कॉमर्स का कार्य

If your business is not on the internet, then your business will be out of business (यदि आपका व्यवसाय इंटरनेट पर नहीं है; तो आपका व्यवसाय, व्यापार से बाहर हो जाएगा) बिल गेट्स
ई व्यवसाय का कार्यक्षेत्र (दायरा) कितना है? – Scope of e business in Hindi
जब हम ई बिजनेस के स्कोप के बारे में बात करते हैं, अब इसका अर्थ होता है कि यह बिजनेस कहां कहां तक फैला हुआ है?, क्या-क्या विषय इसके अंदर गिने जाएंगे?
चलिए, आगे बढ़ते हैं!
इसमें मैं 4 विषय कवर करूंगा, इसमें types of e-commerce business models के बारे में पढ़ेंगे|
Types of e-commerce business models
1- B2B Commerce
2- B2C Commerce
3- C2C Commerce
4- Intra B-commerce
यह चारों ही विषय पढ़ने के लिए बहुत बड़े हैं| यदि आप इन्हें अच्छी तरह समझ लेंगे तो ई बिजनेस का स्कोप भी आपको अच्छी तरह समझ में आ जाएगा|
B2B Commerce क्या होता है?
यहां पर B2B का अर्थ होता है: Business to Business
दो बिजनेसमैन के मध्य कॉमर्स का कार्य होने वाले व्यापार को b2b कॉमर्स कहा जाता है|
चलिए! b2b बिजनेस को एक उदाहरण के माध्यम से अच्छी तरह समझते हैं|
एक व्यक्ति की गद्दे की दुकान है तथा एक व्यक्ति की गद्दे की फैक्ट्री है|
इस दुकानदार ने फैक्ट्री मालिक से संपर्क किया| दोनों की आपस में डील हुई| फैक्ट्री वाला दुकानदार को गद्दे बेचने लगा|
अब! यहां पर देखने वाली बात यह है कि दोनों ही प्रोडक्ट को आगे बेचेंगे| इसे ही B2B Commerce कहते हैं|
यानी कि जहां पर दो बिजनेस मैन की डील होती है, उसे B2B “बिज़नेस टू बिजनेस” कहते हैं|
इसमें बिजनेस से बिजनेस तक की कार्यप्रणाली होती है|
इसको आप एक वेबसाइट के एग्जांपल की माध्यम से बहुत अच्छी तरह समझ सकते हैं|
जैसे कि: अलीबाबा, इंडिया मार्ट जैसे पोर्टल b2b का काम करते हैं| यहां पर एक बिजनेसमैन दूसरे बिजनेसमैन के साथ अपने व्यापार की डील करता है|
B2C Commerce क्या होता है?
यहां पर B2C का अर्थ होता है: Business to Customer/Consumer
एक बिजनेसमैन तथा एक ग्राहक के मध्य होने वाले व्यापार/लेनदेन b2c कॉमर्स कहलाता है|
उदाहरण
ऊपर वाले उदाहरण में आपने पढ़ा था कि एक दुकानदार ने बेचने के लिए गद्दे खरीदें| जब यह दुकानदार अपने गद्दे कॉमर्स का कार्य आगे किसी ग्राहक को बेचेगा तब वह b2c कॉमर्स कहलाएगा|
नोट: जिस ग्राहक ने यह गद्दे खरीदे हैं वह इन्हें आगे बेचने के मकसद से ना खरीद रहा हो|
एक B2C Business में बिजनेसमैन का कार्य केवल माल बेचना नहीं होता| निम्न प्रकार के कार्य भी B2c business कॉमर्स का कार्य में आएंगे|
शोध (Researching): किस प्रकार का प्रोडक्ट ज्यादा चलेगा?, किस प्रोडक्ट की गुणवत्ता अच्छी होगी? इत्यादि
बाजार करना (Marketing): उसको मार्केट के बारे में रिसर्च भी करनी पड़ती है| किस मार्केट में क्या प्रोडक्ट चलेगा?, कहां किस चीज की कितनी डिमांड है? इत्यादि
Customize (रुचि के अनुसार बनाना): ग्राहक की रूचि के अनुसार वस्तुओं का साइज, रंग, डिजाइन, इस्तेमाल की विधि, इत्यादि के हिसाब से बदलकर बेचना भी b2c बिजनेस में आएगा|
उदाहरण: जैसे लोग अपने घर के अनुसार सोफे का डिजाइन बनवाते हैं|
B2C Commerce कॉमर्स पोर्टल के उदाहरण: अमेजॉन, फ्लिपकार्ट, स्नैपडील जैसे ऑनलाइन पोर्टल इसके उदाहरण हैं|
C2C Commerce क्या होता है?
यहां पर C2C का अर्थ होता है: Customer to Customer/Consumer
दो ग्राहक के मध्य होने वाले व्यापार को C2C कॉमर्स कहा जाता है|
इसे c2c कॉमर्स जब कहा जाएगा जब दोनों ही ग्राहक हों|
जैसे कि: एक व्यक्ति ने एक गद्दा खरीदा| कुछ समय बाद उसने यह गद्दा आगे किसी व्यक्ति को बेच दिया| इस प्रकार का होने वाला ट्रांजैक्शन c2c बिजनेस कहलाएगा|
नोट: इन ग्राहकों को बिजनेसमैन इसलिए नहीं कहा जाएगा क्योंकि यह लगातार इस काम को नहीं कर रहे हैं| बिजनेसमैन की कैटेगरी में आने के लिए रेगुलर बेसिस पर क्रय-विक्रय करना पड़ेगा|
इसमें बार्टर सिस्टम भी अप्लाई किया जा सकता है|
बार्टर सिस्टम क्या होता है?: “मुद्रा के स्थान पर वस्तुओं के द्वारा क्रय-विक्रय बार्टर सिस्टम कहलाता है| यह पुराने समय में इस्तेमाल किया जाता था| जब तक करेंसी नोट चलन में नहीं आया था| लोग वस्तुओं के बदले चावल, गेहूं या धान इत्यादि का लेनदेन करते थे|”
C2C Commerce कॉमर्स पोर्टल के उदाहरण: ebay, olx जैसे वेबसाइट पोर्टल c2c के उदाहरण हैं|
Intra B-Commerce क्या होता है?
समझने के लिए सबसे पहले आपको इंट्रा शब्द का अर्थ समझना पड़ेगा|
Intra meaning in Hindi: “भीतरी”
अपने स्थान से बिना कहीं जाए, किसी ऑर्डर को, अपने बिजनेस के किसी और यूनिट द्वारा पूरा करवाना|
उदाहरण: किसी भी बिजनेस में अलग-अलग डिपार्टमेंट होते हैं| प्रत्येक डिपार्टमेंट का अपना एक फिक्स काम होता है| मैनेजमेंट डिपार्टमेंट का अलग काम होता है| प्रोडक्शन यूनिट का अलग काम होता है| मार्केटिंग डिपार्टमेंट का अलग काम होता है|
यह सभी डिपार्टमेंट एक दूसरे के काम में बाधा नहीं पहुंचाते| जैसे कि: मार्केटिंग डिपार्टमेंट, मैनेजिंग डिपार्टमेंट के काम में दखल नहीं देगा|
परंतु सभी डिपार्टमेंट एक दूसरे से जुड़े हुए होते हैं| इन सबके बीच कॉमर्स का कार्य आपस में संपर्क (communication) अवश्य ही रहता है|
किसी भी डिपार्टमेंट के भीतर होने वाले आपसी संपर्क को ही Intra B-Commerce कहते हैं|
नोट: इसके लिए उन्होंने आपस में संपर्क टेक्नोलॉजी के माध्यम से किया हो जब भी है यह बिजनेस की श्रेणी में आएगा| बिना टेक्नोलॉजी के यह ई बिजनेस नहीं माना जाएगा|
उदाहरण: आपने इंटरकॉम का नाम तो अवश्य ही सुना होगा| जब आप किसी होटल में जाते हैं तो अक्सर होटल के अलग-अलग डिपार्टमेंट इंटरकॉम के माध्यम से जुड़े होते हैं|
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दोस्तों, उम्मीद करता हूं| आपको यह पोस्ट “Scope of e business” पसंद आई होगी|
e-commerce क्या है और e-commerce Company कैसे बनाएं ?
इंटरनेट पर इलेक्ट्रॉनिक रूप से उत्पादों के खरीदने या बेचने की प्रक्रिया को e-commerce या electronic commerce कहा जाता है। आज की भाग-दौड़ वाली जीवनशैली में लोगों के पास बाज़ार जा कर दैनिक उपयोग की वस्तुएं खरीदने का भी समय नहीं है। साथ ही सस्ते स्मार्टफोन और सस्ती कीमत पर इंटरनेट डाटा की हर समय उपलब्धता के कारण इंटरनेट के माध्यम से ऑनलाइन वस्तुओं की खरीद- बिक्री को बढ़ावा मिला है। इन कारणों से आज के युग में दुनिया भर में ई-कॉमर्स कंपनियों का चलन और मुनाफ़ा कई गुना बढ़ा है। भारत में भी Amazon, Flipkart, Snapdeal, Paytm, Indiamart आदि e-commerce कंपनियों ने उत्पादों के बाज़ार के एक बड़े हिस्से पर कब्ज़ा जमा लिया है। अतः बिज़नेस या व्यापार से सम्बंधित बात की जाए तो ये कॉमर्स का कार्य भी कहा जा सकता है कि व्यापार उद्योग के क्षेत्र में आने वाला भविष्य ई-कॉमर्स कंपनियों या e-commerce business का ही है। इस लेख में हम e-commerce क्या है और भारत में e-commerce Company कैसे बनाएं, आदि विषयों पर क्रम-वार जानकारी प्राप्त करेंगे।
If your business is not कॉमर्स का कार्य on the internet, then your business will be out of business (यदि आपका व्यवसाय इंटरनेट पर नहीं है; तो आपका व्यवसाय, व्यापार से बाहर हो जाएगा)
बिल गेट्स
Table of Contents
e-commerce व्यवसाय कैसे स्थापित करें
शुरुआत में ई-कॉमर्स बिज़नेस स्थापित करने के दो मुख्य तरीके हैं – अपनी स्वयं की ई-कॉमर्स वेबसाइट बना कर कार्य करना या एक स्थापित बाज़ार में शामिल होना।
अपनी ई-कॉमर्स वेबसाइट बनाना
किसी भी नए e-commerce business को शुरुआत में स्थापित करने के लिए अपनी नयी ई-कॉमर्स वेबसाइट बना कर उसके माध्यम से व्यापार शुरू करना एक कठिन रास्ता है। इसके लिए एक बड़ी टीम की आवश्यकता होती है जो आपके वेब डेवलपमेंट, ऑनलाइन मार्केटिंग और पेमेंट गेटवे आदि को संभाल सकें। अतः इस माध्यम से ई-कॉमर्स बिज़नेस शुरू करने के लिए एक अच्छे-खासे निवेश की आवश्यकता हो सकती है। यदि आप फिर भी अपनी नयी e-commerce वेबसाइट बना कर नया ऑनलाइन बिज़नेस शुरू करना चाहते हैं तो आपको सफल होने के लिए लम्बे समय तक इंतज़ार करना पड़ सकता है।
किसी स्थापित बाज़ार में शामिल होना
एक स्थापित e-commerce कंपनी के पहले से तैयार बाज़ार का हिस्सा बन कर आप अपना ई-कॉमर्स बिज़नेस शुरू करने का एक आसान रास्ता अपना सकते हैं। इस रास्ते से ऑनलाइन व्यापार शुरू करने के लिए आपको मात्र एक पैन नंबर, एक बैंक खाता और GST रजिस्ट्रेशन नंबर की आवश्यकता होती है। इसके अलावा अन्य सभी ज़रूरतें जैसे कि वेब डेवलपमेंट, ऑनलाइन मार्केटिंग, पेमेंट गेटवे, लॉजिस्टिक्स आदि का ध्यान पहले से स्थापित मुख्य ई-कॉमर्स कंपनी रखेगी। किसी स्थापित ऑनलाइन बाज़ार या ई-कॉमर्स कंपनी के माध्यम से अपना ई-बिज़नेस शुरू करने का एक लाभ यह भी है कि आप एक साथ एक ही समय पर कई स्थापित बाज़ारों/ इ-कॉमर्स कंपनियों के माध्यम से अपने उत्पाद बेच सकते हो और पैसे कमा सकते हो।
भारत में पहले से स्थापित कुछ ऑनलाइन बाज़ार वाली प्रमुख e-commerce बिज़नेस कंपनियां निम्नलिखित हैं :-
e-commerce बिज़नेस शुरू करने के लिए क्या-क्या दस्तावेज चाहिए
कोई भी नयी ई-कॉमर्स कंपनी बनाने के लिए आपको निम्नलिखित डाक्यूमेंट्स/ दस्तावेजों की आवश्यकता होती है :
- GST रजिस्ट्रेशन नंबर
- बैंक खाता
- e-commerce वेबसाइट
- पेमेंट गेटवे (Payment Gateway)
- कंपनी रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट
ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म बनाते समय ध्यान देने योग्य बातें
- एक अच्छा Domain Name चुनें
- एक उचित hosting लें
- अपना ई-कॉमर्स स्टोर डिज़ाइन करें
- अपनी वेबसाइट को SSL सर्टिफिकेट के माध्यम से सुरक्षित कीजिये
- पेमेंट गेटवे सेट करें
- उत्पादों की shipping और पैकेजिंग के लिए उचित लॉजिस्टिक्स पार्टनर चुनिए।
e-commerce बिज़नेस को कैसे बढ़ावा दें
उपरोक्त सभी औचारिकताएँ पूरी करने के बाद आपकी ई-कॉमर्स कंपनी बिज़नेस के लिए तैयार है और यदि आपके उत्पाद भी बाजार के लिए तैयार है तो आप अपने ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म के माध्यम से उत्पादों की बिक्री आरम्भ कर सकते हैं। परन्तु यदि आप अपने brand और business को तेजी से बढ़ाना चाहते हैं तो इसके लिए सबसे महत्वपूर्ण है अपने बिज़नेस को प्रमोट करना या बढ़ावा देना। इसके लिए आप सोशल नेटवर्किंग websites जैसे कि फेसबुक, ट्विटर, आदि का सहारा ले सकते हैं। यदि आप बड़े लेवल पे मार्केटिंग करना चाहते हैं तो आप टीवी विज्ञापन का भी सहारा ले सकते हैं।
Conclusion (निष्कर्ष)
ऊपर लिखित बातों के माध्यम से आप e-commerce क्या है, e-commerce company कैसे बनाएं, e-commerce business कैसे start करें, e-commerce online business कैसे करें आदि से सम्बंधित अधिकतर बातें समझाने की कोशिश की गयी है। आप हमारी वेबसाइट shikshavyavsay.com पर कैरियर, शिक्षा और रोज़गार से सम्बंधित अनेकों लेख पढ़ सकते हैं और उन पर comment भी कर सकते हैं।
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ई-कॉमर्स में है आपका उज्जवल भविष्य
आज आपने भी देखा होगा की हर एक क्षेत्र इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम से जुड़ रहा है .हर एक क्षेत्र में कंप्यूटरीकृत कार्य किये जा रहे है .हर एक कार्यों को ऑनलाइन सिस्टम से जोड़ा जा रहा है .इसी के चलते कॉमर्स विषय में काफी अच्छा करियर दिखाई देने लगा है.सीए, सीए, सीएस, इंडस्ट्रीयल कॉस्ट एंड वर्क अकाउंट जैसे करियर क्षेत्र में प्रगति दिखाई दे रही है ,टेक्नोलॉजी के आने से कार्यों को करने का एक बड़ा सहारा मिला है .इसी के चलते हम कॉमर्स विषय में एक बेहतर करियर बना सकते है .आज आपने भी देखा की अधिकतर सभी कंपनियां इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम के जुड़ रही है .कंपनी अपना व्यापार मीडिया या नेट के माध्यम से कर रही है .
जैसा की आप जानते ही होगें की नेट पर होने वाले व्यापारिक लेन-देन को ई-कॉमर्स कहा जाता है.हमारे देश में ई-कॉमर्स बाजार का आकार लगभग 10 बिलियन डॉलर का है. और आगे बढ़ने की प्रवाल संभावना है. नई-नई तकनीक और वेबसाइट्स ई-कॉमर्स के क्षेत्र में आगे आ रही हैं.आज के इस दौर में लोगों की रुचि ऑनलाइन शॉपिंग में बढ़ रही है. अब लोग घर बैठे खरीदी जैसे अन्य कार्य भी कर रहे है .
ई-कॉमर्स के इस बढ़ते क्षेत्र की वजह से टेक्नोलॉजी में युवाओं की मांग और भी बढ़ती जा रही है. आने वाले समय में (सत्र -2020 )तक लगभग 950 मिलियन लोगों के पास मोबाइल फोन होंगे. इंटरनेट यूजर्स की संख्या भी दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है. एक अनुमान के मुताबिक 2020 तक 750 मिलियन लोग इंटरनेट का कॉमर्स का कार्य प्रयोग करेंगे.इसी के चलते इन्टरनेट की मांग और भी बढ़ जाएगी.
ऐसे में इंटरनेटर पर वस्तु की खरीदी-बिक्री भी बढ़ जाएगी.और लोगों के कार्य और भी आसान हो जायेगें साथ ही आपके लिए एक और भी अच्छा प्रयास किया जा रहा है कंपनियां अपने प्रोडक्ट्स कॉमर्स का कार्य इंटरनेट के माध्यम से लोगों तक पहुंचाएंगी.जिससे आपके कार्य और भी आसान होगें .आपको बैठे ही समस्त विषयों में जानकारी मिल पायेगी .कॉमर्स का कार्य
इन सभी को लेकर ई-कॉमर्स में मैनेजमेंट और कम्प्यूटर प्रोग्रामिंग, नेटवर्किंग क्षेत्र की काफी मांग है .इसमें आप अपना करियर बना सकते है .कॉमर्स का कार्य
क्या होता है ई-कॉमर्स या इलेक्ट्रिक कॉमर्स - [What Is E-commerce or electric commerce In Hindi]
ई-कॉमर्स यह शब्द आपने कई बार सुना होगा, आपको शायद नहीं मालूम आज के समय में हर दूसरा व्यक्ति ई-कॉमर्स का यूज कर रहा है। आज भारत में ई-कॉमर्स विषय के साथ शानदार करियर बनाया जा सकता है, लेकिन इससे पहले इसके बार में जानना जरूरी है -
- क्या आप ऑनलाइन शॉपिंग करते हैं ?
- क्या आप इंटरनेट बैंकिग यूज करते हैं ?
- क्या आप इंटरनेट से सॉफ्टवेयर डाउनलोड करते हैं ?
- क्या आप ऑनलाइन रीचार्ज करते हैं ?
- क्या आप ऑनलाइन मैगजीन पढते हैं ?
- क्या आप OLX और क्विकर पर पुराना सामान बेचते हैं ?
- क्या आप इंटरनेट पर विज्ञापन देखते हैं ?
- क्या ऑनलाइन ट्रैक्सी बुक करते हैं?
- क्या आप ऑनलाइन खाना आर्डर करते हैं?
अगर आप इनमें से एक भी काम करते हैं तो आप भी ई-काॅमर्स का प्रयोग करते हैं, जी हॉ इंटरनेट के जरिये व्यापार का करना ही ई-कॉमर्स कहलाता है चाहे वह सामान खरीदना या बेचना। इसके साथ-साथ इंटरनेट पर गेम्स, वीडियो, ई-बुक्स, सर्च, डोमेन नेम सर्विस, ई-लर्निंग या ई-शिक्षा भी ई-काॅमर्स के कॉमर्स का कार्य अन्तर्गत आता है। यानि एेसे सभी क्षेञ जिनके माध्यम से ग्राहकों को सुविधायें देकर उसने आर्थिक लाभ लिया जाता है और ऐसे क्षेञ भी जिसमें सीधे धन का आदान-प्रदान न कर विज्ञापन के माध्यम से आर्थिक लाभ मिल सकता है ई-कॉमर्स के अन्तर्गत आते हैं। आज इंटरनेट के माध्यम से ई-काॅसर्म काे यूज करते हैं इसलिये जिन बेवसाइट का इस्तेमाल आप इस दौरान करते हैं वह ई-काॅसर्म बेवसाइट कहलाती हैं।
आज के दौर में गूगल और फेसबुक विज्ञापन के लिए एक महत्वपूर्ण मंच बन गये हैं। लोगों की रूचि आज ऑनलाइन शॉपिंग में बढ रही है। यहॉ तक लोग किराना का सामान, कपडें, गहने, फर्नीचर यहॉ तक कि खाना अौर सब्जी तक इंटरनेट से मॅगा रहे हैं इसी वजह से भारत में नई-नई बेवसाइट ई-काॅमर्स के क्षेञ में आगे आ रही हैं और इसीलिये ई-कॉमर्स में करियर अवसर बढते जा रहे हैं।