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वास्तविक खाता

वास्तविक खाता
1. Personal Account (व्यक्तिगत खाता)

कुछ अनुप्रयोग स्क्रीन विचारों का एक स्केच.

Classification and Golden Rules of Accounting in Tally erp 9

Tally के इस अध्याय में हम जानेंगे account यानि खतों के बारे में इसके अंतर्गत हम आपको बताएंगे

किसी व्यक्ति विशेष वस्तु Assets (संपत्ति), Profit or Loss लाभ या हानी आदि से संबंधित व्यवहारों का संक्षिप्त record हिसाब किताब की पुस्तकों में जिस title में रखा जाता है उसे खाता (Ledger) कहते हैं. यह तारीख के क्रम में और नियमानुसार होता है, उदाहरण के लिए Amit Traders से संबंधित सारे लेनदेनों का हिसाब लेखा पुस्तकों में एक जगह पर संक्षिप्त में लिखा जाए उसे Amit Traders का खाता कहेंगे.

Golden rules of Accounting की बात करें तो खाते के दो पक्ष sides होते हैं. एक नाम पक्ष यानी Debit Side दूसरा जमा पक्ष यानी Credit Side. Debit left की तरफ होता है और Credit साइड right की तरफ होता है. Tally में खाता यानी account को ही ledger कहा जाता है, Debit यानी नाम जब किसी खाते के नाम पक्ष में Entry की जाती है तो इसे नाम या Debit करना कहते हैं. अंग्रेजी भाषा में वास्तविक खाता इसका संक्षिप्त रूप Dr. होता है. क्रेडिट यानी जमा जब किसी खाते के जमा पक्ष में प्रविष्टि की जाती है तो इसे जमा Credit करना कहते हैं, और अंग्रेजी भाषा में इसका संक्षिप्त रूप होता है Cr.

Classification of Accounts खातों का वर्गीकरण

खाते तीन प्रकार के होते हैं

1. Personal Accounts व्यक्तिगत खाते:

Personal Account वह खाते होते हैं जो किसी individual, firm, organisation or company से संबंधित होते हैं जैसे राम का खाता,Amit Traders का खाता,xyz लिमिटेड का खाता आदि. यह ध्यान रहे कि Capital A/c कैपिटल और Drawing ड्राइंग अकाउंट भी Personal Account होते हैं क्योंकि यह व्यापार के मालिक का प्रतिनिधित्व करते हैं इसी प्रकार से Bank Account भी व्यक्तिगत खाते होते हैं. इन खातों के balance से व्यापारी जान जाता है कि उसे किस व्यक्ति से कितना लेना है और किसे कितना रुपया देना है.

2. Real Accounts वास्तविक खाते:

Real Accounts वह खाते होते हैं जो किसी वस्तु या संपत्ति से संबंधित होते हैं. इन्हें वास्तविक खाते कहते हैं, जैसे- Cash Account, Furniture Account, Building Account. Real Account का बैलेंस डेबिट होता है.

Golden Rules of Accounting खातों को लिखने के नियम

1. Personel Account Rules व्यक्तिगत खाते लिखने का नियम

Debit the Receiver and Credit the Giver पाने वाले को डेबिट करो और देने वाले को क्रेडिट करो.

ध्यान रखें जब भी हम लेन देन करते हैं, तो दो खाते effective होते वास्तविक खाता वास्तविक खाता हैं. उदहारण – माना हमने राम को 2000/- चुकाए. अब यहाँ पर दो account प्रभावित हुए पहला राम का और दूसरा cash account जो की real account के अंतर्गत आता है Golden rules वास्तविक खाता of Accounting के हिसाब से चूँकि राम का account personal account है और राम पैसा receive कर रहा है इसलिए नियमानुसार यहाँ पर राम का account Debit होगा और cash account Credit होगा. चूँकि cash account real account है

इसलिए जो जाता है उसे credit करते हैं. इसलिए नियमानुसार (Golden rules of Accounting) cash account Credit होगा. रियल अकाउंट यानी वास्तविक खाते लिखने का नियम जो वस्तु व्यापार में आए उसे Debit करो और जो वस्तु व्यापार से जाए उसे Credit करो यानी Debit what comes and Credit what goes out. पर्सनल अकाउंट के उदाहरण में जैसा कि हमने बताया था कि राम को हमने 2000 रुपए चुकाए है यानी cash बाहर गया. इसलिए cash Credit होगा.

दो से बंटेगी यूनीफॉर्म, खाते का पता नहीं

गोंडा। सर्व शिक्षा अभियान के तहत परिषदीय स्कूलों में दो अक्टूबर से बच्चों को यूनीफॉर्म का वितरण होना है, लेकिन अभी तक कई स्कूलों की मैनेजमेंट कमेटी का खाता ही नहीं खुला है। खाता न खुलने के कारण स्कूलों को धन नहीं भेजा जा सका है, जबकि शासन द्वारा खातों में धन भेजने की अंतिम तिथि नौ सितंबर निर्धारित की गई थी। उधर, अब तक बेसिक शिक्षा विभाग ने सात ब्लॉकों के स्कूलोें की मैनेजमेंट कमेटी के खाते में अब तक 5.12 करोड़ रुपये भेजे हैं। शेष 10 शिक्षा क्षेत्र अंतर्गत स्कूलों की मैनेजमेंट कमेटी का खाता और छात्रों की वास्तविक स्थिति का ब्योरा जल्द उपलब्ध कराने का कहा गया है।
परिषदीय विद्यालयों में पढ़ रहे 3 लाख 18 हजार 748 विद्यार्थियों को साल में दो सेट यूनीफॉर्म उपलब्ध कराने के लिए सर्व शिक्षा अभियान के तहत 12 करोड़ 74 लाख 99 हजार 200 रुपये स्वीकृत हुए हैं। प्रति बच्चे के हिसाब से दो ड्रेस के लिए 400 रुपये हर स्कूल की मैनेजमेंट कमेटी के खाते में भेजे जाने हैं। यूनीफॉर्म वितरण के लिए अलग से स्कूलों में रजिस्टर रखा जाएगा। यूनीफॉर्म का वितरण दो अक्टूबर से शुरू होगा। वहीं, अफसरों की मानें तो सभी स्कूलों में मैनेजमेंट कमेटी तो गठित कर दी गई, लेकिन अभी तक खाता नहीं खुला है। अफसरों की मानें तो कई ब्लॉकों के स्कूलों की मैनेजमेंट कमेटी का खाता खुलने में समस्या आ रही है। सर्व शिक्षा अभियान के जिला परियोजना कार्यालय में अभी तक सिर्फ झंझरी, पड़रीकृपाल, कटराबाजार, करनैलगंज, परसपुर, छपिया और बभनजोत ब्लॉक के स्कूलों की मैनेजमेंट कमेटी के खाते का और विद्यार्थियों की संख्या का ब्यौरा भेजा गया है। सर्व शिक्षा अभियान के सहायक वित्त एवं लेखाधिकारी रमेश चंद्र चौबे ने बताया कि जिन शिक्षा क्षेत्रों से पूरा ब्यौरा आ गया है, वहां धन भेज दिया गया है। वैसे शासन स्तर पर स्कूल मैनेजमेंट कमेटी के खाते में धन भेजने की तारीख खत्म हो गई है। फिर भी कोशिश है कि अन्य स्कूलों का विवरण जल्द प्राप्त हो जाए। सामुदायिक सहभागिता के जिला समन्वयक आलोक कुमार वर्मा का कहना है कि वास्तविक खाता ड्रेस वितरण से संबंधित पूरी रिपोर्ट बीएसए को दे दी गई है।

स्क्रीन स्केच करना

आपके द्वारा कार्यों की पहचानने और अपने विचारों को व्यवस्थित करने के बाद, अगला चरण उन स्क्रीन को स्केच करना है, जिनकी आप अपने अनुप्रयोग में आवश्यक होने की कल्पना करते हैं. प्रत्येक कार्य और व्यावसाय प्रक्रिया को चित्रित करके, आपके पास पहले से ही बिंदु A से बिंदु B तक पहुंचने के बारे में पर्याप्त जानकारी है. स्क्रीन स्केच करने से आप उस यात्रा की कल्पना कर पाएंगे.

स्केचिंग से भयभीत न हों. आपको कागज पर कुछ बॉक्स और लाइनों बनाने के लिए एक कलाकार होने की आवश्यकता नहीं है. बहुत अधिक विस्तार में जाने से बचने के लिए, आइकन और छवियों का प्रतिनिधित्व करने के लिए बॉक्सिज़ का उपयोग करें, और टेक्स्ट का प्रतिनिधित्व करने के लिए लाइनों का उपयोग करें. आप स्केच को कुशलतापूर्वक बनाने के लिए PowerPoint जैसे टूल का उपयोग कर सकते हैं.

ऑन-स्क्रीन विवरण के बजाय व्यवसाय के समग्र प्रवाह पर अधिक ध्यान दें. Power Apps के साथ, आप बाद में आसानी से समायोजित कर सकते हैं.

Accounting क्‍या है।

What is Accounting

What is Accounting

एकाउंटिंग को लेखांकन भी कहते है। लेखांंकन दो शब्दों से मिल कर बना है। लेखा + अंकन, लेखांंकन में लेख से मतलब लिखने से होता है, तथा अंकन से मतलब अंकों से होता है। एकाउंटिंग एक प्रोसेस है। जो कि व्‍यवसाय में में होने वाले लेन देन तथा व्‍यवसाय में लिए जाने वाले ऋण का पूरा रिकार्ड रखता है। तथा इससे यह जानने में भी मदद मिलती है। कि व्‍यवसाय में कितना लाभ हुआ और कितनी हानि हुई। किसी व्यवसाय में वस्तुए खरीदी जाती है, और बेची भी जाती है। जिसमें खर्च भी होता रहता है आमदनी भी होती रहती है, कुल मिलाकर कितना खर्च हुआ कितना आमदनी हुआ किन-किन लोगों पर कितना वकाया है तथा लाभ या हानि कितना हुआ, इन समस्त जानकारियों को हासिल करने के लिए व्यवसायी अपने बही खातें में सारी लेन देन को लिखते है। यही लिखने के क्रिया को लेखांकन कहा जाता है । अतः व्यवसाय के वित्तीय लेन-देनों को लिखा जाना ही लेखांकन है ।

व्यक्तिगत खाता ( Personal Account )

किसी व्यक्ति या संस्था से सम्बन्धित लेखो को व्यक्तिगत खाता कहते है ! जैसे राम का खाता , मोहन का खाता , किसी फर्म या कंपनी का खाता !

व्यक्तिगत खाते का नियम ( Rules of Personal Account )

पाने वाले को नाम करो और देने वाले को जमा (Debit The Receiver And Credit The Giver )

स्पष्टीकरण :

जो व्यक्ति कोई वस्तु प्राप्त करता है उन्हें Receiver कहा जाता है और उन्हें Debit की तरफ रखा जाता है ! और जो व्यक्ति कोई वस्तु देता है उन्हें Giver कहा जाता है और उन्हें Credit की तरफ रखा जाता है !

Example :

राम को 1000 रुपया दिया गया , राम 1000 रुपया ले रहा है अतः वह Receiver हुआ . इसलिए राम के खाते को Debit में रखा जायेगा !

वास्तविक लेखा ( Real Account )

किसी भी वस्तु या सम्पति से सम्बन्धित खाते को वास्तविक खाता कहते है ! जैसे – रोकड़ का खाता ( Cash A/c ) , Machinery A/c , Furniture A/c आदि !

वास्तविक खाते के नियम ( Rule of Real Account )

जो वस्तु व्यापार में आती है उसे नाम करो और जो वस्तु व्यापार से जाती है उसे जमा करो (Debit What Comes In And Credit What Goes Out )

स्पष्टीकरण :

व्यवसाय में जो वस्तुए आती है उसे Debit में रखा जाता है और व्यवसाय से जो वस्तुए जाती है उसे Credit में रखा जाता है !

Example :

व्यापार के लिए 1000 रूपये की मशीनरी खरीदी , इसमें मशीनरी व्यापार में आ रही है अतः मशीनरी खाते को Debit किया जायेगा !

5000 रूपये का फर्नीचर बेचा , इसमें फर्नीचर व्यापार से जा रहा है अतः फर्नीचर खाते को Credit किया जायेगा !

अवास्तविक / नाममात्र का खाता ( Nominal Account )

आय और व्यय से सम्बन्धित खातो को अवास्तविक खाता कहा जाता है ! जैसे Rent A/c , Interest A/c आदि !

अवास्तविक खाते का नियम ( Rule of Nominal Account )

सभी खर्च और हानियों को नाम करो और सभी आय और लाभों को जमा करो ( Debit All Expenses and Losses And Credit All Income and Gains )

स्पष्टीकरण :

व्यवसाय में जो खर्च होता है उसके नाम को Debit किया जाता है ! इसी प्रकार व्यवसाय में जो आमदनी या लाभ होता है उसे Credit किया जाता है !

Example :

5000 रूपये ऑफिस के किराया हेतु चुकाया , इसमें किराया खाते ( Rent A/c ) को Debit किया जायेगा ! क्योंकि किराया एक प्रकार का खर्चा ( Expenses ) है !

माल खरीदते समय 5000 रूपये का Discount प्राप्त हुआ , इसमें Discount को Credit किया जायेगा ! क्योंकि हमे Discount के रूप में Income हो रही है !

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