॉयटर्स)
वॉशिंगटन: अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने वर्ष 2022 के लिए भारत के आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान को घटाकर 6.8 प्रतिशत कर दिया है.
इसके पहले जुलाई में 2023 में सर्वश्रेष्ठ विदेशी मुद्रा बोनस आईएमएफ ने भारत की वृद्धि दर 7.4 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया था. हालांकि वह अनुमान भी इस साल जनवरी में आए 8.2 प्रतिशत के वृद्धि अनुमान से कम ही था.
भारत की आर्थिक वृद्धि दर वित्त वर्ष 2021-22 (अप्रैल 2021 से मार्च 2022) में 8.7 प्रतिशत रही.
भारतीय अर्थव्यवस्था का प्रदर्शन अच्छा, अतिरिक्त मौद्रिक सख्ती की जरूरत: आईएमएफ
अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) के मुख्य अर्थशास्त्री पियरे ओलिवर गोरिंचेस ने मंगलवार को कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था काफी अच्छा प्रदर्शन कर रही है, लेकिन उसे अभी और मौद्रिक सख्ती बरतने की जरूरत है.
आईएमएफ की रिपोर्ट जारी होने के बाद गोरिंचेस ने संवाददाताओं से 2023 में सर्वश्रेष्ठ विदेशी मुद्रा बोनस कहा, ‘भारत 2022 में काफी अच्छा प्रदर्शन कर रहा है और 2023 में भी इसके मजबूती से वृद्धि करने की उम्मीद है. इस साल इसकी वृद्धि दर 6.8 प्रतिशत रहने, जबकि अगले साल 6.1 प्रतिशत रहने की हमें उम्मीद है.’
उन्होंने कहा कि भारत में मुद्रास्फीति अब भी केंद्रीय बैंक के लक्ष्य से अधिक बनी हुई है.
उन्होंने कहा, ‘वित्त वर्ष 2022-23 में भारत की मुद्रास्फीति 6.9 प्रतिशत रहने का हमें अनुमान है. अगले साल यह गिरकर 5.1 प्रतिशत पर आ सकती है. ऐसे में नीतिगत स्तर पर हमें यही लगता है कि राजकोषीय एवं मौद्रिक नीति में सख्ती जारी रहनी चाहिए.’