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क्रिप्टो करेंसी से क्या-क्या नुकसान है

क्रिप्टो करेंसी से क्या-क्या नुकसान है
क्रिप्टो को लेकर घट रहा निवेशकों का उत्साह
एक तरफ क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने वाले निवेशकों को नुकसान हो रहा. इसके बावजूद टैक्स का भार उन पर आ रहा है. जिससे अप्रैल से 30 फीसदी टैक्स का प्रावधान अमल में आने के बाद से क्रिप्टो में निवेश करने को लेकर निवेशकों के उत्साह में कमी आई है. क्रिप्टो के निवेशक अब रोजाना ट्रेंडिंग से पहेज कर लंबी अवधि के लिए निवेश कर रहे हैं. इससे देसी क्रिप्टो एक्सचेंज के वॉल्यूम और रेवेन्यू में गिरावट आई है. निवेशक अब गेमिंग और मेटावर्स से जुड़े क्रिप्टोकॉइन्स में निवेश की संभावना तलाश रहे हैं.

Cryptocurrency: क्रिप्टोकरेंसी में निवेश से होने वाले फायदे नुकसान पर टैक्स के प्रावधान पर फैले भ्रम को सरकार किया खत्म, जानें क्या बोले वित्त राज्यमंत्री

By: ABP Live | Updated at : 21 Mar 2022 05:45 PM (IST)

Edited By: manishkumar

Cryptocurrency: क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने नाले निवेशकों के बुरी खबर है. क्रिप्टोकरेंसी निवेशकों को एक क्रिप्टोकरेंसी से हुए लाभ को दूसरे क्रिप्टोकरेंसी में हुए नुकसान की भरपाई करने की इजाजत नहीं दी जाएगी. सरकार ने ये बातें लोकसभा में कही है. सरकार के इस जवाब से क्रिप्टोकरेंसी में निवेश के बाद टैक्स लगाने की नियम को स्पष्ट करता है. पहले निवेशकों के बीच भ्रम था कि लाभ और हानि की गणना कैसे की जाएगी.

उदाहरण के जरिए आपको समझाते हैं मान लिजिए किसी निवेशक ने बिट्कॉइन और एथेरियम दोनों क्रिप्टोकरेंसी में निवेश किया है. और उसे बिट्कॉइन में निवेश से 1 लाख रुपये का फायदा होता है और एथेरियम में निवेश से 1 लाख का नुकसान होता है तो भी निवेशक को 1 लाख रुपये पर 30 फीसदी के दर से टैक्स का भुगतान करना होगा. दरअसल प्रॉपर्टी, शेयरों में निवेश से होने वाले प्रॉफिट लॉस को एडस्ट करने का प्रावधान है. लेकिन क्रिप्टोकरेंसी को इस प्रावधान से अलग रखा गया है.

क्रिप्टो करेंसी में आई भारी गिरावट, बिटकॉइन, इथीरियम धड़ाम, अमेरिका में बढ़ती महंगाई बनी वजह

Cryptocurrency: अमेरिका में बढ़ती महंगाई और रिटेल इंफ्लेशन की रिपोर्ट के बाद क्रिप्टोकरेंसी में तेज गिरावट देखने को मिली. गुरुवार को सुबह शुरुआती कारोबार में क्रिप्टो 4-6 फीसदी नीचे रहा.

Cryptocurrency: महंगाई पर उम्मीद से बदतर आई रिपोर्ट के बाद अमेरिकी शेयर बाजार पर इसका असर देखने को मिल रहा है और शेयर लगभग 2 साल के अपने सबसे कमजोर स्तर तक जा रहे हैं. अमेरिका में रिटेल इंफ्लेशन की रिपोर्ट आने के बाद गुरुवार की सुबह S&P 500 कारोबार में 1.4 फीसदी नीचे था. रिपोर्ट में महंगाई दर अधिक व्यापक रूप से फैल रही है और यह अपने 40 साल में सबसे ऊपरी स्तर पर जा रही है. इसे देखते हुए फेड को ब्याज दरों में और बढ़ोतरी करनी पड़ सकती है और मंदी की भी आशंका की जा सकती है. वहीं क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) में भी 4-6 क्रिप्टो करेंसी से क्या-क्या नुकसान है फीसदी तक गिरावट देखने को मिली.

क्रिप्टो में आई 4 फीसदी की गिरावट

गुरुवार को क्रिप्टोकरेंसी में 4 से 6 फीसदी तक की गिरावट देखने को मिली. BITCOIN 3.5 फीसदी की गिरावट पर ट्रेड कर रहा था और ETHEREUM भी 3.13 फीसदी की गिरावट के साथ कारोबार कर रहे थे. टेक कंपनियों ने वॉल स्ट्रीट पर शेयरों की गिरावट का नेतृत्व किया. वहीं सोना भी 1.5 फीसदी की गिराट क्रिप्टो करेंसी से क्या-क्या नुकसान है पर था.

सुबह 10 बजे के करीब Dow Jones Industrial Average 287 अंक या 1 फीसदी तक गिरकर 28,923 पर आ गई. वहीं नैस्डैक (Nasdaq) कंपोजिट 2.2% कम था. गुरुवार सुबह ट्रेडिंग की शुरुआत में तीनों इंडेक्स नीचे थे, जिसमें एसएंडपी 500 2.4% और डॉव 549 अंक नीचे था. चार दशकों में सबसे खराब मुद्रास्फीति की चिंता और फेडरल रिजर्व के कठोर उपायों के बीच स्टॉक्स में इस उनके वैल्यू के एक चौथाई की गिरावट आ चुकी है.

फेड के इन उपायों ने न केवल कर्ज को अधिक महंगा और विकास दरों की धीमा किया है, बल्कि ये स्टॉक, क्रिप्टोकरेंसी और लगभग हर दूसरे निवेश की कीमतों को भी गिराते है, क्योंकि उनका मतलब है कि बॉन्ड ब्याज में अधिक भुगतान कर रहे हैं, जो डॉलर को अन्य निवेश से दूर खींचता है.

डेली अपडेट्स

यह एडिटोरियल 14/09/2022 को लाइवमिंट में प्रकाशित “Let’s take an inclusive approach to the regulation of crypto assets” लेख पर आधारित है। इसमें भारत में क्रिप्टोकरेंसी के भविष्य और संबंधित मुद्दों के बारे में चर्चा की गई है।

भारत में और विश्व भर में खरीद, बिक्री और ट्रेडिंग जैसी वित्तीय गतिविधियों को सुविधाजनक बनाने के एक माध्यम के रूप में निवेशकों के बीच क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) की मात्रा और लोकप्रियता में वृद्धि हुई है। संयुक्त राष्ट्र व्यापार और विकास अभिसमय रिपोर ्ट 2021 के अनुसार, वर्ष 2021 में 7.3% भारतीय क्रिप्टोकरेंसी का स्वामित्व रखते थे।

यह सराहनीय है कि भारत जीवन के लगभग हर पहलू में ही तेज़ी से डिजिटलीकरण की ओर आगे बढ़ रहा है लेकिन इसके साथ ही एक अंतर्निहित चिंता भी है जिस पर तत्काल ध्यान देने की आवश्यकता है। चिंता यह है कि वर्तमान में भारत के पास क्रिप्टो परिसंपत्ति बाज़ार क्रिप्टो करेंसी से क्या-क्या नुकसान है को नियंत्रित करने के लिये कोई भी नियामक ढाँचा मौजूद नहीं है।

क्रिप्टोकरेंसी क्या है?

  • क्रिप्टोकरेंसी रुपया या अमेरिकी डॉलर की ही तरह विनिमय का एक माध्यम है, लेकिन यह प्रारूप में डिजिटल है जो मौद्रिक इकाइयों के सृजन को नियंत्रित करने और धन के विनिमय को सत्यापित करने के लिये एन्क्रिप्शन तकनीकों (Encryption techniques) का उपयोग करती है।
  • बिटकॉइन (Bitcoin) विश्व की सबसे प्रसिद्ध क्रिप्टोरेंसी है जो बाज़ार पूंजीकरण के अनुसार विश्व की सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी भी है।
  • अधिकांश क्रिप्टोकरेंसी को राष्ट्रीय सरकारों द्वारा विनियमित नहीं किया जाता है; उन्हें वैकल्पिक मुद्रा या वित्तीय विनिमय के साधन के रूप में देखा जाता है जो राज्य की मौद्रिक नीति के दायरे से बाहर होते हैं।
    • सितंबर 2021 में अल साल्वाडोर विश्व का ऐसा पहला देश बन गया जिसने बिटकॉइन को वैध मुद्रा/लीगल टेंडर के रूप में मान्यता प्रदान की।

    क्रिप्टोकरेंसी से संबद्ध संदिग्ध क्षेत्र

    • अस्थिर प्रकृति: क्रिप्टोकरेंसी एक तरह का सट्टा है। इसमें अधिक मात्रा में निवेश बाज़ार अस्थिरता (Market Volatility) उत्पन्न करता है, यानी कीमतों में उतार-चढ़ाव को अवसर देता है जिसके परिणामस्वरूप लोगों को भारी नुकसान हो सकता है।
    • विश्वसनीयता और सुरक्षा: चूँकि क्रिप्टोकरेंसी लेन-देन का एक डिजिटल मोड है, यह हैकर्स, आतंकी वित्तपोषण और ड्रग लेनदेन के लिये एक अत्यंत आम मंच बन गया है।
      • उदाहरण के लिये, अपराधियों द्वारा बिटकॉइन में फिरौती का भुगतान करने के लिये ‘वन्नाक्राई’ वायरस का उपयोग किया गया था।
      • इसके अलावा, क्रिप्टोकरेंसी को मुद्रा, वस्तु या प्रतिभूति के रूप में परिभाषित नहीं किया गया है।
      • उदाहरण के लिये, भारत में केवल RBI के पास ही नकदी सृजन का अधिकार है जिसे वह न्यूनतम रिज़र्व सिस्टम बनाए रखते हुए करता है। यह मांग और आपूर्ति का एक संतुलन बनाए रखता है।
        • लेकिन क्रिप्टोकरेंसी वित्तीय संस्थागत नियमों पर निर्भर नहीं होती बल्कि एन्क्रिप्टेड और प्रोटेक्टेड होती है जिससे पूर्वनिर्धारित एल्गोरिथम रेट पर धन की आपूर्ति में वृद्धि करना कठिन हो जाता है।

        UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न:

        प्रश्न:“ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी” के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (वर्ष 2020)

        1. यह एक सार्वजनिक बहीखाता है जिसका निरीक्षण हर कोई कर सकता है, लेकिन जिसे कोई एकल उपयोगकर्त्ता नियंत्रित नहीं करता है।
        2. ब्लॉकचेन की संरचनाऔर डिज़ाइन ऐसा है कि इसमें मौजूद सारा डेटा क्रिप्टोकरेंसी के बारे में ही होता है ।
        3. ब्लॉकचेन की बुनियादी सुविधाओं पर निर्भर एप्लीकेशन बिना किसी की अनुमति के विकसित किये जा सकते हैं।

        उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?

        (a) केवल 1
        (b) केवल 1 और 2
        (c) केवल 2
        (d) केवल 1 और 3

        उत्तर: (d)

        प्रश्न. हाल ही में कभी-कभी समाचारों में आने वाले शब्द 'वानाक्राई, पेट्या और इंटर्नलब्लू' निम्नलिखित में से किससे संबंधित हैं (2018)

        E-rupee: बिटकॉइन की तर्ज पर RBI के डिजिटल करेंसी लाने के क्या हैं नफा-नुकसान, यहां समझिए

        ई रुपी.

        RBI का कामकाज
        RBI के गवर्नर की कोशिश यह रहती है वह लोगों की परचेजिंग पावर को ठीक स्तर पर बनाए रखे और महंगाई को काबू में रखने की कोशिश करे। ई-रुपी के संदर्भ में RBI अपने वादे पर कैसे अमल कर सकता है? दुनिया भर के केंद्रीय बैंक अपनी मुद्रा को डिजिटल फॉर्म में लाने से जुड़े मसले पर काम करने में जुटे हैं।

        डिजिटल करेंसी से जुड़ा डर

        दुनिया भर के केंद्रीय बैंक को यह आशंका है कि उनकी डिजिटल करेंसी को निजी क्रिप्टोकरेंसी रिप्लेस कर सकती है। दुनिया भर में बिटकॉइन जैसी क्रिप्टोकरेंसी का क्रेज बढ़ रहा है और बावजूद इसके क्रिप्टो अब तक परंपरागत मुद्रा को रिप्लेस करने में सफल नहीं हो पा रही है। इसकी सबसे बड़ी वजह क्रिप्टो के भाव में होने वाला भारी उतार-चढ़ाव है। इसके बाद जब सोशल मीडिया दिग्गज फेसबुक ने अपनी क्रिप्टो डिएम लाने और उसे डॉलर से बैकअप देने की बात की तो केंद्रीय बैंक के माथे पर बल पर गया।

        डिजिटल मुद्रा के नुकसान

        ई-रुपी जैसी डिजिटल मुद्रा का एक नुकसान यह हो सकता है कि इससे लोगों की प्राइवेसी खत्म हो सकती है। नकदी के ट्रांजेक्शन में लोगों की पहचान गुप्त रहती है। कहीं से खरीदारी करने पर कैश पेमेंट में कोई पहचान नहीं रहती। सरकार अगर डिजिटल ट्रांजेक्शन को ट्रैक कर सके, तो इससे बहुत से लोगों को परेशानी हो सकती है।

        Cryptocurrency: 30 फीसदी टैक्स के प्रावधान के अमल में आने के बाद, क्या घट रहा क्रिप्टोकरेंसी के प्रति निवेशकों का रुझान?

        By: ABP Live | Updated at : 10 May 2022 12:48 PM (IST)

        Cryptocurrency: एक अप्रैल 2022 से शुरु हुए नए वित्त वर्ष से क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) से होने वाली कमाई पर 30 फीसदी टैक्स ( Tax) का प्रावधान लागू हो चुका है. लेकिन निवेशकों की मुश्किल ये है कि क्रिप्टोकरेंसी में हाल के दिनों में बड़ी गिरावट आई है. अगर आपने एक साल पहले एक लाख रुपये बिट्कॉइन में लगाया हुआ होता तो उसका वैल्यू घटकर आज की तारीख में 56,000 रुपये केवल रह गया है. निवेशकों को 44,000 करोड़ रुपये का नुकसान हो रहा है. लेकिन उनकी मुश्किल ये है कि दूसरे इनकम के सोर्स से इस नुकसान की भरपाई नहीं की जा सकती है.

        क्रिप्टो नुकसान के बावजूद देना होगा TDS
        वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने क्रिप्टोकरेंसी पर 30 फीसदी कैपिटल गेस टैक्स ( Capital Gain Tax) लगाने का ऐलान किया था. लेकिन आपको बता दें जो निवेशक क्रिप्टोकरेंसी को मुनाफे में नहीं भी बेचते हैं उन्हें भी टैक्स चुकाना होगा. ऐसे क्रिप्टो में निवेश करने वाले निवेशकों को एक फीसदी टीडीएस का भुगतान करना होगा जिससे सरकार क्रिप्टोकरेंसी में लेन-देन करने वालों के ठौर ठिकानों का पता लगा सके. क्रिप्टो को लाभ में बेचने पर 30 प्रतिशत का टैक्स देना होगा. लेकिन लाभ में नहीं बेचने पर भी एक प्रतिशत का टीडीएस देना होगा जिससे ये पता चलेगा कि कहां-कहां क्रिप्टो का लेनदेन हुआ है. क्रिप्टोकरेंसी पर एक फीसदी टीडीएस लगाये जाने का प्रावधान एक जुलाई 2022 से लागू होने जा रहा है.

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