जमा और निकासी के विकल्प

जमा और निकासी के विकल्प
पिछले कुछ महीनों से कंपनी फिक्स्ड डिपोजिट (एफडी) फिर से प्रकाश में हैं। इनमें जाने माने टाटा समूह के एफडी, कई गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों और निजी कंपनियों के एफडी शामिल हैं।
कंपनी एफडी का सबसे बड़ा आकर्षण उनकी ब्याज दरों का अधिक होना है। इसके अतिरिक्त कुछ अन्य लाभ भी है। परिपक्वतापूर्व निकासी, टीडीएस लाभ और विभिन्न कंपनियों में से किसी का भी चुनाव।
ऐसे में क्या किसी निवेशक को 2 से 4 प्रतिशत का अधिक ब्याज पाने के लिए कंपनी एफडी में निवेश करना चाहिए? ऐसा कदम उठाते समय निम्नलिखित बातों का ध्यान रखा जाना चाहिए:
ब्याज दरें और नेकनामी
एक सुदृढ़ कंपनी प्रतिकूल परिस्थितियों में भी 11 से 12 प्रतिशत का ब्याज दे सकती है, हालांकि, यह जमा की अवधि पर निर्भर करता है।
कोई अन्य कंपनी आपको इससे अधिक ब्याज का पेशकश कर सकती है लेकिन यह सुनिश्चित कर लीजिए कि कंपनी के प्रवर्तक कौन हैं, कंपनी क्या करती है और उसकी वित्तीय दशा के बारे में जानने की कोशिशि कीजिए। वित्तीय मामलों को समझना एक जटिल काम है इसलिए कंपनी और उसके प्रबंधन की प्रतिष्ठा दुरुस्त होनी चाहिए।
उदाहरण के तौर पर टाटा और एचडीएफसी को लिया जा सकता है। इन चीजों को ज्यादा तरजीह दी जानी चाहिए क्योंकि ऐसी जमाएं असुरक्षित होती हैं और ऐसे कई उदाहरण भी देखे गए हैं जिनमें पैसे वापस नहीं किए गए हैं या कारोबार बन्द कर दिया गया।
एक बड़ी कंपनी नागार्जुन फाइनैंस और साल 1999 में इसके गैर-कार्यकारी निदेशक निमेश कंपानी का उदाहरण लिया जा सकता है। साल 1999 में कंपानी ने कंपनी से इस्तीफा दे दिया था लेकिन 100 करोड़ रुपये की सावधि जमा के मामले में अब भी उन पर मुकदमा चल रहा है।
कंपनी एफडी में ऋण जोखिम समाहित है और इसलिए आपका ध्यान सबसे पहले प्रतिफल पर नहीं बल्कि कंपनी के भुगतान वापस करने की क्षमता और उसकी नेकनामी पर जाना चाहिए। वापसी भुगतान के पिछले रिकॉर्ड को देखिए। अगर कोई कंपनी पहली बार एफडी योजना ला रही है तो समूह की अन्य कंपनियों (अगर कोई है तो) के वापस भुगतान करने की क्षमता देखिए।
अगर एक बार जमा और निकासी के विकल्प भी डीफॉल्ट किया गया है तो वहां निवेश नहीं कीजिए। पेशकश की जाने वाली ब्याज दरें सामान्य हैं या चक्रवृध्दि, इसे समझिए। सामान्य और चक्रवृध्दि के आधार गणना की जाए तो प्रतिफल में बड़ा अंतर देखने को मिलता है।
उदाहरण के लिए 'ए' चार वर्षों की सावधि जमा पर 19 प्रतिशत ब्याज की पेशकश करती है। अगर यह तिमाही जुड़ता जाता है तो 11 प्रतिशत ब्याज देने वाली सावधि जमा, जो छमाही जुड़ा है, से अधिक प्रतिफल देगा।
परिपक्वतापूर्व निकासी
यह शर्त काफी महत्वपूर्ण है, सुनिश्चित कर लीजिए कि आपने इसे पूरी तरह समझ लिया है। आपको वैसे ही धन का निवेश करना चाहिए जिसकी जरूरत एफडी की अवधि के दौरान आपको नहीं हो। लेकिन, विपरीत परिस्थितियों में आपको अपने पैसे वापस पाने के लिए निकासी के विकल्प जानना आवश्यक हो जाता है।
अधिकांश एफडी में निकासी का विकल्प होता है जिसमें आपको या तो ब्याज दरों के मामले में घाटा उठाना पड़ता है। कभी कभार बहुत जल्द निकासी में मामले में दो प्रतिशत की पेनाल्टी भी देनी होती है।
अवधि
आमतौर पर अधिकांश कंपनी सावधि जमाओं की अवधि 12 से 60 महीनों की होती है। अवधि अधिक होने से ब्याज भी अधिक मिलता है लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि आपको लंबी अवधि की सावधि जमाओं में निवेश करना चाहिए। ब्याज दरें और अर्थव्यवस्था को समझिए। और, अगर दरें कम हैं तो सबसे कम अवधि वाली एफडी को चुनें और अगर ब्याज दरें अधिक हैं तो लंबी अवधि के विकल्पों को चुनें।
ऐसी कंपनी न चुनें
कुछ ऐसी कंपनियां भी हैं जिनके घाटे साल दर साल किसी न किसी कारण से बढ़ते ही जाते हैं। उनके बारे में ज्यादा सूचनाएं उपलब्ध नहीं होतीं और अगर उनकी बैलेंस शीट पर सवालिया निशान लगा है और वे वित्तीय जानकारी नहीं देना चाहते हैं तो उनसे दूर रहने में ही भलाई है। वैसी कंपनियों में भी निवेश मत कीजिए जिनकी ब्याज दरें तो अधिक हैं लेकिन नकदी का प्रवाह कम है।
PPF अकाउंट मैच्योर होने पर आपको क्या करना चाहिए?
PPF अकाउंट की मैच्योरिटी के बाद आपके सामने क्या-क्या विकल्प हैं?
पहला विकल्प:
किसी PPF अकाउंट को 15 साल तक चलाने के बाद उसे बंद किया जा सकता है. PPF में अकांउट खोलने के दिन से मैच्योरिटी का कोई संबंध नहीं है. मसलन अगर आपने PPF अकाउंट 18 मई 2002 को खोला तो यह 1 अप्रैल 2018 को मैच्योर होगा.
दूसरा विकल्प
किसी PPF अकाउंट के मैच्योर होने के बाद आप इसमें बिना किसी नए निवेश के इसे आगे बढ़ा सकते हैं. आपको अपने बैंक या डाकघर को इसे आगे बढ़ाने के बारे में सूचना देनी होगी. अगर आप अकाउंट ऑफिस को सूचना नहीं देंगे तो इसे खुद ही आगे बढ़ा दिया जायेगा. ध्यान रखें कि आप इसमें निवेश नहीं कर सकते.
अगले पांच साल तक अकाउंट से आपको ब्याज मिलता रहेगा. इसके बाद हर वित्त वर्ष में आपको थोड़ी-थोड़ी रकम निकालने का मौका मिलेगा. एक बार अकाउंट बिना डिपॉजिट के आगे बढ़ा तो ग्राहक PPF डिपॉजिट अकाउंट में पांच साल तक रकम नहीं जमा कर सकते.
तीसरा विकल्प
अगर आप PPF अकाउंट में नए योगदान के साथ ही इसे आगे बढ़ाने का विकल्प चुनते हैं तो आपको बैंक या डाकघर में फॉर्म H भरकर देना होता है. अगर आप फॉर्म 15H भरे बिना खाते में एक साल से अधिक समय तक रकम जमा करते रहेंगे तो आपका नया निवेश अनियमित माना जायेगा. इस पर आपको कोई ब्याज नहीं मिलेगा.
इसके अलावा इस अकाउंट में रकम जमा कराने पर आपको इनकम टैक्स कानून के सेक्शन 80C के तहत कोई लाभ भी नहीं मिलेगा. इस हिसाब से अकाउंट को आगे बढ़ाने के लिए आवेदन जरूरी है.
विस्तार अवधि में आंशिक निकासी
अगर आपने बिना योगदान के PPF अकाउंट को आगे बढ़ाने का विकल्प चुना है तो हर वित्त वर्ष में आप इस अकाउंट से रकम निकाल सकते हैं. इसके बाद खाते में बची रकम पर आपको ब्याज मिलता रहेगा.
अगर आपने PPF अकाउंट में योगदान के साथ इसे विस्तार करने का आवेदन किया है तो आप इस खाते से आंशिक निकासी ही कर सकते हैं. इसके लिए आपको फॉर्म C भरना पड़ेगा. पांच साल के ब्लाक में आपकी कुल निकासी 60 फीसदी से अधिक नहीं होनी चाहिए. इसके लिए बेस 15 साल पूरे होने के बाद आपके खाते में बची रकम है.
आप क्या करें?
अगर आपके PPF अकाउंट की मैच्योरिटी आपके रिटायरमेंट के करीब नहीं है तो बेहतर है कि इसे आगे बढ़ा दें. अगर आपने 30 साल की उम्र में PPF अकाउंट खोला है तो इसे तीन बार आगे बढ़ाकर आप 60 के करीब पहुंच जायेंगे.
बेहतर तरीका यह है कि आप फॉर्म H भरें और 500 रुपये का न्यूनतम योगदान कर अकाउंट को एक्टिव कर दें.
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Kotak Mahindra Bank FD Interest Rates : जानें बैंक एफडी पर कितना मिलेगा ब्याज
Kotak Mahindra Bank FD Interest Rates : कोटक महिंद्रा बैंक लिमिटेड (Kotak Mahindra Bank Limited) भारत का प्रमुख निजी क्षेत्र का ऋणदाता अपने ऋण निवेशकों को नियमित जमा, कर बचत जमा, वरिष्ठ नागरिक जमा, और इसी तरह की कोटक महिंद्रा बैंक सावधि जमा (Kotak Mahindra Bank Fixed Deposit) योजनाओं की एक श्रृंखला प्रदान करता है ! 5000 रुपये की न्यूनतम जमा राशि के साथ, आकर्षक और सुनिश्चित रिटर्न, 7 से 10 साल की लचीली परिपक्वता अवधि, लचीला ब्याज निकासी विकल्प, ऑनलाइन खाता जैसे लाभों के ढेरों को देखने के लिए कोटक महिंद्रा बैंक में एक सावधि जमा खाता (Kotak Mahindra Bank FD Account) खोल सकते हैं !
Kotak Mahindra Bank FD Interest Rates
Kotak Mahindra Bank FD Interest Rates
कोटक महिंद्रा बैंक (Kotak Mahindra Bank) नियमित व्यक्तियों के साथ-साथ वरिष्ठ नागरिकों को 7 दिनों से लेकर 10 साल तक के कार्यकाल के लिए उच्च कोटक महिंद्रा एफडी दरों (Kotak Mahindra FD Rates) के साथ सावधि जमा (Fixed deposit) योजनाओं की एक विस्तृत श्रृंखला प्रदान करता है ! आइए हम मौजूदा कोटक महिंद्रा बैंक एफडी दरों के साथ-साथ अन्य महत्वपूर्ण पहलुओं जैसे समय से पहले निकासी, एफडी (FD) के खिलाफ ऋण और टीडीएस निहितार्थ पर एक नज़र डालें !
महिंद्राकोटक बैंक सावधि जमा (Kotak Mahindra Bank Fixed Deposit) द्वारा पेश किए जाने वाले सबसे महत्वपूर्ण निवेश उत्पादों में से एक हैं ! कोटक महिंद्रा बैंक आपको उनके साथ कोटक सावधि जमा खाता (Kotak Fixed Deposit Account) खोलने का विकल्प प्रदान करता है ! बैंक चुनने के लिए कई प्रकार के कार्यकाल प्रदान करता है और जमा पर वापसी की दर भी काफी आकर्षक है !
कोटक महिंद्रा बैंक एफडी ब्याज दर 2021 (Kotak Mahindra Bank FD Interest Rates)
कार्यकाल | आम जनता FD दर | वरिष्ठ नागरिक FD दर |
---|---|---|
7 – 30 दिन | 2.65% | 3.00% |
31 – 90 दिन | 3.25% | 3.75% |
91 – 179 दिन | 3.75% | 4.25% |
180 – 364 दिन | 5.o0% | 5.50% |
365 – 389 दिन | 5.75% | 6.25% |
390 दिन से 23 महीने से कम | 6.00% | 6.50% |
23 महीने से 2 साल से कम | 6.10% | 6.60% |
2 साल से 3 साल से कम | 6.00% | 6.50% |
3 साल से 4 साल से कम | 6.00% | 6.50% |
4 साल से 5 साल से कम | 6.00% | 6.50% |
5 – 10 वर्ष | 6.00% | 6.50% |
Kotak Mahindra bank FD Benefits
- 1. कम न्यूनतम जमा – आप आकर्षक कोटक महिंद्रा एफडी ब्याज दरों (Kotak Mahindra FD Interest Rates) पर केवल ₹ 5000 की सावधि जमा (Fixed deposit) शुरू कर सकते हैं, जिसमें कार्यकाल के विकल्प सात दिनों से लेकर 10 साल तक हो सकते हैं !
- 2. सुरक्षित और सुनिश्चित – कोटक महिंद्रा बैंक (Kotak Mahindra Bank) अपने कार्यकाल के आधार पर आपके सावधि जमा (Fixed deposit) के खिलाफ ओवरड्राफ्ट सुविधा का लाभ उठाने के लिए सुनिश्चित रिटर्न से लेकर कई लाभ प्रदान करता है ! अपना खाता खोलने के लिए ऑनलाइन आवेदन का उपयोग करना तेज़ और परेशानी मुक्त है !
- 3. स्वीप-इन सुविधा – आप स्वीप-इन सुविधा का लाभ उठा सकते हैं जिसमें आपकी मौजूदा सावधि जमा (Fixed deposit) आपकी बचत या चालू खाते से जुड़ी हुई है ! यह धन की कमी की चिंता किए बिना जमा और निकासी के विकल्प वित्तीय लचीलापन सुनिश्चित करता है ! आप अपनी कोटक महिंद्रा बैंक सावधि जमा (Kotak Mahindra Bank Fixed Deposit) से अपनी बचत या चालू खाते में आहरण करके उच्च तरलता का आनंद ले सकते हैं !
कोटक महिंद्रा बैंक FD कैलकुलेटर
कोटक महिंद्रा बैंक (Kotak Mahindra Bank) आकर्षक ब्याज दरों पर तीन अलग-अलग प्रकार के सावधि जमा (FD) खाते प्रदान करता है ! ये सामान्य सावधि जमा, वरिष्ठ नागरिक सावधि जमा और कर बचत कोटक महिंद्रा बैंक सावधि जमा (Kotak Mahindra Bank Fixed Deposit) हैं ! FD खातों की अवधि 7 दिनों से लेकर 10 वर्ष तक होती है !
यदि आप कोटक महिंद्रा बैंक (Kotak Mahindra Bank) द्वारा दी जाने वाली सावधि जमा में निवेश करने का इरादा रखते हैं, तो आप निवेश का विवरण और खाते से होने वाली कमाई का पता लगाने के लिए बैंक या द्वारा दिए गए FD कैलकुलेटर का उपयोग कर सकते हैं ! कोटक महिंद्रा बैंक FD कैलकुलेटर (Kotak Mahindra Bank FD Calculator) का उपयोग करने से आपको समय बचाने और अपने निवेश के बारे में सटीक विवरण प्राप्त करने में मदद मिलती है !
Kotak Mahindra बैंक के FD कैलकुलेटर का उपयोग करने के लाभ
कोटक महिंद्रा बैंक सावधि जमा कैलकुलेटर (Kotak Mahindra Bank Fixed Deposit Calculator) का उपयोग करने के लाभों को निम्नानुसार संक्षेपित किया जा सकता है यह आपको समय बचाने और लंबी गणना करने की परेशानी में मदद करता है ! कैलकुलेटर के परिणाम सटीक होते हैं और आपको अपनी आदर्श निवेश राशि निर्धारित करने में मदद करते हैं ! यह आपको निवेश की विभिन्न शर्तों और उसके बाद लाभ के बीच तुलना करने देता है !
मैच्योरिटी से पहले FD से निकालते हैं पैसा तो क्या देना होगा जुर्माना? जानिए नियम
अगर निवेशक को तुरंत धन की आवश्यकता होती है, तो वह समय से पहले निकासी या फिक्स डिपॉजिट को तोड़ने का विकल्प चुन सकता है।
Fixed Deposit में समय से पहले निकालते हैं पैसा तो देना होगा जुर्माना (फोटो-Freepik)
फिक्स डिपॉजिट निवेश का एक बेहतर विकल्प माना जाता है, जो लोगों को अलग-अलग टेन्योर पर सुरक्षित निवेश ऑप्शन देता है। रिजर्व बैंक के रेपो रेट में बढ़ोतरी के बाद कई प्रमुख बैंकों ने होम लोन के साथ ही फिक्स डिपॉजिट के ब्याज दर में भी बढ़ोतरी कर दी है। फिक्स डिपॉजिट अकाउंट में जमा की गई राशि को लॉक कर दिया जाता है और आवश्यकता पड़ने पर वापस नहीं लिया जा सकता है।
अगर निवेशक को तुरंत धन की आवश्यकता होती है, तो वह समय से पहले निकासी या फिक्स डिपॉजिट को तोड़ने का विकल्प चुन सकता है। ऐसे में अगर आप फिक्स डिपॉजिट के लिए निवेश का प्लान बना रहे हैं तो आपको इससे जुड़े सभी नियमों के बारे में जान लेना चाहिए।
वहीं बहुत से लोगों को इस बात की जानकारी नहीं है कि मैच्योरिटी से पहले एफडी से पैसा निकालने पर जुमार्ना देना होता है। बैंक आपको प्री-मैच्योरिटी से पहले पैसा निकालने की अनुमति तो देगा, लेकिन इसके लिए आपसे जुर्माना वसूलेगा। जुर्माने की राशि बैंक की ओर से ही तय किया जाएगा।
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क्या है प्री मैच्योरिटी?
अगर समय से पहले एक सावधि जमा खाते से पैसे निकाले जाते हैंं, तो उसे प्री मैच्योरिटी कहते हैं। यह तब किया जाता है जब निवेशक को तुरंत धन की आवश्यकता होती है। अगर कोई बेहतर निवेश विकल्प उपलब्ध है, तो निवेशक परिपक्व होने से पहले सावधि जमा से पैसा भी निकाल सकता है।
परिपक्वता से पहले एक सावधि जमा खाते को कैसे समाप्त करें
अगर निवेशक बैंक नहीं जा सकता है, तो सावधि जमा को नेट बैंकिंग के माध्यम से जल्दी समाप्त किया जा सकता है। आप बैंक को सभी खाताधारकों द्वारा साइन रसीद जमा करके सावधि जमा को समाप्त कर सकते हैं। वहीं रसीद गुम हो जाती है, तो खाताधारक को एक एफडी समाप्त करने का एक फॉर्म भरना होगा। इस अनुरोध के बाद बैंक एफडी क्लोज करने की अनुमति देता है।
समय से पहले एफडी निकासी पर कितना लगेगा जुर्माना
अधिकांश बैंक फिक्स डिपॉजिट को जल्दी निकालने के लिए शुल्क लेते हैं। यह आमतौर पर ब्याज दर के 0.5% और 1.00% के बीच होता है। हालांकि, कुछ बैंक आपके लिए कोई आपात स्थिति होने पर जुर्माना माफ कर देते हैं या बैंक द्वारा पेश किए गए किसी अन्य निवेश विकल्प में समान राशि का निवेश विकल्प पेश करते हैं।
इसके अलावा अगर कोई निवेशक समय से पहले अकाउंट से पैसा निकालता है तो उसकी मैच्योरिटी के हिसाब से दिया जाने वाला ब्याज जमा और निकासी के विकल्प भी कम कर दिया जाएगा।
बिना ब्रांच गए अकाउंट में कैश जमा करने का यह देता है विकल्प, कई फायदे और अन्य सुविधाएं भी
cash deposit machine: अगर आप कार्डलेस तरीके से पैसे जमा करते हैं तो आप प्रति ट्रांजेक्शन में 49000 रुपये से ज्यादा जमा नहीं कर सकते. अगर आप डेबिट कार्ड के माध्यम से पैसे जमा करते हैं तो आप प्रति ट्रांजेक्शन 2 लाख रुपये तक ट्रांजेक्शन कर सकते हैं.
एसबीआई की तरफ से ऐेसे एटीएम में पैसा जमा करने की कुछ सीमाएं तय हैं. (pixabay)
अगर आप देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक (SBI) के ग्राहक हैं तो आप बिना बैंक शाखा गए भी अपने अकाउंट में पैसा जमा कर सकते हैं. ऐसे एटीएम को कैश डिपॉजिट मशीन (CDM) के तौर पर भी जाना जाता है. यहां पैसा जमा आप कई तरह से कर सकते हैं. इसमें डेबिट कार्ड से, कार्डलेस ट्रांजेक्शन से और अन्य माध्यमों से अपने खाते में पैसे जमा कर सकते हैं. इस सीडीएम एटीम में पैसा जमा करने पर आपको रसीद भी मिलती है. इसमें आपको बैंलेंस अपडेट की जानकारी भी मिलती है. ये बेहद आसान भी है.
ट्रांजेक्शन लिमिट भी है तय
एसबीआई की तरफ से ऐेसे एटीएम में पैसा जमा करने की कुछ सीमाएं तय हैं. भारतीय स्टेट बैंक की वेबसाइट www.sbi.co.in पर दी गई जानकारी के मुताबिक, अगर आप कार्डलेस तरीके से पैसे जमा करते हैं तो आप प्रति ट्रांजेक्शन में 49000 रुपये से ज्यादा जमा नहीं कर सकते. अगर आप डेबिट कार्ड के माध्यम से पैसे जमा करते हैं तो आप प्रति ट्रांजेक्शन 2 लाख रुपये तक ट्रांजेक्शन कर सकते हैं. हां ऐसे में अकाउंट से PAN नंबर का लिंक होना जरूरी है.
कैश जमा करने वाले एटीएम के फायदे
पैसे जमा करने ग्राहक को बैंक की शाखा में जाने की जरूरतत नहीं होती
पैसे तुरंत जमा हो जाते हैं और यह बेहद सुविधाजनक होते हैं.
आप इस माध्यम से पीपीएफ, आरडी और अपने लोन अकाउंट में भी पैसा जमा कर सकते हैं
यहां ध्यान दें कि एक ट्रांजेक्शन में 200 नोट (कोई भी नोट) ही जमा किए जा सकते हैं
सीडीएम एटीएम 100, 500 और 2000 रुपये के नोट ही स्वीकार करता है
इस मशीन से ये भी कर सकते हैं
सीडीएम एटीएम मशीन से आप अन्य बैंक के एटीएम की तरह पैसे की निकासी भी कर सकते हैं.
पिन बदलने की सुविधा भी मिलती है. इसका इस्तेमाल समय-समय पर पिन बदलने में किया जा सकता है
इससे अपने अकाउंट में जमा राशि का बैलेंस भी जान सकेंगे, चाहें तो आप पर्यावरण के हित में पेपर रसीद लेने के विकल्प स्किप कर सकते हैं
मिनी स्टेटमेंट लेने का भी है विकल्प. इसमें आप बीते 10 ट्रांजेक्शन की जानकारी ले सकते हैं
कैश जमा करने पर लगने वाला शुल्क
पी-सेगमेंट डेबिट कार्ड होने पर प्रस्तावित शुल्क शून्य है
थर्ड पार्टी अकाउंट होने पर प्रति ट्रांजेक्शन 22 रुपये + जीएसटी देना होगा
अगर आप कार्डलेस ट्रांजेक्शन, एसएमई इंस्टा डिपोजिट कार्ड या बिजनेस डेबिट कार्ड या जीआरसी कार्ड से पैसा जमा करते हैं तो आपको 22 रुपये + जीएसटी शुल्क के रूप में देना होगा.