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क्या इंट्रा डे ट्रेडिंग में ट्रिगर कीमत है?

क्या इंट्रा डे ट्रेडिंग में ट्रिगर कीमत है?
कैश एंड कैरी ऑर्डर

शेयर मार्केट में स्टॉप लॉस क्या होता है शेयर बाजार के नियम

शेयर मार्केट में stop-loss क्या है square of order क्या हैं trigger piece क्या है Cass on carry और mic order क्या है उपयुक्त बहुत सारे शब्द जो शेयर मार्केट में प्रयोग किए जाते हैं जैसे कि stop-loss , square of order , trigger price, Cass on carry , mic order इंट्राडे ट्रेडिंग इक्विटी और कमोडिटी , ऑप्शन और फ्यूचर आदि शब्दों के बारे में संपूर्ण जानकारी

Stop loss क्या है

मान लीजिए कोई भी शेयर आपने ₹100 प्रति शेयर के हिसाब से खरीदा क्या इंट्रा डे ट्रेडिंग में ट्रिगर कीमत है? और वह ₹100 से नीचे ट्रेड करने लगा तो आपको जाहिर है नुकसान होने लगेगा इसी नुकसान को रोकने के लिए stop-loss का आर्डर लगाते हैं जैसे आपने ₹100 प्रति शेयर खरीदा है तो stop-loss का आर्डर अपनी समर्थ अनुसार ₹95 के आसपास लगाकर ऑर्डर कर देते हैं इस आर्डर में आपके शेयर बिकेंगे नहीं जब तक आपका शेयर ₹95 पर नहीं आ जाएगा और जैसे ही सर आपका ₹100 से 95 के भी नीचे ₹80 ₹75 में चला जाएगा तो आपको stop-loss ऑर्डर के वजह से ₹95 में ही बिक जाएगा और ₹5 पर शेयर के हिसाब से आपका नुकसान फिक्स हो जाएगा जबकि मौजूदा शेयर की कीमत ₹80 प्रति शेयर पहुंच चुकी होगी
और यहीं शर्त सेल करने पर भी लागू होगी मान लो कोई भी शेयर ₹100 पर शेयर के हिसाब से आप सेल करते हैं और वह शेयर 101/ 102 रुपए में पहुंच जाता है तो आपको लॉस होने लगेगा उसी लॉस को रोकने के लिए मान लीजिए आप ने ₹105 में stop-loss लगा दिया है यदि ₹105 से ऊपर अगर शेर जाएगा तो आपको ₹5 पर क्या इंट्रा डे ट्रेडिंग में ट्रिगर कीमत है? शेयर का स्टॉपलॉस बुक हो जाएगा अब वहां से 110/ 115 में जाने से भी आपका ₹5 पर शेयर के हिसाब से लॉस बुक हो जाएगा
स्टॉप लॉस लगाने से आपको ज्यादा नुकसान की संभावनाएं कम हो जाती है

इंट्राडे ट्रेडिंग टिप्स – Intraday Trading Tips in Hindi

रेगुलर शेयर बाजार में निवेश करने की तुलना में इंट्राडे ट्रेडिंग जोखिम भरा है. घाटे से बचने के लिए, विशेष रूप से शुरुआती लोगों के लिए, इस तरह के ट्रेडिंग की मूल बातें समझना महत्वपूर्ण है. इंट्राडे ट्रेडिंग में आपको केवल उतनी ही राशि का निवेश करें जो की अगर डूब जाए तो आप उसे सह सके.

जब कोई निवेशक किसी एक शेयर को खरीदकर वह उस शेयर को उसी दिन मार्किट बंद होने से पहले बेच देता है तो इसे इंट्राडे ट्रेडिंग कहा जाता है. इसमें आप एक ही दिन में लाखों रूपए भी कमा सकते हो और गवां भी सकते हो इसलिए आपको इसके बारे में अच्छी जानकारी होना काफी जरुरी है

नीचे दी गयी इंट्राडे ट्रेडिंग टिप्स से निवेशकों को सही निर्णय लेने में मदद मिलेगी.

दो या तीन लिक्विड शेयर चुनें

इंट्राडे ट्रेडिंग में ट्रेडिंग समय के अंत से होने से पहले सभी शेयर्स को बेचना होता है. यही कारण है कि दो या तीन लार्ज-कैप शेयरों को चुनने की सिफारिश की जाती है जो अत्यधिक तरल अर्थात जिसमे ज्यादा पैसा लगा होता हैं. मिड-साइज़ या स्मॉल-कैप में निवेश करने से निवेशक को कम ट्रेडिंग वॉल्यूम के कारण इन शेयरों को रखना पड़ सकता है.

प्रवेश स्तर का मतलब है आप किसी शेयर को कितने price में खरीदना चाहते हैं और लक्ष्य मूल्य (Target Price) का अर्थ है आप उसी शेयर को कितने price पर बेचना चाहते हैं.

कोई भी शेयर खरीदने से पहले, आपको अपना प्रवेश स्तर (Entry Level) और लक्ष्य मूल्य (Target Price) निर्धारित करना होगा. शेयर क्या इंट्रा डे ट्रेडिंग में ट्रिगर कीमत है? खरीदने के बाद किसी व्यक्ति के मनोविज्ञान में बदलाव आना आम बात है. नतीजतन, आप कीमत में मामूली वृद्धि देखने पर भी बेच सकते हैं. इसके कारण, आप मूल्य वृद्धि के कारण उच्च लाभ का लाभ उठाने का अवसर खो सकते हैं.

कम प्रभाव के लिए स्टॉप लॉस का उपयोग करें

यदि शेयर कीमत एक निर्धारित सीमा से नीचे आती है तब स्टॉप लॉस का उपयोग शेयरों को स्वचालित (Automatic) रूप से बेचने के लिए किया जाता है, यह स्टॉक की कीमतों में गिरावट के कारण निवेशकों के लिए होने वाले नुकसान को कम करने में फायदेमंद है.

जिन निवेशकों ने शॉर्ट सेलिंग का इस्तेमाल किया है अगर शेयर की कीमत उनकी उम्मीदों से अधिक हो जाती है उनके लिए स्टॉप लॉस नुकसान को कम करता है. यह इंट्राडे ट्रेडिंग रणनीति यह सुनिश्चित क्या इंट्रा डे ट्रेडिंग में ट्रिगर कीमत है? करती है कि आपके निर्णय से भावनाएं समाप्त हो जाएं.

क्या है Stop Loss और Target Price?

A man walks out of the Bombay Stock Exchange (BSE) building in Mumbai

Stop Loss का इस्तेमाल इसलिए किया जाता है ताकि शेयर बाजार के उतार-चढ़ाव के दौर में आप नुकसान से बच सकें

आपका शेयर ब्रोकर हर शेयर के लिए एक टार्गेट प्राइस (Target Price) बताता है. मान लीजिये आप ए कंपनी का शेयर खरीदना चाहते हैं. अभी इसकी कीमत 100 रुपये है. ब्रोकर आपको बताएगा कि तीन महीने में इसकी कीमत बढ़कर 120 रुपये हो जाएगी.

इसका मतलब यह है कि आपने 100 रुपये की कीमत पर ए के शेयर को 120 रुपये के Target Price के साथ खरीदा है. आप 120 रुपये की कीमत पर पहुंचने पर इस शेयर को बेचकर मुनाफा हासिल कर सकते हैं.

शेयर मार्केट में ट्रिगर प्राइस क्या हैं (What is Trigger Price)

शेयर मार्केट में दो प्रकार से आर्डर को एग्जीक्यूट किए जाते हैं. पहला Buy और दूसरा Sell. ट्रिगर प्राइस का प्रयोग मार्केट में buy ओर sell के आर्डर को एक्टिवेट करने के लिए उपयोग करते हैं।

ट्रिगर प्राइस को आप buy करने के लिए या फिर sell करने के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं। जब किसी शेयर पर स्टॉप लॉस लगाते हैं, तो वहां पर ट्रिगर प्राइस का इस्तेमाल किया जाता है.

यदि आप कोई शेयर buy या sell करना चाहते हैं तो उसमें स्टॉप लॉस लगाते समय आप ट्रिगर प्राइस भी लगा सकते हैं।

Trigger price meaning in Hindi

जब आप शेयर पर स्टॉप लॉस लगाने जाएंगे, तो वहां पर आपको तो ऑप्शन मिलेगा. पहला ट्रिगर प्राइस (Trigger Price) दूसरा लिमिट प्राइस (Limit Price). अब ट्रिगर प्राइस ऑप्शन में आपको एक प्राइस दर्ज करना है. जोकि लिमिट प्राइस से अधिक और मार्केट प्राइस से कम यानी कि दोनों वैल्यू के बीच का कोई एक प्राइस दर्ज करना है. जैसे ही शेयर का प्राइस आपके द्वारा दर्ज किए गए ट्रिगर प्राइस तक पहुंचता है. आपका stop-loss ऑर्डर सिस्टम के द्वारा एक्टिवेट कर दिया जाएगा. और जब भी मार्केट प्राइस आपके द्वारा दर्ज किए गए लिमिट प्राइस तक पहुंचता है आपका stop-loss आर्डर एग्जीक्यूट हो जाएगा ।

FAQ’s

Q1. शेयर खरीदते समय स्टॉप लॉस कैसे लगाएं ?

Ans. शेयर खरीदते समय आपको अपने risk और reward पॉइंट्स जैसे 1:2 को तय कर लेना चाहिए. उसके अनुसार स्टॉपलॉस लगाए।

Q2. ट्रिगर प्राइस क्या होता है ?

Ans. ट्रिगर प्राइस का प्रयोग मार्केट में buy ओर sell के आर्डर को एक्टिवेट करने के लिए उपयोग करते हैं।

Q3. ट्रिगर प्राइस और लिमिट प्राइस में क्या अंतर है ?

Ans. ट्रिगर प्राइस क्या इंट्रा डे ट्रेडिंग में ट्रिगर कीमत है? स्टॉप लॉस को एक्टिवेट करता है और लिमिट प्राइस स्टॉक को Execute करता है|

पिछला स्टॉप लॉस क्या है?

इसे सुनेंरोकेंइसका मतलब ये हुआ कि आपने 262 रुपये 25 पैसे पर शेयर खरीदा और आप 7 रुपये तक का नुकसान (255 रुपये) लेने को तैयार हैं। अगर शेयर की कीमत 255 रुपये तक गिर जाती है, तो आपका स्टॉप लॉस ऑर्डर एक्टिव हो जाएगा और आप नुकसान के सौदे बाहर निकल जाएंगे। जब तक कीमत 255 नहीं पहुंचती, तब तक आपका स्टॉप लॉस ऑर्डर एक्टिव नहीं होगा।

ट्रिगर प्राइस क्या होता है?

इसे सुनेंरोकेंसरल शब्दों में, ट्रिगर प्राइस वह प्राइस है जो प्राप्त होने पर, स्वचालित रूप से आपके ऑर्डर को लागू / निष्पादित करता है। अपस्टॉक्स के विशेष क्रम में ट्रिगर ऑर्डर बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यहाँ इस लेख में, विभिन्न प्रकार के ऑर्डर और उनके संबंधित ट्रिगर प्राइस की विस्तृत समीक्षा दी है।

ट्रिगर प्राइस का क्या मतलब है?

इसे सुनेंरोकेंट्रिगर प्राइस आपके buy ओर sell के आर्डर को एक्टिवेट करने का काम करता है। इसका मतलब यह है कि ट्रिगर प्राइस आपके दोनों ऑर्डर में से किसी एक को एक्टिवेट करने का काम करता है। ट्रिगर प्राइस का इस्तेमाल स्टॉप लॉस ऑर्डर के लिए किया जाता है।

शेयर बाजार में स्टॉप लॉस क्या होता है?

इसे सुनेंरोकेंStop Loss वह मूल्य है जो शेयर मार्केट में ट्रेडर को ज्यादा नुकसान होने से बचाता है। यह ट्रेडर्स के जोखिम को कम कर उन्हें सही समय पर मार्केट से बाहर निकलने की अनुमति देता है। शॉर्ट टर्म ट्रेड में स्टॉप लॉस की जरुरत और भी बढ़ जाती है क्योंकि यहां जोखिम की संभावना और भी ज्यादा होती है।

उपस्टेक्स में पैसे कैसे कमाए?

अपस्टॉक्स से पैसे कैसे कमाए?

  • Upstox प्लाट्फ़ोर्म पर ट्रेडिंग के ज़रिए जैसे की आपको ये मालूम है की Upstox एक stock broker है जो की आपकी मदद करता है shares को ख़रीदने में और बेचने में।
  • Upstox की Referrals के ज़रिए एक दूसरा तरीक़ा भी हैं Upstox से पैसे कमाने का वो ये की आप Referrals से पैसे कमा सकते हैं।

Upstox का मालिक कौन है?

इसे सुनेंरोकेंअपस्टॉक्स के ओनर RKSV Securities है. इस कंपनी की शुरुआत Ravi Kumar, Raghu Kumar और Shrinivas Viswanath ने मिलकर 2009 में की थी उस समय इसका नाम आरकेएसवी सिक्योरिटीज दिया था लेकिन बाद इसे बदलकर Upstox का नाम दे दिया गया जिसके बाद अब यह इस नाम से काफी पॉपुलर हो रहा है.

शेयर मार्केट में स्टॉप लॉस कैसे लगाए?

इसे सुनेंरोकेंपरसेंटेज मेथड (Percentage Method): ज्यादातर ट्रेडर Stop loss के लिए परसेंटेज नियम का पालन करते हैं। यह परसेंटेज नियम शेयर प्राइस का 10 प्रतिशत होता है। उदाहरण के लिए यदि शेयर प्राइस 100 रुपये है तो 100 रुपये का 10 प्रतिशत कम यानी 90 रुपये पर आप अपना Stop loss लगा सकते है।

शेयर मार्केट में स्टॉप लॉस क्या है?

डिलीवरी मार्जिन और इंट्राडे क्या है?

इसे सुनेंरोकेंइंट्राडे और डिलीवरी ट्रेडिंग के बीच एक स्पष्ट अंतर होता है। अन्य इंट्राडे बनाम डिलीवरी ट्रेडिंग पहलू आवश्यक पूंजी में निहित होते है। इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए, आपकी जरूरत की पूंजी कम होती है क्योंकि आप मार्जिन में भुगतान कर सकते हैं। मूल्य गति के आधार पर बड़े लाभ के लिए इस छोटे भुगतान का उपयोग किया जा सकता है।

अपस्टॉक्स में ट्रिगर कीमत क्या है?

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