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व्यापारियों को जीएसटी से लाभ

व्यापारियों को जीएसटी से लाभ
प्रदीप चौधरी, दवा व्यापारी

बरेली: जीएसटी पंजीकरण पर नहीं लगेगा शुल्क, घर बैठे करा सकेंगे पंजीकरण

बरेली, अमृत विचार। जिन व्यापारियों ने जीएसटी में पंजीकरण नहीं कराया है। वह घर बैठे नि:शुल्क पंजीकरण कर व्यापारी दुर्घटना बीमा का लाभ ले सकते हैं। पंजीकृत व्यापारियों को सरकार की तरफ से पेंशन योजना का लाभ भी मिलेगा। यह जानकारी शहर में जगह-जगह चलाए जा रहे जागरूकता अभियान के दौरान वाणिज्यकर विभाग के अफसरों …

बरेली, अमृत विचार। जिन व्यापारियों ने जीएसटी में पंजीकरण नहीं कराया है। वह घर बैठे नि:शुल्क पंजीकरण कर व्यापारी दुर्घटना व्यापारियों को जीएसटी से लाभ बीमा का लाभ ले सकते हैं। पंजीकृत व्यापारियों को सरकार की तरफ से पेंशन योजना का लाभ भी मिलेगा। यह जानकारी शहर में जगह-जगह चलाए जा रहे व्यापारियों को जीएसटी से लाभ जागरूकता अभियान के दौरान वाणिज्यकर विभाग के अफसरों ने व्यापारियों को दीं।

वाणिज्यकर विभाग के तत्वावधान में सिविल लाइंस स्थित कार्यालय में जीएसटी हेल्प डेस्क खोली गई है। जीएसटी में पंजीकरण के लिए प्रचार-प्रसार कर व्यापारियों को इसके फायदे गिनाए जा रहे हैं। मंगलवार को शहर के राजेंद्र नगर समेत कई जगह पंजीकरण जागरूकता शिविर का आयोजन व्यापारियों को जीएसटी से लाभ किया गया।

GST पर आयोजित हुआ मेगा-सेमिनार, ये हैं जीएसटी पंजीकरण के लाभ

स्वाभाविक है कि जितने अधिक व्यापारी जीएसटी पंजीकरण लेंगे, कर-संग्रह भी बढ़ेगा और कर- संग्रह में वृद्धि जनता के कल्याण में और अवसंरचनात्मक विकास में प्रयोग होगा। इसलिए विकास की गंगा बहाने के लिए आवश्यक है कि पंजीकृत व्यापारियों की संख्या बढ़े। इसी उद्देश्य से जीएसटी पंजीकरण कैम्प, सेमीनार व गोष्ठियों का आयोजन किया जा रहा है।

November 17, 2021

आज वाणिज्य कर विभाग के द्वारा चलाए जा रहे जीएसटी पंजीकरण अभियान के तहत खण्ड- 12 के डिप्टी कमिश्नर धर्मेन्द्र चौधरी के निर्देशन में सेक्टर-61 , नोएडा स्थित शॉप्रिक्स मॉल में एक मेगा-सेमीनार का आयोजन किया गया । जिसमें सैकड़ों व्यापारियों ने सहभागिता की। उक्त मेगा- सेमीनार में मुख्य-वक्ता श्याम सुन्दर पाठक, असिस्टेंट कमिश्नर , खण्ड- 12 ने जीएसटी पंजीकरण के विषय में विस्तार से बताया और उपस्थित व्यापारियों की शंकाओं का समाधान किया। श्याम सुन्दर पाठक ने बताया कि माननीय मुख्यमन्त्री जी का स्वप्न है कि प्रदेश में 25 लाख पंजीकृत व्यापारी हों ताकि डीलर बेस बढ़ने से कर – संग्रह की भी वृद्धि हो सके। स्वाभाविक है कि जितने अधिक व्यापारी जीएसटी पंजीकरण लेंगे, कर-संग्रह भी बढ़ेगा और कर- संग्रह में वृद्धि जनता के कल्याण में और अवसंरचनात्मक विकास में प्रयोग होगा। इसलिए विकास की गंगा बहाने के लिए आवश्यक है कि पंजीकृत व्यापारियों की संख्या बढ़े। इसी उद्देश्य से जीएसटी पंजीकरण कैम्प, सेमीनार व गोष्ठियों का आयोजन किया जा रहा है।

समय पर जीएसटी रिटर्न नहीं भरने पर व्यापारी को लेट फीस के साथ जुर्माना देना होगा

जीएसटी रिटर्न पर लेट फीस

जीएसटी के भीतर की खामियां पहले से ही व्यापारियों को परेशान कर रही हैं। अब सरकार ने समय पर जीएसटी रिटर्न दाखिल नहीं करने पर जुर्माने की व्यवस्था की है। इसकी बदौलत व्यापारियों की बात और बढ़ सकती है। उन व्यापारियों पर जुर्माना लगाया जाएगा जो वित्त वर्ष 2019-20 के लिए GSTR 9 और GSTR 9C रिटर्न दाखिल नहीं करते हैं। व्यापारियों को भी रिटर्न भरने के लिए विलंब शुल्क लिया जाएगा।

31 दिसंबर, 2020 को वित्तीय वर्ष 2019-20 के लिए जीएसटी रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तिथि थी, लेकिन इसे व्यापारियों को जीएसटी से लाभ कोरोना के लिए 2 महीने के लिए बढ़ा दिया गया था। तब व्यापारियों को 28 फरवरी तक रिटर्न दाखिल करना था। 28 फरवरी को भी, व्यापारियों की एक संख्या में रिटर्न नहीं भरा जा सका। हालांकि, अब सरकार ने फिर से रिटर्न भरने की तारीख बढ़ाकर 31 मार्च कर दी है। जिले के भीतर जीएसटी में पंजीकृत व्यापारियों की राशि 7600 है। आंकड़ों को देखते हुए, 25 प्रतिशत व्यापारियों ने 28 मार्च तक रिटर्न दाखिल नहीं किया था। हालांकि तारीख बढ़ा दी गई है, लेकिन रिटर्न दाखिल न करने वाले व्यापारियों के खिलाफ भी तैयारी की जा रही है। 31 मार्च तक रिटर्न दाखिल नहीं करने वाले व्यापारियों से जुर्माना वसूला जाएगा, साथ ही लेट फीस भी ली जाएगी।

जीएसटी : फायदा कम नुकसान ज्यादा

जीएसटी : फायदा कम नुकसान ज्यादा

GST News : सेंट्रल ने स्टेट के पाले मेें डाली गेंद, जीएसटी के दायरे में आया तो.. पेट्रोल 77.07 रुपए, डीजल मिलेगा 62.73 रुपए लीटर!

LUCKNOW: गुड्स एंड सर्विस टैक्स (जीएसटी) बिल के राज्य सभा में पास होते ही व्यापारियों ने इसका विरोध शुरू कर दिया था। भारत सरकार ने जहां इस बिल के लागू होने से महंगाई कम होने की बात कही थी वहीं व्यापारियों ने पूरे देश में एक समान कर लगने को व्यापार विरोधी बताया था। व्यापारियों ने जीएसटी काउंसिल में व्यापारी प्रतिनिधित्व, दडंात्मक कार्रवाई का प्रावधान हटाने, कर्मचारियों को असीमित अधिकार से वंचित रखने समेत कई अहम मुददे उठाये। आखिर विरोध किसका जीएसटी का या उसमें व्यापारियों को जीएसटी से लाभ संसोधन का। इस मुददे को जानने के लिए आई नेक्स्ट के ऑफिस में व्यापारियों के साथ जीएसटी बिल को लेकर एक पैनल डिस्कशन का आयोजन किया गया। जिसमें व्यापारियों ने आई नेक्स्ट के सामने खुलकर अपनी बात रखी।

इस बार सालाना रिटर्न दायर करने में भी छूट

व्यापारियों को एक बड़ी राहत यह भी मिली है कि वित्तीय वर्ष 2020-21 में दो करोड़ रुपये तक के सालाना बिक्री या कंपाउंडिंग स्कीम वाले व्यापारियों के लिए वार्षिक विवरणी (रिटर्न) दाखिल करने की बाध्यता खत्म कर दी गयी है. ऐसे व्यापारी अगर चाहें, तो वह वार्षिक रिटर्न जमा कर सकते हैं, लेकिन इसे जमा नहीं करने से उन पर किसी तरह की कार्रवाई नहीं होगी.

अब व्यापारियों को किसी चार्टर्ड एकाउंटेंट के स्तर से सत्यापित करके स्टेटमेंट दाखिल कराने की बाध्यता समाप्त कर दी गयी है. इससे व्यापारी अपने स्तर पर भी स्टेटमेंट तैयार करके दाखिल कर सकते हैं. विभाग इसमें आवश्यक सुधार स्वयं कर लेगा.

Posted by Ashish Jha

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