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क्या शेयर मार्केट घाटे का सौदा है

क्या शेयर मार्केट घाटे का सौदा है
Sebi on AIF schemes: मार्केट रेगुलेटर सेबी ने 23 नवंबर को एक बयान जारी कर कहा घाटे सहने में भेदभाव वाली AIF (अल्टरनेटिव इनवेस्टमेंट फंड्स) स्कीमों में निवेश करने से रोका है. सेबी इस पर एक सर्कुलर जारी किया है. इसमें सेबी ने कहा कि प्रायोरीरिटी डिस्ट्रिब्यूशन मॉडल पर काम करने वाले AIF स्कीम्स को किसी नए निवेश से बचना चाहिए. यह रोक तब तक जारी रहेगी जब तक इस पर कोई विचार नहीं कर लेती. सेबी इस पर अल्टरनेटिव क्या शेयर मार्केट घाटे का सौदा है इन्वेस्टमेंट पॉलिसी एडवाइजरी कमेटी (AIPAC) और इंडस्ट्री के साथ विचार कर रही.

Indian stock market down today its effect oilseed market read all details price and all things | कमजोर भारतीय क्या शेयर मार्केट घाटे का सौदा है शेयर मार्केट का तिलहन बाजार पर पड़ा असर, हफ्ते के पहले दिन ही आई ऐसी खबर

Indian oilseed Market: विदेशी बाजारों में तेजी के रुख के बीच दिल्ली तेल-तिलहन बाजार में सोमवार को तेल-तिलहन कीमतों में गिरावट का रुख दिखाई दिया और सोयाबीन तिलहन और बिनौला तेल कीमतें हानि के साथ बंद हुई। यही हाल भारतीय शेयरबाजार का भी रहा। खाद्य तेलों की कम आपूर्ति के बीच सरसों, मूंगफली, सोयाबीन तेल, सीपीओ और पामोलीन तेल कीमतें पूर्वस्तर पर बनी रहीं।

सामान्य तौर पर सूरजमुखी और सोयाबीन डीगम तेल कम आपूर्ति के कारण लगभग 10 प्रतिशत महंगा बिक रहा है। उन्होंने कहा कि इस कम आपूर्ति की स्थिति को खत्म करने के लिए कोटा प्रणाली खत्म करके सूरजमुखी और सोयाबीन तेल पर 10 प्रतिशत का आयात शुल्क लगा देना चाहिए। इससे किसानों को फायदा होगा क्योंकि उनके तिलहन के अच्छे दाम मिलेंगे, आपूर्ति बढ़ने से उपभोक्ताओं को फायदा होगा और तेल मिलों को सस्ते आयातित तेलों की वजह से जो बाजार टूटा है, उससे राहत मिलेगी और सरकार को भी राजस्व की प्राप्ति होगी।

कारोबारियों ने दी जानकारी

कारोबारियों ने कहा कि बिनौले तेल और खल की लागत बाजार भाव से अधिक है। नरमा भाव नीचे होने के कारण किसान मंडियों में कम फसल ला रहा है। खाद्य तेलों के लिए आयात पर बढ़ती निर्भरता और इसके लिए भारी मात्रा में विदेशी मुद्रा के खर्च के जाल से निकलने की जरूरत है। इसके लिए एकमात्र रास्ता किसानों को लाभकारी कीमत देकर देश में तिलहन उत्पादन बढ़ाना ही है।

सरसों तिलहन – 7,300-7,350 (42 प्रतिशत कंडीशन का भाव) रुपये प्रति क्विंटल।

मूंगफली – 6,585-6,645 रुपये प्रति क्विंटल।
मूंगफली तेल मिल डिलिवरी (गुजरात) – 15,100 रुपये प्रति क्विंटल।
मूंगफली रिफाइंड तेल 2,445-2,705 रुपये प्रति टिन।
सरसों तेल दादरी- 14,850 रुपये प्रति क्विंटल।
सरसों पक्की घानी- 2,250-2,380 रुपये प्रति टिन।
सरसों कच्ची घानी- 2,310-2,435 रुपये प्रति टिन।
तिल तेल मिल डिलिवरी – 18,900-21,000 रुपये प्रति क्विंटल।
सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी दिल्ली- 14,200 रुपये प्रति क्विंटल।
सोयाबीन मिल डिलिवरी इंदौर- 13,800 रुपये प्रति क्विंटल।
सोयाबीन तेल डीगम, कांडला- 12,750 रुपये प्रति क्विंटल।
सीपीओ एक्स-कांडला- 8,550 रुपये प्रति क्विंटल।
बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा)- 12,500 रुपये प्रति क्विंटल।
पामोलिन आरबीडी, दिल्ली- 10,300 रुपये प्रति क्विंटल।
पामोलिन एक्स- कांडला- 9,400 रुपये (बिना जीएसटी के) प्रति क्विंटल।
सोयाबीन दाना – 5,650-5,क्या शेयर मार्केट घाटे का सौदा है 750 रुपये प्रति क्विंटल।
सोयाबीन लूज 5,460-5,510 रुपये प्रति क्विंटल।
मक्का खल (सरिस्का) 4,010 रुपये प्रति क्विंटल।

Paytm Share Update: पेटीएम के शेयरहोल्डर्स को अबतक 90 हज़ार करोड़ का घाटा! अब आगे क्या होगा?

Paytm Shareholders Loss: बड़ी उम्मीद के साथ Paytm स्टॉक मार्किट में लिस्ट हुआ था. पूरी उम्मीद में पानी फिर गया.

Paytm Share Will Hike Or Fall Down: Paytm Shares ने इन्वेस्टर्स को न सिर्फ निराश किया बल्कि लंबा घाटा पहुंचा दिया। जब कंपनी स्टॉक मार्केट में लिस्ट हुई थी तब IPO के लिए होड़ मच गई थी. अब Softbank जो Paytm के एंकर इन्वेस्टर था उसने भी बड़े घाटे में अपने सभी शेयर्स बेच डाले। ओपन मार्केट में ब्लॉक डील से कंपनी ने 4.5% हिस्सेदारी बेच दी. और इसी के साथ Paytm शेयर 10% नीचे गिर गए. हैरान करने वाली बात ये है कि लिस्टिंग के बाद से अबतक पेटीएम के शेयर्स 71% नीचे गिर चुके हैं. इसी दौरान इन्वेस्टर्स के 90,000 करोड़ रुपए डूब चुके हैं.

पेटीएम शेयर होल्ड करें या बेच दें?

Paytm Share Price को क्या शेयर मार्केट घाटे का सौदा है देखें तो यह शेयर कहीं से खरीदने लायक तो नहीं दिख रहा है. बीते एक हफ्ते में यह 17% और पिछले तीन महीने में 33% नीचे जा चुका है. जिन्होंने IPO खरीदा था उसकी रकम आधे से कम हो चुकि है. Paytm अभी भी घाटे में है. पेटीएम का स्टॉक होल्ड करना है या बेचना है इसके लिए हम आपको कोई सलाह नहीं दे सकते।

पेटीएम की पेरेंट कंपनी One 97 Communications का लॉस सितम्बर तिमाही में बढ़कर 571.5 करोड़ रुपए हो गया है. जबकि पिछले साल यह 473.5 करोड़ था. तिमाही के आधार पर देखें तो घाटे में कमी आई है. जून तिमाही में यह नेट लॉस 655.4 करोड़ था.

Paytm क्या शेयर मार्केट घाटे का सौदा है का कहना है कि सितम्बर तिमाही के बाद उनकी आमदनी सालाना आधार पर 76.2% बढ़ी है. पेटीएम के यूजर्स में भी बढ़त आई है. जून तिमाही के आधार पर कंपनी में 14% की बढ़त देखी गई है.

Rewariyasat.com को ये जानकारी CNBC TV 24 से मिली हैं. हम किसी को कहीं भी निवेश या विनिवेश की सलाह नहीं देते हैं.

AIF कितने प्रकार का होता है?

अलग-अलग तरह के कैटेगरी के लिए आवेदक अपना रेजिस्ट्रेशन एआईएफ के लिए करवा सकते हैं. इसके तहत आवेदक अलग अलग कैटेगरी और सब कैटेगरी के लिए रजिस्ट्रेशन करवा सकते है जिस प्रकार के नियम उनपर लागू हो. इसमें 3 प्रकार के कैटेगरी के AIF होते हैं.

  • वेंचर कैपिटल फंड्स
  • एसएमई फंड्स
  • सोशल वेंचर फंड्स
  • इंफ्रास्ट्रकचर फंड्स

क्या होता है कैटेगरी I AIF?

कैटेगरी I AIF जो स्टार्ट-अप या शुरुआती चरण के उपक्रमों या सामाजिक उपक्रमों या में निवेश करते हैं. एसएमई या इंफ्रास्ट्रकचर या अन्य क्षेत्र या क्षेत्र जो सरकार या नियामक सामाजिक या आर्थिक रूप से वांछनीय मानते हैं और इसमें शामिल होंगे. वेंचर कैपिटल फंड, एसएमई फंड, सोशल वेंचर फंड, इंफ्रास्ट्रक्चर फंड और इस तरह के अन्य AIF में स्पेसीफाइ किए जा सकते हैं.

एआईएफ जो कैटेगरी I और III में नहीं आते हैं और जो अंडरटेक नहीं करते हैं. दिन-प्रतिदिन की ऑपरेशनल आवश्यकताओं को पूरा करने के अलावा अन्य लाभ उठाना या उधार लेना और सेबी (अल्टरनेट इन्वेस्टमेंट फंड) विनियमों 2012 में अनुमति के अनुसार, विभिन्न प्रकार के फंड जैसे रियल एस्टेट फंड, क्या शेयर मार्केट घाटे का सौदा है प्राइवेट इक्विटी फंड (पीई फंड), डिसस्ट्रेस एसेट के लिए फंड आदिकैटेगरी II AIF के रूप में रजिस्टर किए जाते है.Expired Gift Hampers पर सरकार हुई सख्त, कंपनियों से मांगा जवाब, Zee Business की खबर का असर

Gift Hampers पर Zee Business की खबर का असर हुआ है और इस मामले को लेकर उपभोक्ता मामले मंत्रालय ने सभी स्टेकहोल्डर्स को चिट्ठी लिखी है और पूछा है कि मार्केट से एक्सपायर हो चुके या एक्सपायर होने वाले प्रॉडक्ट्स को हटाने का मैकेनिज्म क्या होता है.

Representative Image (Source: Pexels)

दीवाली के बाद गिफ्ट हैंपरों में घपले की एक खबर को Zee Business ने प्रमुखता से उठाया था, जिसे सरकार ने गंभीरता से लिया है. एक्सपायर होने वाले या हो चुके प्रॉडक्ट्स वाले Gift Hampers पर Zee Business की खबर का असर हुआ और इस मामले को लेकर उपभोक्ता मामले मंत्रालय ने सभी स्टेकहोल्डर्स को चिट्ठी लिखी है, जिसमें क्या शेयर मार्केट घाटे का सौदा है Zee Business की हर सवाल पर जवाब मांगा है. मंत्रालय ने कंपनियों और संगठनों से पूछा है कि मार्केट से एक्सपायर हो चुके या एक्सपायर होने वाले प्रॉडक्ट्स को हटाने का मैकेनिज्म क्या होता है. कई बार देखा गया है कि ऑफर के प्रॉडक्ट इम्पोर्ट वाले होते हैं जिनपर डिटेल्स साफ नहीं होती हैं. ऑफर में दिए जाने वाले प्रॉडक्ट के साथ भी यही प्रैक्टिस देखी गई है. ऐसा कहा जा सकता है कि ऑनलाइन गिफ़्ट वेबसाइट और ई-कॉमर्स के आने से ऐसी प्रैक्टिस में तेजी आई है.

कई दौर में हुई हैं बैठकें

पिछले हफ्ते सरकार ने सभी नियामक संस्थाओं के साथ कई दौर की बैठक की. बैठक में BIS, FSSAI, QCI, उपभोक्ता मामले मंत्रालय के अधिकारियों को शामिल होने था. गिफ्ट हैंपर्स को लेकर रेग्युलेशन फ्रेमवर्क पर चर्चा हुई. जानकारी है कि इसपर जल्द ही गाइडलाइंस जारी की जा सकती हैं.

बता दें कि Zee Business 3 नवंबर को यह खबर प्रकाशित की थी, जिसमें कहा गया था कि कंपनियां गिफ्ट हैंपर्स में जल्द एक्सपायर होने वाले प्रॉडक्ट खपा रही हैं. हमने सलाह दी थी कि अगर कस्टमर अच्छी पैकिंग, चमकीले रैपर को देख कर गिफ्ट हैंपरों की शॉपिंग कर रहे हैं तो उनके क्या शेयर मार्केट घाटे का सौदा है लिए यह घाटे का सौदा साबित हो सकता है. फेस्टिव सीजन के आसपास देखा गया था कि लोगों को ऐसे गिफ्ट और गिफ्ट हैंपर मिले थे, जिनके प्रॉडक्ट्स की एक्सपायरी डेट लगभग करीब आ चुकी थी. इस तरह के हैंपर्स में खाने पीने के सामान, ग्रूमिंग प्रॉडक्ट, कन्फेशनरी, प्रोसेस्ड क्या शेयर मार्केट घाटे का सौदा है जूस समेत कई आयुर्वेदिक और चिकित्सकीय उत्पाद शामिल थे. बाजार में अगर देखा जाए तो Cadbury, HUL, P&G, Gillette, Dabur, Patanjali, ITC, बड़े रीटेल चेन समेत कई कंपनियां हैंपर्स जारी करती हैं. MNCs के नाम पर कुछ भी खरीदने से पहले ग्राहकों को बेसिक डिटेल्स जांच लेनी चाहिए.

भारत इलेक्ट्रॉनिक्स बेचें, बिड़लासॉफ्ट और मारिको खरीदें : रिलायंस सिक्योरिटीज

रिलायंस सिक्योरिटीज (Reliance Securities) ने गुरुवार (24 नवंबर) के एकदिनी कारोबार (intraday trade) के लिए अपनी रिपोर्ट मार्केट लेंस में भारत इलेक्ट्रॉनिक्स (Bharat Electronics) के शेयर बेचने की, जबकि बिड़लासॉफ्ट (Birlasoft) और मारिको (Marico) के शेयरों में खरीदारी करने की सलाह दी है।

ब्रोकिंग कंपनी ने भारत इलेक्ट्रॉनिक्स के शेयरों के लिये 106 रुपये का लक्ष्य रखते हुए 109-110 रुपये के दायरे में बेचने की सिफारिक की है। इन शेयरों के लिये 111 रुपये के स्तर पर सख्त स्टॉप लॉस लगाने की सिफारिश की है। इन शेयरों का पिछला बंद भाव 107 रुपये था।

इसके अलावा ब्रोकिंग कंपनी ने बिड़लासॉफ्ट के शेयर 273-276 रुपये के दायरे में खरीदने का सुझाव दिया है। इनके लिए 284 रुपये का लक्ष्य तय करते हुए 271 रुपये पर सख्त स्टॉप लॉस लगाया जाना चाहिए। इन शेयरों का पिछला बंद भाव 278 रुपये रहा था।

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