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बिटकॉइन पर कैसे टैक्स लगता है

बिटकॉइन पर कैसे टैक्स लगता है
इसके बावजूद क्रिप्टो में निवेश से हुए मुनाफे पर टैक्स नहीं चुकाना अच्छी बात नहीं है। इनकम टैक्स एक्ट में जिन इनकम को टैक्स से छूट दी गई है, उन्हें छोड़कर हर तरह के इनकम पर टैक्स लगता है। इसका मतलब है कि निवेशशकों को क्रिप्टो में निवेश से हुए मुनाफे पर टैक्स चुकाना होगा।

Tax on Cryptocurrency

बिटकॉइन में निवेश किया है तो आपके लिए ये जरूरी खबर है, जानें इस पर टैक्स देना चाहिए या नहीं

बिटकॉइन में निवेश किया है तो आपके लिए ये जरूरी खबर है, जानें इस पर टैक्स देना चाहिए या नहीं

TV9 Hindi | Edited By: Ravikant Singh

Updated on: Dec 20, 2020 | 6:06 PM

अगर आप बिटकॉइन जैसी क्रिप्टोकरेंसी में पैसा निवेश कर रहे हैं या कर चुके हैं तो यह बिटकॉइन पर कैसे टैक्स लगता है आपके लिए काम की खबर है. आप अगर क्रिप्टोकरेंसी में पैसा लगा रहे हैं तो इस पर आपको टैक्स देना चाहिए या बिटकॉइन पर कैसे टैक्स लगता है नहीं? यह सवाल इसलिए महत्वपूर्ण हो जाता है क्योंकि आप आयकर के चक्कर में फंस सकते हैं. इस मामले में आयकर विभाग (IT) की आप पर कड़ी निगाह है.

पिछले कई दिनों से क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन की कीमत में बड़ी तेजी देखी जा रही बिटकॉइन पर कैसे टैक्स लगता है है. पिछले एक साल की बात करें तो इसमें 220 प्रतिशत तक की उछाल आई है. जिन लोगों ने कुछ सौ रुपये में बिटकॉइन की खरीद की थी, आज उनके हाथ में लाखों रुपये की करेंसी है. आज एक बिटकॉइन 20 हजार डॉलर बिटकॉइन पर कैसे टैक्स लगता है से भी ज्यादा की हो चुकी है. बिटकॉइन में लगातार बढ़ोतरी को देखते हुए लोग इसमें धड़ल्ले से पैसा लगा रहे हैं. लोगों को बिटकॉइन सबसे सुरक्षित निवेश का जरिया लग रहा है. ऐसे में आयकर विभाग भी इस पर निगाह लगाए हुए है कि कौन कहां कितना निवेश कर रहा है.

क्या करें बचने के लिए

आयकर विभाग की कार्रवाई और नोटिस से बचना है तो इसका एक ही उपाय है कि आप अपने आईटी रिटर्न में बिटकॉइन का भी निवेश दिखाएं. अगर ऐसा नहीं करते हैं तो आईटी के झंझट में आसानी से फंस सकते हैं. लोगों ने बिटकॉइन के निवेश में मोटा मुनाफा कमाया है बिटकॉइन पर कैसे टैक्स लगता है तो उन्हें इसे आईटी रिटर्न में भी दिखाना चाहिए. ये सही नहीं होगा कि मुनाफा कमाएं लेकिन उस पर टैक्स चुकाने में कोताही बरतें. यह बात इसलिए अहम है कि कई लोग अक्सर पूछते हैं अगर बिटकॉइन पर मुनाफा कमा रहे हैं तो इस पर टैक्स की देनदारी बनती है या नहीं.

यह सवाल इसलिए भी उठ रहा है क्योंकि पूर्व में रिजर्व बैंक ने बिटकॉइन से लेन-देन को अवैध बताया है. ऐसे में जो चीज अवैध है, उसमें निवेश करने या उससे मुनाफा कमाने पर टैक्स की देनदारी कैसे बन सकती है. हालांकि इस पर सुप्रीम कोर्ट की तरफ से एक फैसला भी आ चुका है जिसमें उसने बिटकॉइन में ट्रेडिंग पर लगी रोक हटा ली थी. इस लिहाज से कह सकते हैं कि बिटकॉइन में ट्रेडिंग अब अवैध नहीं है. जब बिटकॉइन में बड़े स्तर पर ट्रेडिंग हो रही है तो इनकम टैक्स की भी नजर गंभीर हो गई है.

आयकर विभाग ने नहीं दी सफाई

इन सबके बीच जो लोग बिटकॉइन पर मुनाफा कमा रहे हैं या इसकी ट्रेडिंग कर रहे हैं, उनका कहना है कि अभी तक आयकर विभाग की तरफ से इस पर कोई क्लेरिफिकेशन नहीं है और जब आएगा बिटकॉइन पर कैसे टैक्स लगता है तब देखा जाएगा. यह बात सही है क्योंकि अभी बिटकॉइन के कैपिटल गेन्स, स्पेक्यूलेटिव बिजनेस या अन्य स्रोत से आय पर लोगों में कन्फ्यूजन बना हुआ है. बिटकॉइन पर होने वाले मुनाफे को किस कैटगरी में रखा जाएगा, क्या यह अन्य स्रोतों से होने वाली कमाई होगी या कुछ और. इन सभी सवालों को लेकर लोगों में कन्फ्यूजन है.

जानकारों के मुताबिक, जब तक आईटी विभाग की तरफ से कोई रूलिंग नहीं आती, तब तक बिटकॉइन में निवेश करने वाले लोगों को 30 परसेंट के आधार पर टैक्स चुकाना चाहिए. इनकम टैक्स विभाग जिस दिन इस पर स्पष्टीकरण दे दे, उसके बाद सबकुछ साफ हो जाएगा. क्रिप्टो करेंसी से मुनाफे को कैपिटल एसेट नहीं माना जाता है, इसलिए इस पर कैपिटल गेन नहीं लगा सकते.

क्रिप्टोकरंसी में पैसा लगाया है तो जानिए कितना देना होगा टैक्स, नहीं चुकाने पर क्या होगा

क्रिप्टोकरंसी में पैसा लगाया है तो जानिए कितना देना होगा टैक्स, नहीं चुकाने पर क्या होगा

TV9 Bharatvarsh | Edited By: Ravikant Singh

Updated on: Jun 25, 2021 | 4:19 PM

बिटकॉइन जैसी क्रिप्टोकरंसी में लोग खूब पैसा लगा रहे हैं. हाल के दिनों में बिटकॉइन के दाम भले गिरे हों, लेकिन शुरुआती दौर से देखें तो एक क्रिप्टोकरंसी कहां से कहां पहुंच गई है. कुछ रुपये में खरीदी गई क्रिप्टोकरंसी आज लाखों में है. बिटकॉइन, इथीरियम या डोजकॉइन जैसी क्रिप्टोकरंसी को बेच-खरीद कर लोग अच्छा पैसा बना रहे हैं. जब यह कमाई का साधन है और इससे मुनाफा कमा रहे हैं, तो टैक्स भी चुकाना होगा. अगर ऐसा नहीं करते हैं, तो इनकम टैक्स का नोटिस भी आ सकता है.

टैक्स देना है या नहीं, कैसे तय करें

क्रिप्टोकरंसी से होने वाली कमाई पर कितना टैक्स देना होगा, अभी इस बारे में कोई स्पष्ट नियम नहीं है. इनकम टैक्स विभाग ने अब तक कोई निर्देश जारी नहीं किया है कि कमाई के लिहाज से टैक्स चुकाना होगा या नहीं. अगर टैक्स चुकाना है तो उसकी क्या मात्रा होगी. इसका अर्थ यह नहीं होता कि बिटकॉइन रखने वाले लोग आजाद हैं और वे कमाई करते रहें और टैक्स नहीं चुकाना होगा. टैक्स एक्सपर्ट बताते हैं कि भारत में कोई भी इनकम का जरिया टैक्स के दायरे में आता है, भले ही वह क्रिप्टोकरंसी क्यों न हो. क्रिप्टोकरंसी की खरीद-बिक्री भी एक तरह का निवेश है, इसलिए टैक्स की देनदारी इस पर भी बनेगी.

टैक्स कितना चुकाना चाहिए, इसके लिए बिटकॉइन रखने वाले लोगों को टैक्स एक्सपर्ट से सलाह लेनी चाहिए. निवेश किस तरह का है, यह जानकर टैक्स चुका सकते हैं. टैक्स इस बात पर निर्भर करेगा कि क्रिप्टोकरंसी किसी करंसी के रूप में ली गई है या एसेट के रूप में. क्रिप्टोकरंसी बेचने पर अगर कमाई हो रही है तो इसमें बिजनेस इनकम के तौर पर टैक्स की देनदारी बनेगी. बिटकॉइन की ट्रेडिंग धड़ल्ले से करते हैं तो बिजनेस इनकम मानकर टैक्स चुकाना होगा. अगर उसे निवेश के तौर पर लेते हैं और रोक कर रखते हैं तो कैपिटल गेन के हिसाब से टैक्स देना होगा. जानकार बताते हैं कि जब तक टैक्स विभाग की तरफ से कोई निर्देश नहीं आता, तब तक क्रिप्टोकरंसी में निवेश करने वाले लोगों को 30 परसेंट के हिसाब से टैक्स चुकाना चाहिए.

क्या है ‘इनकम फ्रॉम अदर सोर्स’

बिटकॉइन या अन्य क्रिप्टोकरंसी से होने वाली कमाई को स्पेक्युलेटिव इनकम मान सकते हैं या ‘इनकम फ्रॉम अदर सोर्स’ कह सकते हैं. इस लिहाज से क्रिप्टो में पैसा लगाने वाले लोग खुद को सुरक्षित रखना चाहते हैं, उन्हें लगता है कि आयकर विभाग की कार्रवाई से बचने के लिए कुछ करना चाहिए तो उनके लिए 30 परसेंट का टैक्स चुकाना सही विकल्प होगा. यह ‘इनकम फ्रॉम अदर सोर्स’ के तहत माना जाएगा. अगर कोई व्यक्ति क्रिप्टोकरंसी में निवेश को 3 साल के अंदर भुना लेता है, तो यह शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन में आएगा और इस पर इसी हिसाब से टैक्स चुकाना चाहिए. अगर 3 साल के बाद क्रिप्टोकरंसी को बेचकर मुनाफा कमाया जाता है तो यह लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन में आएगा और इस पर 20 परसेंट का टैक्स लग सकता है.

भारत में क्रिप्टोकरंसी वैध नहीं है, इसका मतलब यह नहीं हुआ कि इसका ट्रांजेक्शन अवैध है. इसलिए इनकम टैक्स फाइल करते वक्त उसमें क्रिप्टोकरंसी का जिक्र जरूर करें. इनकम टैक्स फाइल करते वक्त यह बताएं कि क्रिप्टो से होने वाली कमाई बिजनेस है या किसी एसेट क्लास बिजनेस में आती है. सबसे आसान तरीका है कि उसे ‘इनकम फ्रॉम अदर सोर्स’ में बता दें. इस कैटगरी में जो टैक्स बनता है उसे चुका दें और निश्चिंत रहें.

Cryptocurrency में पैसा लगाने वालों को एक और झटका! क्रिप्‍टो ट्रांजैक्‍शन पर 28% GST लगाने की तैयारी

GST on crypto! जीएसटी काउंसिल की अगली बैठक कब होगी, फिलहाल इसकी तारीख का ऐलान नहीं किया गया है. इससे पहले, सरकार ने क्रिप्टोकरेंसी और NFTs से होने वाले मुनाफे पर 30 फीसदी टैक्स का ऐलान किया था.

GST on cryptocurrencies! देश में क्रिप्‍टो निवेशकों को एक और झटका लग सकता है. गुड्स एंड सर्विसेज टैकस (GST) काउंसिल क्रिप्‍टोकरेंसीज पर 28 फीसदी टैक्‍स लगाने पर विचार कर रही है. यह टैक्‍स रेट लॉटरी, कैसिनो और बेटिंग पर लगता है. रिपोटर्स के मुताबिक, अगर जीएसटी काउंसिल की अगली बैठक में यह प्रस्‍ताव आता है, तो क्रिप्टोकरेंसी ट्रांजैक्शन (माइनिंग, खरीद-बिक्री) पर 28 फीसदी का भारी-भरकम लग सकता है. जीएसटी काउंसिल की अगली बैठक कब होगी, फिलहाल इसकी तारीख का ऐलान नहीं किया गया है. इससे पहले, सरकार ने क्रिप्टोकरेंसी और NFTs से होने वाले मुनाफे पर 30 फीसदी टैक्स का ऐलान किया था.


ग्‍लोबल रेग्‍युलेशन की जरूरत

पिछले महीने अमेरिका के दौरे पर गई वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा था कि पूरी दुनिया में क्रिप्‍टोकरेंसी की स्वीकार्यता तेजी से बढ़ी है. यह बहुत बड़ा मार्केट हो गया है. ऐसे में अब एक ग्लोबल रेग्युलेशन की जरूरत है, ताकि इसके चलते होने वाले किसी तरह की मनी लॉन्ड्रिंग और टेरर फंडिंग को रोका जा सके. यह भारत के लिए एक बड़ी चिंता है.

बता दें, बजट में क्रिप्टोकरेंसी पर टैक्स जरूर लगाया गया था. लेकिन, अभी तक किसी तरह के डिजिटल एसेट को रेग्युलेट नहीं बिटकॉइन पर कैसे टैक्स लगता है किया गया है. वित्त मंत्री ने साफ-साफ कहा था कि टैक्स लगाने का मतलब क्रिप्टोकरेंसी को कानूनी दर्जा देना नहीं है.

Cryptocurrency Investment : क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करना चाहते हैं? जान लें कितना चुकाना होगा टैक्स

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  • आरबीआई (RBI) ने अब तक क्रिप्टोकरेंसी को मान्यता नहीं दी है।
  • क्रिप्टो पर मुनाफे से इनकम टैक्स (Income Tax) के नियम भी स्पष्ट नहीं हैं।
  • निवेशक को क्रिप्टो में निवेश से हुए मुनाफे (profit) पर टैक्स चुकाना चाहिए।

क्रिप्टोकरेंसी में निवेश के बढ़ते आकर्षण की वजह इससे मिलने वाला भारी रिटर्न है। क्रिप्टो के ट्रेडर्स (traders) और निवेशकों (investors) की संख्या में भारी वृद्धि के बावजूद लोग इसके भविष्य और इसमें निवेश पर लगने वाले टैक्स (tax) को लेकर चिंतित हैं। आइए जानते हैं कि भारत में क्रिप्टो से होने वाली कमाई पर किस तरह से टैक्स लगेगा।

क्रिप्टो और अधिकृत डिजिटल करेंसी में क्या फर्क है?

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट पेश करने के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि रिजर्व बैंक डिजिटल करेंसी जारी करेगा। कोई भी मुद्रा 'करेंसी' तभी कहलाती है, जब केंद्रीय बैंक बिटकॉइन पर कैसे टैक्स लगता है उसे जारी करता है। जो भी केंद्रीय बैंक के दायरे से बाहर है, उसे हम करेंसी नहीं कहेंगे। हम ऐसी 'करेंसी' पर बिटकॉइन पर कैसे टैक्स लगता है टैक्स नहीं लगा रहे हैं, जिसे अभी जारी होना बाकी है। डिजिटल रुपये को RBI जारी करेगा, यही डिजिटल करेंसी कहलाएगी। इसके अलावा वर्चुअल डिजिटल दुनिया में जो कुछ है, वो संपत्तियां हैं। इसी तरह वित्त सचिव टीवी सोमनाथन कहते हैं कि भले ही क्रिप्टो पर टैक्स लेने का नियम बना है, तब भी ये वैध मुद्रा नहीं होगी।
आसान भाषा में कहें तो क्रिप्टोकरेंसी पर किसी भी देश के केंद्रीय बैंक का नियंत्रण नहीं है। वहीं, भारत में जारी होने वाली डिजिटल करेंसी को भारतीय रिजर्व बैंक नियंत्रित करेगा।

तो क्या क्रिप्टो में किए पूरे निवेश पर टैक्स देना होगा?

ऐसा नहीं है। आपको केवल बिटकॉइन पर कैसे टैक्स लगता है क्रिप्टोकरेंसी से होने वाले मुनाफे पर टैक्स देना होगा। उदाहरण के लिए अगर आपने पांच हजार रुपये की क्रिप्टोकरेंसी खरीदी और उसे पांच हजार 500 रुपये में बेच दिया, तो आपको केवल 500 रुपये पर 30 फीसदी यानी 150 रुपये टैक्स देना होगा।

नहीं। वित्त मंत्री ने साफ कहा है कि जिसे क्रिप्टोकरेंसी मिलेगी उसे टैक्स देना होगा। यानी, अगर आप अपने किसी मित्र को एक बिटकॉइन गिफ्ट करेंगे तो उसे टैक्स देना होगा। हालांकि, अभी ये साफ नहीं है कि विरासत में मिली क्रिप्टोकरेंसी पर ये टैक्स लगेगा या नहीं। कुछ विशेषज्ञ कह रहे हैं कि यह नियम गिफ्ट टैक्स के तहत लगेगा। गिफ्ट टैक्स के नियम साफ हैं कि निकट रिश्तेदार यानी भाई-बहन को दिये तोहफे पर टैक्स नहीं चुकाना होता।

1% टीडीएस की बात भी तो कही गई है वो कैसे लगेगा?

वित्त मंत्री ने बजट पेश करने बाद की गई प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि हर क्रिप्टो ट्रांजेक्शन पर 1% का टीडीएस लगेगा। ये टीडीएस ट्रांसफर करने वाले को देना होगा।

दरअसल, सरकार इतना टैक्स लगाकर कर क्रिप्टोकरेंसी में होने बिटकॉइन पर कैसे टैक्स लगता है वाले निवेश को हतोत्साहित करना चाहती है। हालांकि, क्रिप्टो वर्ल्ड से जुड़े लोग सरकार के इस कदम को डिजिटल असेट को मुख्यधारा में शामिल करने के एक कदम के रूप में देख रहे हैं। वहीं, कॉइनस्विच के आशीष सिंघल इसे पूरे क्रिप्टो वर्ल्ड के लिए एक सकारात्मक कदम मानते हैं।

क्या मैं एक डिजिटल असेट में हुए नुकसान की भरपाई दूसरे से कर सकूंगा?

अगर इथेरियम में नुकसान हुआ, तो इसकी भरपाई बिटक्वाइन में हुए लाभ से नहीं कर सकेंगे। हर असेट यानी यूनिट अलग काम करेगी, उस पर हुए मुनाफे पर टैक्स लगेगा। नुकसान की भरपाई नहीं हो सकेगी।

नहीं। टैक्सेशन की दरें अगले वित्त वर्ष से लागू होगी। ऐसे में टैक्स से बचने के लिए 31 मार्च से पहले बड़े स्तर पर बिकवाली निकल सकती है। अगर ऐसा हुआ तो क्रिप्टो करेंसी में अस्थिरता आएगी। सरकार की ओर से क्रिप्टो करेंसी की वैधता को लेकर अब तक कोई स्पष्टीकरण नहीं आया है और रिजर्व बैंक इसके खिलाफ है। ऐसे में वर्चुअल रुपये को लाकर क्रिप्टो को पूरी तरह बैन करने की बिटकॉइन पर कैसे टैक्स लगता है आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता। क्रिप्टो में निवेश पर अगर घाटा होता है तो इसकी कोई जवाबदारी सरकार की नहीं होगी।

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