ऑप्शंन ट्रेडिंग क्या है?

फ्यूचर मार्किट में और भी सकल्पनाये होती हे जैसे की स्टॉक की लॉट साइज,कॉन्ट्रैक्ट एक्सपायरी ,mark to market . फ्यूचर मार्किट में हर एक स्टॉक की एक फिक्स लॉट साइज (lot size) होती है.मतलब जितना किसी स्टॉक की लॉट साइज होती हे उतनी ही हमें लेनी पड़ती हे। और कॉन्ट्रैक्ट एक्सपायरी में कॉन्ट्रैक्ट के तीन तरह के प्रकार होते हे पहला near month ,दूसरा mid month ,तीसरा far month . और near month की एक्सपायरी महिले महीने के आखरी गुरुवार को होती हे। mid month की एक्सपायरी दूसरे महीने के आखरी गुरुवार को होती हे और far month की एक्सपायरी तीसरे महीने के आखरी गुरुवार को होती हे।
स्टॉक मार्केट में Out of the Money ऑप्शन ट्रेडिंग कैसे शुरू करें ?
दूर का ऑप्शन, ऑप्शंन ट्रेडिंग क्या है? जी हाँ दोस्तों, जो की हमेशा एक्ट्रॅक्टिव्ह दिखता है। हमें ललचाता भी है अपने परफॉर्मन्स से! यह हो जाता है 5 रूपये से 50 का 100 का या उससे भी ज्यादा। है ना?
दूर का छोटा ऑप्शन याने की ऐसा ऑप्शन जो अंडरलेयिंग असेट (शेअर,इंडेक्स) के "चालू कीमत से काफी दूर होता है।" यह हम सभी को मालूम है। कीमत के उतार-चढ़ाव से ऑप्शन में हलचल होती है। "तेज और बड़े बदलाव से" ही दूर के ऑप्शन में बड़ी बढ़त या गिरावट आती है। इस पर हमारा एकमत हो सकता है।
और इस पर भी की बड़े मुव्ह किसी बड़े फंडामेंटल या टेक्निकल के कारण ही आतें है। इसलिए स्ट्रॉन्ग फंडामेंटल न्यूज़ या टेक्निकल सेट अप को बनते हुए देखकर ही Out Of The Money ऑप्शन्स में B.T.S.T. का ट्रेड लिया जाता है।
दूर का कॉल ऑप्शन ( Out Of The Money Call Option)
उदाहरण
1 ) कंपनी के शेअर ऑप्शंन ट्रेडिंग क्या है? की कीमत Rs. 500 है। ऑप्शन के लिए स्ट्राइक प्राइस 5 रूपये के फर्क से है। तो Rs. 500 से ज्यादा की स्ट्राइक प्राइसेस जैसे की 505, 510, 515, . कॉल ऑप्शन आउट ऑफ़ द मनी कहलातीं है। यहाँ दूर का छोटा कॉल ऑप्शन Rs. 550 स्ट्राइक प्राइस ऑप्शंन ट्रेडिंग क्या है? का हो सकता है।
future & option क्या होता हे ?
future & option kya hota he
future and option ट्रेडिंग ये एक डेरीवेटिव होते हे। और ये कॉन्ट्रैक्ट होता हे जिसकी एक्सपायरी होती हे। फ्यूचर और ऑप्शन को मार्किट में लानेका उदेश्य risk managment के लिए हे ,लेकिन दोनों में बहुत फरक हे ,फ्यूचर और ऑप्शन दोनों अलग अलग कॉन्ट्रैक्ट्स या derivetives हे। और ये सिर्फ ट्रेडिंग के लिए बनाये गए हे।
future market
फ्यूचर मार्किट एक फ्यूचर कॉन्ट्रैक्ट होता हे। जैसे की हमें लगता हे शेयर का प्राइज फ्यूचर में बढ़ेगा तो हम उस स्टॉक को खरीद लेते हे और फायदा होने पे बेच देते हे। लेकिन इसकी एक्सपायरी होती हे जोकि हमें हमारा शेयर एक्सपायरी के पहले बेचना होता हे। चलो अभी इसे एक उदाहरन लेके समजते हे –
example
जैसे की एक किसान ने अपने खेत में आलू लगाया हे। और आलू की कीमते घटती ऑप्शंन ट्रेडिंग क्या है? बढाती रहती हे तो उस किसान को चिंता रहती हे की मेरे आलू को बाजार में क्या भाव मिलेगा। क्युकी उसको आलू उगने में १० रु का खर्च्या आया हे. तो उसे लगता हे की मुझे २० या २५ रु मिल जाये तो बहुत बढ़िया रहेगा। यह सोचकर वो बाजार में चला जाता हे। और उसी बाजार में व्यापारी भी होते हे। उन्हें भी आलू लेने होते हे उनको लगता हे की कम से कम दाम में हमें आलू मिल जाये तो अच्छा रहेगा। क्युकी उन्हें भी आगे बाजार में उन आलू को ज्यादा भाव में बेचकर प्रॉफिट कमाना हे।
call & put options
option में प्रकार होते हे एक होता हे call option और एक होता हे put option . पहला call option में call के अंदर खरीदना मतलब आप तेजी की ओर हे और कॉल के अंदर बेचना मतलब आप मंदी की ओर हे। और वैसे हे दूसरा put option में put के अंदर खरीदना मतलब आप ऑप्शंन ट्रेडिंग क्या है? मंदी की ओर हे ,और अगर आप put के अंदर कोई स्टॉज बेचते हो तो इसका मतलब आप तेजी की तरफ हे.और इन दोनों की भी एक्सपायरी निच्छित होती हे।
फ्यूचर और ऑप्शन में ट्रेडिंग करके के लिए आपको technical analysis को समझने की बाहर जरुरत होती हे ,इससे आपको ट्रेडिंग में मदत होगी की चार्ट को कैसे देखते हे ट्रेंड लाइन क्या होती हे जो की ट्रेडिंग के लिए बहुत महत्व पूर्ण में अगर आपको technical analysis kya hota he समझना हे तो आप मेरी पिछली पोस्ट में जाकर पढ़ सकते हे उसमे मैंने पुरे डिटेल्स में समझाया हे की टेक्निकल एनालिसिस क्या होता हे और कैसे किया जाता हे वो सभी बाटे उस पोस्ट में लिखी हे .
ऑप्शन ट्रेडिंग में कितना चार्ज लगता है?
इसे सुनेंरोकेंजेरोधा ऑप्शन कमोडिटी के समान ही करेंसी के लिए शुल्क लेता है यानी 0.03% या ₹20 / निष्पादित ऑर्डर (जो भी कम हो). उदाहरण के लिए, यदि आपने ₹50,000 में 50 लॉट खरीदा है। तो अगर आप 50 का 0.03 प्रतिशत गणना करते है तो यह 1.5 होता है।
ऑप्शन ट्रेडिंग कैसे शुरू करें?
इसे सुनेंरोकेंकमोडिटी मार्केट में ऑप्शन ट्रेडिंग शुरू करने के लिए सबसे पहले ट्रेडिंग अकाउंट होना जरूरी है। अगर पहले से ही फ्यूचर बाजार में खाता है तो अपने ब्रोकर को ऑप्शन ट्रेडिंग के लिए सहमति पत्र देना होगा। इस अकाउंट के जरिए ही निवेशक कमोडिटी एक्सचेंज में फ्यूचर या ऑप्शन में किसी सौदे की खरीद या बिक्री कर सकते हैं।
ज़ेरोधा में ऑप्शन ट्रेडिंग कैसे करें?
जेरोधा काइट में ट्रेड कैसे करें?
- Zerodha Kite वेबसाइट या मोबाइल ऐप पर लॉग इन करें
- अपने Zerodha अकाउंट में फंड जोड़ें
- अपनी मार्केट वॉच में अपनी इच्छा के अनुसार ऑप्शन जोड़ें
- ऑप्शन के लिए Buy Order दें
- ऑप्शन कॉन्ट्रैक्ट को समझें
- ऑर्डर पूरा हो जाने के बाद वेरीफाई करें
पुट कॉल क्या है?
इसे सुनेंरोकेंकॉल ऑप्शन की खरीद या पुट ऑप्शन की बिक्री तभी करें जब आपको यह उम्मीद हो कि बाजार ऊपर जाएगा। एक पुट ऑप्शन की खरीद या कॉल ऑप्शन की बिक्री तभी करें जब आपको उम्मीद हो कि बाजार नीचे जाएगा। ऑप्शन को खरीदने ऑप्शंन ट्रेडिंग क्या है? वाले का मुनाफा असीमित होता है जबकि उसका रिस्क सीमित होता है (उतना ही जितना उसने प्रीमियम दिया है)।
ज़ेरोधा में विकल्प प्रीमियम क्या है?
इसे सुनेंरोकेंआप किसी भी कीमत पर ऑप्शन एग्रीमेंट कर सकते हैं, बस आपको उससे जुड़ा प्रीमियम देना होगा। उदाहरण के तौर पर आप 340 के कॉल ऑप्शन को 4 रूपये 75 पैसे का प्रीमियम देकर ले सकते हैं। इसे ऊपर लाल रंग से दिखाया गया है। ये खरीदार को एक्सपायरी के अंत तक ITC का शेयर 340 रूपये पर खरीदने का विकल्प देगा।
ऑप्शन सेलिंग क्या है?
इसे सुनेंरोकेंआपशन बेचने को शॉर्टिंग आ कॉल ऑप्शन –’Shorting a call option’ कहते हैं या कभी कभी सिर्फ शार्ट कॉल –’Short Call’ भी कहते हैं। जब आप ऑप्शन बेचते हैं तो आपको प्रीमियम के तौर पर एक रकम मिलती है। ऑप्शन बेचने वाले का मुनाफा सीमित होता है- उतना ही जितना कि उसे प्रीमियम मिला है लेकिन उसका नुकसान असीमित हो सकता है।
एक्स्चेंज द्वारा तय सही स्ट्राइक ऑप्शंन ट्रेडिंग क्या है? प्राइस का चयन करें
ऑप्शन में ट्रेडिंग करते समय हमें बहुत सावधानी के साथ स्ट्राइक प्राइस का चयन करना होता है क्योंकि किसी भी स्टॉक या इंडेक्स की स्ट्राइक प्राइस एक्स्चेंज द्वारा तय की जाती है और एक ऑप्शन ट्रेडर सिर्फ उन्ही स्ट्राइक प्राइस पर ट्रेड कर सकता है जो एक्स्चेंज द्वारा तय की गई है.
उदाहरण के लिए, यदि आप मानते हैं कि किसी कंपनी का शेयर मूल्य वर्तमान में ₹2000 पर ट्रेड कर रहा है, और भविष्य की किसी तारीख तक ₹2050 तक बढ़ जाएगा, आप ₹2050 से कम स्ट्राइक मूल्य के साथ एक कॉल ऑप्शन खरीद सकते है. फिर जैसे-जैसे कंपनी का शेयर मूल्य ₹2050 के नजदीक जाता जाएगा, आपका लाभ बढ़ता जायेगा. इसी तरह अगर कंपनी का शेयर मूल्य उस भविष्य की तारीख तक ₹2000 से जैसे-जैसे कम होगा, आपका मुनफा कम होता चला जायेगा लेकिन ऑप्शन खरीदते हुए आपका अधिकतम नुकसान आपने जो प्रीमियम दिया है सिर्फ वही होगा.
ऑप्शन ट्रेडिंग की समय सीमा निर्धारित करें
- ऑप्शन में सबसे अहम रोल एक्सपायरी का होता है. ऑप्शन एक्सपायरी एक तिथि होती है जहां पर ऑप्शन कॉन्ट्रेक्ट एक भविष्य की तारिख पर शून्य हो जाते है. प्रत्येक ऑप्शन की समाप्ति अवधि तक उस भविष्य तारीख के अंतिम दिन तक उस ट्रेड में बने रह सकते है. ऑप्शन कॉन्ट्रेक्ट के लिए तीन एक्सपायरी होती है-
- नियर मंथ (1महीना)
- मिडिल मंथ (2महीना)
- फार मंथ (3 महीना)
- उदाहरण के लिए, अभी निफ्टी 15000 पर ऑप्शंन ट्रेडिंग क्या है? ट्रेड कर रहा है और आप निफ्टी में ट्रेड करना चाहते है तो आप साप्ताहिक एक्सपायरी या महीने की एक्सपायरी को लेकर ट्रेड कर सकते है.यदि आपको लगता है निफ्टी इस महीने के अंत तक 15500 तक या उससे ज्यादा तक पहुंच जायेगा, तब 15500 कॉल ऑप्शन महीने की जो आखिरी एक्सपायरी है उस पर खरीदते है.
समाप्ति तिथियां साप्ताहिक से लेकर महीनों तक हो सकती हैं. लेकिन साप्ताहिक ऑप्शन सबसे अधिक जोखिम वाले होते हैं और अनुभवी ऑप्शन ट्रेडर्स ज्यादातर इन्ही में ट्रेड करते हैं.
Hindi wise money
दोस्तों ऑप्शन ट्रेडिंग में ऑप्शंन ट्रेडिंग क्या है? जो सबसे महत्वपूर्ण बात होती है एक ट्रेडर या इन्वेस्टर को ध्यान में रखने वाली. वह होती है ऑप्शन की एक्सपायरी डेट.
इक्विटी मार्केट में जो ऑप्शन की ट्रेडिंग होती है उसमें दो प्रकार के ऑप्शन ट्रेड होते हैं.
वीकली एक्सपायरी वाला ऑप्शन हर हफ्ते के थर्सडे ऑप्शंन ट्रेडिंग क्या है? को एक्सपायर होता है . और न्यू सीरीज वीकली ऑप्शन की जो शुरुआत होती है, वह भी ऑप्शंन ट्रेडिंग क्या है? थर्सडे को ही स्टार्ट होती है.
(2.) मंथली एक्सपायरी वाला ऑप्शन.
मंथली ऑप्शन की एक्सपायरी मंथ के एंड में जो थर्सडे पड़ता है उस दिन एक्सपायर होता है. और न्यू सीरीज का जो ऑप्शन कॉन्ट्रैक्ट शुरू होता है वह भी उसी दिन से होता है.