बिटकॉइन का मार्केट वैल्यू कैसे बढ़ता है?

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'Bitcoin'
इस वर्ष की दूसरी तिमाही से क्रिप्टो मार्केट में गिरावट शुरू होने के बाद अल साल्वाडोर को बिटकॉइन में इनवेस्टमेंट पर भारी नुकसान हुआ है। अल साल्वाडोर के पास 2,381 बिटकॉइन हैं जिनका औसत प्राइस 43,357 डॉलर का है
स्टडी में कहा गया है कि प्राइसेज के बढ़ने पर रिटेल इनवेस्टर्स की ओर से बिटकॉइन में खरीदारी की जा रही थी, जबकि इसके व्हेल्स जैसे बड़े होल्डर्स बिकवाली कर प्रॉफिट कमा रहे थे
इस सप्ताह की शुरुआत में बड़ी संख्या में कस्टमर्स के अपनी रकम निकालने के बाद बहामास के इस एक्सचेंज ने बैंकरप्सी के लिए फाइलिंग की थी। बड़े क्रिप्टो एक्सचेंजों में शामिल Binance ने इसे खरीदने की पहल की थी लेकिन बाद में वह पीछे हट गया था
Crypto एक्सचेंज BitMEX के पूर्व सीईओ ऑर्थर हेयस (Arthur Hayes) ने कहा है कि बिटकॉइन की कीमत 15 हजार डॉलर तक नीचे जा सकती है।
Bitcoin भी मार्केट कैप के हिसाब से पिछले 24 घंटे में 12.7 प्रतिशत गिरा है। Ethereum की मार्केट कैप में 22.3%, XRP की मार्केट कैप में 19.3% और Dogecoin की मार्केट कैप में 21.6% की गिरावट देखने को मिली है।
Ether में पिछले सप्ताह तेजी रही थी। इसका प्राइस पिछले एक दिन में बिटकॉइन की तरह लगभग 0.08 प्रतिशत घटा है। भारतीय एक्सचेंजों पर इसके प्राइस में कोई बदलाव नहीं हुआ और यह लगभग 1,655 डॉलर पर था
Dogecoin को लेकर Elon Musk सपोर्ट एक ट्वीट से पता चलता है, जिसमें उन्होंने "हू लेट द डॉज आउट" लिखा था। उन्हें 'द डॉजफादर' भी कहा जाता है।
Cryptocurrency | Written by: बिटकॉइन का मार्केट वैल्यू कैसे बढ़ता है? राधिका पाराशर, Edited by: आकाश आनंद |मंगलवार नवम्बर 1, 2022 06:05 PM IST
पिछले वर्ष नवंबर में बिटकॉइन ने 67,000 डॉलर से अधिक का हाई बनाया था। इसके बाद से इसमें काफी गिरावट आई है। इसका प्राइस गिरने से बड़ी संख्या में इनवेस्टर्स के साथ ही इस सेगमेंट से जुड़ी फर्मों को भी बड़ा नुकसान हुआ है
Cryptocurrency | Written by: शॉमिक सेन भट्टाचार्जी, Edited by: आकाश आनंद |बुधवार अक्टूबर 26, 2022 06:36 PM IST
क्रिप्टो मार्केट के एक्सपर्ट्स का कहना है कि बिटकॉइन के प्राइस में काफी गिरावट आ चुकी है और इसमें ब्रेकआउट हो सकता है
कैसे तय होती है किसी Cryptocurrency की वैल्यू, कौन से फैक्टर्स तय करते हैं करेंसी की कीमत, जानें यहां
Cryptocurrency Value : हर बड़ी क्रिप्टोकरेंसी ने जबरदस्त चढ़ाव देखा है तो झटके में धड़ाम भी होती दिखी हैं, ऐसे में कोई भी निवेशक इसको लेकर फिक्र करेगा. लेकिन सवाल यह है कि आखिर कौन सै फैक्टर्स हैं, जो क्रिप्टोकरेंसी की कीमतें तय करते हैं.
Cryptocurrency Price : कई फैक्टर्स हैं, जो क्रिप्टो कॉइन्स की वैल्यू तय करते हैं.
Cryptocurrency आज के वक्त में निवेशकों के बीच निवेश का पॉपुलर माध्यम बन चुकी हैं. लेकिन क्रिप्टोकरेंसी बाजार की वॉलेटिलिटी यानी अस्थिरता एक फैक्टर है, जो निवेशकों के लिए चिंता खड़ी करती है. हर बड़ी क्रिप्टोकरेंसी ने जबरदस्त चढ़ाव देखा है तो झटके में धड़ाम भी होती दिखी हैं, ऐसे में कोई भी निवेशक इसको लेकर फिक्र करेगा. लेकिन सवाल यह है कि आखिर कौन सै फैक्टर्स हैं, जो क्रिप्टोकरेंसी की कीमतें तय करते हैं. किसी क्रिप्टोकरेंसी वैल्यू कम होगी या ज्यादा होगी, यह कैसे तय होता है. क्रिप्टो में निवेश करने से पहले यह जानना जरूरी है.
मांग और स्वीकार्यता
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किसी भी असेट या कमोडिटी की कीमत तय करने में सबसे बड़ी भूमिका उसकी मांग को लेकर होती है. किसी भी चीज की वैल्यू तब होती है, जब उसे लेकर उपभोक्ताओं और निवेशकों के बीच स्वीकार्यता होती है, उसका इस्तेमाल होता है. जैसे ही किसी क्रिप्टोकरेंसी का इस्तेमाल बढ़ता है, उसकी मांग बढ़ती है और इस तरह से उस कॉइन की वैल्यू भी बढ़ जाती है. फिएट करेंसी यानी ट्रेडिशनल करेंसी जो होती है, उसका नियमन होता है और उसे एक बड़ी मात्रा में छापा जाता है, लेकिन क्रिप्टोकरेंसी एक सीमित संख्या में जेनरेट होती हैं. पिछले कुछ सालों में क्रिप्टोकरेंसी की स्वीकार्यता बढ़ी है, जिसके चलते इनकी वैल्यू भी बढ़ी है.
नोड काउंट
नोड काउंट किसी क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े एक्टिव वॉलेट्स के नंबर को कहते हैं. यह इंटरनेट पर या उस करेंसी के होमपेज पर देखा जा सकता है. इससे यह भी पता चलता है कि कोई कॉइन मार्केट में आए किसी क्राइसिस से उबर सकता है या नहीं.
प्रोडक्शन की लागत
क्रिप्टोकरेंसी की माइनिंग में प्रोडक्शन लागत जाती है. किसी कॉइन की माइनिंग में डायरेक्ट कॉस्ट और कॉस्ट ऑफ रिसोर्स यानी स्रोतों पर लगने वाली लागत से उस कॉइन की वैल्यू तय होती है. प्रोडक्शन लागत जितनी ज्यादा होगी, कॉइन की वैल्यू उतनी ज्यादा होगी.
ब्लॉकचेन
किसी क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने से पहले कुछ निवेशक उसकी सिक्योरिटी और फ्यूचर प्रॉस्पेक्ट यानी आगे की संभावनाओं को तौलते हैं, ये जानकारी ब्लॉकचेन पर मिलती है. नए निवेशकों को ऐसे कॉइन चुनने चाहिए, जो अपने कॉइन्स को सबसे ज्यादा सिक्योरिटी देते हैं. हालांकि. प्रोफेशनल निवेशक ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी की भविष्य की संभावनाओं पर फोकस करते हैं.
बाजार का नियमन
प्रोफेशनल क्रिप्टो ट्रेडर्स कॉइन के वैल्यू ट्रेंड पर काफी बिटकॉइन का मार्केट वैल्यू कैसे बढ़ता है? असर बिटकॉइन का मार्केट वैल्यू कैसे बढ़ता है? डालते हैं. वो मार्केट की गति-दिशा तय करते हैं, जिससे बाजार का रेगुलेशन होता है. इन्हें 'व्हेल अकाउंट' कहा जाता है क्योंकि इनके पास बाजार का बड़ा शेयर होता है और ये किसी भी कॉइन को उठाने या गिराने की क्षमता रखते हैं.
बिटकॉइन में 100 रुपये का निवेश आपको बना सकता था 7.5 करोड़ का मालिक
9 साल में बिटकॉइन ने साढ़े सात लाख गुना रिटर्न दिया . एक बिटकॉइन का भाव 4000 डॉलर के पार पहुंचा
क्या है बिटकॉइन ?
बिटकॉइन वर्चुअल करेंसी हैं . यह अन्य मुद्राओं की तरह जैसे डॉलर, रुपये या पाउन्ड की तरह भी इस्तेमाल की जा सकती है. ऑनलाइन पेमेंट के अलावा इसको डॉलर और अन्य मुद्राओं में भी एक्सचेंज किया जा सकता है. यह करेंसी बिटकॉइन के रूप में साल 2009 में चलन में आई थी. आज इसका इस्तेमाल ग्लोबल पेमेंट के लिए किया जा रहा है. बिटकाइन की ख़रीद और बिक्री के लिए एक्सचेंज भी हैं. दुनियाभर के बड़े बिजनेसमैन और कई बड़ी कंपनियां वित्तीय लेनदेन में
दुनिया की सबसे महंगी करेंसी
बिटकॉइन दुनिया की सबसे महंगी करेंसी बन गई है. फिलहाल एक बिटकॉइन की ऑनलाइन या बाजार कीमत करीब 2.69 लाख रुपये से भी ज्यादा है. कम्प्यूटर नेटवर्कों के जरिए इस मुद्रा से बिना बैंक के ट्रांजेक्शन किया जा सकता है. वहीं, इस करेंसी को डिजिटल वॉलेट में भी रखा जाता है.
कैसे काम करती है बिटकॉइन?
आप बिटकॉइन को अपने कंप्यूटर या मोबाइल फोन पर बिटकॉइन वॉलेट के रूप में इंस्टॉल कर सकते हैं. इससे आपका पहला बिटकॉइन एड्रेस बनेगा और जरूरत पड़ने पर आप एक से ज्यादा एड्रेस भी बना सकते हैं. अब आप अपने मित्रों को अपना बिटकॉइन एड्रेस दे सकते हैं. इसके बाद आप उनसे भुगतान ले या उन्हें भुगतान कर भी सकते हैं.
अवैध धंधों में हो रही बड़े पैमाने पर इस्तेमाल
बिटकॉइन का इस्तेमाल ब्लैकमनी, हवाला, ड्रग्स की खरीद-बिक्री, टैक्स की चोरी और आतंकवादी गतिविधियों में बड़े पैमाने पर होता है. बिटकॉइन के बढ़ते इस्तेमाल ने दुनियाभर के देशों में सुरक्षा एजेंसियों की नींद उड़ा दी है. भारत में रिजर्व बैंक या किसी भी अन्य रेग्युलेटर ने इस वर्चुअल मुद्रा को कानूनी मान्यता नहीं दी है.बिटकॉइन का मार्केट वैल्यू कैसे बढ़ता है?
देश में भी खूब हो रहा बिटकॉइन में लेनदेन
केंद्र सरकार फिलहाल बिटकॉइन जैसी वर्चुअल करेंसी के ऑनलाइन लेनदेन पर रोक लगाने की स्थिति में नहीं है. इस मामले में सरकार के भीतर हुए विमर्श कई बार हो चुका है. ऐसी करेंसी की ऑनलाइन खरीद-फरोख्त पर नियंत्रण संभव नहीं है. हालांकि अभी सरकार ने इस पर कोई अंतिम फैसला नहीं लिया है. दुनिया में करीब 90 से अधिक वर्चुअल करेंसी चलन में हैं.
क्या है क्रिप्टो करेंसी का भविष्य
अमेरिकी निवेश बैंक गोल्डमैन सैक्स ने अपने ग्रााहकों को बिटकॉइन का मार्केट वैल्यू कैसे बढ़ता है? पिछले हफ्ते भेजे नोट में कहा था कि क्रिप्टो करेंसी को अनदेखा नहीं किया जा सकता है. इसमें ग्रोथ की प्रबल संभावना है. भारत में क्रिप्टो करेंसी में शुरुआती कारोबार से जुड़े एमकैप क्रिप्टो करेंसी के संचालक अमित भारद्वाज के मुताबिक क्रिप्टो करेंसी का भविष्य काफी बेहतर है. अगर आप बिटकॉइन में निवेश से चूक गए हैं तो बाजार में क्रिप्टो करेंसी में निवेश के कई और विकल्प हैं. मसलन, एमकैप का मौजूदा भाव 2 डॉलर के करीब है इसके अलावा यूथेरियम क्रिप्टो करेंसी का मौजूदा भाव 300 डॉलर है. जानकारों के मुताबिक एमकैप क्रिप्टो करेंसी का भाव इस साल 50 डॉलर के पार जाने की संभावना है.
Bitcoin 40 हजार डॉलर पर पहुंची, पहली बार क्रिप्टोकरेंसी का मार्केट 1 लाख करोड़ डॉलर के पार
क्रिप्टोकरेंसी मार्केट की वैल्यू (Value of the cryptocurrency market) पहली बार गुरुवार को एक लाख करोड़ डॉलर के पार पहुंच गई। बिटकॉइन (Bitcoin) की कीमत पहली बार 40 हजार डॉलर (करीब 29 लाख रुपये) के पार पहुंच गई है। पिछले साल मार्च से अब तक कीमत में 900 फीसदी उछाल आ चुकी है। स्टीम्युलस के कारण महंगाई बढ़ने की आशंका से निवेशक क्रिप्टोकरेंसी का रुख कर रहे हैं। आइए जानते हैं इसके बारे में सबकुछ..
Bitcoin 40 हजार डॉलर पर पहुंची, पहली बार क्रिप्टोकरेंसी का मार्केट 1 लाख करोड़ डॉलर के पार
क्यों बढ़ रही है कीमत
स्टीम्युलस पर भारी खर्च से महंगाई बढ़ने का खतरा पैदा हो गया है जिससे निवेशक बिटकॉइन का रुख कर रहे हैं। मेनस्ट्रीम इनवेस्टर्स के बीच बिटकॉइन की लोकप्रियता बढ़ रही है। इस क्रिप्टोकरेंसी के प्रति उनका भरोसा बढ़ता जा रहा है। ब्लॉकचेन के बारे में निवेशकों को डेटा देने वाली फर्म चेनलिंक के फाउंडर सर्गेई नजारोव ने कहा कि परंपरागत संस्थाओं में भरोसे की कमी के कारण क्रिप्टोकरेंसीज में तेजी आ रही है। नजारोव ने कहा कि इंडस्ट्री के बाहर के लोग इसे उपलब्धि मान सकते हैं कि किप्टोकरेंसी मार्केट की वैल्यू एक लाख करोड़ डॉलर पहुंच गई है। लेकिन हमारे लिए यह अभी शुरुआती दौर है।
दूसरे एसेट्स पर भारी
क्रिप्टो लैंडर Nexo के को-फाउंडर और मैनेजिंग पार्टनर एंटनी ट्रेनचेव के मुताबिक बिटकॉइन ने उम्मीदों से कहीं बेहतर प्रदर्शन किया है और इन पर संदेह जताने वालों को करारा जवाब दिया है। इसने दूसरी सभी एसेट्स को कहीं पीछे छोड़ दिया है। CoinMarketCap के मुताबिक सभी क्रिप्टोकरेंसीज का मार्केट कैप गुरुवार को 10 फीसदी बढ़कर 1.042 ट्रिलियन डॉलर पहुंच गया। क्रिप्टोकरेंसीज के टोटल मार्केट कैप में बिटकॉइन की हिस्सेदारी 69 फीसदी है। इसके बाद Ethereum की सबसे अधिक 13 फीसदी हिस्सेदारी है। Ethereum भी गुरुवार को 1287.69 डॉलर पर पहुंच गई जो जनवरी 2018 के बाद इसके उच्चतम स्तर है।
सोने को खतरा
बिटकॉइन सोने के लिए खतरा बनकर उभरी है। अगस्त में सोना चरम पर पहुंच गया था लेकिन उसके बाद से इसमें करीब 10 फीसदी के गिरावट आ चुकी है। इस गिरावट का कारण बिटकॉइन को ही माना जा रहा है। इनवेस्टमेंट बैंक JPMorgan ने मंगलवार को कहा कि अगर सुरक्षित निवेश के तौर पर बिटकॉइन की प्रामाणिकता साबित होती है तो इसकी कीमत 146000 डॉलर तक जा सकती है।
क्या है बिटकॉइन?
बिटकॉइन एक तरह की क्रिप्टोकरंसी है। 'क्रिप्टो' का मतलब होता है 'गुप्त'। यह एक डिजिटल करंसी है, जो क्रिप्टोग्राफी के नियमों के आधार पर काम करती है। इसकी सबसे खास बात ये है डिजिटल होने की वजह से आप इसे छू नहीं सकते। बिटकॉइन की शुरुआत 2009 में हुई थी। बिटकॉइन की कीमत लगातार बढ़ रही है। गुरुवार सुबह के हिसाब से इसकी कीमत करीब 8.31 लाख को क्रॉस कर चुकी है। यह एक तरह की डिजिटल करंसी है। इसकी शुरुआत एलियस सतोशी नाम के शख्स ने की थी।
बिटकॉइन कैसे करती है काम?
बिटकॉइन विशेषज्ञ हितेश मालवीय बताते हैं कि बिटकॉइन वर्चुअल कॉइन हैं, जो अपनी कीमत बनाने और बढ़ाने के लिए डिजाइन किए गए हैं। इस तरह पैसों के लेन-देन के लिए आपकों बैंकों तक जाने की जरूरत नहीं है। अगर किसी भी व्यक्ति के पास बिटकॉइन है, तो इसकी कीमत और वैल्यू ठीक उसी तरह मानी जाएगी जैसे ईटीएफ में कारोबार करते समय सोने की कीमत मानी जाती है। इस बिटकॉइन से आप ऑनलाइन शॉपिंग भी कर सकते हैं और इसे निवेश के रूप में भी संभाल कर रख सकते हैं। बता दें कि ये बिटकॉइन एक पर्सनल ई-वॉलेट से दूसरे पर्सनल ई-वॉलेट में ट्रांसफर भी किए जाते हैं। ये ई-वॉलेट्स आपका निजी डेटाबेस होते हैं, जिसे आप अपने कंप्यूटर, लैपटॉप, स्मार्टफोन, टैबलेट या किसी ई-क्लाउड पर स्टोर करते हैं।
कैसे होती है बिटकॉइन की ट्रेडिंग?
Kraken के जरिए बिटकॉइन ट्रेडिंग की जा सकती है। इसके बिटकॉइन का मार्केट वैल्यू कैसे बढ़ता है? लिए पहले अपना अकाउंट बनाना होता है। इसके बाद ईमेल के जरिए अकाउंट कन्फर्म करना होता है। अकाउंट वेरिफाइ होने के बाद बिटकॉइन का मार्केट वैल्यू कैसे बढ़ता है? आप ट्रेडिंग मेथड सिलेक्ट कर सकते हैं। ट्रेडिंग के लिए चार्ट मौजूद होता है जिसमें बिटकॉइन की कीमत की हिस्ट्री होती है। आप समय पर बिटकॉइन का ऑर्डर देकर खरीद सकते हैं और बेच सकते हैं। बिटकॉइन की कीमतों में बदलाव बहुत ही अप्रत्याशित और तेज होता है इसलिए इसमें खतरा बना रहता है। पिछले 24 घंटों में ही इसमें तगड़ी गिरावट आई है। इसकी कीमत 8.80 लाख रुपये के करीब जा पहुंची थी, जो खबर लिखे जाने तक घटकर 8.31 लाख के करीब आ चुकी है।