एक विदेशी मुद्रा विशेषज्ञ बनें

इस बीच, दुनिया की छह प्रमुख मुद्राओं के समक्ष डॉलर की मजबूती को आंकने वाला डॉलर सूचकांक 0.43 प्रतिशत चढ़कर 114.59 पर पहुंच गया है। विशेषज्ञों के अनुसार, अब सभी का ध्यान रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति की बैठक पर है। इस बैठक में नीतिगत दरों पर शुक्रवार को निर्णय लिया जाएगा। वहीं, वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड वायदा 0.41 प्रतिशत गिरकर 85.92 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया।
रुपया 37 पैसे टूटकर 81.90 प्रति डॉलर के रिकॉर्ड निचले स्तर पर
अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले रुपया बुधवार को 37 पैसे की बड़ी गिरावट के साथ अपने अबतक के सबसे निचले स्तर 81.90 प्रति डॉलर (अस्थायी) पर आ गया। विदेशी बाजारों में अमेरिकी मुद्रा में मजबूती और निवेशकों के जोखिम वाले बाजारों में निवेश करने से बचने से घरेलू मुद्रा में गिरावट एक विदेशी मुद्रा विशेषज्ञ बनें आई। घरेलू शेयर बाजारों में गिरावट के रुख और विदेशी निवेशकों की निकासी के बीच कारोबार के दौरान डॉलर के मुकाबले रुपया पहली बार 82 प्रति डॉलर से नीचे आ गया था।
अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया 81.90 प्रति डॉलर पर खुला और अंत में 37 पैसे की गिरावट लेकर इसी स्तर पर बंद हुआ। वहीं, मंगलवार को रुपये की विनियम दर 14 पैसे चढ़कर 81.53 प्रति डॉलर पर बंद हुई थी।
रेलिगेयर ब्रोकिंग लिमिटेड की जिंस एवं मुद्रा अनुसंधान उपाध्यक्ष सुगंधा सचदेवा ने कहा कि बाजारों में जोखिम से बचने के भाव के बीच रुपया सिकुड़ते हुए नए निचले स्तर पर पहुंच गया है।
रुपये में विदेशी व्यापार की मंजूरी से मुद्रा पर दबाव घटेगाः विशेषज्ञ
मुंबई, 12 जुलाई (भाषा) रुपये में अंतरराष्ट्रीय व्यापार लेनदेन की अनुमति देने से एक विदेशी मुद्रा विशेषज्ञ बनें व्यापार सौदों के निपटान के लिए विदेशी मुद्रा की मांग घटने के साथ घरेलू मुद्रा की गिरावट रोकने में भी मदद मिलेगी। विशेषज्ञों ने यह बात कही।
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने गत सोमवार को बैंकों से कहा कि भारतीय रुपये में बिल बनाने, भुगतान और आयात-निर्यात सौदों को संपन्न करने के अतिरिक्त इंतजाम रखें। भारत से निर्यात बढ़ाने और रुपये में वैश्विक कारोबारी समुदाय की बढ़ती रुचि को देखते हुए यह कदम उठाया गया है।
बैंक ऑफ बड़ौदा के मुख्य अर्थशास्त्री मदन सबनवीस ने कहा, "इस व्यवस्था से रुपये पर दबाव कम होगा क्योंकि आयात के लिए डॉलर की मांग नहीं रह जाएगी।"
बैंक ऑफ अमेरिका मेरिल लिंच ने एक रिपोर्ट में कहा कि इस कदम से डॉलर की मांग पर दबाव तात्कालिक रूप से कम हो जाना चाहिए।
बार्कलेज के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य अर्थशास्त्री (भारत) राहुल बजोरिया ने कहा कि रुपये की मौजूदा कमजोरी के एक विदेशी मुद्रा विशेषज्ञ बनें बीच यह कदम संभवतः व्यापार सौदों के रुपये में निपटान को बढ़ावा देकर विदेशी मुद्रा की मांग घटाने के लिए उठाया गया है।
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Economic Crisis in China: भारत से पंगा लेने वाले चीन की हुई बुरी दुर्गति, दूसरे देशों को कर्जा देते-देते क्या हो गया कंगाल? हो एक विदेशी मुद्रा विशेषज्ञ बनें सकती है श्रीलंका जैसी हालत
Economic Crisis in China: हालात अब ऐसे हो चुके हैं कि चीन का विदेशी मुद्रा भंडार भी खत्म हो चुका है। विशेषज्ञों की मानें एक विदेशी मुद्रा विशेषज्ञ बनें तो अगर चीन में यह सिलसिला यूं ही जारी रहा, तो आगामी दिनों में चीन में भी श्रीलंका जैसी स्थिति देखने को मिल सकती है। हालांकि, अभी-भी चीन के कई इलाकों में शी जिनपिंग सरकार की कूनीतियों के खिलाफ मोर्चा खोल चुके हैं।
नई दिल्ली। यह दुर्भाग्य है कि कभी-कभी किसी लोकतांत्रिक देश में भी सरकार अपने जेहन में यह मुगालते पाल बैठती हैं कि उनका शासन शाश्वत रहने वाला है, लिहाजा अब उन्हें अधिकार मिल गया है, कोई भी फैसला लेने का। उन्हें अधिकार है, देश की आर्थिक व्यवस्थाओं का पलीता लगाने का। उन्हें अधिकार है, लोगों के अधिकारों को कुचलने का। उन्हें अधिकार है, लोगों के भविष्य के साथ खेलने का। लेकिन वो कहते हैं ना कि किसी भी राजनीतिक व्यवस्था में अंतिम शासन व्यवस्था शक्ति अगर किसी के पास होती है, तो वो जनता होती है, लिहाजा अगर जनता का रोष अपने चरम पर पहुंच गया, तो जलजला उठाना तय माना जाता एक विदेशी मुद्रा विशेषज्ञ बनें है, जैसा कि बीते दिनों श्रीलंका में देखने को मिला था। श्रीलंका में सरकार की कूनीतियों के खिलाफ जनता सड़क पर आ गई। सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। नतीजा यह हुआ रानिल विक्रमसिंघे से लेकर गोटबाया राजपक्षे तक को अपनी सत्ता गंवानी पड़ गई।