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एक विजेता व्यापार स्थापित करना

एक विजेता व्यापार स्थापित करना
नई दिल्ली, 4 जुलाई (आईएएनएस)। पिछले साल कई गैर शैक्षणिक कारणों से विवाद में रहे जामिया विश्वविद्यालय ने इस वर्ष 2021 में नए एकेडमिक एक विजेता व्यापार स्थापित करना कीर्तिमान स्थापित किए हैं।

यूपी में खिलाड़ियों के आड़े नहीं आएगी धन की कमी

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में खिलाड़ियों के लिए उपकरण से लेकर उनकी तैयारियों, प्रशिक्षण, फिटनेस से लेकर डाइट तक के लिए राज्य सरकार की ओर से खजाना खोल दिया गया है। कमजोर तबके के उत्कृष्ट खिलाड़ियों को आर्थिक रूप से कोई समस्या न हो इसके लिए एकलव्य क्रीड़ा कोष की स्थापना की गई है। इसके तहत विभिन्न मदों में खिलाड़ियों पर करोड़ों रुपये खर्च किए जा रहे हैं। इसमें खिलाड़ियों की डाइट से लेकर खेल के दौरान चोट लगने, उनके उत्कृष्ट प्रदर्शन पर प्रोत्साहन धनराशि, खेल उपकरण के लिए अनुदान दिए जाने की व्यवस्था की गई है।

आधिकारिक सूत्रों ने शुक्रवार को बताया कि योगी सरकार के एकलव्य क्रीड़ा कोष के तहत पदक अर्जित करने वाले प्रदेश के 35 खिलाड़ियों को 31 लाख रुपये की आर्थिक सहायता खेल विभाग द्वारा उपलब्ध कराई जा चुकी है, वहीं एकलव्य कीड़ा कोष के तहत खेल संघों द्वारा आयोजित राष्ट्रीय चैम्पियनशिप में पदक विजेता खिलाड़ियों को अपने खेल विधा से संबंधित आवश्यक उपकरणों की खरीद के लिए पांच लाख रुपये तक अनुदान दिया जा रहा है। संबद्धता प्राप्त खेल संघों द्वारा 4 वर्षों में होने वाले एशियन चैम्पियनशिप, एशियन गेम्स, वर्ल्ड कप, विश्व चैम्पियनशिप तथा एशिया कप में पदक विजेता एवं प्रतिभागी खिलाड़ियों को शारीरिक विकास एवं संवर्धन के लिए डाइट मनी के रूप में तीन लाख रुपये की धनराशि प्रतिवर्ष देने का प्रावधान किया गया है।

इसी तरह जूनियर एशियन चैम्पियनशिप, जूनियर विश्व चैम्पियनशिप जूनियर वर्ल्ड कप एशियन कप, यूथ ओलम्पिक गेम्स, कॉमनवेल्थ गेम्स, सैफ गेम्स पदक विजेता एवं प्रतिभागी खिलाड़ियों को 2 लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी जा रही है। इसके अलावा ओलम्पिक गेम्स के लिए क्वालिफाई व कोचिंग कैम्प के लिए खिलाड़ियों को 5 लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी जा रही है।

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एक विजेता व्यापार स्थापित करना

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जामिया: पिछले वर्ष कई विवादों में आया नाम, इस बार स्थापित किए नए कीर्तिमान

जामिया: पिछले वर्ष कई विवादों में आया नाम, इस बार स्थापित किए नए कीर्तिमान

नई दिल्ली, 4 जुलाई (आईएएनएस)। पिछले साल कई गैर शैक्षणिक कारणों से विवाद में रहे जामिया विश्वविद्यालय ने इस वर्ष 2021 में नए एकेडमिक कीर्तिमान स्थापित किए हैं।

जामिया की टीम ने टॉयकैथॉन 2021 जीता। यहां छह शोधार्थियों को प्रधान मंत्री रिसर्च फेलोशिप मिली। जामिया के छात्रों को अंतराष्ट्रीय डायना अवार्ड 2021 और फिल्म मैकिंग के लिए इंटरनेशनल आउटस्टैंडिंग अचीवमेंट अवार्ड मिला है।

सिविल इंजीनियरिंग विभाग, जामिया मिल्लिया इस्लामिया (जेएमआई) के तीन छात्रों की एक टीम ने इस साल की टॉयकैथॉन-2021 प्रतियोगिता जीती है। यह टॉयकैथॉन शिक्षा मंत्रालय के इनोवेशन सेल, महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय, एमएसएमई मंत्रालय, कपड़ा मंत्रालय तथा सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की एक अंतर-मंत्रालयी पहल रही। जामिया के छात्रों ने एक गणितीय बोर्ड खेल बनाया गया है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वयं टॉयकैथॉन-2021 के प्रतिभागियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बातचीत की थी। टॉयकैथॉन में 1.2 लाख प्रतिभागियों थे। 17000 से अधिक आईडियाज प्रस्तुत किए। ग्रैंड फिनाले के बाद 1567 आईडियाज में से केवल 117 का चयन किया गया।

जामिया की कुलपति प्रोफेसर नजमा अख्तर ने विजेता टीम एक विजेता व्यापार स्थापित करना को बधाई दी और कहा कि अपनी स्थापना के बाद से विश्वविद्यालय राष्ट्र निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। जामिया हमेशा अपने छात्रों की छिपी प्रतिभा को बाहर लाने का प्रयास करता है, ताकि वे सफल और जिम्मेदार नागरिक बन सकें।

वहीं जामिया वास्तुकला स्नातक के छात्र कैफ अली को डायना अवार्ड 2021 से सम्मानित किया गया। डायना प्रिंसेस ऑफ वेल्स की स्मृति में स्थापित, यह पुरस्कार उनके नाम के चैरिटी द्वारा दिया जाता है। इसे उनके दोनों बेटों, द ड्यूक ऑफ कैम्ब्रिज और द ड्यूक ऑफ ससेक्स का समर्थन प्राप्त है।

कैफ ने यह शोध किया कि कैसे वास्तुकला कोविड जैसी बीमारी के प्रसार को रोकने में मदद कर सकती है। उन्होंने एक पूर्वनिर्मित टिकाऊ आश्रय तैयार किया जो न केवल वायरस के संचरण को कम करने में मदद करेगा, बल्कि भविष्य में दुनिया भर में शरणार्थियों को भी घर दे सकता है।

कैफ ने बताया कि यह डिजाइन अब नाइजीरिया के लागोस में प्रयोग किया जा रहा है। इसे भारत सरकार, राष्ट्रमंडल राष्ट्रों और संयुक्त राष्ट्र द्वारा जलवायु कार्रवाई को सुलझाने वाले शीर्ष 11 उभरते इनोवेशन स्टार्ट-अप के तहत सराहा गया है।

कला के क्षेत्र में इस वर्ष 15 जून को जामिया के छात्रों ने आर्टहाउस फिल्म फेस्टिवल में छात्र श्रेणी का आउटस्टैंडिंग अचीवमेंट अवार्ड (एलआईएएफएफ ) जीता है। जामिया के छात्रों ने एक खास फिल्म ढाई पहर ( टू एंड हाफ मोमेंट्स) बनाई है।

जामिया के 16 छात्रों ने इसी महीने प्रशासनिक सेवा की परीक्षा पास की है। जामिया की आवासीय कोचिंग अकादमी (आरसीए), में कोचिंग और प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले 16 छात्रों ने बिहार बिहार प्रशासनिक सेवा की परीक्षा पास की है। इनमें 6 लड़कियां भी शामिल हैं।

चयनित छात्रों को बिहार में एसडीएम, डीएसपी, राजस्व अधिकारी, वाणिज्यिक कर अधिकारी आदि के रूप में नियुक्त किया जाएगा।

जून में ही जामिया के सिविल इंजीनियरिंग विभाग के सहायक प्रोफेसर डॉ इबादुर रहमान द्वारा एक पर्यावरण अनुकूल सीमेंट का आविष्कार को पेंटेड मिला। प्रोफेसर डॉ इबादुर रहमान ने कहा कि एएमयू के अन्य शोधकतार्ओं के साथ किए इस अविष्कार को ऑस्ट्रेलिया सरकार द्वारा बौद्धिक संपदा के रूप में पेटेंट प्रदान किया गया है।

इससे पहले इसी साल मई में जामिया के छह शोधार्थियों को प्रतिष्ठित प्रधान मंत्री रिसर्च फेलोशिप (पीएमआरएफ) से सम्मानित किया गया। इन छात्रों को दिसंबर 2020 ड्राइव की लेटरल एंट्री स्कीम के तहत इस वर्ष मई में चुना गया है।

जिन छात्रों को प्रधानमंत्री रिसर्च फेलोशिप के लिए चुना गया है उनमें सिविल इंजीनियरिंग विभाग की फोजि़या तबस्सुम, मोमिना, इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग की अजरा मलिक, नैनोविज्ञान एवं नैनो प्रौद्योगिकी केंद्र से फिरोज खान, मूलविज्ञान की आलिया तैयब और भौतिक चिकित्सा एवं पुनर्वास विज्ञान केंद्र से आशी सैफ शामिल हैं।

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गुमशुदा नाटककार स्वदेश दीपक की स्मृति में एल्सवेयर फ़ॉउंडेशन का शुभारंभ

Swadesh-deepak

नई दिल्ली, नवंबर 15: संगीत नाटक अवार्ड विजेता नाटककार स्वदेश दीपक (जिन्होंने कोर्ट मार्शल लिखा) , 7 जून 2006 से लापता हैं जब वो घर से टहलने के लिए निकले और कभी लौट कर नहीं आये। उनकी याद में आज कला प्रबंधन विशेषज्ञ नगीना बैंस और लेखक के बेटे, सुकान्त दीपक ने एल्सवेयर फ़ॉउंडेशन की स्थापना करने की घोषणा की। चंडीगढ़ स्थित एल्सवेयर फ़ॉउंडेशन किसी एक शहर तक सीमित नहीं रहेगा बल्कि इसका उद्देश्य देश भर में प्रदर्शनों, फिल्म स्क्रीनिंग, कला प्रदर्शनियों और कार्यशालाओं, व्याख्यानों, और पुस्तक वाचन संगोष्ठियों को संचालित करना और देश भर में विभिन्न कलाओं के बीच सहयोग की सुविधा प्रदान करना है।फाउंडेशन की पहली प्रस्तुति, महमूद फ़ारूक़ी की 'दास्ताँ-ए-कर्ण अज़ महाभारत' 16 नवंबर को चंडीगढ़ के रॉक गार्डन में होगी। इसमें योद्धा कर्ण की उस कहानी को फिर से सुनाने का प्रयास किया जायेगा जो उर्दू, फारसी, हिंदी और संस्कृत के उन स्रोतों पर आधारित है जिनमे कर्ण के जन्म से लेकर एक विजेता व्यापार स्थापित करना उनकी मृत्यु तक उनके जीवन की पड़ताल की गयी है। मीडिया से बात करते हुए सुकान्त दीपक ने कहा -"कला के विभिन्न रूपों के बीच सहयोग और समकालीन राजनीतिक और सामाजिक मुद्दों पर कला के माध्यम से बात रखने में मुझे हमेशा दिलचस्पी रही है। हालाँकि ये फाउंडेशन मेरे पिता की स्मृति में स्थापित किया गया है मगर इसका उद्देश्य उनके कामों का प्रचार करना नहीं है- वो ये बात कभी पसंद नहीं करते। सच कहूँ तो नगीना के प्रोत्साहन और प्रबंधन के क्षेत्र में उनकी महारत के बल पर ही ये विचार एक ठोस रूप ले पाया है। मुझे उम्मीद है की कलाकार और दर्शक हमारे प्रयास की सराहना करेंगे।" इस अवसर पर सह-संस्थापक नगीना बैंस ने कहा ,"आत्म-खोज की मेरी यात्रा में एल्सवेयर फ़ॉउंडेशन मेरे मूल्यों के सबसे क़रीब है। हम एक क्षेत्र के कलाकारों के काम को दूसरे क्षेत्र के कलाकारों के सामने प्रस्तुत करना चाहते हैं। और फाउंडेशन का उद्देश्य इन सब से कहीं ज़्यादा बड़ा है। एक विजेता व्यापार स्थापित करना कला शिक्षा, कलाकारों के साथ बातचीत, और कला परियोजनाओं के द्वारा सामाजिक विषयों पर काम करना हमारा प्रमुख एजेंडा है।"

फाउंडेशन की सलाहकार समिति में पद्म भूषण पुरस्कार विजेता मल्लिका साराभाई (शास्त्रीय नर्तक और अभिनेत्री), पद्म श्री पुरस्कार विजेता नीलम मानसिंह चौधरी (रंगमंच निर्देशक), साहित्य अकादमी पुरस्कार विजेता लेखक और कवि जेरी पिंटो, पूजा सूद (निर्देशक, खोज), रवि सिंह (प्रकाशक, स्पीकिंग टाइगर), दीवान मन्ना (फोटोग्राफर), निरुपमा दत्त (कवि और आलोचक) और चंदर त्रिखा (निदेशक, हरियाणा साहित्य अकादमी और हरियाणा उर्दू अकादमी) शामिल हैं। फाउंडेशन के बारे में बात करते हुए लेखक और कोच्ची बीएनेल फाउंडेशन के ट्रस्टी एन एस मादवन ने कहा -" मुझे एल्सवेयर फ़ॉउंडेशन से बड़ी उम्मीदें हैं -ये एक ऐसा मंच है जो विभिन्न कलाओं और उनके संगम का स्वागत करता है। दुनिया भर में अलग-अलग प्रकार की कलाएं एक साथ जुड़ रही हैं और एकल कलाओं का जड़ स्वरुप अब बाक़ी नहीं रहा। हमें अब इस बाइनरी से बाहर आना होगा। यह बेहद ज़रूरी है एक क्षेत्र के दर्शकों को अन्य क्षेत्रों के विभिन्न कला रूपों से अवगत कराया जाए। कला का आदान-प्रदान एक बेहतरीन विचार है।" नीलम मानसिंह चौधरी ने कहा -"महमूद फ़ारूक़ी एक बेहतरीन दास्ताँगो हैं। ये एक बड़ी उपलब्धि है कि एल्सवेयर फ़ॉउंडेशन ने उन्हें 16 नवंबर को चंडीगढ़ में दास्तानगोई के लिए आमंत्रित किया है। दर्शक एक लाजवाब कलाकार को देखेंगे, अनुभव करेंगे और उम्मीद है की कला पर दिलचस्प बातें की जाएँगी।" साहित्य अकादमी पुरस्कार विजेता कवी अरुंधति सुब्रमण्यम ने एल्सवेयर फ़ॉउंडेशन के बारे में कहा -"एक ऐसे समय में जब हम सब ये समझने का प्रयास कर रहे हैं की कैसे अपनी जड़ों से जुड़े रह कर वैश्विक एक विजेता व्यापार स्थापित करना नजरिया अपनाया जाये, कैसे बिना अलग-थलग हुए स्थानीयता अपनायी जाये, कैसे बिना खुद को अलग किये अपनी अलग पहचान क़ायम रखी जाये, एल्सवेयर फ़ॉउंडेशन सही दिशा में एक बेहतरीन क़दम है। मुझे ये जानकार बेहद ख़ुशी हुई की ये पहल एक बेहतरीन लेखक की याद में की गई है और इसका उद्देश्य उन रूढ़िवादी विचारों की दीवारों को तोड़ कर संवाद स्थापित करना है जिसने इस दुनिया को बाँट रखा है।"

राष्ट्रीय अवार्ड विजेता गीतकार, लेखक और फ़िल्म निर्माता वरुण ग्रोवर ने कहा -"यह देखते हुए कि हम भूल गए हैं कि यह देश कैसे जुड़ा हुआ है, इस तरह की एक स्वतंत्र पहल आज के समय में बेहद महत्वपूर्ण हो जाती है। किसी एक भौगोलिक क्षेत्र में सिमट कर नहीं रहने का एल्सवेयर फाउंडेशन का विचार लोगों को एक दूसरे के नज़दीक लाएगा। लोग कलाकारों के माध्यम से कला के उन रूपों से रूबरू होंगे जिन्हे आम तौर पर वे नहीं देख पाते हैं।" फ़िल्म निर्माता और मानव विज्ञानी आशीष अविकुंठक को लगता है -"स्वदेश दीपक की रचनाएँ उस शानदार गुण का प्रतीक हैं जिसके अनुसार एक व्यक्ति बाहरी दुनिया से रूबरू होते हुए भी अपनी अंतरात्मा से गहराई से जुड़ा होता है। उनकी रचनाओं के केंद्र में अंतरात्मा की यात्रा की एक भ्रमणशील कल्पना थी। एल्सवेयर फाउंडेशन इसी वैचारिक सार की अनंत संभावनाओं को लेकर आज के समय को अद्भुत कला-यात्राओं के माध्यम से समझना चाहता है। यह कला, प्रदर्शन, संगीत, फिल्मों और साहित्य के बीच आज की तारीख़ में ज़रूरी हो चुकी बहुआयामी बातचीत को बढ़ावा देने का प्रयास करता है ताकि हमारी दुनिया में नए और सफ़ल प्रयोग किये जा सकें।”

संस्थापकों का परिचय

नगीना बैंस- उन्हें मीडिया, कला प्रबंधन और मेहमान-नवाज़ी के क्षेत्र में शीर्ष कंपनियों के साथ काम करने का लम्बा और व्यापक अनुभव है। भारत के कुछ प्रमुख समाचार पत्रों के साथ उनके लेखन के अनुभव ने राजनीति, जीवन शैली, शिक्षा, भोजन, समाज और जीवन के बारे में उनकी समझ को समृद्ध किया है।

सुकान्त दीपक- वो कला और साहित्य पर पिछले दो दशक से लिख रहे हैं। सुकांत का निबंध, 'पापा, एल्सवेयर' स्पीकिंग टाइगर द्वारा प्रकाशित संग्रह 'ए बुक ऑफ लाइट' का हिस्सा था। आजकल वो स्वदेश दीपक की कहानियों के संग्रह का अनुवाद कर रहे हैं जिसका 2023 में प्रकाशन होना है।

जरुरी जानकारी | अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेला जैसी एक प्रदर्शनी गर्मियों में भी आयोजित की जाएः गोयल

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on Information at LatestLY हिन्दी. वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने भारतीय अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेला (आईआईटीएफ) की तर्ज पर एक प्रदर्शनी मई-जून में आयोजित करने का सोमवार को सुझाव देते हुए कहा कि इसमें स्वदेशी क्षमताओं और इसकी बढ़ती ताकत को दर्शाया जा सकता है।

जरुरी जानकारी | अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेला जैसी एक प्रदर्शनी गर्मियों में भी आयोजित की जाएः गोयल

नयी दिल्ली, 14 नवंबर वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने भारतीय अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेला (आईआईटीएफ) की तर्ज पर एक प्रदर्शनी मई-जून में आयोजित करने का सोमवार को सुझाव देते हुए कहा कि इसमें स्वदेशी क्षमताओं और इसकी बढ़ती ताकत को दर्शाया जा सकता है।

गोयल ने यहां के प्रगति मैदान में आयोजित आईआईटीएफ का उद्घाटन करते हुए कहा कि गर्मियों में होने वाली उस प्रदर्शनी में महिला उद्यमियों और एमएसएमई इकाइयों को शामिल होने के लिए खास तौर पर प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।

गोयल ने कहा, "भारत की क्षमता में खासी बढ़ोतरी हुई है। क्या हम आईआईटीएफ की ही तरह की एक प्रदर्शनी गर्मियों में भी आयोजित कर सकते हैं ? उस समय लोग उत्तर भारतीय इलाकों में जाने के लिए दिल्ली से होकर गुजरते हैं। हमें वह प्रदर्शनी मई-जून में आयोजित करने के बारे में सोचना चाहिए जिसमें स्टार्टअप, एमएसएमई और व्यापार संगठनों पर खास ध्यान दिया जाए। क्या हम अपनी स्वदेशी क्षमताओं के प्रदर्शन के लिए एक स्वदेशी मेला आयोजित कर सकते हैं?"

उन्होंने कहा कि गर्मियों में होने वाली इस प्रदर्शनी को लोकप्रिय बनाने के लिए इंडिया ट्रेड प्रमोशन ऑर्गनाइजेशन (आईटीपीओ) इसे 'न नफा, न नुकसान' के मॉडल पर आयोजित करने के बारे में सोच सकता है। आईआईटीएफ का भी आयोजन आईटीपीओ ही करता है।

इसके साथ ही उन्होंने रामनवमी या दिवाली के समय अयोध्या में भी एक व्यापार मेला आयोजित करने का सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि अयोध्या का मेला पर्यटकों के लिए एक आकर्षक गंतव्य बन सकता है।

प्रगति मैदान में 14-17 नवंबर तक चलने वाले आईआईटीएफ में ब्रिटेन और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) समेत 12 देशों के अलावा घरेलू स्तर के भी करीब 2,500 प्रतिभागी शिरकत कर रहे हैं।

इस साल बिहार, झारखंड एवं महाराष्ट्र इस मेले में साझेदार राज्य हैं जबकि उत्तर प्रदेश और केरल फोकस राज्य हैं। लेह-लद्दाख पहली बार इस मेले में शामिल हो रहे हैं।

(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)

एनटीपीसी लिमिटेड को दी “स्वर्ण शक्ति” विजेता ट्रॉफी

बिहार के भागलपुर जिले में अवस्थित एनटीपीसी लिमिटेड के कहलगांव बिजली संयंत्र को “स्वर्ण शक्ति एवार्ड” कार्यक्रम के तहत सुरक्षा श्रेणी में उत्कृष्ट कार्य के लिए प्रतिष्ठित “स्वर्ण शक्ति” का विजेता ट्रॉफी प्रदान किया गया है।

केन्द्रीय ऊर्जा मंत्री आर. के. सिंह ने नईदिल्ली में आयोजित एनटीपीसी के एक कार्यक्रम में पूर्वी क्षेत्र-एक के कार्यकारी निदेशक डीएस बाबजी एवं कहलगांव संयंत्र के मुख्य महाप्रबंधक अरिंदम सिन्हा को केन्द्रीय ऊर्जा राज्यमंत्री कृष्ण पाल, केन्द्रीय ऊर्जा सचिव आलोक कुमार तथा एनटीपीसी के अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक गुरुदेव सिंह की उपस्थिति में यह सम्मान दिया।

एनटीपीसी विद्युम परियोजनाओं को, सभी क्षेत्रों में श्रेष्ठता के लक्ष्यों को प्राप्त करने की दिशा में प्रयासरत रहते हुए कर्मचारियों को बेहतर प्रदर्शन करने के प्रति प्रोत्साहित करने के उददेश्य से “ स्वर्ण शक्ति पुरस्कार” उत्पादकता, सुरक्षा, कर्मचारी संबंध, पर्यावरण संरक्षण और सुधार, राजभाषा, सर्वोत्तम स्वास्थ्य सुविधाएं, सीएसआर और सामुदायिक विकास और परियोजना प्रबंध के क्षेत्रों में दिए जाते हैं।

कहलगांव बिजली संयंत्र में मुख्य प्लांट प्रचालन शून्य दुर्घटना रहा तथा ओवर हालिंग कार्य भी दुर्घटना मुक्त रही है। कर्मचारियों एवं कार्यरत संविदाकर्मियों में सुरक्षा के प्रति संचेतना पैदा करने के लिए वर्ष भर सुरक्षा विभाग की ओर से सड़क सुरक्षा, विद्युत सुरक्षा, अग्नि सुरक्षा, गृह सुरक्षा आदि के बारे में कार्यक्रम चलाए गए। जिसमे कहलगांव बिजली संयंत्र को देश में एनटीपीसी के सभी बिजली संयंत्रों में से श्रेष्ठ घोषित किया गया है।

इधर, एनटीपीसी के पूर्वी क्षेत्र-एक के कार्यकारी निदेशक डीएस बाबजी एवं कहलगांव संयंत्र के मुख्य महाप्रबंधक अरिंदम सिन्हा ने इस विशेष सम्मान पर कहलगांव संयंत्र के अधिकारियों तथा कर्मचारियों की टीम को इस प्रतिष्ठित पुरस्कार और इस बिजली संयंत्र को एक सुरक्षित कार्यस्थल बनाने की उनकी निरंतर कड़ी मेहनत और प्रतिबद्धता के लिए बधाई दी है।

इस बीच कहलगांव बिजली संयंत्र कर्मियों के बीच इस संयंत्र को सुरक्षा (ओ एंड एम) श्रेणी में प्रतिष्ठित “स्वर्ण शक्ति” के विजेता ट्रॉफी से सम्मानित होने से हर्ष का माहौल है। इस मौके पर सभी एनटीपीसी कर्मियों ने आत्मविश्वास एवं गौरव के साथ और भी बेहतर प्रदर्शन करते हुए कहलगांव बिजली संयंत्र के लिए सम्मान अर्जित करने का संकल्प दोहराया है।

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