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डिजिटल सिग्नल

डिजिटल सिग्नल
डिजिटल व अॅनालॉग संकेतांमध्ये फरक देखील विविध लाटांच्या विविध उदाहरणांचे निरीक्षण करून आणि ते कसे कार्य करतात हे देखील समजले जाऊ शकतात. 1800 च्या दशकामध्ये, एनालॉग वेवफॉर्म्सचा उपयोग तांबे यांच्या संभाषणात रिले किंवा प्रसारित करण्यासाठी केला गेला. त्यांना विकृत विद्युतचुंबकीय लहरी किंवा शोर जो सिग्नलची गुणवत्ता कमी करते ते पकडू शकण्याची प्रवृत्ती असल्यामुळे ते लवकरच त्रासदायक डिजिटल सिग्नल व देखभालीसाठी अवघड बनले. लवकरच अॅनालॉग ते डिजीटलमध्ये बदल झाले, कारण डिजिटल सिग्नल हे संवादासाठी सोपे होते आणि ऍनालॉग सिग्नलच्या तुलनेत अधिक विश्वासार्ह होते.

एनालॉग सिग्नल क्या है | What is Analog Signal in Hindi !!

एनालॉग सिग्नल को डिजिटल सिग्नल में परिवर्तित करने के लिए कौन सी तकनिकी होती है?

इसे सुनेंरोकेंव्याख्या एक एडीसी एक निरंतर-समय और निरंतर-आयाम एनालॉग सिग्नल को असतत-समय और असतत-आयाम डिजिटल सिग्नल में परिवर्तित करता है ।

सेंट्रल प्रोसेसिंग यूनिट के कितने भाग होते हैं?

इसे सुनेंरोकेंएक सीपीयू के प्रमुख घटक अंकगणितीय तर्क इकाई (ALU) कि गणित और तर्क संचालन करता है शामिल हैं , प्रोसेसर रजिस्टरों कि ALU के लिए आपूर्ति ऑपरेंड और ALU आपरेशन के परिणामों , और एक नियंत्रण इकाई है कि स्मृति से निर्देश मिलता है और ” कार्यान्वित ” उन्हें स्टोर ALU, रजिस्टरों और अन्य घटकों के समन्वित संचालन निर्देशन द्वारा।

सीपीयू क्या है इसके भागों को समझाइए?

इसे सुनेंरोकेंCPU का Full Form Central Processing Unit (सेंट्रल प्रोसेसिंग यूनिट) है। यह Computer का एक छोटा सा लेकिन महत्वपूर्ण भाग होता है। जो कि एक चिप के समान होता है। यह Computer के सभी Instructions को Process करता है और Program के अनुसार परिणाम प्राप्त करता है।

डिजिटल इंडिया का अर्थ क्या होता है?

इसे सुनेंरोकेंDigital India Meaning In Hindi या डिजिटल इंडिया का अर्थ ‘डिजिटल भारत’ होता है। Digital India भारत सरकार द्वारा शुरू की गई एक पहल है जिसका उद्देश्य सभी छोटे और बड़े सरकारी विभागों को डिजिटल रूप देकर उनकी गति को और तेज़ करना है।

डिजिटल इंडिया को हिंदी में क्या कहते हैं?

इसे सुनेंरोकेंअंकीय भारत या डिजिटल भारत सरकारी विभागों एवं भारत के लोगों को डिजिटल सिग्नल एक दूसरे के पास लाने की भारत सरकार की एक पहल है।

एनालॉग और डिजिटल सिग्नल , अनुरूप एवं अंकीय संकेत , अंतर क्या है (analog and digital signals in hindi)

(analog and digital signals in hindi) एनालॉग और डिजिटल सिग्नल अंतर क्या है , अनुरूप एवं अंकीय संकेत : किसी सूचना को एक स्थान से दुसरे स्थान तक भेजना संचार डिजिटल सिग्नल व्यवस्था कहलाता है अर्थात जब दो व्यक्तियों में सूचना का आदान प्रदान हो रहा है तो इसका तात्पर्य है कि इनके मध्य संचार व्यवस्था संपन्न है।
संचार व्यवस्था में संकेत या सिग्नल को एक स्थान से दुसरे स्थान पर भेजा जाता है और सिग्नल में मूल सूचना विद्यमान रहती है।
सूचना के संचार के लिए परिवर्ती विद्युत संकेत (इलेक्ट्रिक सिग्नल) को भेजा जाता है , और इसके लिए हमें अपने मूल सूचना को इलेक्ट्रिक सिग्नल के रूप में डिजिटल सिग्नल बदलना पड़ता है और सूचना को इलेक्ट्रिक सिग्नल में परिवर्तित करने के बाद इसे ग्राही के पास भेजा जाता है तथा ग्राही सिरे पर इस इलेक्ट्रिक सिग्नल से मूल सूचना को प्राप्त किया जाता है।
याद रखे कि एनालॉग सिग्नल को अनुरूप संकेत कहते है और डिजिटल सिग्नल को हिंदी में अंकीय संकेत कहते है।

अंकीय संकेत या डिजिटल सिग्नल (digital signal)

जब कोई परिवर्ती संकेत असतत परिवर्तन होता है अर्थात इसमें वोल्टेज सिग्नल या धारा सिग्नल असतत रूप से परिवर्तित होता है इसलिए इसे अंकीय संकेत या डिजिटल सिग्नल कहते है।

अंकीय संकेत में केवल दो विविक्त मान संभव है इसलिए इस संकेत को द्विआधारीय संख्या अंक 0 और 1 के द्वारा व्यक्त किया जाता है।

अत: जब कोई सूचना बाइनरी फॉर्मेट अर्थात 1 और 0 के रूप में परिभाषित हो तो ऐसे सिग्नल को डिजिटल सिग्नल कहते है।

एनालॉग आणि डिजिटल सिग्नल दरम्यान फरक

माहितीचे दोन प्रकारचे सिग्नल आहेत - एनालॉग आणि डिजिटल सिग्नल एनालॉग आणि डिजिटल सिग्नलमधील फरक असा आहे की एनालॉग एक सतत विद्युत सिग्नल आहे, तर डिजिटल एक अखंडित विद्युत सिग्नल आहे.

अॅनालॉग सिग्नल वेळेत बदलतात आणि विविधता नॉन-इलेक्ट्रिक सिग्नलचा वापर करतात. अॅनालॉग सिग्नलशी तुलना करता, डिजिटल सिग्नल वैयक्तिक चरणांमध्ये बदलतात आणि डाळी किंवा अंक असतात अॅनालॉग सिग्नल हे वास्तविक संख्येचे एक मॉडेल आणि व्हॉईस गहनता आहे ज्यामुळे विद्युत् वर्तमान बदल होतात. डिजिटल सिग्नलमध्ये वेगळे पातळी असते आणि पल्सचे निर्दिष्ट केलेले मूल्य पुढील अंकांपर्यंत बदलत राहते. दोन मोठेपणा स्तर आहेत, ज्यांना नोड्स म्हटले जाते, जे 1 किंवा 0 वर आधारित आहेत, सत्य किंवा खोटे, आणि उच्च किंवा कमी.

मोर्स कोड प्रमाणेच डिजिटल सिग्नल, एका कॉम्प्यूटरला पाठवले जातात जे या शब्दांमध्ये अर्थ लावतात. एक डिजिटल सिग्नल, 0 किंवा 1, फोन लाईनद्वारे पाठविला जातो. उदाहरणार्थ, जेव्हा आपण आपल्या कॉम्प्यूटरमध्ये पत्र 'ए' टाइप कराल, तेव्हा ते 01000001 मध्ये रुपांतरीत करेल. हे 01000001 दुसऱ्या संगणकावर जाते, जे त्याला ए म्हणून समजले जाते. अष्टविरामाच्या एका श्रेणीला आणि 1 ला बाइट म्हणतात, तर प्रत्येक 0 किंवा 1 थोडा म्हटले

QAM सिग्नल विरुद्ध डिजिटल सिग्नल दरम्यान फरक आजच्या जगात, आमच्या सर्व डिव्हाइसेसचे संप्रेषण सुलभ करण्यासाठी सिग्नल हे अविभाज्य आहेत. तथापि, बरेच प्रकार आहेत

एनालॉग वि डिजिटल टेक्नोॉलॉजीली बोलणारे अॅनालॉग आणि डिजिटल यातील फरकामुळे दोन प्रकारच्या प्रक्रियेत कोणतेही इलेक्ट्रिक सिग्नल प्रसारित करण्यासाठी वापरले जातात. सामान्यत: माहिती ज्याने इलेक्ट्रारमध्ये रूपांतर केले .

एनालॉग और डिजिटल क्या है? परिभाषा, अंतर

एनालॉग और डिजिटल analog and digital in hindi

हालांकि एनालॉग और डिजिटल दोनो का ही इस्तेमाल विद्युत सिगनलों के जरिये सूचना को एक स्थान से दूसरे स्थान तक भेजने के लिए किया जाता है। लेकिन, दोनों में बेसिक डिफरेंस यह है कि एनालॉग में सूचना विद्युत स्पंदनों के जरिये आती है वहीं पर दूसरी ओर डिजिटल तकनीक में यही सूचना बाइनरी फॉर्मेट (0 या 1) में बदली जाती है।

उदाहरण:- कंप्यूटर डिजिटल है और पुराने मैग्नेटिक टेप्स एनालॉग है।

एनालॉग में एनालॉग सिंग्नलो का उपयोग किया जाता है जो निरंतर होते है वही पर डिजिटल में डिजिटल सिंग्नलो का उपयोग किया जाता है जो डिस्क्रीट यानी विविक्त होते हैं।

आखिर कैसे दर्ज होता है संदेश?

एनालॉग और डिजिटल में अंतर (difference between analog and digital in hindi)

एनालॉग टेप्स और डिजिटल सीडी में अंतर:

एनालॉग टेप लीनियर होता है, आसान भाषा डिजिटल सिग्नल मे कहें तो यदि आपको कोई गीत सुन्ना है और वह टेप में 14वे मिनट पर आता है तो डिजिटल सिग्नल आपको टेप चलाकर 13 मिनट 59 सेकंड पार करने होंगे उससे पहले आप वह गीत नही सुन सकते या 14वे मिनट पर नही जा सकते। वहीं पर डिजिटल सीडी में आप सीधा 14वे मिनट पर जाकर अपना पसंदीदा गाना सुन सकते हैं।

एनालॉग और डिजिटल की गुणवत्ता के आधार पर:

डिजिटल डिवाइस डेटा का अनुवाद या पुनः उपयोग कर सकते हैं और वो भी बिना किसी क्वालिटी डैमेज के लेकिन एनालॉग उपकरणों में गुणवत्ता के नुकसान की संभावनाएं अधिक होती है।

जैसे एक मैग्नेटिक टेप से अगर दूसरे टेप में कुछ डाला जाता है तो उसकी क्वालिटी लेस हो जाती है लेकिन डिजिटल में ऐसा कुछ नही होता।

उपकरणों के आधार पर एनालॉग और डिजिटल में फर्क:

एनालॉग तकनीक सस्ती(चीप) मानी जाती है। इसमें डेटा के आकार की एक लिमिट है जिसे किसी दिए गए समय या निर्धारित समय तक ही ट्रांसमिटेड किया जा सकता है। माइक्रोफोन और स्पीकर एनालॉग उपकरणों के सही उदाहरण है।

डिजिटल संचार और एनालॉग संचार में अंतर (difference between analog and digital communication in hindi)

  • सिंक्रोनाइजेशन (synchronization)

डिजिटल संचार सिंक्रोनाइजेशन निर्धारित करने के लिए विशिष्ट सिंक्रोनाइजेशन सीक्वेंस का उपयोग करता है।

डिजिटल संचार में एक ऐसी भाषा की आवश्यकता होती है जो प्रेषक और प्राप्तकर्ता दोनों के पास हो।

एनालॉग संचार में गड़बड़ी संचार में त्रुटियों का कारण बनती है डिजिटल सिग्नल लेकिन डिजिटल में हम त्रुटियो को व्यक्त करने के लिए प्रतीकों को प्रतिस्थापित, डालने या हटाने में सक्षम होते हैं।

एनालॉग डिजिटल सिग्नल सिग्नल प्रोसेसिंग वास्तविक समय में की जा सकती है और यह कम बैंडविड्थ का उपभोग करती है। लेकिन, डिजिटल में इस बात की कोई गारंटी नही होती है कि डिजिटल सिग्नल प्रोसेसिंग वास्तविक समय मे की जा सकती डिजिटल सिग्नल है या नही।

और उसी जानकारी को पूरा करने के लिए यह ज्यादा बैंडविड्थ का उपभोग करती है।

एनालॉग सिग्नल और डिजिटल सिग्नल के फायदे (benefits of analog and digital signal in hindi)

एनालॉग सिग्नल का फायदा यह है कि यह एनालॉग रूप में है जिसे हम अपने करने के साथ ध्वनि मानते हैं।

एनालॉग ऑडियो कैसेट की क्षमता केवल 700-1.1 एमबी है जबकि एक नियमित कॉम्पैक्ट डिस्क(सीडी) 700 एमबी रख सकता है।

डिजीटल सिग्नल के लिए एनालॉग सिग्नल की तुलना में लंबी दूरी पर संचार करना अधिक कठिन होता है, इसलिये ट्रांसमीटर पक्ष पर पूर्व मॉडयूल किया जाता है और जानकारी के रिसीवर पक्ष पर demodulate किया जाता है।

एनालॉग बाहर के प्रभाव या घुसपैठ से पहले पूर्ण रक्षाहीनता प्रदर्शित करता है। वही पर डिजिटल में संदेश एन्क्रिप्टेड रूप में प्रेषित होता है जो किसी भी डिजिटल सिग्नल हस्तक्षेप को बाहर रखता है।

माध्यम

डेटा के आकार की एक लिमिट होती है या निर्धारित समय तक ही ट्रांसमीट किया जा सकता है।

डिजिटल सिग्नल

You are currently viewing एनालॉग सिग्नल और डिजिटल सिग्नल में क्या अंतर है !!

  • Post author: Ankita Shukla
  • Post published: March 20, 2019
  • Post category: Gyan
  • Post comments: 0 Comments

नमस्कार दोस्तों…आज हम आपको “Analog signal and Digital signal” अर्थात “एनालॉग और डिजिटल सिग्नल” के विषय में बताने जा रहे हैं. आज हम बताएंगे कि “एनालॉग और डिजिटल सिग्नल क्या है और इनमे क्या अंतर होता है?”. एनालॉग और डिजिटल दोनों ही सिग्नल के रूप होते हैं। सिग्नल का मुख्य कार्य एक डिवाइस से दूसरे डिवाइस तक जानकारी को ले जाना होता है। एनालॉग सिग्नल को हम निरंतर तरंग (continuous wave) भी कहते है जो एक समय अवधि के बाद बदलती रहती है। दोनों में सबसे मुख्य भिन्नता इनके सिग्नलों के रूप में हैं क्यूंकि एनालॉग सिग्नल को साइन तरंगों द्वारा दर्शाया जाता है और डिजिटल सिग्नल को स्क्वायर तरंगों द्वारा दर्शाया जाता है।

एनालॉग सिग्नल क्या डिजिटल सिग्नल है | What is Analog Signal in Hindi !!

एनालॉग सिग्नल को हम निरंतर तरंग (continuous wave) के रूप में भी जानते है जो एक समय के बाद बदलती रहती है। एनॉलॉग सिग्नल को सरल और समग्र संकेतों में बाटा गया है। सरल एनालॉग सिग्नल एक साइन वेव होती है जिन्हे आगे विघटित करना सम्भव नहीं होता है और वहीं दूसरी ओर, एक समग्र एनालॉग सिग्नल जिसे composite analog सिग्नल भी कहते हैं ये कई साइन तरंगों (Sine Wave) में विघटित हो जाती है।

किसी भी एनालॉग सिग्नल को उसके आयाम (amplitude), अवधि (period ) या आवृत्ति और चरण (frequency and phase) के प्रयोग द्वारा वर्णित किया जाता है। आयाम (amplitude) सिग्नल की अधिकतम ऊंचाई को दर्शाता है और आवृत्ति उसकी दर को दर्शाती है जिस पर सिग्नल बदल रहे होते है।

डिजिटल सिग्नल क्या है | What is Digital Signal in Hindi !!

डिजिटल सिग्नल क्या है | What is Digital Signal in Hindi !!

डिजिटल सिग्नल, एनालॉग सिग्नल से भिन्न पाए जाते हैं। इनमे बाइनरी फॉर्म में सूचना या डेटा को रखा जाता है यानी इसमें बिट्स के रूप में सूचना को represent किया जाता है। डिजिटल सिग्नल, सरल साइन तरंगों (Simple Sine Wave) में विघटित हो सकती है जिन्हें हार्मोनिक्स के नाम से भी जाना जाता है।

जैसा कि हम जानते हैं, सरल तरंग में विभिन्न आयाम (amplitude), आवृत्ति (Frequency) और चरण (Phase) शामिल होते हैं। डिजिटल सिगनलों के सम्बन्ध में हम प्रायः दो शब्दो का उपयोग कर सकते है, पहला बिट रेट (Bit Rate) और दूसरा बिट अंतराल (Bit Interval). जिसमे किसी भी एक बिट को भेजने में लगने वाले समय को बिट अंतराल के रूप में जाना जाता है.

Analog Signal and Digital Signal in Hindi | एनालॉग सिग्नल और डिजिटल

Difference between Analog Signal and Digital Signal in Hindi | एनालॉग सिग्नल और डिजिटल सिग्नल में क्या अंतर है !!

# एनालॉग सिग्नल continuous wave को represent करता है जबकि डिजिटल सिग्नल noncontinuous wave को represent करता है.

# एक एनालॉग सिग्नल को साइन लहर (Sine wave) के रूप में दिखाया जाता है जबकि, एक डिजिटल सिग्नल को स्क्वायर तरंगों (Square Wave) के रूप में दिखाया जाता है।

# जिस डिजिटल सिग्नल समय हम एनालॉग सिग्नल के विषय में बात करते तब हम तरंग के आयाम (amplitude), अवधि (period ) या आवृत्ति और चरण (frequency and phase) के संबंध में बात करते हैं और जब हम डिजिटल सिग्नल की बात करते हैं तब हम बिट दर और बिट अंतराल के संबंध में वेव के व्यवहार का वर्णन करते हैं।

# एनॉलॉग सिग्नल की कोई सीमा तय नहीं की गयी है, जबकि डिजिटल सिग्नल की रेंज 0 से 1 के बीच होती है।

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