इन्वेस्टिंग

बिटकॉइन के उपयोग

बिटकॉइन के उपयोग
मध्य अमेरिकी देश अल सल्वाडोर दुनिया के पहले बिट कॉइन शहर के निर्माण की योजना बना रहा है, अल सल्वाडोर बिट कॉइन को क़ानूनी निविदा के रूप में मान्यता देने वाला एकमात्र देश है

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कैसे बिटकॉइन में पैसा इन्वेस्ट करें

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तो आपने बिटकॉइन के बारे में सुना है और कुछ डिजिटल संपत्ति बनाने को तैयार हैं। आप बिटकॉइन्स खरीद और बेच सकते हैं, या उसको ‘माइन (mine)’ कर सकते हैं। बिटकॉइन माइनिंग दरअसल अन्य बिटकॉइन सौदों की पुष्टि की बिटकॉइन के उपयोग प्रक्रिया है, जिसके लिए यूज़र्स को रिवॉर्ड मिलता है। बिटकॉइन इकॉनमी (bitcoin economy) के पीछे यही केंद्रीय विचारधारा है, और माइनिंग का इस्तेमाल सौदों को सुरक्षित एवं विश्वसनीय बनाए रखने के लिए किया जाता है। इस गाइड में यह बताया जाएगा कि बिटकॉइन माइनिंग कैसे किया जाए व किस तरह संभावित आमदनी करें।

क्या है Private Cryptocurrency जो बैन होगी, क्या बिटकॉइन इसमें शामिल है?

क्या है Private Cryptocurrency जो बैन होगी, क्या बिटकॉइन इसमें शामिल है?

क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) पर सरकार द्वारा बिल लाने की घोषणा के बाद हाय तौबा मच गई है. अब जब भारतीयों के हजार-करोड़ों रुपए क्रिप्टो के बाजार में लगे हो तो हाय तौबा मची रहेगी. इसका असर ये हुआ कि एक तो मार्केट धड़ाम से गिर गया दूसरी तरफ पैनिक सेलिंग को बढ़ावा मिला. लेकिन सरकार द्वारा बिल की घोषणा पर नजर डालें तो वहां प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी को बैन करने की बात हो रही है.

अब ये प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी क्या है और ये बिटकॉइन, ईथीरियम या डॉजकॉइन भी प्राइवेट क्रिप्टो हैं.

क्रिप्टोकरेंसी क्या है?

क्रिप्टोकरेंसी एक वर्चुअल करेंसी है, इसके साथ कुछ वैल्यू भी जुड़ी होती है. ये एक ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी पर काम करती है. ये किसी बैंक ना मिलने की बजाय कंप्यूटर्स द्वारा माइन होती है. हालांकि इनके ट्रांजैक्शन को ट्रैक किया जा सकता है, लेकिन सीमित जानकारियों के साथ.

अब भारत समेत दुनिया के कई देश में ना तो इसको लेकर कोई कानून है ना ही इसे सरकार मान्यता देती है. इसलिए भारत सरकार अब इस पर एक बिल लेकर आएगी ताकि कुछ कानून बनाएं जा सके.

क्रिप्टोकरेंसी के ट्रांजेक्शन को ट्रैक करना काफी जटिल है और सरकार का मानना बिटकॉइन के उपयोग है कि इसका बड़े स्तर पर दुरुपयोग हो सकता है. या तो इसको हवाला फंडिंग या टेरर फंडिंग के उपयोग में लाया जा सकता है. इसलिए इसको या तो बैन करने की जरूरत है या फिर रेग्युलेट करने बिटकॉइन के उपयोग की.

प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी क्या होती है?

प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी प्राइवेट ब्लॉकचेन के सहारे ट्रांजेक्ट होती है. इसको ट्रेस करना लगभग नामुमकिन हो जाता है. आमतौर पर इसकी परिभाषा भी यही है. जीकैश, मोनेरो, डैश प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी के कुछ उदाहरण है. वहीं बिटकॉइन, डॉजकॉइन, ईथीरियम ये सब पब्लिक क्रिप्टोकरेंसी हैं जिनके ट्रांजेक्शन को ट्रेस किया जा सकता है.

पेंच ये है कि प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी की कोई फिक्स परिभाषा तय नहीं हो पाई है. भारत सरकार प्राइवेट क्रिप्टो को किस तरह से परिभाषित करेगी ये बिल पेश पेश होने के बाद ही साफ हो पाएगा.

अब ऐसा हो सकता है कि सरकार उन सभी क्रिप्टोकरेंसी को प्राइवेट माने जो सरकार द्वारा जारी नहीं की गई है. या ऐसा भी हो सकता है कि जिन क्रिप्टोकरेंसी के ट्राजेक्शन की पहचान ना की जा सकती हो उनको सरकार प्राइवेट माने.

अब चूंकी सरकार अपनी एक डीजिटल करेंसी ला रही है इसलिए ऐसा माना जा रहा है कि हर तरह की क्रिप्टोकरेंसी पर बैन लगा दिया जाएगा लेकिन कुछ अपवाद के साथ.

बिटकॉइन के उपयोग

बिटकॉइन क्या है बिटकॉइन का इतिहास क्या है बिटकॉइन कैसे काम करता है

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बिटकॉइन क्या है?

बिटकॉइन एक डिजिटल करेंसी है जिसपर ना तो किसी देश की सरकार का नियंत्रण है और ना ही किसी वित्तीय संस्था का नियंत्रण है बिटकॉइन सबसे पॉपुलर क्रिप्टोकरेंसी है यह दुनियां की सबसे पहली क्रिप्टोकरेन्सी है बिटकॉइन को वर्चुअल करेंसी भी कहा जाता है क्योंकि बिटकॉइन करेंसी को हम स्पर्श नहीं कर सकते है केवल किसी भी डिजिटल फॉर्मेट में देख सकते है यह फॉर्मेट लैपटॉप हो सकता है, मोबाइल हो सकता है, कंप्यूटर हो सकता है, टेबलेट हो सकता है.

किसी ना किसी चीज को बनाने के पीछे कई कारण होते है जैसे की 2008 में ग्लोबली इकॉनमिक प्रॉब्लम, 8 November 2016 इंडियन में 500 और 1000 के नॉट अचानक से अमान्य, बैंक प्रॉब्लम तो इसी चीज को देखकर बिटकॉइन का निर्माण हुआ बिटकॉइन क्रिप्टोकोर्रेंसी को Satoshi Nakamoto ने बनाया और इसे Jan. 3, बिटकॉइन के उपयोग 2009 को लॉन्च कर दिया जब बिटकॉइन मार्किट में आया था तो इसका मूल्य काफी कम था इस पर किसी गवर्नमेन्ट अथॉरिटी का हस्क्षेप नहीं बिटकॉइन के उपयोग था और ना ही कोई कानून था इसलिए इंटरनेट यूजर इस करेंसी पर ज्यादा ट्रस्ट नहीं करते थे जिस तरह रूपये करेंसी को भारत सरकार नियंत्रण करती है , डॉलर करेंसी काअमेरिका सरकार नियंत्रण करती है, रूबल करेंसी को रूस देश नियंत्रण करता है लेकिन बिटकॉइन को दुनियां का कोई भी देश नियंत्रण नहीं करता है.

बिटकॉइन कैसे काम करता है?

बिटकॉइन ब्लॉकचैन टेक्नोलॉजी पर काम करती है ब्लॉकचैन टेक्नोलॉजी में कंप्यूटर एक-दूसरे से जुड़े होते है सभी बिटकॉइन हिस्सेदार का एक पब्लिक अकाउंट होता है जिसे Ledger खाता कहते है इस Ledger खाते की कॉपी हर एक ब्लैकचैन के कंप्यूटर में डिजिटल फॉर्मेट में स्टोर होती है जो लोग ब्लॉकचैन से जुड़े कंप्यूटर को हैंडल करते है उन्हें Miners कहते है Miners का काम होता है बिटकॉइन की हर लेनदेन को वेरीफाई करते रहना

बिटकॉइन क्या है?

जैसे की अ से ब को 5 बिटकॉइन लेना है तो को कैसे पता चलेगा की पास 5 बिटकॉइन है तो यह पता लगाने के लिए Miners की हेल्प बिटकॉइन के उपयोग लेनी होती है Miners आपको बता देगें वास्तव में के पास बिटकॉइन उपलब्ध है देने के लिए की नहीं Miners जब यह काम करते है तो उनको कुछ काम के बदले रिवॉर्ड मिलते है जो बिटकॉइन के फॉर्मेट में होते है

बिटकॉइन क्या है | Bitcoin Kya Hai

Mr. Nemi Chand Prajapat 0

बिटकॉइन एक विकेंद्रीकृत डिजिटल मुद्रा है Bitcoin अंग्रेजी भाषा के शब्द ‘Crypto’ से बना है, जिसका अर्थ गुप्त/ रहस्यात्मक होता है, बिटकॉइन से कोई भी व्यक्ति बिना किसी मध्यस्थ के सीधे खरीद - फरोख्त और विनिमय कर सकता है बिटकॉइन वर्चुअल करेंसी है। बिटकॉइन की शुरुआत वर्ष 2009 में हुई थी, जो आज धीरे-धीरे इतनी लोकप्रिय हो गई है कि एक बिटकॉइन की कीमत लाखों रुपये के बराबर पहुंच गई है। बिटकॉइन का जनक/निर्माता सातोशी नकामोतो को कहा जाता है इनके ही प्रयासों से बिटकॉइन प्रचलन में आया है बिटकॉइन को अनेको कंपनियों ने स्वीकार किया है जैसे – Microsoft, Tesla आदि ने इसे एक्सचेंज के रूप में अपना लिया हैं। बिटकॉइन की सबसे छोटी यूनिट Satoshi हैं 1 Bitcoin = 10,00,00,000 Satoshi होता है Satoshi Nakamoto को Bitcoin का Founder भी कहा जाता है।

क्रिप्टो करेंसी क्या है | Crypto Currency kya hai

बिटकॉइन को ही क्रिप्टोकरेंसी कहा जाता है, क्योंकि भुगतान के लिए यह क्रिप्टोग्राफी का इस्तेमाल करता है।

Bitcoin

Bitcoin क्या है (What Is Bitcoin In Hindi) कैसे काम करता है ! और कैसे खरीदा जा सकता है

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Bitcoin क्या है (What Is Bitcoin In Hindi) कैसे काम करता है ! और कैसे खरीदा जा सकता है

बिटकॉइन एक क्रिप्टोकरेंसी है और यह डिजिटल करेंसी (Digital Currency) है जिसे हम कभी देख नही सकते, और ना ही अपने हाथों में ले सकते। यह एक इलेक्ट्रॉनिक कैश सिस्टम है और यह Blockchain Technology पर Based है और बिटकॉइन ऐसी पहली Cryptocurrency है जिसे हम कोई भी उपयोगी वस्तु को खरीद सकते है, और बिटकॉइन का आसानी से लेन-देन भी किया जा सकता है बिटकॉइन का निर्माण सातोशी नाकामोटो व्यक्ति नामक द्वारा 9 जनवरी 2009 को किया गया था।

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