पाठ्यचर्या

वित्त ट्रैकिंग

वित्त ट्रैकिंग
यह जहाज मिसाइल को ट्रैक करने के साथ-साथ पृथ्वी की निचली कक्षा में सैटेलाइटों की निगरानी भी करेगा। लंबी दूरी तक परमाणु बैलिस्टिक मिसाइलों को ट्रैक करने की क्षमता होने से भारत की एंटी-बैलिस्टिक मिसाइल क्षमता बढ़ेगी। डीआरडीओ और राष्ट्रीय तकनीकी अनुसंधान संगठन (एनटीआरओ) के सहयोग से हिंदुस्तान शिपयार्ड ने आईएनएस ध्रुव का निर्माण किया है। निर्माण की शुरुआत के दौरान इस जहाज का नाम वीसी-11184 दिया गया था।
इस शिप के केंद्रीय ढांचे का निर्माण 30 जून, 2014 को मोदी सरकार के आने के बाद शुरू किया गया था। इसे इतना गोपनीय रखा गया कि सिर्फ पीएमओ और एनएसए की निगरानी में ही इसे बनाने का काम सात साल में पूरा हुआ। इस शिप के निर्माण के बाद इसके ट्रायल होने की भी भनक नहीं लगने दी गई।

Indian Railways: अब अपने कंसाइनमेंट की ऑनलाइन ट्रैकिंग कर सकते हैं लोग

  • Money9 Hindi
  • Publish Date - April 1, 2021 / 10:25 AM IST

Indian Railways: अब अपने कंसाइनमेंट की ऑनलाइन ट्रैकिंग कर सकते हैं लोग

Indian Railways: अब लोग अपने कंसाइनमेंट की ऑनलाइन ट्रैकिंग कर सकते हैं. इंडियन रेलवे (Indian Railway) ने कारोबारियों को बेहतर सर्विस देने के लिए फ्रेट बिजनेस डेवलपमेंट पोर्टल शुरू किया है. इस पर जाकर ग्राहक अपने कंसाइनमेंट की ऑनलाइन ट्रैकिंग कर सकते है. साथ ही, फ्रेट केलकुलेटर की सुविधा जैसे विभिन्न सेवाएं सिर्फ एक क्लिक पर उपलब्ध होंगी. आपको बता दें कि सरकार मालढुलाई से आमदनी बढ़ाने के लिए लगातार कदम उठा रही है. दिसंबर 2020 में रेलवे ने 11788.11 करोड़ रुपये की कमाई की है. दिसंबर 2019 में रेलवे ने माल लोडिंग से 11030.37 करोड़ रुपये की आमदनी अर्जित की. यानी पिछले साल के मुकाबले दिसंबर 2020 में रेलवे ने 757.74 करोड़ रुपए अधिक की कमाई की है.

1 जनवरी से सार्वजनिक वाहनों में GPS ट्रैकिंग और पैनिक बटन लगाना हुआ अनिवार्य, ये होगा फायदा

सांकेतिक तस्वीर

  • News18Hindi
  • Last Updated : December 31, 2018, 20:04 IST

मिनिस्ट्री ऑफ रोड ट्रांसपोर्ट एंड हाईवे ने 1 जनवरी 2019 से सभी सार्वजनिक वाहनों में VLTs (वीकल लोकेशन ट्रेसिंग डिवाइस) और पैनिक बटन अनिवार्य कर दिया है. हालांकि यह नियम रिक्शा और ई-रिक्शा पर लागू नहीं होगा. 1 जनवरी और उसके बाद से रजिस्टर होने वाली सभी वाहनों पर नया नियम लागू होगा. पिछले वित्त वर्ष की शुरुआत में एक नया रेगुलेशन AIS140 प्रस्तावित किया गया था. इसके तहत सभी सार्वजनिक वाहनों में VLTs और एक अथवा एक से अधिक पैनिक बटन लगाना अनिवार्य किया गया था.

बजट ब्लिट्ज प्रो मनी ट्रैकिंग एंड प्लानिंग v7.1.6 एपीके पेड

विवरण: भाषा का समर्थन: अंग्रेजी, फ्रेंच, हंगरी, पुर्तगाली (ब्राजील), रूसी, स्पेनिश। एप्लिकेशन वित्तीय लेखांकन और योजना के लिए उपयोगी है, स्वचालित रूप से एसएमएस और पुश सूचनाओं को आयात करता है, टीम-संगत है और पीसी पर दूरस्थ रिपोर्ट प्रदान करता है और बहुत कुछ।
विशेषताएं :

+ फ्रीलांसरों और वित्त ट्रैकिंग उद्यमियों के लिए
+ व्यापक वित्तीय लेखांकन
+ मुख्य स्क्रीन पर वित्तीय हाइलाइट्स।
नए लेनदेन के लिए + बुद्धिमान डिफ़ॉल्ट मान।
अनुकूलन योग्य छोटी रिपोर्ट के रूप में ऐप विजेट।
अनुकूलन योग्य अधिकारों के साथ वितरित टीमवर्क।
+ पीसी वेब ब्राउज़र नियंत्रित ग्राहक।
+ अन्य अनुप्रयोगों से लेनदेन प्राप्त करने के लिए एपीआई।
+ विभिन्न वित्तीय रिपोर्ट।

विभिन्न हादसों में तीन पोर्टरों सहित ट्रैकिंग दल के 12 लोगों की मौत, 20 पर्यटक लापता

उत्तराखंड के पर्वतीय जिलों में भारी बारिश और बर्फबारी पर्यटकों और ट्रैकिंग दल के लिए भी आफत बन गई है। इन दिनों विभिन्न जिलों में ट्रैकिंग दल पर्वत चोटियों की तरफ रुख कर रहे हैं। ऐसे में विभिन्न स्थानों पर हुए हादसों में करीब 12 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं, बीस वित्त ट्रैकिंग पर्यटक लापता बताए जा रहे हैं। ये हादसे उत्तरकाशी, बागेश्वर जिले में हुए हैं।
तीन पोर्टरों के शव बरामद, पांच पर्यटकों के भी शव मिले
उत्तरकाशी जिले में भारत-चीन सीमा पर लापता तीन पोर्टरों के शव बरामद कर लिए गए हैं। पोर्टर आईटीबीपी गश्ती दल के साथ सीमा पर गए थे। पोर्टरों के शव आइटीबीपी की नीला पानी चौकी से डेढ़ किलोमीटर दूर सीमा की ओर बर्फ में दबे मिले। शवों के बरामद होने की सूचना आईटीबीपी प्रशासन ने हर्षिल थाने में दी है। एसएसपी मणिकांत मिश्रा ने बताया कि शवों को उत्तरकाशी लाया जाएगा। पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिए जाएंगे। वहीं, ट्रैकिंग पर गए आठ पर्यटकों सहित 11 सदस्यीय दल में शामिल पांच पर्यटकों के शव बरामद कर लिए गए हैं।
बता दें कि बीती 15 अक्टूबर को उत्तरकाशी जिले में आईटीबीपी की टीम चार पोर्टरों के साथ नियमित गश्ती के लिए भारत चीन सीमा पर स्थित नीला पानी चौकी से सीमा के लिए रवाना हुई थी। वापसी के दौरान बर्फबारी के चलते पोर्टर राजेंद्र सिंह पुत्र बृजमोहन निवासी स्यूणा, सिरोर तहसील भटवाड़ी, संजय सिंह पुत्र दिलबर सिंह निवासी चिवां, नाल्ड तहसील भटवाड़ी व दिनेश चौहान पुत्र भारत सिंह चौहान निवासी भटवाड़ी गश्ती टीम से बिछड़ गए वित्त ट्रैकिंग थे। चौथा पोर्टर गश्ती टीम के साथ नीलापानी चौकी लौट गया था।
इन तीन पोर्टरों की तलाश में 18 अक्टूबर को पांच अन्य पोर्टर भेजे गए। लापता पोर्टरों की खोजबीन की वित्त ट्रैकिंग जा रही थी। आईटीबीपी के द्वितीय कमान अधिकारी नेहाल सिंह भंडारी ने बताया कि लापता चल रहे तीनों पोर्टरों के बुधवार शाम को शव बरामद कर लिए गए हैं। भंडारी ने बताया कि पोर्टर रास्ता भटक गए थे। जिस स्थान पर शव मिले हैं वह स्थान चौकी से मात्र डेढ किमी दूर है। तीनों के शव को नेलांग पोस्ट पर पहुंचाया गया है। साथ ही आइटीबीपी की ओर से इन पोर्टरों के परिजनों को बुधवार देर शाम को सूचना दे दी गई।
पांच पर्यटकों के शव मिले
उधर, हर्षिल से लम्खागा पास होते हुए हिमाचल प्रदेश स्थित छितकुल की ट्रैकिंग पर गए 11 सदस्यीय दल में पांच पर्यटकों की मौत हो गई है। अन्य पर्यटकों को हेली से रेस्क्यू किया जा रहा है। मरने वालों में दिल्ली की एक महिला पर्यटक भी शामिल है। हेली से एक पर्यटक को वित्त ट्रैकिंग हर्षिल पहुंचाया गया है। इस संबंध में जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी देवेंद्र पटवाल ने बताया कि पांच पर्यटकों की मौत हो गई है। एसडीआरएफ की टीम हेली से रेस्क्यू कर रही है। करीब साढ़े चार हजार मीटर की ऊंचाई पर यह पर्यटक खोज बचाव दल को मिले हैं। एक पर्यटक को हर्षिल लाया गया। वहां पर्यटक को उपचार दिया जा रहा है। अन्य पर्यटकों को लाने के लिए हेली रेस्क्यू किया जा रहा है।
गौरतलब है कि उत्तरकाशी जिले के हर्षिल से लम्खागा पास होते हुए छितकुल हिमाचल की ट्रेकिंग के लिए गए 8 पर्यटकों समेत 11 लोग लापता हो गए थे। पर्यटकों के दल से संपर्क भी नहीं हो पा रहा था। हेलिकाप्टर से इनकी तलाश में एसडीआरएफ की टीम लगाई गई थी। पश्चिम बंगाल व अन्य स्थानों के आठ पर्यटकों का दल मोरी सांकरी की ट्रेकिंग एजेंसी के माध्यम से 11 अक्तूबर को हर्षिल से रवाना हुआ था। इस दल में तीन कुकिंग स्टाफ और छह पोर्टर भी शामिल थे। पोर्टर पर्यटकों का सामान छोड़कर 18 अक्तूबर को छितकुल पहुंचे। वहीं, आठ पर्यटक और तीन कूकिंग स्टाफ के सदस्यों का कोई पता नहीं चल पाया है।
पुलिस ने सूचना उत्तरकाशी के ट्रेकिंग संचालक को दी। संभावना जताई जा रही थी कि 19 अक्तूबर तक पर्यटक और कुकिंग स्टाफ छितकुल पहुंच जाएंगे, लेकिन बुधवार सुबह तक पर्यटक दल और कुकिंग स्टाफ का कोई पता नहीं चला पाया। इसके बाद से ही पर्यटकों के रेस्क्यू के लिए एसडीआरएफ की टीम हेली से रेस्क्यू कर रही थी।
चार पर्यटकों की मौत, बीस लापता
बागेश्‍वर जिले के सुंदरढूंगा घाटी में ट्रैक पर गए चार पर्यटकों की मौत हो गई तो दो लापता बताए जा रहे हैं। वहीं कफनी ग्‍लेशियर में ट्रैक के लिए गए 20 पर्यटक लापता बताए जा रहे हैं। उनके बारे में फिलहाल कोई जानकारी नहीं है। वहीं द्वाली में भी 34 पर्यटक फंसे हुए हैं। जिन्‍हें रेस्‍क्‍यू करने के लिए जिला प्रशासन आज अपनी दो टीमों को हेलीकॉप्‍टर के साथ भेजेगा। बताया जा रहा है कि सुंदरढूंगा घाटी में ट्रैके लिए छह पर्यटक पोर्टर के साथ गए थे। जिनमें चार की मौत हो गई है और दो तापता हैं। यह जानकारी उनके साथ बतौर पोर्टर गए सुन्दरढूंगा से लौटे नेपाली युवक सुरेंद्र पुत्र हरक सिंह ने दी। उसने बताया कि एक घायल समेत चार लोग खाती गांव वापस लौट आए हैं।
कफनी ग्लेशियर में 20 पर्यटक लापता
20 पर्यटक कफनी ग्लेशियर की तरफ ट्रैक करने गए हैं। यह भी लापता बताए जा रहे हैं। इनके बारे में कोई सूचना फिलहाल अभी तक प्राप्त नहीं मिल सकी है। जिला प्रशासन इनके बारे में जानकारी जुटाने की कोशिश कर रहा है। बताया जा रहा है कि ट्रैक पर जाने वाले पर्यटकों के पास भोजन का लिमिटेड स्‍टाक होने के कारण उनके भी सामने मुसीबत खड़ी हो सकती है। यदि उन्‍हें जल्‍द ढूंढकर रेस्‍क्‍यू नहीं किया गया तो अनहोनी हो सकती है। बताया जा रहा है कि ट्रैक पर गए और भी पर्यटक वित्त ट्रैकिंग फंसे हो सकते हैं। धीरे-धीरे जानकार सामने आएगी।

नौसेना को मिला पहला न्यूक्लियर मिसाइल ट्रैकिंग जहाज INS ध्रुव

समुंदर के नीचे दुश्मनों से लोहा लेने के लिए भारतीय नौसेना ने बड़ी उपलब्धि हासिल की है। भारत का पहला परमाणु मिसाइल ट्रैकिंग जहाज आईएनएस ध्रुव शुक्रवार को विशाखापत्तनम में नौसेना में शामिल कर लिया गया। 10 हजार टन वजनी इस जंगी जहाज का निर्माण इतना गोपनीय रखा गया था कि सिर्फ प्रधानमंत्री कार्यालय और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार की निगरानी में ही इसे बनाने का काम 7 साल में पूरा हुआ।
इस तरह का नौसैन्य मिसाइल ट्रैकिंग सिस्टम केवल फ्रांस, अमेरिका, ब्रिटेन, रूस और चीन के पास ही है। इस ट्रैकिंग पोत के जरिए हिंद-प्रशांत क्षेत्र में भारतीय नौसेना की ताकत में जबरदस्त इजाफा होगा।

सैटेलाइटों की भी करेगा निगरानी

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