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कॉमर्स का कार्य

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What is E-commerce | ई-वाणिज्य | E-commerce business in Hindi

ई-वाणिज्य/कोमर्स या ई-व्यवसाय इंटरनेट के माध्यम से होने वाला व्यापार है, जिसमें वस्तु खरीदी एवं बेची जा सकती है। इसके साथ-साथ ग्राहकों को मिलने वाली सेवाएं भी इंटरनेट के माध्यम से समय पर पहुंचाई जा सकती हैं। इस प्रकार इंटरनेट वर्तमान युग में एक कोर बन गया है। मतलब बिना इंटरनेट के जीवन मानो रुक सा जाएगा।

वर्तमान समय में कंप्यूटर टेक्नोलॉजी एवं दूरसंचार से संबंधित टेलीविजन के व्यवसाय में बड़े पैमाने पर और विश्व स्तर पर काफी बदलाव हो रहे हैं। 1990 से कॉमर्स व्यवसाय ने विज्ञापन, बिक्री और दुनिया भर में अपने उत्पादों का प्रसार करने के लिए इंटरनेट को एक संभावित साधन के रूप में देखा था। भारत ने 1991 के LPG (Liberalization, Privatization, Globalization) सुधारों (Reforms) के बाद कंप्यूटर क्षेत्र में काफी तरक्की की, जिसका फायदा सबसे ज्यादा ई-कॉमर्स वेबसाइट को पहुंचा। जो अपने उत्पाद प्रत्यक्ष रूप से मार्केट में बेचते थे। ऑनलाइन शॉपिंग करना वाणिज्य विभाग में सबसे ज्यादा ई-कॉमर्स को बढ़ावा देता है।

ई-कॉमर्स ने न केवल ऑनलाइन शॉपिंग वेबसाइटों (Online Shopping websites) को बढ़ावा दिया है, बल्कि विभिन्न प्रकार के ऐसे क्षेत्र हैं जहां पर ई-कॉमर्स बड़े स्तर पर काम कर रहा है। जैसे – धन को एक स्थान से दूसरे स्थान पर भेजना, ऑनलाइन भोजन की आपूर्ति, इंटरनेट के माध्यम से विभिन्न कंपनियां अपने उत्पाद का प्रचार कर रहे हैं, ऑनलाइन मनी ट्रांजैक्शन, ई-मेल के द्वारा ऑनलाइन डाटा ट्रांसफर करना तथा किसी भी शिक्षण संस्थान में जाने के लिए आप ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन एवं फीस को जमा कर सकते हैं, ताकि आपकी सीट आरक्षित हो जाए। इस प्रकार ई-कॉमर्स ने सेवाओं के क्षेत्र में भी काफी तरक्की की है।

ई-कॉमर्स के माध्यम से बहुत सारे काम इतने आसान हो गए हैं। जिनके लिए हमारा पैसा और समय दोनों की बचत होती है। जैसे –

  1. उत्पाद का प्रचार करने के लिए ई-कॉमर्स का प्रयोग।
  2. ऑनलाइन भोजन मंगवाने के लिए ई-कॉमर्स का प्रयोग।
  3. मोबाइल, इंटरनेट या अन्य उपकरण का रिचार्ज कराने के लिए ई-कॉमर्स का प्रयोग।
  4. ईमेल या फैक्स के द्वारा अपना संदेश या पत्र भेजने के लिए ई-कॉमर्स का प्रयोग।
  5. ई-कॉमर्स के द्वारा इंटरनेट पर बहुत प्रकार के गेम (ऑनलाइन खेल) उपलब्ध है, जिसके द्वारा आप उनका आनंद उठा सकते हैं।
  6. ई-कॉमर्स के माध्यम से ही आप किसी प्रकार का सम्मान खरीद सकते हैं। इसके लिए आपको मार्केट में जाने की जरूरत नहीं है।
  7. ई-कॉमर्स के माध्यम से ही आप अपनी शिक्षा को पूरा कर सकते हैं तथा अपने डाउट क्लियर कर सकते हैं। जिसका उदाहरण कोरोना काल में लगे लोक डाऊन में स्कूल बंद होने ऑनलाइन शिक्षा के माध्यम से शिक्षा पूरी करना।
  8. इंटरनेट पर ब्लॉग के रूप में डाटा को संचालित किया गया है जिसके माध्यम से आप ज्ञान प्राप्त कर सकते हैं।
  9. सरकार ने इंटरनेट के माध्यम से कृषि एवं स्वास्थ्य से संबंधित योजनाओं को आम लोगों तक पहुंचाने का काम क्या है।
  10. ई-कॉमर्स के माध्यम से आप कृषि से संबंधित कोई भी कागजात प्राप्त कर सकते हैं।
  11. ई-कॉमर्स के माध्यम से ही आप होम लोन, कार लोन तथा पर्सनल लोन के लिए आवेदन कर सकते हैं।
  12. किसी भी प्रकार की मोटरसाइकिल, स्कूटर यहां तक की कार को ऑनलाइन देखने के बाद उसे ई-कॉमर्स के माध्यम से खरीद भी सकते हैं।
  13. वर्तमान समय में ई-कॉमर्स के माध्यम से पशु जैसे गाय, भैंस इत्यादि पशु खरीद-बेच सकते हैं।

भारत में सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम 2000 ई- कॉमर्स की बुनियादी स्थिति को नियंत्रित करता है। यह UNCITRAL मॉडल पर आधारित है।

भारत के संदर्भ में, ई-कॉमर्स उद्योग तेजी से बढ़ रहा है तथा इसमें दिन प्रतिदिन कॉमर्स का कार्य परिवर्तन होते जा रहे हैं। ई-कॉमर्स के माध्यम से लगभग 20 से 25 प्रतिशत व्यापार ऑनलाइन के माध्यम ही किया जाता है। जैसे ऑनलाइन टिकट, ऑनलाइन रिटेल, ऑनलाइन एजुकेशन, ऑनलाइन शॉपिंग आदि ई-कॉमर्स के माध्यम से बहुत आसान हो गई है।

ई-कॉमर्स से संबंधित बहुत कंपनियां बाजार में आ गई है जैसे पेटीएम फोन पे, अमेज़न, गूगल पे, भीम यूपीआई आदि जिन्होंने मार्केट को बहुत ही संक्षिप्त एवं स्पष्ट बना दिया है। इनके माध्यम से आप किसी प्रकार की शॉपिंग, किसी प्रकार का बिल, किसी प्रकार का रिचार्ज यहां तक कि बैंक से संबंधित कार्य भी इन साइटों (Application) के माध्यम से कर सकते हैं।

बैंकों द्वारा दिया जा रहा क्रेडिट कार्ड जो प्लास्टिक मनी के रूप में जाना जाता है। वह भी ई-कॉमर्स का एक भाग है जिसमें बैंक आपको एक लिमिट के अनुसार पैसा उधार देती है। जिसका उपयोग आप 45 दिन तक बिना किसी ब्याज के कर सकते हो। भारत एक विशाल देश है और यहां विश्व के सभी देश अपना व्यापार करने के लिए आते हैं जोकि प्राचीन काल से होता चला आ रहा है। विशाल होने के साथ-साथ इस देश की अधिकतर जनसंख्या ग्रामीण है। वर्तमान समय में भारत विश्व में एक अच्छे पायदान पर स्थित है। लेकिन ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाले लोग आज भी इंटरनेट या ई-कॉमर्स की दुनिया से काफी अनजान है। उन्हें आज भी अपने सभी कार्य पारंपरिक तरीके से ही करने होते हैं। जैसे बैंक से संबंधित कार्य या सरकार द्वारा चलाई जा रही किसी भी योजना का लाभ उठाने के लिए वह शहर की ओर आते हैं।

किसी प्रकार का लोन लेने के लिए उन्हें बैंक में जाना पड़ता है। छोटे से छोटे कार्य भी जैसे बिजली का बिल जमा करना, मोबाइल रिचार्ज कराना आदि कार्यों के लिए उन्हें शहर की ओर रुख करना होता है। इस प्रकार अगर देखा जाए तो ई-कॉमर्स धीरे-धीरे ग्रामीण क्षेत्र की ओर बढ़ रही है। बहुत सी निजी संस्थाएं जैसे ITC द्वारा ई-चौपाल योजना जोकि किसानों को कृषि से संबंधित सभी प्रकार की समस्याएं दूर करने के लिए शुरू की गई थी।

ई-कॉमर्स के माध्यम से किसान अपनी फसल का MSP (Minimum Support Price) देखकर मार्केट में उसे बेच सकता है। तथा सरकार द्वारा चलाए जा रहे कृषि सहायता केंद्र से ऑनलाइन सूचना प्राप्त कर सकता है। इस प्रकार व्यापार के क्षेत्र में या सूचना प्राप्त करने के लिए ई-कॉमर्स एक वरदान बन चुका है।

कॉमर्स का कार्य

E-commerce in recent times has been growing rapidly across the world. It is a type of business model, or segment of a larger business model, that enables a firm or individual to conduct business over an electronic network, typically the internet. Electronic commerce operates in all four of the major market segments: business to business, business to consumer, consumer to consumer and consumer to business.

In India, there are three type of e-commerce business model are in vogue (i) Inventory base model of e-commerce (ii) Marketplace base model of e-commerce (iii) Hybrid model of inventory based and market place model.

Indian Information Technology Act and E-commerce: Indian Information Technology (IT) Act gives legal recognition to electronics records and electronic signature. These are the foremost steps to facilitate paper less trading. Under this Act Ministry of Electronics & Information Technology also has Information Technology Rule, 2000 for Reasonable security practices and procedures and sensitive personal data or information. Under section 72A of IT Amendment Act, 2008, punishment for disclosure of information in breach of a lawful contract is laid down.

FDI guidelines for e-commerce by DIPP: DIPP has issued guidelines for FDI in e-commerce. In India 100% FDI is permitted in B2B e-commerce, however No FDI is permitted in B2C e-commerce earlier. As per these new guidelines on FDI in e-commerce, 100% FDI under automatic route is permitted in marketplace model of e-commerce, while FDI is not permitted in inventory based model of e-commerce .

E-commerce has become an important part of many multilateral negotiations such as Regional Comprehensive Economic Partnership (RCEP), WTO, BRICS etc. Ministry of Electronics & Information Technology is spearheding such negotiations on e-commerce from Indian side.

ई कॉमर्स वेबसाइट के बारे में जानकारी

ई कॉमर्स वेबसाइट के बारे में जानकारी

एक ई-कॉमर्स वेबसाइट एक ऐसी साइट है जो वास्तविक real उत्पादों और सेवाओं को ऑनलाइन व्यापार करने की शक्ति देती है। व्यापार कैसा भी हो सकता है और यह सदियों से हमारे जीवन का हिस्सा रहा है। हमारी इच्छाएं कभी भी सीमित नहीं हो सकती और यह उचित स्थिरता के लिए उत्पादों के आदान-प्रदान की आवश्यकता है। लेन-देन विश्व व्यापी वेब पर विश्व के प्रत्येक स्थान पर किए जा सकते हैं।

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आज के दौर में लगभग सब कुछ ऑनलाइन है। यह ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म e-commerce platform के लिए सभी नीतियों का पालन करते हुए उत्पादों और सेवाओं के उचित लेनदेन के लिए एक लाभकारी प्लेटफॉर्म बन गया है।

ई-कॉमर्स वेबसाइट का उद्देश्य Purpose of an E-Commerce Website

ई-कॉमर्स वेबसाइट E-Commerce Website एक ऑनलाइन प्लेटफॉर्म है जो इंटरनेट Internet की मदद से वित्त के माध्यम से उत्पादों के आदान-प्रदान या लेनदेन में मदद कॉमर्स का कार्य कॉमर्स का कार्य करता है। पहले ईमेल email और कॉल की मदद से इस पर ध्यान रखा जाता था। लेकिन आज की तारीख में हर लेन-देन ऑनलाइन Online किया जा सकता है।

ई-कॉमर्स वेबसाइट मार्केटिंग की रणनीति Ecommerce website marketing strategy

मार्केटिंग की उचित ई-कॉमर्स रणनीति e-commerce marketing strategy के लिए, कुछ मार्केटिंग चैनल हैं जो ऑनलाइन स्टोर बनाने में मदद करते हैं।

सोशल मीडिया मार्केटिंग Social Media Marketing

सोशल मीडिया नेटवर्किंग ब्रांडों और प्रकाशकों के प्रबंधन में एक पोर्टल बन गया है, जो दुनिया में लगभग कहीं भी व्यवसाय के विकास में मदद करता है।

ईकॉमर्स वेबसाइटों को ज्यादातर उचित दृश्यों के लिए हाइलाइट किया जाता है जो उत्पाद को प्रदर्शित करने में मदद करते हैं, और इस प्रकार सोशल मीडिया दर्शकों का ध्यान आकर्षित करने में एक बड़ी भूमिका निभाता है। यह आगंतुकों को उत्पाद खरीदने में भी मदद करता है। विज्ञापनों का प्रदर्शन उपयोगकर्ताओं को सीधे शॉपिंग सेगमेंट में ले जाने के लिए उन्हें चैनलाइज़ करने में मदद करता है। फेसबुक बिजनेस पेज और इंस्टाग्राम पेज कुछ ऐसे प्लेटफॉर्म हैं जो बिना किसी जल्दबाजी के एक उचित बिजनेस बनाने में काफी मदद करते हैं।

ये भी पढ़े: इनफ्लुएंसर मार्केटिंग : फायदे और नुकसान

कंटेंट मार्केटिंग Content Marketing

कंटेंट मार्केटिंग Content Marketing उन उत्पादों और सेवाओं good and services के बारे में विशिष्ट विवरण प्रदान करने की प्रक्रिया है जो वेबसाइट की रैंक बढ़ाने में मदद करते हैं। मार्केटिंग एक उचित विचार प्राप्त करने में मदद करता है कि वेबसाइट क्या वितरित करना चाहती है। जब हम किसी उत्पाद को बेचते हैं, तो हमें बेचे जाने वाले उत्पाद के एक निश्चित सिद्धांत की मार्केटिंग के लिए ब्लॉग और लेखों की भी आवश्यकता होती है।

खोज इंजन मार्केटिंग Search Engine Marketing

सर्च इंजन मार्केटिंग में सशुल्क विज्ञापन और वेब मार्केटिंग दोनों शामिल हैं। इसमें पीपीसी भी शामिल है, जिसे पे पर क्लिक के नाम से भी जाना जाता है। प्रदर्शन अभियानों और विज्ञापन अभियानों के साथ, यह सर्च इंजन मार्केटिंग स्थानों के लिए भुगतान करने की सुविधा प्रदान करता है। ई-कॉमर्स से निपटने वाले लोग अपने प्रचार के लिए खुद को Google विज्ञापन कॉमर्स का कार्य कॉमर्स का कार्य शब्दों में पंजीकृत करते हैं।

ईमेल मार्केटिंग Email Marketing

यह डिजिटल मार्केटिंग के पारंपरिक रूपों में से एक है। यह ई-कॉमर्स मार्केटिंग के युग में एक विशेष मूल्य के रूप में कार्य करता है। ग्राहकों को उत्पाद के ठिकाने के बारे में बताने के लिए इसको ईमेल की मदद से संबोधित किया जाता है।

सहभागिता बाजार Affiliate Marketing

81% से अधिक ब्रांड अफिलिएट मार्केटिंग Affiliate Marketing से जुड़े हुए हैं। Affiliates वे व्यवसाय या व्यक्ति हैं जो कमीशन के बदले में हमारे सामान और सेवाओं को बेचने में मदद करते हैं। सहयोगी उचित मार्केटिंग रणनीति के साथ प्रभावी तरीके से उत्पादों के प्रति झुकाव को सुनिश्चित करते हैं। भुगतान किए गए विज्ञापन और सामग्री के साथ-साथ अन्य साधनों का उपयोग रुचि पैदा करने के लिए किया जाता है जहाँ उत्पाद उपलब्ध है। इस प्रकार, यह उन व्यवसायों या मालिकों के लिए एक टीम के रूप में काम करता है जो अपना माल बेचना चाहते हैं।

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निष्कर्ष

ई-कॉमर्स, सरल शब्दों में, दुनिया के हर हिस्से में उपलब्ध वस्तुओं और सेवाओं के लेन-देन का माध्यम है। लेन-देन इंटरनेट के माध्यम से बनाए रखा जाता है। विभिन्न पक्षों के बीच डेटा और सूचनाओं का आदान-प्रदान किया जाता है। यह आज के डिजिटल व्यवसाय के लिए एक मार्गदर्शन प्रकाश की तरह है।

ई-कॉमर्स में इन चुनौतियों का करना पड़ सकता है सामना

Nibedita Mohanta

फॉरेस्टर रिसर्च के नए अध्ययन के अनुसार, 2021 तक एशिया में ऑनलाइन रिटेल बिक्री कुल रिटेल बिक्री का करीब पांचवां हिस्सा बन जाएगा जिसमें 78 प्रतिशत मोबाइल के माध्यम से बिक्री होगी। अध्ययन दिखाते है कि मोबाइल माध्यम से किए गए ऑनलाइन रिटेल का कंपाउंड एनुअल ग्रोथ रेट 15.6 प्रतिशत बढ़ेगा। 2016 के 539 बिलियन डॉलर के आंकडे से यह बढ़कर 2020 तक 1 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच जाएगा। अरूण प्रताप सिंह, संस्थापक, डायल4ट्रेड.कॉम (Dail4Trade.com) ने अपनी कुशलता के आधार पर ई-कॉमर्स व्यवसाय को चलाते समय आने वाली बड़ी चुनौतियों और इन समस्याओं को कम करने के सुधार कार्यों पर आधारित जानकारी कुछ इस प्रकार साझा की हैं।

बिक्री के लिए सही प्रोडक्ट ढूंढना

हर प्रोडक्ट के लिए ऑनलाइन उपभोक्ता नहीं होते हैं। कुछ प्रोडक्ट के लिए ग्राहक बनाना बहुत मुश्किल कार्य होता है। इस समस्या से निपटने के लिए हम प्रोडक्ट के आधार पर उपभोक्ता की सूची तैयार करते हैं और उनकी जरूरत या आवश्यकता के बारें मेल/एसएमएस/फोन के माध्यम से पूछते हैं।

सही ग्राहक को सोशल मीडिया से करें आकर्षित

ऑनलाइन ग्राहक, प्रोडक्ट और कंपनी की समीक्षा के बारें में सोशल मीडिया से जानकारी प्राप्त करते हैं। वे सोशल मीडिया से सिफारिशों के बारें में पूछते हैं। इसलिए, इंटरनेट के माध्यम से सही ग्राहक को आकर्षित करना मुश्किल काम हैं। इस समस्या को दूर करने के लिए हम सप्लायर से ग्राहकों की सिफारिशों को प्राप्त करते हैं, जो सप्लायर को सीमित करने में मदद करता हैं।

पहचानिए सही या योग्य ट्रैफिक

सही या योग्य ट्रैफिक को पहचानना बहुत कठिन है। उदाहरण के तौर कॉमर्स का कार्य पर, अगर आपकी वेबसाइट केवल थोक में बिक्री कर रही है तो आपको उन ग्राहकों की आवश्यकता है जो थोक में खरीदारी करना चाहते हैं। इस समस्या से निपटने के लिए हम सोशल मीडिया/गूगल और ईमेल के माध्यम से सबसे योग्य कैम्पेन बनाने का प्रयास करते है। साथ ही, पिछले ट्रैफिक आंकडों की प्रयोग कर अपनी सटीकता या प्रासंगिकता में सुधार करें।

खरीदारों को भुगतान करने वाले ग्राहकों में बदलें

थोक खरीदारी में खरीदार पहले से ही सप्लायर से जुड़े हुए होते हैं। इसलिए ये बहुत ही चुनौतीपूर्ण कार्य होता है अपने खरीदार को भुगताने करने वाले ग्राहक में बदलना। इस चुनौती से निपटने के लिए हम ऑनलाइन सौदेबाज़ी (नैगोशिएशन) चैट मॉडल की सुविधा देने की कोशिश करते हैं।जहां पर खरीदार और सप्लायर एक सामान्य मंच पर एक दूसरे से सौदेबाज़ी कर सकते हैं और एक-दूसरे की जरूरत को समझ सकते हैं।

ई-कॉमर्स के फायदे और सीमाएं क्या है। What are advantages and limitations of E-Commerce?

ई-कॉमर्स के फायदे और सीमाएं क्या है। What are advantages and limitations of E-Commerce? E-Commerce? e commerce ke fayde aur Seema kya hai. Advantages of e commerce disadvantages of e-commerce.

ई-कॉमर्स के फायदे और सीमाएं क्या है। What are advantages and limitations of E-Commerce?

ई-कॉमर्स के फायदे और सीमाएं क्या है।

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E- Commerce –

ई-कॉमर्स को इलेक्ट्रॉनिक कॉमर्स भी कहा जाता है जब हम Online shopping करते हैं कोई भी सामान Online खरीदते हैं या बेचते हैं और इसकी Payment Card के माध्यम से या UPI Payment सिस्टम से online करते हैं तो यह कार्य E-commerce के अंतर्गत आता है ।

आसान भाषा में कहा जाए तो ऑनलाइन शॉपिंग करना ही e-commerce है आजकल मार्केट में कई सारी ई-कॉमर्स की कंपनियां मौजूद है जो आपको ऑनलाइन शॉपिंग करने की फैसिलिटी प्रदान करती है और आप इन कंपनियों से घर बैठे केवल One click में शॉपिंग कर सकते हैं जिसकी पेमेंट भी आप अपने कार्ड या ऑनलाइन पेमेंट के माध्यम से कर सकते हैं।

हम किसी भी online Shopping website से फर्नीचर, मोबाइल फोन, कोई भी घरेलू उपयोग का सामान खरीदते हैं और इसकी Payment हम ऑनलाइन ही करते हैं आजकल Amazon और Flipkart और इसी के तरह और भी कई सारी ऑनलाइन शॉपिंग वेबसाइट है जिस से हम खरीदारी करते हैं और केवल एक क्लिक से ही हम घर पर बैठकर ही कोई भी सामान खरीद सकते हैं जिसके कॉमर्स का कार्य डिलीवरी हमें घर पर प्राप्त हो जाती है इसे ई-कॉमर्स या इलेक्ट्रॉनिक कॉमर्स कहा जाता है हम यहां पर बिना दुकानदार से मिले बिना उससे किसी प्रकार की बात किए कंप्यूटर या मोबाइल फोन के माध्यम से शॉपिंग कर लेते हैं जो ई-कॉमर्स के अंतर्गत आता है

What is E commerce

e commerce की बहुत सारी वेबसाइट है जैसे अमेजॉन, फ्लिपकार्ट, मीशो, अलिबाबा, वॉलमार्ट और भी कई सारी वेबसाइट कॉमर्स का कार्य है जो ई-कॉमर्स से जुड़ी हुई है और इकॉमर्स प्लेटफॉर्म का उपयोग करती है जिसका उपयोग आज के समय में अत्यधिक बढ़ गया है इन सुविधाओं का लाभ लेने के लिए सभी ऑनलाइन वेबसाइट की एप्लीकेशन होती है और इनकी ऑफिशियल वेबसाइट भी होती है जहां पर जाकर हम ऑनलाइन शॉपिंग कर सकते हैं इसमें ग्राहकों के साथ में किसी भी प्रकार की कोई धोखाधड़ी नहीं होती और एक अच्छी सुविधा प्राप्त होती है

ई-कॉमर्स के फायदे

ई-कॉमर्स के लाभ

Advantages of E-Commerce

ई-कॉमर्स के बहुत सारे फायदे हैं इसका सबसे बड़ा फायदा यह है कि आपको किसी भी प्रकार का कोई भी सामान खरीदने के लिए किसी भी Store या shop तक नहीं जाना पड़ता आप इस की ऑनलाइन वेबसाइट पर यश की एप्लीकेशन को डाउनलोड करके ऑनलाइन अपनी जरूरत की चीजों को कॉमर्स का कार्य ऑर्डर कर सकते हैं जिसके लिए आप कैश ऑन डिलीवरी का भी चयन कर सकते हैं

ई-कॉमर्स के बहुत सारे फायदे हैं जिनकी विस्तार में जानकारी नीचे दी गई है

सत्ता (Cheap Rate)

यहां पर आपको बहुत सारी ऑनलाइन शॉपिंग की वेबसाइट मिल जाती है जहां पर आप अलग अलग व्यक्ति साइट पर जाकर आप जो भी सामान खरीदना चाहते हैं उसे कंपेयर कर सकते हैं और जिस भी वेबसाइट पर यहां सामान सस्ता मिलता है वहां से जाकर आप यह प्रोडक्ट खरीद सकते हैं ऑनलाइन शॉपिंग में आपको ऑनलाइन Payment पर या क्रेडिट कार्ड डेबिट कार्ड से Payment करने पर आपको कुछ Percent झूठ भी मिल जाती है इस प्रकार आप कम दाम में सामान खरीद सकते हैं

ऑनलाइन शॉपिंग में आपको दुकानों के अपेक्षा सस्ता सामान मिलता है क्योंकि यह डायरेक्ट सेलिंग कंपनी होती है जो डायरेक्ट कस्टमर तक पहुंचती है इसीलिए इसमें बिचौलियों की जरूरत नहीं होती और हमें प्रोडक्ट सस्ता मिल जाता है

आसान शॉपिंग (Easy shopping)

Online Shopping करना बहुत ही आसान होता है हम अपने मोबाइल फोन से या लैपटॉप कंप्यूटर की हेल्प से ऑनलाइन शॉपिंग कर सकते हैं जिसके लिए हमें इसकी वेबसाइट पर जाना होता है अथवा मोबाइल फोन में एप्लीकेशन इंस्टॉल कर के भी हम बहुत ही कॉमर्स का कार्य आसानी से शॉपिंग कर सकते हैं जिससे हमारे समय की बचत होती है और खरीदारी आसान होती है

सामान की उपलब्धता – Availability – आपके द्वारा चाहे गए सामान आपको हमेशा अवेलेबल मिलेंगे यहां समय कॉमर्स का कार्य की कोई पाबंदी नहीं रहती ऑनलाइन शॉपिंग की दुकानें 24 घंटे खुली रहती है आप 12:00 बजे रात को चाहे तब भी आप यहां पर शॉपिंग कर सकते हैं यह इसकी सबसे अच्छी बात है

जल्दी खरीदारी संभव है- Fast checkouts

यदि आप किसी स्टोरिया दुकान पर जाते हैं तो वहां पर आपको काफी सारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है जैसे दुकानों पर भीड़ रहती है और भी तरह-तरह की परेशानियां ऑनलाइन शॉपिंग में आप बहुत जल्दी खरीदारी कर सकते हैं केवल वनक्लिक पर ही आप खरीदारी कर सकते हैं आपको यहां किसी स्टोर के चक्कर लगाने की जरूरत नहीं होती

ई-कॉमर्स की सीमाएं

ई-कॉमर्स के नुकसान-

Disadvantages of E-Commerce –

वैसे तो ई-कॉमर्स के कोई नुकसान नहीं है लेकिन कुछ नुकसान भी होते हैं कई बार देखा गया है कि ग्राहकों से धोखाधड़ी की बातें सामने आई है

कुछ ग्राहकों के साथ में ऐसा हुआ है कि उन्होंने कोई सामान ऑर्डर किया है जब उनकी डिलीवरी घर तक पहुंचती है तो उन्हें घर पर डैमेज सामान मिलता है अथवा पैकेट में या लिफाफे में कोई सामान ही नहीं होता जिसकी कई बार कंप्लेंट भी की गई है।

हम जो प्रोडक्ट खरीद रहे हैं हमें केवल उसकी पिक्चर दिखाई जाती है और कई बार असलियत कुछ और होती है इसीलिए हमें किसी ट्रस्टेड ई-कॉमर्स की वेबसाइट से ही सामान खरीदना चाहिए।

कई बार ऑनलाइन Payment करते वक्त Payment फेल हो जाती है और ग्राहक के खाते से भी पैसा कट जाता है जिससे उन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ता है हालांकि यहां Payment जल्द ही ग्राहक के खाते में वापस आ जाता है।

हमें प्रोडक्ट की जांच करने की फैसिलिटी नहीं होती आप सामान खरीद कर ही इसकी जांच कर सकते हैं हालांकि आपको रिप्लेसमेंट की सुविधा दी जाती है ।

देखा जाता है कि कई बार धागों को संतुष्टि नहीं होती क्योंकि ग्राहक सामान को छू कर देखना चाहते हैं आंखों से सामने देखना चाहते हैं लेकिन ऑनलाइन शॉपिंग में यह संभव नहीं हो पाता।

ऐसे लोग जिनके पास तकनीकी ज्ञान नहीं है ऐसे लोगों के लिए ऑनलाइन शॉपिंग करना संभव नहीं हो पाता क्योंकि हमारे भारत देश का हर व्यक्ति साक्षर नहीं है और वहां इंटरनेट और नेट बैंकिंग के बारे में जानकारी नहीं रखता इसीलिए ऐसे लोगों के लिए ऑनलाइन शॉपिंग मुश्किल हो जाती है ।

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