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नए निवेशकों को शेयर ट्रेडिंग कैसे करनी चाहिए?

नए निवेशकों को शेयर ट्रेडिंग कैसे करनी चाहिए?
शेयर बाजार में पैसे कैसे लगाएं, शेयर बाजार से पैसे कैसे कमाएं यह सभी प्रश्न एक नए निवेशक के दिमाग में रहते हैं।

Invest in US Stock Market: जानें घर बैठे कैसे करें Meta, Netfilx और Twitter के शेयरों में निवेश और क्‍या हैं इसके नफा-नुकसान

Investment in US Stocks: आप घर बैठे अमेरिकी शेयर बाजार में निवेश कर सकते हैं. इसके लिए आप म्‍युचुअल फंडों के एक्‍सचेंज ट्रेडेड फंडों का सहारा भी ले सकते हैं.

By: ABP Live | Updated at : 06 Oct 2022 04:28 PM (IST)

अमेरिकी बाजार में कैसे करें निवेश

Investment in US Stock Market: भारत में निफ्टी 50 से इस बात का मोटा-मोटा अनुमान लग जाता है कि घरेलू शेयर बाजार की दिशा क्या है. निफ्टी 50 में फ्री फ्लोटिंग मार्केट कैप वाली 50 शीर्ष कंपनियों शामिल हैं. अमेरिका में मार्केट किस ओर जा रहा है, इसका अंदाजा ‘डाउ जोन्स इंडस्ट्रियल एवरेज’ या डाउ, न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज पर सबसे ज्यादा ट्रेडेड 30 अमेरिकी शेयरों की सूची और NASDAQ से लगता है. अमेरिका दुनिया की सबसे बड़ी इकोनॉमी है और डाउ के साथ भी ऐसा ही है और इनका भारत के स्टॉक मार्केट पर बहुत अधिक असर देखने को मिलता है. ऐसे में पोर्टफोलियो डाइवर्सिफिकेशन या भारतीय शेयर बाजारों को लेकर बेहतर अनुमान लगाने के लिए अमेरिकी शेयरों में कुछ निवेश करना अहम हो जाता है. आइए, हम इससे जुड़ी कुछ बुनियादी बातों के बारे नए निवेशकों को शेयर ट्रेडिंग कैसे करनी चाहिए? में जानते हैं.

अमेरिकी में निवेश की ‘एबीसी’

आइए सबसे पहले ये जानते हैं कि अमेरिका में निवेश करने के अलग-अलग क्या रास्ते हैं जिससे जटिल लग रही प्रक्रिया आसानी से समझ में आ जाएगी. इसके बाद फायदों के बारे में जानकारी हासिल करेंगे और उसके बाद अमेरिका में निवेश के लिए उन जरूरी सूचनाओं पर बात करेंगे जो आपके लिए जानना जरूरी है. यह कुछ इस प्रकार आगे बढ़ता है:

  • अप्रोच (तरीका)
  • बेनिफिट्स (फायदे)
  • कंडीशन्स (परिस्थितियां)

भारत से अमेरिका में निवेश के लिए आप अलग-अलग तरीके अपना सकते हैं. फिनोलॉजी वेंचर्स के सीईओ प्रांजल कामरा कहते हैं कि अमेरिकी शेयर बाजार में दो तरह से निवेश किया जा सकता है. प्रत्‍यक्ष निवेश और अप्रत्‍यक्ष निवेश.

प्रत्यक्ष निवेश (Direct Investment): कामरा कहते हैं कि आप सीधे अमेरिकी स्टॉक में निवेश कर सकते हैं और यूएस ब्रोकरेज अकाउंट में शेयर होल्ड कर सकते हैं. नए जमाने के ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म्‍स और स्टॉक ब्रोकर्स न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज (NYSE), NASDAQ और AMEX (अमेरिकी स्टॉक एक्सचेंज) जैसे प्रमुख एक्सचेंज में रियल टाइम में ट्रेडिंग करने की सहूलियत देते हैं. आपको अपने इंवेस्टमेंट को ट्रैक करना चाहिए और स्टॉक की एनालिसिस करनी चाहिए.

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ETFs या एक्सचेंज ट्रेडेड फंड्स: उन्‍होंने कहा कि आप निरंतर रिटर्न पाने के लिए यूएस ईटीएफ में इंवेस्ट कर सकते हैं. ये ईटीएफ इंडेक्स में शामिल पोर्टफोलियो को समान वेट के साथ रेप्लिकेट करते हैं.

म्यूचुअल फंड्स: कामरा कहते हैं कि अगर आप अपने शेयरों के परफॉर्मेंस और मार्केट में उतार-चढ़ाव को ट्रैक नहीं करना चाहते हैं तो आप म्यूचुअल फंड्स में निवेश कर सकते हैं. ये फंड्स मार्केट के उतार-चढ़ाव के विश्लेषण और पोर्टफोलियो मैनेज करने के लिए फंड मैनेजर्स की नियुक्ति करते हैं. म्यूचुअल फंड्स स्टॉक, बॉऩ्ड और डेट में थोड़ा-थोड़ा निवेश करते हैं. म्यूचुअल फंड्स इस तरह की सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए एक्सपेंस रेशियो या एक्जिट लोड के रूप में आम तौर पर एक फीस लेते हैं.

एक्सिस म्‍यूचुअल फंड ने लॉन्‍च किया एक्सिस NASDAQ 100 FoF

एक्सिस म्‍यूचुअल फंड ने एक्सिस NASDAQ 100 फंड ऑफ फंड (FoF) लॉन्‍च किया है. यह एक ओपन एंडेड फंड ऑफ फंड स्‍कीम है जो NASDAQ 100 TRI के प्रदर्शन को ईटीएफ में निवेश के जरिये ट्रैक करेगा. एक्सिस के नए निवेशकों को शेयर ट्रेडिंग कैसे करनी चाहिए? इस फंड के नए फंड ऑफर के दौरान न्‍यूनतम 500 रुपये का निवेश कर सकते हैं. इस फंड के फंड मैनेजर हितेश दास हैं.

क्‍यों करें अमेरिकी शेयर बाजार में निवेश?

  • मेटा, नए निवेशकों को शेयर ट्रेडिंग कैसे करनी चाहिए? माइक्रोसॉफ्ट, अमेजन, नेटफ्लिक्स जैसी दिग्गज टेक कंपनियों और कई अन्य ग्लोबल कंपनियों के लिस्ट होने की वजह से अमेरिकी स्टॉक मार्केट एक व्यवहार्य विकल्प बन जाता है और यहां निवेशकों को सबसे ज्यादा एक्सपोजर भी मिलता है.
  • रुपये के मुकाबले डॉलर के मजबूत होने से भी यूएस स्टॉक की वैल्यू बढ़ जाती है.
  • डाइफर्सिफिकेशन से जुड़ी संभावनाएं
  • पिछले 10 साल के दौरान डाउ ने सेंसेक्स के तीन साल, पांच साल और यहां तक कि 10 साल के मुकाबले ज्यादा रिटर्न दिया है.
  • संकट के समय अमेरिकी डॉलर को भारतीय रुपया से ज्यादा स्थिर और सेफ समझा जाता है.
  • ये यूएस स्टॉक्स में निवेश के फायदे हैं. एक निवेशक के तौर पर आपको अमेरिका में निवेश से पहले अपनी जरूरतों, टैक्स और स्कीम्स को समझना चाहिए.

प्रांजल कामरा कहते हैं कि नई पीढ़ी के ऐप्स ने अमेरिका में निवेश को काफी आसान बना दिया है. फॉरेक्स जैसे महंगे वायर ट्रांसफर एवं ट्रांसफर चार्जेज की जगह अब बहुत सस्ते ‘डायरेक्ट ट्रांसफर्स’ की सुविधा उपलब्ध है जो स्टेट बैंक ऑफ मॉरीशस जैसे बैंकों के जरिए होता है. आपके ब्रोकर इसमें मदद करते हैं और आपका यह काम बिना किसी दिक्कत, बिना किसी ट्रांसफर या फॉरेक्स चार्ज के भुगतान के हो जाता है.

इससे इतर कुछ ब्रोकर्स जीरो कमीशन और अनलिमिटेड इंवेस्टिंग पर काम कर रहे हैं. यूएस मार्केट में निवेश करना प्रायः बहुत जटिल मालूम पड़ता है. हालांकि, विश्वसनीय प्लेटफॉर्म के सपोर्ट और प्रैक्टिस से आप अमेरिका में निवेश के अपने स्किल को निश्चित रूप से मांज सकते हैं और भारत में कहीं भी बैठकर ऐसा कर सकते हैं. ग्लोबल इंवेस्टिंग पर एनालिस्ट्स की चर्चाओं को सुनकर, आर्टिकल्स और केस स्टडीज को पढ़कर आप अप-टु-डेट रह सकते हैं.

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Published at : 06 Oct 2022 04:06 PM (IST) Tags: Mutual Funds ETF Meta Investment in US Market Benefits of Investment in US Stocks Exchange Traded Funds हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ नए निवेशकों को शेयर ट्रेडिंग कैसे करनी चाहिए? पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: Business News in Hindi

ट्रेडिंग खाते: संचालन की प्रणाली और होने के फायदे

ट्रेडिंग खातों ने लोगों के शेयर बाजार में काम करने के तरीके में क्रांति ला दी है। शेयरों को बनाए रखने का यह नया तरीका ओपन आउटरी की पुरानी प्रणालियों की तुलना में अधिक सुविधाजनक और तेज साबित हुआ है। ट्रेडिंग खातों की सहायता से, भौतिक संपर्क और उपस्थिति की आवश्यकता नहीं होती है, जिससे दोनों पक्षों के लिए समय की बचत होती है।

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2021 में निवेशकों को 72 लाख करोड़ दे गया शेयर बाजार, 2022 में भी होगी बंपर कमाई?

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2021 में निवेशकों को 72 लाख करोड़ दे गया शेयर बाजार, 2022 में भी होगी बंपर कमाई?

भारतीय शेयर बाजार के लिए 2021 शानदार साल रहा. बेंचमार्क इंडेक्स बीएसई सेंसेक्स (Sensex) और NSE निफ्टी (Nifty) में 20% से ज्यादा की तेजी रही. पिछले साल मार्केट की इस बुल रैली से निवेशकों की संपत्ति में 72 लाख करोड़ रुपये का इजाफा हुआ.

अब हमलोग नए साल में प्रवेश कर चुके हैं. बाजार ने नए साल का सेलिब्रेशन भी धमाके से किया. 2022 के पहले कारोबारी दिन सोमवार 3 जनवरी को सेंसेक्स और निफ्टी करीब 1.7% चढ़े. तो अब निवेशकों के बीच सवाल उठता है कि क्या हमें इस साल भी स्टॉक मार्केट में जबरदस्त तेजी देखने को मिलेगी?

क्विंट हिंदी ने की इक्विटी 99 के सीनियर रिसर्च एनालिस्ट राहुल शर्मा से खास बातचीत और जानना चाहा इस साल शेयर बाजार कैसा परफॉर्म कर सकता है, पेश है खास बातचीत के प्रमुख अंश-

क्या आपको लगता है मार्केट की बुल रैली इस साल 2022 में भी जारी रहेगी? इस बात को ध्यान में रखते हुए कि दुनिया भर के केंद्रीय बैंक महंगाई को काबू करने के लिए इंटरेस्ट रेट में बढ़ोतरी करने का संकेत दे चुके हैं और उम्मीद है फेड अनुमान से पहले बॉन्ड टेपरिंग शुरू कर दे.

बढ़ते ओमीक्रॉन मामलों को देखते हुए बाजार में कुछ गिरावट हो सकती है, लेकिन कुल मिलाकर हम बुलिश हैं. 2022 में रैली शायद वैसी न हो जैसा हमने 2021 में देखा था; 2021 एक शानदार साल था, लेकिन हां, हमें पूरी उम्मीद हैं कि इस साल भी बाजार में अच्छी तेजी देखने को मिलेगी.

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शेयर मार्किट में कैसे करें निवेश, कमाइए पैसा जी भर के यदि आपमे है कुछ सिखने की इच्छा

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यह तो सभी को मालूम है कि किसी भी बाजार में अगर मांग के मुकाबले आपूर्ति ज्यादा है तो कीमत गिरेगी। अगर इसका उल्टा आपूर्ति कम है तो कीमत बढ़ेगी। लेकिन शेयर बाजार और आलू-प्याज मार्केट में एक महत्वपूर्ण अंतर भी है। आप आलू-प्याज को एक उपभोक्ता यानी एंड यूजर के तौर पर खरीदते हैं, न कि एक ट्रेडर के तौर पर। (हमारे जो पाठक आलू-प्याज के ट्रेडर हैं, वे इस उदाहरण को खरीद-फरोख्त की जाने वाली किसी दूसरी वस्तु मसलन जमीन, फ्लैट या सोने-चांदी के संदर्भ में समझ सकते हैं) लेकिन जब आप कोई शेयर खरीदते हैं तो आप यूजर नहीं बल्कि ट्रेडर हो जाते हैं क्योंकि शेयर खरीदने का एक ही मकसद होता है, उसे बेचकर मुनाफा कमाना।

दरअसल यहीं शेयर बाजार दूसरे बाजारों के मुकाबले अलग और अनोखा है। यहां हर सौदे में दो ट्रेडर आमने-सामने होते हैं। वे एक दूसरे को न जानते हैं, न पहचानते हैं फिर भी एक बेचता है तो दूसरा खरीदता है। इसे एक और सरल उदाहरण से समझिए। माना कि आपने 520 रुपए के भाव पर टाटा स्टील के 100 शेयर खरीदे। जाहिर सी बात है कि ये शेयर किसी ने बेचे तभी आप इन्हें खरीद पाए। अब जरा सोचिए कि जब आपको लगा कि 520 रुपए में टाटा स्टील का शेयर खरीद लेना चाहिए क्योंकि इसकी कीमत में उछाल आने के आसार हैं। ठीक तभी किसी दूसरे शख्स इस नतीजे पर पहुंचा कि उसके डि-मैट अकाउंट में टाटा स्टील के जो शेयर हैं, उन्हें बेच देना चाहिए क्योंकि इसकी कीमत गिरनेवाली है। उसने बेचने का ऑर्डर दिया, आपने खरीदने का ऑर्डर दिया और ट्रेड हो गया। इस प्रकार एक दूसरे के धुर विपरीत सोच वाले दो ट्रेडर्स जब स्टॉक एक्सचेंज के प्लेटफॉर्म एक समय में आमने-सामने होते हैं तभी कोई सौदा होता है। इसी को शेयर बाजार का ‘जीरो सम गेम’ कहते हैं। यानी टाटा स्टील के जो 100 शेयर कल तक उस शख्स के पास थे, वो अब आपके पास हैं, अगर आने वाले दिनों में वे शेयर चढ़ते हैं तो इसका मतलब है कि आपकी ट्रेडिंग सफल रही, अगर यह शेयर गिरता है, बेचने वाले का आकलन सही साबित होगा।

संवेदनशील बाजार में कैसे समझें कि कौन शेयर गिरेगा और कौन चढ़ेगा

अब आपके मन में यह सवाल उठ सकता है कि इतनी कशमकश के बीच कैसे तय किया जाए कि कौन सा शेयर उठ सकता है और कौन सा गिरने वाला है। इस सवाल का कोई सीधा जवाब न है, न हो सकता है। क्योंकि शेयर बाजार एक जटिल, व्यापक और संवेदनशील मशीन की तरह काम करता है। इसे प्रभावित करने वाले तत्वों की कतार बहुत लंबी है। माइक्रो से लेकर मैक्रो तक यानी किसी छोटी सी कंपनी के वार्षिक नतीजों से लेकर आम चुनाव के परिणाम तक कोई भी चीज स्टॉक की कीमत में बड़ा उलटफेर कर सकती है। विनिवेश से लेकर अधिग्रहण तक कोई भी खबर किसी शेयर की कीमत में तूफान खड़ा कर सकती है। कई बार तो कोई बड़ी वजह नहीं होती है फिर भी शेयर बाजार में भूचाल आ जाता है। जैसा कि रेल बजट वाले दिन हुआ। रेल बजट ने बाजार को निराश तो कतई नहीं किया। फिर भी शेयर बाजार में दस महीनों की सबसे भयानक गिरावट दर्ज की गई। निफ्टी 160 प्वाइंट फिसल गया। इसकी दो बड़ी वजहें मानी गईं- पहली-मुनाफावसूली हुई, दूसरी-बाजार बहुत चढ़ गया था, इसलिए उसमें करेक्शन हुआ, बड़े बड़े शेयर औंधे मुंह गिरे। दिलचस्प है कि इतनी बड़ी गिरावट डाउनट्रेंड मार्केट में नहीं बल्कि अपट्रेंड मार्केट में आई। कहने का मतलब यह कि शेयर बाजार को किसी एक फॉर्मूले से साधा नहीं जा सकता है। हो सकता है नए निवेशकों को शेयर ट्रेडिंग कैसे करनी चाहिए? कि आपने जिस फैक्टर को कम करके आंका, वही सबसे पावरफुल साबित हो।

समय के साथ बदलें रणनीति
शेयर मार्किट एक ऐसा युद्ध है जिसमें समय के साथ रणभूमि और रणनीति दोनों बदलनी पड़ती है। यहां कुछ भी फिक्स्ड नहीं है। आप ट्रेडिंग टर्मिनल को देखेंगे तो महसूस करेंगे कि हर पल बाजार की हलचल के हिसाब से भावों में उसी तरह उतार-चढ़ाव होता है, जैसे सागर की लहरों में। इसके बावजूद कुछ लोग दावा करते हैं कि उनके पास शेयरों की अचूक भविष्यवाणी करने की शक्तिहै। लेकिन ऐसी भविष्यवाणियों पर आंखमूंद कर भरोसा करना खुद को ठगने जैसा है।

टिप्सों पर आंखमूंद कर न करें यकीन

फीस लेकर टिप्स देने वाली एजेंसियां इस संवेदनशील शेयर बाजार के बारे में यह दावा करती हैं कि उसके ट्रेडिंग टिप्स कभी फेल नहीं होते हैं, तो वे एक तरह से भोले-भाले निवेशकों को झांसा दे रही होती हैं। क्योंकि अनिश्चितता तो शेयर बाजार की धड़कन है। इसलिए नए निवेशकों को सलो शेयर बाजार में फायदे और नुकसान का गणित समझने से पहले यह जानना जरूरी है कि आखिर इस बाजार में कारोबार होता कैसे है? बुनियादी तौर पर देखा जाए तो शेयर बाजार और आलू-प्याज के मार्केट में कहने के लिए कोई खास फर्क नहीं है। दोनों मांग और आपूर्ति के सिद्धांत पर चलते हैं। लेकिन शेयर बाजार की प्रकृति अन्य बाजारों से अलग है। कैसे, आइए समझते हैं ।

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नए निवेशक अपने पहले 1000 रूपए शेयर बाजार में कैसे निवेश करें?

how to invest share market in india

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शेयर बाजार में पैसे कैसे लगाएं, शेयर बाजार से पैसे कैसे कमाएं यह सभी प्रश्न एक नए निवेशक के दिमाग में रहते हैं।

शेयर बाजार ऐसी जगह है जहाँ पैसे कमाने के लिए किसी डिग्री डिप्लोमा या सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं पड़ती है। शेयर बाजार से एक आम आदमी से लेकर एक विद्वान इन्वेस्टर तक सभी पैसे कमा सकते हैं।

इसमें ऐसा नहीं है कि डिग्री वाले या प्रोफेशनल ज्यादा पैसे कमा सकते हैं और एक साधारण व्यक्ति कम पैसे कमा सकता है। शेयर मार्किट में पैसे कमाने के लिए व्यक्ति के पास धैर्य और कॉमन सेंस होना चाहिए।

शेयर मार्किट से पैसे कमाने के लिए किसी राकेट साइंस की जरूरत नहीं पड़ती इसके लिए व्यक्ति में इंटीग्रिटी लॉन्ग टर्म का निवेश और अच्छी कंपनियों की समझ होनी चाहिए।

सदी के सबसे महान निवेशक वारेन बुफे ने अपने एक इंटरव्यू में कहा,”यदि शेयर बाजार में निवेश करने के लिए कैलकुलस और अलजेब्रा की जरूरत पड़ती तो शायद में अखबार बाटने का काम ही बेहतर समझता।”

शेयर बाजार से पैसे कमाने के लिए कुछ नियमों को ध्यान में रखना चाहिए

  1. शेयर बाजार को कभी भी जुएं (Gambling) की तरह न लें।
  2. ट्रेडिंग करने की बजाय इन्वेस्टिंग को चुने।
  3. कभी भी अपनी जमा रकम को घटने ना दे।
  4. ऊचें ऊचें मुनाफा का लालच देने वाली स्कीमों से बचे। जैसे – 25 दिन में पैसा डबल या किसी और प्रकार की लुभावनी स्कीम।
  5. शेयर बाजार से पैसे कमाने का एक ही राज़ है – लॉन्ग टर्म वैल्यू इन्वेस्टिंग

इन सबके बाद अब सीखतें हैं की शेयर बाजार में निवेश करने के लिए पहला स्टेप क्या है?

स्टेप 1 अपना निवेश खाता (डीमैट और ट्रेडिंग अकॉउंट) खोलें

शेयर बाजार में निवेश करने के लिए सबसे पहले एक डीमैट+ट्रेडिंग अकाउंट खोला जाता है।

डीमैट अकाउंट उसे कहते हैं जिसमे किसी कंपनी के स्टॉक या शेयर को रखा जाता है और ट्रेडिंग अकाउंट उसे कहते हैं जिसके द्वारा शेयर बाजार में किसी कंपनी के शेयर खरीदने या बेचने के लिए पैसों का भुगतान किया या लिया जाता है।

आजकल ये दोनों अकाउंट एक साथ ही कंबाइंड रूप में खोलें जाते हैं। डीमैट अकाउंट शेयर बाजार में रजिस्टर्ड ब्रोकर के पास खोला जाता है। इंडिया में दो प्रकार के स्टॉक ब्रोकर हैं –

  1. फुल सर्विस ब्रोकर
  2. डिस्काउंट ब्रोकर

इन्वेस्टिंग के लिए दोनों में से किसी को भी चुना जा सकता है। फूल सर्विस ब्रोकर ज्यादा चार्ज और फीस लगाते हैं जबकि डिस्काउंट ब्रोकर जैसे – ज़ेरोधा, अपस्टोक्स, एंजेल ब्रोकिंग नाम मात्र की ही फीस और चार्जेज लगाते हैं।

नए निवेशकों को शुरुआत डिस्काउंट ब्रोकर के साथ करनी चाहिए।

शेयर बाजार में बहुत से अच्छे डिस्काउंट ब्रोकर हैं लेकिन मुझे पर्सनली Upstox की सर्विसेज बेहतर लगती हैं।

स्टेप 2 शुरुआत हमेशा एक कंपनी के साथ करनी चाहिए

डीमैट अकाउंट खुल जाने के बाद अक्सर ऐसा होता है की नए निवेशक अपने पहले एक हज़ार रूपए या कुछ पूँजी को 20 अलग अलग कंपनियों के स्टॉक्स में लगा देते हैं, जो कहीं न कहीं शेयर बाजार में सट्टेबाज़ी की और ले जाता नए निवेशकों को शेयर ट्रेडिंग कैसे करनी चाहिए? है।

शेयर बाजार में निवेश करने के लिए पहले हमेशा किसी एक कंपनी को ही चुनना चाहिए। इससे फायदा ये होता है की आप उस कंपनी को अच्छी तरह से समझ सकते हैं। वह क्या बिज़नेस करती है, क्या बेचती है, क्या बनाती है, कैसे पैसे कमाती है, उस कंपनी के फ्यूचर प्लान क्या है, क्या यह कंपनी आगे सर्वाइव कर पाएगी या नहीं ऐसी बहुत सी चीज़े आप सीखने लग जाएंगे जो एक अच्छे सफल निवेशक में होती है।

शेयर बाजार ऐसी जगह नहीं है जहां से आप पहले ही दिन से हज़ारों या लाखों कमाने लगेंगे। इससे पैसे कमाने के लिए लंग टर्म वैल्यू इन्वेस्टिंग करना ही एकमात्र स्थायी तरीका है।

स्टेप 3 लॉन्ग टर्म वैल्यू इन्वेस्टिंग

जब आप एक अच्छी कंपनी को चुन लेते हैं जो लॉन्ग टर्म में ग्रोथ करे, तब आप उसमे अपने उतने ही पैसे निवेश करें जितने पैसों का जोखिम उठा सकतें हैं। कभी भी लोन लेकर शेयर बाजार में इन्वेस्ट नहीं करना चाहिये।

इस निवेश को कम से कम 10+ सालों तक निवेशित रखें जिससे शेयर बाजार से आप वेल्थ बना पाएं और कम्पाउंडिंग का मैजिक देख सकें।

जब आपके पास अच्छी कंपनियों को चुनने का अच्छा अनुभव हो जाए तब आप अपने पोर्टफोलियो में दो या अधिक कंपनियों को रख सकतें हैं।

उम्मीद है यह पोस्ट आपको अच्छी लगी होगी यदि किसी भी प्रकार का कोई सवाल या डाउट है तो नीचे कमेंट करके पूछ सकते हैं।

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