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निवेश उपकरण

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उत्तर प्रदेश जीआईएस 2023 में अमेरिका से बड़े स्तर पर निवेश की बंधी उम्मीद

उत्तर प्रदेश में बड़े पैमाने पर इन्वेस्टमेंट के लिए अमेरिकी कंपनियों में उत्सुकता बढ़ने लगी है। प्रदेश के कुल 9 सेक्टर ऐसे हैं, जहां अमेरिकी कंपनियों की दिलचस्पी ज्यादा है। इसमें आईटी से लेकर कृषि उद्योग तक अमेरिकी कंपनियों के टॉप चार्ट में हैं। जीआईएस-2023 की नोडल एजेंसी इन्वेस्ट यूपी के मुताबिक प्रदेश में भारी निवेश के लिए अमेरिकी कंपनियों पर विशेष फोकस है। सरकार बड़ी संख्या में अमेरिकी कंपनियों को यूपीजीआईएस 2023 के लिए निमंत्रण भेज चुकी है। इसके अलावा अमेरिका के विभिन्न व्यापारिक संगठनों से भी सरकार के अधिकारी लगातार संपर्क में हैं, जहां से निवेश उपकरण काफी उत्साहवर्धक रिस्पॉन्स मिले हैं।

अमेरिकी कंपनियों की ओर से जिन सेक्टर्स में विशेष रुचि दिखाई गयी है उनमें आईटी और इलेक्ट्रॉनिक्स, कृषि और खाद्य प्रसंस्करण, रक्षा और एयरोस्पेस, फार्मास्युटिकल और चिकित्सा उपकरण, ऊर्जा, रिटेल और ऑटोमोबाइल। इसके अलावा बड़ी संख्या में वेंचर कैपिटलिस्ट भी यूपी में निवेश को इच्छुक हैं। यूपी में सर्वाधिक 90 लाख से भी ज्यादा एमएसएमई क्लस्टर हैं, जहां निवेश के लिए अमेरिकन वेंचर कैपिटलिस्ट्स के साथ सरकार के स्तर से लगातार संपर्क साधा जा रहा है। सरकार को उम्मीद है कि प्रदेश के स्टार्टअप्स में अमेरिकी निवेशकों की हिस्सेदारी होने से यूपी में यूनिकॉर्न की संख्या में अप्रत्याशित वृद्धि होगी। साथ ही राज्य से मेधा के पलायन को रोकने में भी काफी मदद मिलेगी।

इसमें एप्पल, माइक्रोसॉफ्ट कॉर्पोरेशन, अल्फाबेट (गूगल), अमेजॉन, मेटा, वीज़ा, इंटेल, सिस्को, ऑरेकल और अडोबी शामिल हैं।

इसमें आर्चर डेनियल्स मिडलैंड (एडीएम), सिजेन्टा, ब्यूरो वेरिटाज़, कोर्टेवा एग्रीसाइंस, न्यूट्रीन, इंडिगो और पॉयनियर शामिल हैं।

इसमें बीएई सिस्टम, सफरॉन एसए, रायथॉन, नॉर्थ्रोप ग्रुम्मैन, जीई एविएशन, जनरल डायनेमिक्स कॉर्पोरेशन, लॉकहीड मार्टिन कॉर्पोरेशन, यूनाइटेड टेक्नोलॉजी कॉर्पोरेशन (यूटीसी), एयरबस एसई और दि बोइंग कंपनी शामिल हैं।

इनमें जॉनसन एंड जॉनसन, फाइजर इंक, मर्क एंड कंपनी, ऐबवाई इंक, ब्रिस्टल मेयर्स स्क्वीब, एब्बोट लैबोरेटरीज़, ऐमगन, गिलीड साइंसेज़, एली लिली एंड कंपनी और बायोजेन शामिल हैं।

इसमें एक्सन मोबिल कॉर्पोरेशन, शेवर्न कॉर्पोरेशन, नेक्स्ट्रा इनर्जी, जनरल इलेक्ट्रिक, कॉन्को फिलिप्स, डोमिनियन इनर्जी, ड्यूक इनर्जी कॉर्पोरेशन और दि सदर्न शामिल हैं।

जनरल मोटर्स, फोर्ड मोटर, बीएमडब्ल्यू, फॉक्सवैगन, टेस्ला, डीरे एंड कंपनी, पेसकार इंक और निसान मोटर्स प्रमुख रूप से शामिल हैं।

यूएस स्माल बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन (एसबीए), नेशनल विमेन बिजनेस काउंसिल, स्कोर बिजनेस मेंटरिंग, वेटरन्स बिजनेस आउटरीच सेंटर (वीबीओसी), इसके अलावा यूएस चेंबर ऑफ कॉमर्स स्माल बिजनेस काउंसिल, यूएस एक्सपोर्ट असिस्टेंस सेंटर, यूनाइटेड स्टेट माइनॉरिटी चेंबर ऑफ कॉमर्स, आंत्र्प्रेन्योर ऑर्गनाइजेशन, नेशनल फेडरेशन ऑफ इंडिपेंडेंट बिजनेस (एनएफआईबी), इंटरनेशनल फ्रेंचाइजीस एसोसिएशन (आईएफए), नेशनल रेस्टोरेंट एसोसिएशन, नेशनल रिटेल फेडरेशन, अमेरिकन मार्केटिंग एसोसिएशन (एएमए), यूनाइटेड स्टेट टेलिकॉम एसोसिएशन।

अमेरिकी कंपनियों के उत्तर प्रदेश में निवेश के लिए सरकार ने अफसरों की लंबी चौड़ी टीम को काम पर लगा दिया है। इनमें सचिव स्तर से ऊपर के दो अफसर, आईटी एवं इलेक्ट्रॉनिक्स और स्वास्थ्य विभाग के दो अधिकारी, योजना विभाग से एक अधिकारी, उद्योग विभाग से एक अधिकारी को लगाया गया है। इसके अलावा सीएम कार्यालय से एक अधिकारी व इन्वेस्ट यूपी के तीन अधिकारियों को अमेरिकी कंपनियों से डील फाइनल करने के काम में मिशन मोड में कार्य करने के लिए कहा गया है।

अमेरिकन कंपनियां यूपी में करेंगी निवेश: GIS-2023 में सैन फ्रैंसिस्को, टोरंटो और न्यूयार्क की बड़ी कंपनियां यहां बिजनेस करना चाहती हैं

यूपी में अमेरिकी कंपनियां इन्वेस्टमेंट करेंगी। 9 सेक्टर ऐसे निवेश उपकरण हैं, जहां अमेरिकी कंपनियों की दिलचस्पी ज्यादा है। इसमें आईटी से लेकर कृषि उद्योग तक अमेरिकी कंपनियों के टॉप चार्ट में हैं। GIS-2023 की नोडल एजेंसी इन्वेस्ट यूपी के मुताबिक अमेरिकी कंपनियों को यहां बुलाया गया है।

अमेरिकी कंपनियों की ओर से जिन सेक्टर्स में रुचि दिखा रही हैं। उनमें आईटी और इलेक्ट्रॉनिक्स, कृषि और खाद्य प्रसंस्करण, रक्षा और एयरोस्पेस, फार्मास्युटिकल और चिकित्सा उपकरण, ऊर्जा, रिटेल और ऑटोमोबाइल। इसके अलावा बड़ी संख्या में वेंचर कैपिटलिस्ट भी यूपी में निवेश को इच्छुक हैं।

यूपी में सर्वाधिक 90 लाख से भी ज्यादा एमएसएमई क्लस्टर हैं। जहां निवेश के लिए अमेरिकन वेंचर कैपिटलिस्ट्स के साथ सरकार के स्तर से लगातार संपर्क साधा जा रहा है। सरकार को उम्मीद है कि प्रदेश के स्टार्टअप्स में अमेरिकी निवेशकों की हिस्सेदारी होने से यूपी में यूनिकॉर्न की संख्या में अप्रत्याशित वृद्धि होगी।

पढ़िए किस सेक्टर में किस कंपनी से बात हो रही है.
आईटी सेक्टर : एप्पल, माइक्रोसॉफ्ट कॉर्पोरेशन, अल्फाबेट (गूगल), अमेजॉन, मेटा, वीज़ा, इंटेल, सिस्को, ऑरेकल और अडोबी।
एग्रो एवं फूड प्रोसेसिंग : आर्चर डेनियल्स मिडलैंड (एडीएम), सिजेन्टा, ब्यूरो वेरिटाज़, कोर्टेवा एग्रीसाइंस, न्यूट्रीन, इंडिगो और पॉयनियर।
एयरो एंड डिफेंस सेक्टर : बीएई सिस्टम, सफरॉन एसए, रायथॉन, नॉर्थ्रोप ग्रुम्मैन, जीई एविएशन, जनरल डायनेमिक्स कॉर्पोरेशन, लॉकहीड मार्टिन कॉर्पोरेशन, यूनाइटेड टेक्नोलॉजी कॉर्पोरेशन (यूटीसी), एयरबस एसई और दि बोइंग कंपनी।
फार्मा एंड मेडिकल सेक्टर : जॉनसन एंड जॉनसन, फाइजर इंक, मर्क एंड कंपनी, ऐबवाई इंक, ब्रिस्टल मेयर्स स्क्वीब, एब्बोट लैबोरेटरीज़, ऐमगन, निवेश उपकरण गिलीड साइंसेज़, एली लिली एंड कंपनी और बायोजेन।
ऊर्जा सेक्टर : एक्सन मोबिल कॉर्पोरेशन, शेवर्न कॉर्पोरेशन, नेक्स्ट्रा इनर्जी, जनरल इलेक्ट्रिक, कॉन्को फिलिप्स, डोमिनियन इनर्जी, ड्यूक इनर्जी कॉर्पोरेशन और दि सदर्न।
ऑटोमोबाइल्स सेक्टर : जनरल मोटर्स, फोर्ड मोटर, बीएमडब्ल्यू, फॉक्सवैगन, निवेश उपकरण टेस्ला, डीरे एंड कंपनी, पेसकार इंक और निसान मोटर्स।

इन व्यापारिक संगठनों से सरकार की हो रही बात

  • यूएस स्माल बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन (एसबीए)
  • नेशनल विमेन बिजनेस काउंसिल
  • स्कोर बिजनेस मेंटरिंग
  • वेटरन्स बिजनेस आउटरीच सेंटर (वीबीओसी)
  • यूएस चेंबर ऑफ कॉमर्स स्माल बिजनेस काउंसिल
  • यूएस एक्सपोर्ट असिस्टेंस सेंटर
  • यूनाइटेड स्टेट माइनॉरिटी चेंबर ऑफ कॉमर्स
  • आंत्र्प्रेन्योर ऑर्गनाइजेशन
  • नेशनल फेडरेशन ऑफ इंडिपेंडेंट बिजनेस (एनएफआईबी)
  • इंटरनेशनल फ्रेंचाइजीस एसोसिएशन (आईएफए)
  • नेशनल रेस्टोरेंट एसोसिएशन
  • नेशनल रिटेल फेडरेशन
  • अमेरिकन मार्केटिंग एसोसिएशन (एएमए)
  • यूनाइटेड स्टेट टेलिकॉम एसोसिएशन

यूएस को साधने के लिए लगी है अफसरों की फौज
अमेरिकी कंपनियों के उत्तर प्रदेश में निवेश के लिए सरकार ने अफसरों की लंबी चौड़ी टीम को काम पर लगा दिया है। इनमें सचिव स्तर से ऊपर के दो अफसर, आईटी एवं इलेक्ट्रॉनिक्स और स्वास्थ्य विभाग के दो अधिकारी, योजना विभाग से एक अधिकारी, उद्योग विभाग से एक अधिकारी को लगाया गया है। इसके अलावा सीएम कार्यालय से एक अधिकारी व इन्वेस्ट यूपी के तीन अधिकारियों को अमेरिकी कंपनियों से डील फाइनल करने के काम में मिशन मोड में कार्य करने के लिए कहा गया है।

जानिये यूपी के किन नौ सेक्टरों में निवेश करेंगी अमेरिकी कंपनियां

लखनऊ,नवसत्ताः प्रदेश में बड़े पैमाने पर इन्वेस्टमेंट के लिए अमेरिकी कंपनियों में उत्सुकता बढ़ने लगी है। प्रदेश के कुल 9 सेक्टर ऐसे हैं, जहां अमेरिकी कंपनियों की दिलचस्पी ज्यादा है। इसमें आईटी से लेकर कृषि उद्योग तक अमेरिकी कंपनियों के टॉप चार्ट में हैं। जीआईएस-2023 की नोडल एजेंसी इन्वेस्ट यूपी के मुताबिक प्रदेश में भारी निवेश के लिए अमेरिकी कंपनियों पर विशेष फोकस है। सरकार बड़ी संख्या में अमेरिकी कंपनियों को यूपीजीआईएस 2023 के लिए निमंत्रण भेज चुकी है। इसके अलावा अमेरिका के विभिन्न व्यापारिक संगठनों से भी सरकार के अधिकारी लगातार संपर्क में हैं, जहां से काफी उत्साहवर्धक रिस्पॉन्स मिले हैं।

इन सेक्टर्स में अमेरिकी कंपनियों की है विशेष रुचि

अमेरिकी कंपनियों की ओर से जिन सेक्टर्स में निवेश उपकरण विशेष रुचि दिखाई गयी है उनमें आईटी और इलेक्ट्रॉनिक्स, कृषि और खाद्य प्रसंस्करण, रक्षा और एयरोस्पेस, फार्मास्युटिकल और चिकित्सा उपकरण, ऊर्जा, रिटेल और ऑटोमोबाइल। इसके अलावा बड़ी संख्या में वेंचर कैपिटलिस्ट भी यूपी में निवेश को इच्छुक हैं। यूपी में सर्वाधिक 90 लाख से भी ज्यादा एमएसएमई क्लस्टर हैं, जहां निवेश के लिए अमेरिकन वेंचर कैपिटलिस्ट्स के साथ सरकार के स्तर से लगातार संपर्क साधा जा रहा है। सरकार को उम्मीद है कि प्रदेश के स्टार्टअप्स में अमेरिकी निवेशकों की हिस्सेदारी होने से यूपी में यूनिकॉर्न की संख्या में अप्रत्याशित वृद्धि होगी। साथ ही राज्य से मेधा के पलायन को रोकने में भी काफी मदद मिलेगी।

आईटी सेक्टर में जिन कंपनियों से हो रही बात इसमें एप्पल, माइक्रोसॉफ्ट कॉर्पोरेशन, अल्फाबेट (गूगल), अमेजॉन, मेटा, वीज़ा, इंटेल, सिस्को, ऑरेकल और अडोबी शामिल हैं। एग्रो एवं निवेश उपकरण फूड प्रोसेसिंग में आर्चर डेनियल्स मिडलैंड (एडीएम), सिजेन्टा, ब्यूरो वेरिटाज़, कोर्टेवा एग्रीसाइंस, न्यूट्रीन, इंडिगो और पॉयनियर शामिल हैं।

एयरो एंड निवेश उपकरण डिफेंस सेक्टर में बीएई सिस्टम, सफरॉन एसए, रायथॉन, नॉर्थ्रोप ग्रुम्मैन, जीई एविएशन, जनरल डायनेमिक्स कॉर्पोरेशन, लॉकहीड मार्टिन कॉर्पोरेशन, यूनाइटेड टेक्नोलॉजी कॉर्पोरेशन (यूटीसी), एयरबस एसई और दि बोइंग कंपनी शामिल हैं। फार्मा एंड मेडिकल सेक्टर में जॉनसन एंड निवेश उपकरण जॉनसन, फाइजर इंक, मर्क एंड कंपनी, ऐबवाई इंक, ब्रिस्टल मेयर्स स्क्वीब, एब्बोट लैबोरेटरीज़, ऐमगन, गिलीड साइंसेज़, एली लिली एंड कंपनी और बायोजेन शामिल हैं।

ऊर्जा सेक्टर में एक्सन मोबिल कॉर्पोरेशन, शेवर्न कॉर्पोरेशन, नेक्स्ट्रा इनर्जी, जनरल इलेक्ट्रिक, कॉन्को फिलिप्स, डोमिनियन इनर्जी, ड्यूक इनर्जी कॉर्पोरेशन और दि सदर्न शामिल हैं। वेंचर कैपिटल में डीसीएम वेंचर, ग्रेलॉक पार्टनर, इनसाइट वेंचर पार्टनर और यूनियन स्क्वायर वेंचर शामिल हैं। रिटेल सेक्टर वालमार्ट, अमेजॉन, कोस्टो होलसेल और दि होम डीपो शामिल हैं।ऑटोमोबाइल्स सेक्टर में जनरल मोटर्स, फोर्ड मोटर, बीएमडब्ल्यू, फॉक्सवैगन, टेस्ला, डीरे एंड कंपनी, पेसकार इंक और निसान मोटर्स प्रमुख रूप से शामिल हैं।

इन व्यापारिक संगठनों से सरकार की हो रही बात यूएस स्माल बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन (एसबीए), नेशनल विमेन बिजनेस काउंसिल, स्कोर बिजनेस मेंटरिंग, वेटरन्स बिजनेस आउटरीच सेंटर (वीबीओसी), इसके अलावा यूएस चेंबर ऑफ कॉमर्स स्माल बिजनेस काउंसिल, यूएस एक्सपोर्ट असिस्टेंस सेंटर, यूनाइटेड स्टेट माइनॉरिटी चेंबर ऑफ कॉमर्स, आंत्र्प्रेन्योर ऑर्गनाइजेशन, नेशनल फेडरेशन ऑफ इंडिपेंडेंट बिजनेस (एनएफआईबी), इंटरनेशनल फ्रेंचाइजीस निवेश उपकरण एसोसिएशन (आईएफए), नेशनल रेस्टोरेंट एसोसिएशन, नेशनल रिटेल फेडरेशन, अमेरिकन मार्केटिंग एसोसिएशन (एएमए), यूनाइटेड स्टेट टेलिकॉम एसोसिएशन।

शादियों के सीजन में आज क्या रहेंगे सोने के भाव?

नमस्कार दोस्तों आज हम आपको बताएंगे कि आज भारत में 27 नवंबर 2022 को सोने के भाव भारत में अलग-अलग जगह और दूसरे बड़े शहरों में क्या है। इस आर्टिकल में आपको 22 कैरेट और 24 कैरेट के सोने के भाव अलग-अलग शहरों में जानने को मिलेंगे

जैसा कि आपको पता ही है कि भारत में शादियों का सीजन चल रहा है और आपको यह बताने की तो जरूरत नहीं है कि शादियों में सोना ज्यादातर लोग खरीदते हैं क्योंकि सोने से भारतीयों की एक अलग ही पहचान है उनका निवेश उपकरण नाता सोने से सदियों से हैं। जहां पीढ़ियों से, सोना लोगों के लिए निवेश का शीर्ष विकल्प रहा है और इसे वित्तीय स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए एक महत्वपूर्ण उपकरण माना जाता है

और यह भारत में सबसे लोकप्रिय निवेश उत्पादों में से एक है। इसलिए लोग सोने के भाव कम होने की तलाश करते हैं और जैसे ही वह कम होता है लोग सोना खरीदते हैं और वह भी लोग सोना खरीदते हैं जिनके यहां शादी फिलहाल नहीं है। ऐसे लोग अपने शौक के लिए सोना खरीदना पसंद करते हैं और दाम कम होने की तलाश में रहते हैं

भारत में आज सोने के दाम 22 कैरेट के लिए 48240 रुपए प्रति 10 ग्राम पर है और 24 कैरेट के लिए ₹52,660 प्रति 10 ग्राम पर है। वही 1 ग्राम के लिए 24 कैरेट गोल्ड की कीमत भारत में आज ₹ 5,266 पर है और 1 ग्राम के लिए 22 कैरेट गोल्ड की कीमत ₹ 4,824 है

भारत में मौजूद बड़े शहरों में 24 नवंबर को 10 ग्राम के 24 कैरेट सोने के रेट की बात करें तो अमृतसर में ₹ 52,200, बैंगलोर में ₹53020, भुवनेश्वर में ₹52,640, अहमदाबाद में ₹53020, दिल्ली में ₹53120, भोपाल में ₹52,200, चंडीगढ़ में ₹52,800, कानपुर में ₹52,290, लखनऊ में ₹53120, मुम्बई में ₹52,970, पटना में ₹53020 और चेन्नई में ₹52,285 है

अन्य निवेश उपकरण वित्तीय संपत्तियों की तरह इसके बाजार मूल्य का प्राथमिक निर्धारक मांग है लेकिन बहुत सी अन्य चीजें भी लागत को प्रभावित कर सकती हैं. भारत के साथ-साथ अन्य देशों में कमोडिटी के रूप में सोने की भारी मांग है और सोने की कीमत में उतार-चढ़ाव होता रहता है

Disclaimer: इस आर्टिकल को कुछ अनुमानों और जानकारी के आधार पर बनाया है हम फाइनेंसियल एडवाइजर नही है आप इस आर्टिकल को पढ़कर शेयर बाज़ार (Stock Market), म्यूच्यूअल फण्ड (Mutual Fund), क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) निवेश करते है तो आपके प्रॉफिट (Profit) और लोस (Loss) के हम जिम्मेदार नही है इसलिए अपनी समझ से निवेश करे और निवेश करने से पहले फाइनेंसियल एडवाइजर की सलाह जरुर ले

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