इंट्राडे ट्रेडिंग क्या है?

Intraday trading tips in hindi : इंट्राडे ट्रेडिंग क्या है?
Hello friends, कैसे हैं आप? आशा करता हूँ आप सभी अच्छे होंगे. Aryavarta Talk – hindi me jaankari में आपका स्वागत है. यह वेबसाइट आप लोगों जैसे जिज्ञाषु readers के लिए ही समर्पित है, जहाँ पर इंट्राडे ट्रेडिंग क्या है? आप रोजाना कुछ नया सीखते हैं. आज का हमारा विषय है Intraday trading tips in hindi : इंट्राडे ट्रेडिंग क्या है?
आपलोगों ने शेयर मार्केट के बारे में जरुर सुना होगा. शेयर मार्केट में पैसा कमाने के लिए लोगों को लम्बा इन्तिज़ार करना पड़ता है. महीनो तक invest करना पड़ता है. लोगों के बीच यह अवधारणा बनी हुई है कि पैसा कमाने के लिए लम्बा इंतिजार करना पड़ता है. किन्तु share market में कम समय में भी कमाई करने का option है.
Intraday trading से हो सकती है एक ही दिन में कमाई, समझिये हमारे साथ क्या है इंट्रा डे ट्रेडिंग का पूरा process. आप हर रोज शेयर खरीद या बेंचकर कमा सकते हैं – पैसे.
Table of Contents
Intraday trading tips in Hindi
किसी कंपनी के शेयर को एक ही दिन में खरीद कर बेच देना Intraday trading कहलाता है. इस प्रक्रिया में सुबह पैसा लगाकर शाम को कमाई की जा सकती है. ऐसा माना जाता है कि यहाँ मुनाफा त्वरित और आसानी से कमाया जा सकता है. इंट्राडे ट्रेडिंग में जिस दिन आपने शेयर ख़रीदा उसी दिन आपको वह शेयर market बंद होने से पहले बेचना होता है या तकनिकी भाषा में कहें तो स्क्वायर ऑफ करना होता है.
Intraday trading का उद्देश्य निवेश करना नहीं होता है बल्कि लाभ कमाना होता है. यहाँ शेयर्स खरीदने के लिए आपके पास ट्रेडिंग अकाउंट होना चाहिए. एक बात आपको ज्ञात होनी चाहिए कि शेयर्स बाज़ार में निवेश करने के लिए Demat account के साथ – साथ ट्रेडिंग अकाउंट भी होना जरुरी है. ट्रेडिंग अकाउंट ब्रोकर के जरिये खोला जाता है.
Intraday trading जोखिम भरा होता है ऐसा इसलिए क्योंकि आपके पास समय नहीं होता है. यहाँ हिसाब उसी दिन बराबर करना होता है चाहे फ़ायदा हो या नुकसान.
लाभ कैसे कमाया जाता है?
इंट्राडे ट्रेडिंग में आप शेयर खरीदकर उसी दिन जब शेयर का भाव ऊपर हो उस समय में बेंचकर लाभ कमा सकते हैं. किन्तु यहाँ जोखिम इस बात की होती है कि शेयर का भाव उसी दिन बढ़ेंगे या घटेंगे यह कोई नहीं कह सकता है. यहाँ अनुभव काम आती है. जब कोई निवेशक यहाँ निवेश करता है तो वह बाज़ार के उतार चढ़ाव पर हर वक़्त नज़र बनाये रखता है.
तकनिकी विश्लेषण :
कहते हैं लालच बुरी बला है यह बात बिल्कुल यहाँ सटीक बैठती है. ज्यादातर निवेशक यहाँ लालच के कारण नुकसान उठाते हैं. यहाँ लाभ कमाने के लिए एक निवेशक को बाज़ार का तकनिकी ज्ञान के साथ – साथ बहुत सारे रिसर्च करने पड़ते हैं. इंट्राडे ट्रेडर्स और नियमित निवेशक में अंतर होता है.
- सबसे पहले आप यह सुनिश्चित कर लें कि आप क्या करने जा रहे हैं क्योंकि यह जितना आसन लगता है उतना है नहीं.
- इसके दोनों सकारात्मक और नकारात्मक पहलु होते हैं.
- शुरुआत करने से पहले प्लान बनाना आवश्यक है.
- लाभ और हानि दोनों स्थितियों को ट्रैक करना सीखें.
- ज्यादा liquidity वाले शेयर्स पर ध्यान दें ताकि किसी भी वक़्त उसे खरीदने और बेंचने के लिए इन्तिज़ार नहीं करना पड़े. ऐसे शेयर्स उपयुक्त मात्रा में मौजूद होते हैं.
- वर्तमान बाज़ार के उतार – चढ़ाव के साथ आगे बढ़ें.
- मंदी के समय में उन shares पर नज़र रखें जिन शेयर्स को निचे जाने की संभावना हो.
- बाज़ार की चाल पकड़ने की कला सीखें इसके उतार और चढ़ाव से सीधे टक्कर न लें तो बेहतर होगा.
- कीमतों की movement पर नज़र बनाये रखने के लिए इंट्राडे ट्रेडर्स के द्वारा चार्ट का इस्तेमाल किया जाता है. यह चार्ट आमतौर पर तकनिकी विश्लेषण करने में ट्रेडर्स की मदद करता है.
- जोखिम को ध्यान में रखकर कूल व्यापारिक पूंजी का 2 या 3 प्रतिशत से ज्यादा जोखिम न उठायें. इसके लिए Stop Loss का उपयोग करें.
- इंट्राडे ट्रेडिंग का समय प्रातः 9:15 से शाम 3:30 बजे तक होती है.
- जहाँ तक हो सके यहाँ trading पुख्ता जानकारी के आधार पर ही करें.
- शुरुआत में trading को सिमित रखें, धैर्य से काम लें, भावनाओं में ना बहें.
- दुनिया की ख़बरों से अवगत रहें, सीखते रहें और इसके बुनियादी नियम की ओर विशेष ध्यान दें.
Conclusion : निष्कर्ष
सारी स्तिथियों का जायजा लेने के पश्चात हम यह कह सकते हैं कि intraday trading एक सट्टे की तरह ही है. बाज़ार का रूझान कब आपके खिलाफ हो जाएगी और कब आपके साथ होगी ये बात कोई नहीं बता सकता है. इसमें लाभ कमाने का कोई पक्का फार्मूला मौजूद नहीं है. इसके जोखिम को ध्यान में रखते हुए हमेशा उसी धन का उपयोग करें जिसे खोने के लिए आप तैयार हैं.
हर दिन आपको एक अलग ट्रेडिंग शैली या रणनीति के साथ बाज़ार में उतरना होगा. लोगों के सुझाव, इसमें उपयोग होनेवाली software, तकनिकी संकेतक केवल मार्गदर्शन के लिए हैं हो सकता है परिणाम इसके विपरीत भी हो सकते हैं. किसी दिन आपको profit होगा तो किसी दिन loss भी हो सकता है.
यदि आप बाज़ार में उतर गये हैं तो किसी को दोष ना दें. यह आपका चुनाव है, बस सीखते रहें, अनुभव लेते रहें, शेयर बाज़ार में टिके रहने का यही एक बेस्ट formula है. बाज़ार का क्षेत्र बहुत बड़ा है यहाँ कब बाज़ी पलटेगी आपको शत प्रतिशत कोई नहीं बता सकता है.
अंत में मेरी राय
यदि हो सके तो लम्बे समय के लिए invest करें. इसमें return कम मिलता है लेकिन जोखिम भी कम होता है. वास्तव में share market उनके लिए है जिन्हें इस field में अच्छी जानकारी है और intraday trading के लिए तो यह बहुत जरुरी है.
मैं इस हिंदी ब्लॉग का संस्थापक हूँ जहाँ मैं नियमित रूप से अपने पाठकों के लिए उपयोगी जानकारी प्रस्तुत करता हूँ. मैं अपनी शिक्षा की बात करूँ तो मैंने Accounts Hons. (B.Com) किया हुआ है और मैं पेशे से एक Accountant भी रहा हूँ.
intraday trading in hindi इंट्राडे ट्रेडिंग कैसे करे
intraday trading in hindi आर्टिकल में हम इंट्राडे ट्रेडिंग क्या है और कैसे करते है इस विषय में जानेंगे. शेयर मार्केट में अगर आप काम करना चाहते है तो intraday trading कैसे इंट्राडे ट्रेडिंग क्या है? करते है और इंट्राडे ट्रेडिंग करते समय किन बातो का ख्याल रखना चाहिए उसके बारे मेंआपको पता होना चाहिए.
intraday trading से कम समय में आप ज्यादा पैसा बना सकते है.अगर आपके पास मार्केट का अनुभव है तो इंट्राडे ट्रेडिंग आपके लिए बेस्ट है. लेकिन अगर आप मार्केट के बारे में ज्यादा नहीं जानते है तो आपको सावधानी रखनी चाहिए.
intraday trading in hindi में कम समय में मुनाफा होता है लेकिन अगर आपको मार्केट का अनुभव नहीं है तो आपको intraday trading में ज्यादा लोस भी हो सकता है.
intraday trading in hindi आर्टिकल में इंट्राडे ट्रेडिंग के बारे में अब हम विस्तार से जानेंगे.
intraday trading in hindi
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जिस ट्रेडिंग की समय अवधि मार्केट के खुलने से बंध होने तक की होती है उस प्रकार की ट्रेडिंग को intraday trading कहते है.
मतलब की अगर आप सुबह कोई शेयर ख़रीदे तो आपको मार्केट बंध होने तक उसे बेच देना पड़ता है चाहे आपको मुनाफा हो रहा हो या नुकशान आपको आपने ख़रीदे हुए शेयर को मार्केट बंध होने तक बेच देना पड़ता है इस प्रकार की ट्रेडिंग को इंट्राडे ट्रेडिंग कहते है.
मान लीजिये के आपने मार्केट के खुलने के बाद Reliance का एक शेयर १००० रुपये में ख़रीदा और उसका भाव अभी १०१२ चल रहा है तो आपको मार्केट के बंध होने से पहले रिलायंस के शेयर को बेच देना होता है.
चाहे उसका भाव १०१२ चल रहा हो या ९८० आपको मार्केट बंध होने तक इस सोदे को बंध याने की क्लोज करना ही पड़ता है. इस प्रकार की ट्रेडिंग को intraday trading कहते है.
intraday trading in hindi के फायदे
i ntraday trading का मतलब समजने के बाद हम जानने वाले है की intraday trading के फायदे क्या है. इंट्राडे ट्रेडिंग के फायदे इस प्रकार है.
-कम समय में आप अच्छा मुनाफा कमा सकते है
-सौदा एक दिन में ही पूरा हो जाता है अगले दिन शेयर का भाव क्या होगा उसकी चिंता नहीं रहती है
-इंट्राडे ट्रेडिंग में ज्यादा लीवरेज मिलती है याने की अगर आपके पास १० हजार तक की राशी है तो आप १ लाख तक के शेयर खरीद या बेच सकते है
-पैसे को लम्बे समय तक इन्वेस्ट नहीं करना पड़ता है
– किसी शेयर में आये अच्छे न्यूज़ या रिजल्ट का फायदा आप कम समय में उठा के अच्छा रिटर्न कमा सकते है.
intraday trading in hindi के नुकशान
intraday trading in hindi की समय अवधि सिर्फ एक दिन की होने के कारण आपने जो शेयर लिए है उसका दाम अगर गिर जाए तो नुकशान होते हुए भी आपको कम दाम में शेयर बेचने पड़ सकते है.
-कम समय अवधि के कारण आप जो भी ट्रेड ले उस पर पुरे दिन नजर बनाये रखनी पड़ती है याने की आपको अपना पूरा समय ट्रेडिंग के पीछे लगाना पड़ता है.
-अगर आपके पास शेयर मार्केट का ज्ञान नहीं है तो इंट्राडे ट्रेडिंग में भारी नुकशान का अंदेशा हमेशा रहता है.
intraday trading in hindi strategy
हमने जाना इस प्रकार Intraday trading की समय अवधि कम होने के कारन आप जो भी शेयर को चुने उसे पुरे रिसर्च करने के बाद चुने.आपको अपने मार्केट के पुरे अनुभव को यंहा इंट्राडे ट्रेडिंग क्या है? पर लगाना होता है.
आपके पास Intraday trading की कुछ जरुरी स्ट्रेटजी होनी चाहिए जिससे आप इंट्राडे ट्रेडिंग में सफल हो पाए यंहा पर कुछ स्ट्रेटजी में आपको बताता हु जिससे आपको पता चल सके की आपको Intraday trading करते समय किन बातो का ख्याल रखना है.
रिसर्च करे
आप जिस भी शेयर को खरीदना चाहते है उसके बारे में अगर आपको नोलेज है तो आपके सफल होने का चांस बढ़ जाता है. इसलिए आप जो भी शेयर खरीदना चाहते है उसके बारे में पढ़े उसके बारे में रिसर्च कर्रे और उसके बाद ट्रेडिंग करे.
आप रिसर्च करने के लिए टेक्नीकल एनालिसिस या फंडामेंटल एनालिसिस कर सकते है ये एनालिसिस क्या होता है इसके बारे में ज्यादा जानने के लिए हिन्दिसफ़र.नेट की विजिट करते रहिये आपको टेक्नीकल एनालिसिस का पूरा कोर्स यंहा पर फ्री में मिलता रहेगा.
मनी मेनेजमेंट
आपको शेयर मार्केट मे काम करते समय ये हमेशा ध्यान रखना है की आप इतने ही पैसे शेयर मार्केट में लगाये जितने पैसे अगर चले भी जाए तो आपको कोई परेशानी नहीं होनी चाहिए.
आपको अपनी धन राशी के २% से ज्यादा नुकशान किसी भी ट्रैड में करने से बचना चाहिए. इस प्रकार मनी मेनेजमेंट करना सिख ले ये मार्केट में काम करने के लिए सबसे ज्यादा जरुरी है.
लिक्विडिटी वाले शेयर का चुनाव करे.
आपको Intraday trading करते समय कम लिक्विडिटी वाले याने के स्मोलकेप शेयर की बजाये लार्जकेप कम्पनी के शेयर का चयन करना चाहिए क्यूंकि कम लिक्विडिटी वाले शेयर में ट्रेडिंग काफी कम की जाती है जब की लिक्विडिटी वाले शेयर में भारी मात्रा में ट्रेडिंग होती है.
Intraday trading के लिए समय निश्चित करे
मार्केट के खुलते ही आप हो सके तो ट्रेडिंग न करे क्यूँकी इसमें ज्यादा जोखिम रहता है. हो सके तो मार्केट स्थिर हो जाने के बाद ट्रेडिंग करे क्यूंकि जब मार्केट ओपन होता है तब उसमे कुछ समय के लिए ज्यादा उछाल और गिरावट होती है.
इस समय से बचे और मार्केट ओपन होने के बाद कम से कम ३०- मिनिट से १ कलाक के समय के बाद ट्रैड करे.
डिसिप्लिन के साथ काम करे
Intraday trading में सबसे ज्यादा अगर कोई जरुरी बात है तो वो है डिसिप्लिन. अगर आप इंट्राडे ट्रेडिंग करते है तो आपको पुरे डिसिप्लिन के साथ काम करना पड़ेगा.
जब भी आप ट्रेड ले तो आप को पता होना चाहिए की कन्हा से एंट्री लेनी है और कन्हा पर निकल जाना है. अगर ये सब आगे से तय होगा तो नुकशान होने के चांस कम हो जाते है. अपनी भावनाओ पर काबू रखे और सही निर्णय ले.
टेक्नीकल और फंडामेंटल एनालिसिस सीखे.
अगर आपको मार्केट में सफलता चाहिए तो आपको टेक्नीकल एनालिसिस या फंडामेंटल एनालिसिस में से कोई एक या दोनों सीखते रहना चाहिए. इससे आपको शेयर के सपोर्ट, रेसिस्टेंट लेवल, के बारे में जानकारी मिलेगी.
कब शेयर खरीदना है बेचना है ये सभी की जानकारी इसके द्वारा आप लगा सकते है इस लिए हमेशा कुछ नया सीखते रहिये आपको मेरी वेबसाइट पर ये सारी जानकारी मिलती रहेगी.
निष्कर्ष
intraday trading in hindi में हमने जाना की इंट्राडे ट्रेडिंग में सफलता पाने के लिए आपके पास मार्केट का अनुभव और ज्ञान होना जरुरी है.
इंट्राडे ट्रेडिंग तभी करे जब आप मार्केट के बारे में सारी बाते जानते हो. आपके पास टेक्नीकल और फंडामेंटल ज्ञान होना जरुरी है. आशा करता हु के आपको मेरा ये आर्टिकल मार्केट के बारे में जानकारी प्रदान करने में सहायक होगा.
टेक्नीकल एनालिसिस और शेयर बाजार से जुडी माहिती प्राप्त करने के लिए हिन्दिसफ़र.नेट को विजिट जरुर करे.
ट्रेडिंग क्या है?
ट्रेडिंग की बहुत सारी किस्में भी होती हैं तो आइए हम आपको बताते हैं कि ट्रेडिंग के कितने प्रकार होते हैं:
- स्काल्पिंग ट्रेडिंग (Scalping Trading)
- इंट्राडे ट्रेडिंग (Intraday Trading)
- स्विंग ट्रेडिंग (Swing Trading)
- पोजीशनल ट्रेडिंग (Positional Trading)
ऊपर दी हुई 4 किस्मों के बारे में हम संक्षेप में बात करते हैं।
स्काल्पिंग ट्रेडिंग (Scalping Trading)
स्काल्पिंग ट्रेडिंग का मकसद होता है मिनटों में पैसा कमाना इसमें ट्रेडर शेयर को कुछ चंद मिनटों (या उससे ज्यादा समय के लिए) के लिए ही खरीदते हैं और स्टॉक मार्केट में इन्हीं शेयर के दाम बढ़ने (या कम होने पर) पर खरीदे गए शेयर को बेचकर मुनाफा कमा लेते हैं। जब कोई भी ट्रेडर ऐसी ट्रेडिंग करता है तो उसे स्काल्पिंग ट्रेडिंग कहते हैं।
ऐसी ट्रेडिंग करने वाले ट्रेडर 1 दिन में 1 से ज्यादा कुछ बार 10-20 से ज्यादा भी ट्रेड करते हैं।
इंट्राडे ट्रेडिंग (Intraday Trading)
इंट्राडे ट्रेडिंग को हम डे ट्रेडिंग भी कहते हैं। इसका मतलब यह है कि ट्रेडर एक ही दिन में शेयर खरीद लेता
है और उसी दिन में अपने शेयर को फायदे या नुकसान में बेच देता है। आसान शब्दों में कहें तो एक ट्रेडर 1 दिन में समान खरीदता है और उसी दिन में अपना सामान बेच देता है।
इसे कहते हैं इंट्राडे ट्रेडिंग। इंट्राडे ट्रेडिंग का मकसद अचानक आई उछाल या गिरावट का लाभ उठाना होता है जिससे ट्रेडर समय रहते ही मुनाफा कमा सके।
इंट्राडे ट्रेडिंग में ट्रेडर हर बार लाभ ही कमाए ऐसा संभव नहीं है ट्रेडर को इसमें नुकसान भी हो सकता है।
ट्रेडिंग में सबसे मुश्किल इंट्राडे ट्रेडिंग होती है इसलिए इसको अच्छी तरह स्टॉक मार्केट सीखने के बाद ही करना शुरू करना चाहिए।
स्विंग ट्रेडिंग (Swing Trading)
स्विंग ट्रेडिंग में अक्सर ट्रेडर शेयर को 1 हफ्ते से लेकर 4 हफ्तों तक अपने पास रखता है और फिर इन शेयर को सेल कर देता है। स्विंग ट्रेडिंग का मुख्य लक्ष्य कुछ सप्ताह में शेयर के दाम में आने इंट्राडे ट्रेडिंग क्या है? वाले Swing का लाभ उठाकर जल्द से जल्द लाभ कमाना होता है। इसी को ही स्विंग ट्रेडिंग कहते हैं। इस बात का ध्यान रहे कि इसमें जोखिम भी होता है
पोजीशनल ट्रेडिंग (Positional Trading)
पोजीशन ट्रेडिंग से तात्पर्य है कि इसमें ट्रेडर शेयर खरीदता है और इन शेयरों को लंबे समय के लिए अपने पास
रखता है। ऐसा करने के लिए हर एक ट्रेडर को शेयर अपने पास रखने के लिए शेयर की डिलीवरी अपने डीमैट अकाउंट में लेनी पड़ती है।
ट्रेडर ने जितने शेयर जिस दाम में खरीदे हैं इन शेयरों का मूल्य ब्रोकर को देना पड़ता है ऐसा करने से
उसको डीमैट अकाउंट में सभी शेयर मिल जाते हैं। इसके बाद वह कभी भी अपने शेयर को बेचकर पैसे जुटा
सकता है।
लेकिन इसमें रिस्क भी होता है। क्योंकि अक्सर हम देखते हैं कि शेयर बाजार में किसी अच्छी या बुरी खबर के कारण आने वाले दिनों में बाजार कुछ बहुत ज्यादा ऊपर या बहुत ज्यादा नीचे खुलता हैं। उदाहरण के तौर पर 2020 में स्टॉक मार्केट कोरोना वायरस की वजह से बहुत बुरी तरह से गिरा था।
अक्सर लोगों के मन में आता है कि क्या ट्रेडिंग से रेगुलर इनकम कमाई जा सकती है या नहीं। ऐसा सवाल हर इंसान के मन में आता है तो आइए हम आपको आसान शब्दों में इसकी जानकारी देते हैं।
हर एक इंसान के लिए ट्रेडिंग के जरिए पैसे कमाना संभव है पर यह आसान नहीं होता है क्योंकि जैसा कि हमने ऊपर बताया है कि अगर कोई व्यक्ति शेयर के मूल्य की हर एक छोटी मूवमेंट से अच्छा पैसा कमाना चाहता है तो उसके लिए ज्यादा से ज्यादा शेयर लेने आवश्यक हैं और इसके लिए पैसों की जरूरत बहुत ज्यादा होगी।
पैसों के साथ-साथ हर एक व्यक्ति को जो कि इसमें पैसे लगाते हैं उनको TECHNICAL ANALYSIS की जानकारी होनी भी जरूरी है। तभी हम प्राइस के पैटर्न को समझ सकेंगे और वक्त आने पर शेयर को बेच और खरीद सकेंगे।
ट्रेडिंग में सबसे महत्वपूर्ण बात यह होती है कि लगातार अपनी गलतियों से सीखना क्योंकि जितना ही हम
सीखेंगे उतना हमारा तजुर्बा बढ़ेगा जिससे कि हम Successful Trader ट्रेडर बन सकेंगे। अपनी गलतियों से सीखना और उससे आगे बढ़ना ही सक्सेसफुल ट्रेडर की पहचान होती है।
ट्रेडिंग अकाउंट कैसे खोलते हैं?
ट्रेडिंग अकाउंट खुलवाने के लिए सबसे पहले हमें स्टॉक ब्रोकर के पास जाना पड़ेगा। स्टॉक ब्रोकर हमारा ट्रेडिंग अकाउंट आसानी से खोल सकता है। आज के समय में ट्रेडिंग अकाउंट कर बैठे ऑनलाइन खोला जा सकता है।
नीचे हमने मशहूर स्टॉक ब्रोकर के लिंक दिए हैं जिन पर क्लिक करके आप अपना डिमैट अकाउंट घर से ही 15 मिनट में खोल सकते हैं।
भारत के मशहूर स्टॉक ब्रोकर:
फिर इसके बाद शेयर को बेचने और खरीदने के लिए ट्रेडिंग अकाउंट में पैसे जमा करवाने जरूरी है जिसके लिए हमें ट्रेडिंग अकाउंट के साथ अपना एक बैंक अकाउंट भी लिंक करवाना जरूरी है। क्योंकि अगर हम कभी पैसों की जरूरत हो तो हम ट्रेडिंग अकाउंट में से बैंक अकाउंट में पैसा जमा करवा सकें।
यह जरूरी नहीं है कि हम अपना कोई नया बैंक अकाउंट ही खुलवाएं बैंक में अगर हमारे पास अपना कोई पुराना खाता भी है तो हम उसको भी लिंक करवा सकते हैं। इससे हमारे शेयर का जो Dividend होगा उसके हकदार हम होंगे और उसकी राशि हमारे इसी बैंक अकाउंट में जाएगी।
स्टॉक ब्रोकर क्या होता है?
ट्रेडर या इन्वेस्टर के साथ स्टॉक एक्सचेंज को जोड़ने का काम स्टॉक ब्रोकर करता है। स्टॉक ब्रोकर हमारे स्टॉक
एक्सचेंज के बीच एक कनेक्शन का काम करता है।
Trading अकाउंट खोलने के लिए जो जरूरी डॉक्यूमेंट चाहिए होते हैं वह नीचे लिखे हैं:
निवेशकों के लिए जरूरी जानकारी: इंट्रा-डे ट्रेडिंग पर जानें, कैसे लगेगा आयकर
शेयर बाजार के जानकार कुंज बंसल का कहना है कि निवेशक जब एक दिन के भीतर ही स्टॉक की खरीद-फरोख्त करता है तो उसे इंट्रा-डे ट्रेडिंग कहते हैं।
कोविड- 19 महामारी के अनिश्तिता भरे दौर में निवेशक अब शेयर बाजार में लंबे समय तक पैसा लगाने के बजाए इंट्रा-ट्रेडिंग में हाथ आजमाने लगे हैं। नौकरीपेशा व आम आदमी भी इंट्रा-डे ट्रेडिंग में पैसे लगाना पसंद करता है। ऐसे निवेशकों के लिए ये जानना बेहद जरूरी है कि इंट्रा-डे ट्रेडिंग से हुई कमाई पर आयकर गणना कैसे की जाएगी। पेश है प्रमोद तिवारी की रिपोर्ट-
कारोबार से हुई कमाई माना जाएगा मुनाफा
शेयर बाजार के जानकार कुंज बंसल का कहना है कि निवेशक जब एक दिन के भीतर ही स्टॉक की खरीद-फरोख्त करता है तो उसे इंट्रा-डे ट्रेडिंग कहते हैं। इस तरह ट्रेडिंग का मकसद निवेश करना नहीं, बल्कि बाजार में उतार-चढ़ाव से मुनाफा कमाना है।
लिहाजा ऐसे मुनाफे को कारोबार से हुई कमाई माना जाएगा। ट्रेडिंग करते समय भी जब निवेशक स्टॉक खरीदेगा तो भी उसे यह बताना पड़ेगा कि संबंधित स्टॉक को इंट्रा-डे के लिए खरीदा जा रहा अथवा डिलीवरी के लिए। यहां डिलीवरी का मतलब स्टॉक को एक दिन से ज्यादा समय के लिए रखना है।
कोई नौकरीपेशा इंट्रा-डे ट्रेडिंग करता है तो यह कारोबार या पेशे के रूप में अतिरिक्त आय होगी और रिटर्न भरते समय आईटीआर फॉर्म-3 का उपयोग करना होगा। वित्तवर्ष 2020-21 में अगर किसी ने इंट्रा-डे ट्रेडिंग किया है तो उसे आईटीआर-3 में इसके मुनाफे या घाटे का विवरण देना होगा।
निवेशकों के लिए जरुरी जानकारी
- स्टॉक में निवेश से हुए नुकसान को समायोजन आठ साल किया जा सकेगा।
- एलटीसीजी से नुकसान की भरपाई एसटीसीजी में हो सकेगी, एसटीसीजी की भरपाई, एसटीसीजी से नहीं कर सकेंगे।
- इंट्रा-डे से हुए नुकसान का समायोजन करने को पेशेवरसे ऑडिट कराना जरूरी होगा।
खर्च और नुकसान के समायोजन का मौका
आयकरदाताओं को इंट्रा-डे ट्रेडिंग के कारोबार की श्रेणी में रखने का फायदा भी मिलता है। आयकर कानून के तहत इस ट्रेडिंग पर आए खर्च को आप कारोबारी खर्च की तरह रिटर्न में समायोजित कर सकते हैं। रिटर्न भरते समय करदाता इंटरनेट, टेलीफोन, डीमैट खाते के खर्च के अलावा ब्रोकर शुल्क पर भी टैक्स छूट ले सकते हैं। हालांकि इसका समायोजन वेतन, अन्य कारोबार, आवासीय संपत्ति या किसी और कमाई के साथ नहीं कर सकेंगे। नुकसान को अगले साल के मुनाफे में समायोजित करने के लिए रिटर्न में भी इसका उल्लेख करना होगा।
एक से ज्यादा निवेश तो भरेंगे आईटीआर फॉर्म-2
स्टॉक में एक दिन से ज्यादा निवेश करने वाले करदाताओं रिटर्न भरते समय आईटीआर-2 फॉर्म चुनना होगा। ऐसे निवेशकों पर दो तरह से आयकर की देनदारी बनती है। अगर उसने 12 महीने से कम समय के लिए निवेश किया है तो लघु अवधि का पूंजीगत लाभ कर देना होगा। यह स्टॉक से एक लाख रुपये से ऊपर के शुद्ध मुनाफे पर 10 फीसदी लगता है। एलटीसीजी के मामले में नुकसान की भरपाई आठ साल तक की जा सकेगी।
विस्तार
कोविड- 19 महामारी के अनिश्तिता भरे दौर में निवेशक अब शेयर बाजार में लंबे समय तक पैसा लगाने के बजाए इंट्रा-ट्रेडिंग में हाथ आजमाने लगे हैं। नौकरीपेशा व आम आदमी भी इंट्रा-डे ट्रेडिंग में पैसे लगाना पसंद करता है। ऐसे निवेशकों के लिए ये जानना बेहद जरूरी है कि इंट्रा-डे ट्रेडिंग से हुई कमाई पर आयकर गणना कैसे की जाएगी। पेश है प्रमोद तिवारी की रिपोर्ट-
कारोबार से हुई कमाई माना जाएगा मुनाफा
शेयर बाजार के जानकार कुंज बंसल का कहना है कि निवेशक जब एक दिन के भीतर ही स्टॉक की खरीद-फरोख्त करता है तो उसे इंट्रा-डे ट्रेडिंग कहते हैं। इस तरह ट्रेडिंग का मकसद निवेश करना नहीं, बल्कि बाजार में उतार-चढ़ाव से मुनाफा कमाना है।
लिहाजा ऐसे मुनाफे को कारोबार से हुई कमाई माना जाएगा। ट्रेडिंग करते समय भी जब निवेशक स्टॉक खरीदेगा तो भी उसे यह बताना पड़ेगा कि संबंधित स्टॉक को इंट्रा-डे के लिए खरीदा जा रहा अथवा डिलीवरी के लिए। यहां डिलीवरी का मतलब स्टॉक को एक दिन से ज्यादा समय के लिए रखना है।
कोई नौकरीपेशा इंट्रा-डे ट्रेडिंग करता है तो यह कारोबार या पेशे के रूप में अतिरिक्त आय होगी और रिटर्न भरते समय आईटीआर फॉर्म-3 का उपयोग करना होगा। वित्तवर्ष 2020-21 में अगर किसी ने इंट्रा-डे ट्रेडिंग किया है तो उसे आईटीआर-3 में इसके मुनाफे या घाटे का विवरण देना होगा।
- स्टॉक में निवेश से हुए नुकसान को समायोजन आठ साल किया जा सकेगा।
- एलटीसीजी से नुकसान की भरपाई एसटीसीजी में हो सकेगी, एसटीसीजी की भरपाई, एसटीसीजी से नहीं कर सकेंगे।
- इंट्रा-डे से हुए नुकसान का समायोजन करने को पेशेवरसे ऑडिट कराना जरूरी होगा।
खर्च और नुकसान के समायोजन का मौका
आयकरदाताओं को इंट्रा-डे ट्रेडिंग के कारोबार की श्रेणी में रखने का फायदा भी मिलता है। आयकर कानून के तहत इस ट्रेडिंग पर आए खर्च को आप कारोबारी खर्च की तरह रिटर्न में समायोजित कर सकते हैं। रिटर्न भरते समय करदाता इंटरनेट, टेलीफोन, डीमैट खाते के खर्च के अलावा ब्रोकर शुल्क पर भी टैक्स छूट ले सकते हैं। हालांकि इसका समायोजन वेतन, अन्य कारोबार, आवासीय संपत्ति या किसी और कमाई के साथ नहीं कर सकेंगे। नुकसान को अगले साल के मुनाफे में समायोजित करने के लिए रिटर्न में भी इसका उल्लेख करना होगा।
एक से ज्यादा निवेश तो भरेंगे आईटीआर फॉर्म-2
स्टॉक में एक दिन से ज्यादा निवेश करने वाले करदाताओं रिटर्न भरते समय आईटीआर-2 फॉर्म चुनना होगा। ऐसे निवेशकों पर दो तरह से आयकर की देनदारी बनती है। अगर उसने 12 महीने से कम समय के लिए निवेश किया है तो लघु अवधि का पूंजीगत लाभ कर देना होगा। यह स्टॉक से एक लाख रुपये से ऊपर के शुद्ध मुनाफे पर 10 फीसदी लगता है। एलटीसीजी के मामले में नुकसान की भरपाई आठ साल तक की जा सकेगी।
इंट्राडे ट्रेडिंग क्या होता है ?
इंट्राडे ट्रेडिंग हम एक दिन में ही कर सकते है। इंट्राडे ट्रेडिंग में हमे एक दिन में ही लोस्स और प्रॉफिट हो जाता है। भारत में शेयर मार्केट मंडे से लेकर फ्राइडे तक सुबह 9 :15 से लेकर शाम के 3 :30 खुलता है। अगर आप इंट्राडे ट्रेडिंग करना चाहते है तो आप को इसी समय में शेयर को खरीदना और बेचना होगा। ज्यादातर निवेशक दो कारणों की बजह से इंट्राडे ट्रेडिंग करते है। पहला मार्जिन और दूसरा है न्यूज़।
मार्जिन क्या होता है
इंट्राडे में ब्रोकर अपने निवेशको को मार्जिन देते है। मार्जिन का मतलब है ब्रोकर अपने निवेशकों को निवेश करने के लिए पैसे उधार देते है। अगर आप के पास कम पैसे है और आप ज्यादा शेयर खरीदना चाहते है तो आप का ब्रोकर आप को मार्जिन देता है जिस से आप कोई भी कपनी के शेयर खरीद सकते है और जब आप के पास ज्यादा पैसे होंगे तो आप ज्यादा शेयर खरीद पाएंगे और अधिक लाभ कमा सकते है।
न्यूज का बहुत प्रभाव
जब भी कोई कंपनी की न्यूज आती है तो शेयर मार्किट में उस न्यूज का बहुत प्रभाव होता है शेयरों के प्राइस ऊपर निचे होने लग जाते है। जिस का निवेश फायदा उठा कर एक दिन में ही लाभ कमा लेते है। इन्ही दो करने की वजह से निवेशक इंट्राडे ट्रेडिंग करते है।
इंट्राडे ट्रेडिंग दो प्रकार की होती है।
- लॉन्ग इंट्राडे ट्रेडिंग
- शोर्ट इंट्राडे ट्रेडिंग
1.लॉन्ग इंट्राडे ट्रेडिंग
लॉन्ग इंट्राडे ट्रेडिंग हम को जब लगता है कि कोई कंपनी के शेयर का प्राइस बढ़ने वाला है तो हम अपने ब्रोकर से मार्जिन ले कर अपने ब्रोकर की प्लेटफार्म पर जा कर उस कंपनी के शेयर को खरीद कर इंट्राडे सिलेक्ट करेंगे जिस से हमारे ऑडर मार्जिन अप्लाई हो जायेगा। फिर हम उस में क्वांटिटी भर देंगे। इस से हमारा ऑडर अप्लाई हो जायेगा। आप इंट्राडे ट्रेडिंग कर रहे है तो आप को उसी दिन ही शेयर को बेचना होगा। चाहे उस में आप का प्रॉफिट हो जा फिर लोस्स।
2.शोर्ट इंट्राडे ट्रेडिंग
शोर्ट इंट्राडे ट्रेडिंग में जब हम को लगता है कि किसी कंपनी के शेयर का प्राइस गिरने वाला है तो इस में हमारा ब्रोकर में कुछ शेयर उधार पर देता है जिसे हम अपने ब्रोकर के प्लेटफर में जा कर उस कंपनी के शेयर को बेच देते है उस समय उस शेयर का प्राइस 100 रुपए है तो आप उसे बेच देते है उस शेयर का प्राइस 10 रुपए ज्यादा गिर जाये तो आप उस कंपनी के शेयर खरीद कर अपने ब्रोकर को वापिस कर देंगे जो आप ने उस से उधार लिए थे। इस में आप ने ज्यादा प्राइस पर शेयर को बेच कर उसे कम प्राइस में खरीद लिए इस से आप को हर एक शेयर पर 10 रुपए का प्रॉफिट हुआ।
अगर इस में शेयर का प्राइस 10 रुपए ऊपर जाता तो इस में आप को हर एक शेयर पर 10 रुपए का नुकसान होता।
इंट्राडे ट्रेडिंग पर हमे कोन से नुकसान होते है
ब्रोकरेज
इंट्राडे ट्रेडिंग में हमे चाहे प्रॉफिट हो चाहे हमारा नुकसान हो हमारा ब्रोकर हमारे हर एक ऑडर पर चार्ज लेता है। उस के पैसे हमारे ट्रेडिंग अकाउंट में से कट जाते है। इंट्राडे में हम उस दिन ही शेयर खरीदते है और उस दिन ही बेचते है जिस के कारण हमारा ब्रोकर हमारे हर एक ऑडर पर चार्ज लेता है।
एक दिन का ही समय मिलना
इंट्राडे ट्रेडिंग में हम ने जिस दिन शेयर खरीदते होते है हमे उसे उसी दिन ही बेचना होता है। इस लिए हमारे पास शेयर खरीदने या बेचने के लिए थोड़ा समय ही होता है। अगर इस में हमारा लोस्स हो रहा हो फिर भी हमे शेयर को उसी दिन ही खरीदना या बेचना होता है।
इंट्राडे ट्रेडिंग में हमे एक दिन में ही शेयर खरीदने और बेचने होते है जिस के कारण इस में बहुत ज्यादा रिस्क होता है। इंट्राडे ट्रेडिंग से हमे ज्यादा फायदा और ज्यादा नुकसान दोनों ही हो सकते है। इस लिए अगर आप इंट्राडे ट्रेडिंग करना चाहते है तो आप को इंट्राडे ट्रेडिंग को अच्छी तरह से समझना होगा और इंट्राडे ट्रेडिंग में होने के बारे में भी पता होना चाहिए। तभी आप ट्रेडिंग में सफल हो सकते है।
आज हम ने इस आर्टिकल में जाना कि इंट्राडे ट्रेडिंग क्या होती है ,मार्जिन क्या होता है ,इंट्राडे ट्रेडिंग कितने प्रकार की होती है और इंट्राडे ट्रेडिंग से हमे क्या क्या नुकसान हो सकते है। मुझे उम्मीद है कि मेरे इस आर्टिकल से आप को इंट्राडे ट्रेडिंग के बारे में अच्छी तरह से समझ आ गया होगा। अगर आप को हमारा आर्टिकल पसंद आया है तो कमेंट करके जरूर बताए।