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बिटकॉइन वास्तव में क्या है

बिटकॉइन वास्तव में क्या है
इस पर शेट्टी ने कहा, 'बिटकॉइन का मकसद बिल्कुल गोल्ड की तरह है, यानी वैल्यू स्टोर करना. वास्तव में, यह सोने की तुलना में ज्यादा एक्सेसिबल है क्योंकि इसे खरीदने के लिए आपको केवल एक मोबाइल फोन और इंटरनेट की जरूरत होती है. लेकिन सोने को बहुत आसानी से यूज किया जा सकता है, यही बात क्रिप्टो को और अधिक अस्थिर बनाता है.

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बिटकॉइन (Bitcoin)

बिटकॉइन दुनिया की सबसे पहली विकेंद्रीकृत क्रिप्टोकरेंसी या कहें कि डिजिटल कॉइन है. इसे विकेंद्रीकृत क्रिप्टोकरेंसी इसलिए कहा जाता है क्योंकि दुनिया की कोई भी फाइनेंशियल रेग्युलेटरी अथॉरिटी इस पर नियंत्रण नहीं रखती है. ये पीयर-2-पीयर सॉफ्टवेयर और क्रिप्टोग्राफी पर काम करती है.

बिटकॉइन के क्रिएशन को करीब एक दशक बीत चुका है. इन 10 सालों में ये दुनिया की सबसे लोकप्रिय क्रिप्टोकरेंसी बन चुकी है. इस लोकप्रिय क्रिप्टोकरेंसी में लेनदेन के लिए बिटकॉइन ब्लॉकचेन का इस्तेमाल किया जाता है.

प्रत्येक बिटकॉइन 10,00,00,000 सैटोशिस से बना होता है, ये बिटकॉइन की सबसे छोटी इकाई है. इसे आप ऐसे समझ सकते हैं कि 1 रुपये में 100 पैसे होते हैं. ये यूनिट्स एक बिटकॉइन को 8 डेसिमल प्लेस में विभाजित करने लायक बनाती हैं. इसलिए लोग एक बिटकॉइन को कई टुकड़ों में खरीद पाते हैं.

भारत और क्रिप्टोकरेंसी

क्रिप्टोकरेंसी के ख़रीद-बिक्री के लिए भारत में इस समय 19 क्रिप्टो एक्सचेंज मार्केट हैं जिनमें वज़ीरएक्स का नाम पिछले दिनों सुर्ख़ियों बिटकॉइन वास्तव में क्या है में था.

केंद्र सरकार के एनफोर्समेंट डायरेक्टरेट (ईडी) ने वज़ीरएक्स के संस्थापक और निदेशक निश्चल शेट्टी को विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) 1999 के क़ानून के तहत 2,971 करोड़ रुपये के क्रिप्टोकरेंसी के लेनदेन का हिसाब देने को कहा है.

ईडी ने वज़ीरएक्स पर अपने उपयोगकर्ताओं की 'नो योअर कस्टमर' (केवाईसी) यानी ग्राहक वेरिफ़िकेशन के लिए आवश्यक दस्तावेज़ नहीं लेने का आरोप लगाया है. ईडी के अनुसार, वज़ीरएक्स का इस्तेमाल कुछ चीनी नागरिकों ने अपने वज़ीरएक्स वॉलेट में राशि जमा करके किया. वज़ीरएक्स के संस्थापक शेट्टी ने जवाब में तीन ट्वीट किए और इस इल्ज़ाम को नकारते हुए ईडी के साथ पूरा सहयोग का वादा किया.

भारत में क्रिप्टोकरेंसी को लेकर अभी कोई सरकारी गाइडलाइन या नियम-कानून मौजूद नहीं हैं. यही वजह है कि वज़ीरएक्स जैसे मामलों में अभी सिर्फ़ केवाईसी के नियमों का पालन नहीं करने को लेकर नोटिस भेजा गया है.

क्रिप्टोकरेंसी क्या है?बिटकॉइन वास्तव में क्या है

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दुनिया में रुपए, डॉलर और यूरो जैसे नोटों की तरह पिछले 10-12 सालों में वर्चुअल दुनिया में कई मुद्राएँ सामने आई हैं और इनकी लोकप्रियता और संख्या दोनों तेज़ी से बढ़ती जा रही है. खास तौर पर युवा पीढ़ी में ये काफ़ी लोकप्रिय हैं.

मोटे तौर पर क्रिप्टोकरेंसी वर्चुअल या डिजिटल पैसा है जो टोकन या डिजिटल "सिक्कों" के रूप में होता है, क्रिप्टोकरेंसी को डिज़ाइन ही इस तरह किया गया है कि वह सरकारी नियमों और नियंत्रण से मुक्त रहे.

इस तरह की करेंसियों में सबसे चर्चित बिटकॉइन है, पिछले हफ़्ते एक बिटकॉइन की क़ीमत लगभग 30 लाख रुपए थी. दुनिया भर में दो करोड़ के क़रीब बिटकॉइन चलन में हैं जिनमें से दो हज़ार भारत में बताए जाते हैं.

इसकी क़ीमत में लगातार भारी उतार चढ़ाव दिख रहा है, कुछ जानकारों का कहना है कि यह अगले कुछ महीनों में इसकी वैल्यू 50 प्रतिशत गिर सकती है, तो कुछ दूसरे विशेषज्ञों का मानना है कि यह 30 लाख से बढ़कर 75 लाख तक हो सकता है.

क्रिप्टो और ब्लॉकचेन

क्रिप्टोकरेंसी ब्लॉकचेन नामक टेक्नोलॉजी पर आधारित है. प्रवीन विशेष सिंगापुर में एक बड़े हेज फंड के पोर्टफ़ोलियो मैनेजर हैं. उनका काम करेंसी व्यापार से जुड़ा है.

बीबीसी से बातचीत में वो कहते हैं, "ब्लॉकचेन भविष्य का टेक्नोलॉजी प्लेटफार्म है. ये वो मंच है जिस पर क्रिप्टो मुद्राओं का लेन-देन होता है. ब्लॉकचेन जानकारी को रिकॉर्ड करने की एक प्रणाली है जिसमें जानकारी को बदलना या हैक करना लगभग असंभव है."

थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक में लियोनार्ड कुकोस क्रिप्टोकरेंसी के विकास के समर्थक और निवेशक हैं. इस काम में वो बहुत सक्रिय हैं. वो ब्लॉकचेन जैसी उभरती टेक्नोलॉजी के विशेषज्ञ भी हैं.

उन्होंने बीबीसी के सवालों के बिटकॉइन वास्तव में क्या है जवाब में कहा, "सरल शब्दों में, ब्लॉकचेन एक विशेष प्रकार का डेटाबेस है जिसे डिस्ट्रीब्यूटेड खाता कहा जाता है जो डिजिटल लेनदेन को रिकॉर्ड करता है ताकि इसे बदलना, हैक करना या फ्रॉड करना लगभग असंभव हो. यह विशेष है क्योंकि सभी लेन-देन कंप्यूटरों के विशाल नेटवर्क में एन्क्रिप्टेड, कॉपीड और ड्रिस्ट्रीब्यूटेड होते हैं."

बिटकॉइन क्या है

बिटकॉइन दुनिया भर में पहली विकेंद्रीकृत डिजिटल मुद्रा है। डिजिटल मुद्रा का मतलब है की यह कम्प्यूटरीकृत है, इस प्रकार, बिना असल रूप की मुद्रा। बिटकॉइन को इंटरनेट पर स्थित डिजिटल पते में संग्रहीत किया जाता है। इसके पीछे कोई केंद्रीय बैंक नहीं होने के कारण इसका विकेंद्रीकरण हुआ था, और कोई भी इसकी वितरण राशि को नियंत्रित नहीं करता है। न ही कोईबैंक, बिटकॉइन वास्तव में क्या है न ही कोई व्यक्ति, और न ही कोई संगठन या सरकार।

ऐसा माना जाता है कि एक प्रमुख बैंक या सरकार जैसी किसी संस्था को किसी भी मुद्रा के समर्थन के लिए खड़ा होना चाहिए और उसकी अर्थव्यवस्था की स्थिरता का ख्याल रखना चाहिए। तथ्य यह है कि कुछ दशकों पहलेही कर्ज अर्थव्यवस्था शुरू हुई, उसी युग में हम आज जी रहे हैं, और यह किसी भी देश के केंद्रीय बैंक को किसी भी ठोस परिसंपत्ति आधार (उदाहरण के लिए, सोन ) के बिना किसी नए बिल को प्रिंट करने की इजाजत देता है। यह बिटकॉइन वास्तव में क्या है तंत्र
मुद्रास्फीति बनाता है: निरंतर मूल्य बढ़ कर समय के साथ मुद्रा के मूल्य का क्षरण होना। यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि इस युग से पहले, यह पैसा सरकार या केंद्रीय बैंक द्वारा नियंत्रित नहीं था। बिलकुल बिटकॉइन के विचार की तरह, जो हमें हमारे द्वारा रखी गई धन की राशि पर पूर्ण नियंत्रण प्रदान करता है।

बिटकोइन्स का आविष्कार किसने किया?इसका आविष्कार कब किया गया था?

2008 में, सब-प्राइम के दौरान, यूएस में शुरू हुई वैश्विक आर्थिक संकट में, एक सातोशी नाकामोतो नामक व्यक्ति ने निर्णय लिया कि यह पहली डिजिटल विकेन्द्रीकृत मुद्रा के लिए सही समय है। बिना किसी आयोग के और केंद्रीय बैंकके नियंत्रण की मुद्रा। यह एन्क्रिप्टेड प्रौद्योगिकी पर आधारित एक क्रिप्टोग्राफी सिक्का है जो सहकर्मी को सहकर्मी प्रौद्योगिकी का उपयोग करके इंटरनेट के जरिए प्रसारित किया जाता है। अपने पहले दो वर्षों के अस्तित्व में, बिटकॉइनका मूल्य लगभग न के बराबर था, लेकिन सक्रिय समुदायों और नामरहित ऑनलाइन मंचों के आसपास रूप लेना शुरू किया, जो मूल कोड को लगातार सुधारते हैं। 2010 में, सातोशी ने अपनी सच्ची पहचान के बारे में बिना कोई सुराग छोड़ेअचानक बिटकॉइन के विकास को छोड़ दिया और गायब हो गये। बाद के वर्षों में यह समुदाय और विकसित हुआ है, और इसकी ऊंचाई में, एक बिटकॉइन लगभग 1,200 डॉलर के मूल्य बिटकॉइन वास्तव में क्या है पर पहुंच गया है। मैं 2016 में, सातोशी नाकामोतो को दुनिया
भर में प्रेस में वैश्विक चर्चा बनाते हुए पाए गए| यह पता चला है कि सातोशी का असली नाम क्रेग राइट है और वे एक ऑस्ट्रेलियाई उद्यमी हैं।

जानिए क्या है बिटकॉइन और क्यों चढ़ रही है कीमत?

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भारत में भी नियामक संस्थाएं बिटकॉइन से खुश नहीं हैं. आरबीआई के वरिष्ठ अधिकारी सुदर्शन सेन ने सितंबर में कहा था कि केंद्रीय बैंक इस तरह की 'गैर-व्यवस्थित' क्रिप्टोकरेंसी में कारोबार से सहज नहीं है. मगर सवाल उठना लाजमी है कि बिटकॉइन क्या है और यह कैसे काम करता है?

क्या है बिटकॉइन
बिटकॉइन एक तरह की क्रिप्टोकरेंसी है. अंग्रेजी शब्द 'क्रिप्टो' का अर्थ गुप्त होता है. यह एक प्रक्रार की डिजिटल करेंसी है, जो क्रिप्टोग्राफी के नियमों के आधार पर संचालित और बनाई जाती है. क्रिप्टोग्राफी का अर्थ को कोडिंग की भाषा को सुलझाने की कला है.

क्रिप्टोकरेंसी: भारत में क्या है लीगल स्टेटस? कैसे होती है खरीदी-बिक्री? कैसे कर सकते हैं इस्तेमाल?

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बुधवार को पूरी क्रिप्टो दुनिया हिल गई थी. क्योंकि, इसे मार्केट कैप में करीब 1 ट्रिलियन डॉलर का नुकसान हुआ था और Binance और कॉइनबेस सहित कई बड़े ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म क्रैश हो गए थे, जिससे निवेशकों को निराशा हुई थी. हालांकि, बाद के घंटों में Bitcoin, Ethereum और Dogecoin जैसी कई क्रिप्टोकरेंसी में सुधार देखने को मिला था. ये हालिया गिरावट वित्तीय और भुगतान संस्थानों को क्रिप्टोकरेंसी सेवाएं देने से बैन करने के चीन के फैसले के बाद आई थी.

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