निवेश से जुड़े कुछ टिप्स

निवेश से जुड़े कुछ टिप्स
शेयर बाजार में गिरावट से मध्यम वर्ग के निवेशकों को ज्यादा निवेश करने की सीख मिल सकती है। उन्हें ऐसे शेयर को हासिल करने की बात सोचनी चाहिए जो बेहतर और स्थिर लाभांश दे सकें।
परंपरागत तौर पर भारतीय निवेशकों की मानसिकता यह रहती है कि निवेश की गई रकम में ज्यादा बढ़ोतरी हो। वैसे आपके पोर्टफोलियो में लाभांश देने वाले शेयर शामिल हों तो बेहतर है।
एसएसजी ब्रोकिंग के निदेशक शरद गाडोदिया का कहना है, 'कुछ शेयर ज्यादा लाभांश देते हैं और उनमें वह क्षमता है कि वे शेयर में होने वाले पूंजी नुकसान की भरपाई कर सकें।' वर्ष 2008-09 में वाइथ द्वारा घोषित किए गए लाभांश में 8.17 फीसदी उन निवेशकों को मिला जिन्होंने एक साल पहले इसकी खरीदारी की थी।
गाडोदिया का कहना है, 'शेयर बाजार में गिरावट के दौरान 38 रुपये प्रति शेयर के हिसाब से शेयर के भाव में नुकसान की लगभग भरपाई की गई।' लाभांश से ऐसे संकेत मिलते हैं कि एक कंपनी अपने शेयर की कीमतों की अपेक्षा सालाना कितने लाभांश का भुगतान करती है।
आमतौर पर एक शेयर 3 फीसदी से ज्यादा लाभांश देता है तो उसे बेहतर माना जाता है। शेयर ब्रोकरों का मानना है कि एफएमसीजी और बहुराष्ट्रीय कंपनी (एमएनसी) के शेयरों पर ज्यादा लाभांश मिलता है। दूसरे उद्योग भी बेहतर लाभांश देते हैं।
चार्टपंडित डॉट कॉम के सीईओ हेमेन कपाड़िया का कहना है, 'चक्रीय आधार पर सेक्टरों में फर्क होता है। फिलहाल फार्मा सेक्टर का प्रदर्शन बेहतर है। इसके अतिरिक्त इक्विटी शेयरों पर मिलने वाला लाभांश वैसे भी कर मुक्त होता है। लाभांश भुगतान के तर्क को समझना बेहतर होगा।'
कुछ कंपनियां एक बड़े लाभांश के भुगतान की घोषणा कर सकती हैं। निवेशकों को इस मसले में कुछ बुनियादी चीजों पर ध्यान देना चाहिए। ज्यादा लाभांश वाले शेयरों का चयन करने के लिए कुछ टिप्स पर गौर करना चाहिए।
उद्योग के प्रदर्शन पर नजर
किसी शेयर का चयन करने से पहले इस बुनियादी मंत्र पर ध्यान देना चाहिए। एक व्यापक माहौल की समझदारी और उद्योग की ट्रेंड लाइन पर नजर रखने से कुछ सेक्टरों को अपनी चयन सूची में शामिल करने में मदद मिलेगी।
मिसाल के तौर पर बैंकिंग सेक्टर का प्रदर्शन बेहतर हो सकता है। इसी वजह से निवेशकों को इस सेक्टर में बेहतर प्रदर्शन करने वाले शेयरों पर नजर रखनी चाहिए। लंबी अवधि में सेवा और विनिर्माण से जुड़े सेक्टरों में ज्यादा निवेश से जुड़े कुछ टिप्स लाभांश मिलता है।
लाभांश भुगतान का क्या है तर्क
परंपरागत तौर पर अगर आप ज्यादा लाभांश चाहते हैं तो एफएमसीजी और एमएनसी पर अपनी नजर जमा सकते हैं। गाडोदिया का कहना है, 'इसकी बुनियादी वजह यह है कि प्रवर्तक के पास मुख्य कंपनी का एक बड़ा हिस्सा होता है जो आत्मविश्वास को दर्शाता है।'
एफएमसीजी शेयरों के लाभांश में कमी आना शुरू हो गया है। वर्ष 2008-09 में ईआईडी पैरी ने निवेश की बिकवाली करने से 1000 फीसदी लाभांश की घोषणा की। सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों के लाभांश भुगतान का भी बेहतर इतिहास है। इसमें कुछ बैंकिंग और तेल के शेयर शामिल होंगे।
कंपनी की पूरी जानकारी है जरूरी
कंपनी की वृद्धि किस चरण पर है, इस पर गौर करें। विकास करने वाली कंपनियां जो ज्यादा निवेश करती हैं, उनके बजाय परिपक्व कंपनियां ज्यादा लाभांश का भुगतान करती हैं। विश्लेषकों की राय कंपनी की वेबसाइट पर अपलोड की जाती है जो सामान्यतौर पर कंपनी की निवेश योजनाओं का आगे ब्योरा देती हैं।
लाभांश भुगतान
पोर्टफोलियो में लाभांश देने वाले निवेश से जुड़े कुछ टिप्स शेयरों को करें शामिल
3 फीसदी का लाभांश है बेहतर
शेयरों पर मिलने वाले लाभांश पर नहीं लगता है कर
उद्योग के रुझान पर नजर रखने से शेयरों के चयन में होगी सुविधा
पुराने कारोबार में लाभांश मिलने की ज्यादा संभावना, नए कारोबार में फिर से निवेश पर जोर
ज्यादा लाभांश के बजाए एकबारगी मिलने वाले लाभांश पर दें जोर
एफएमसीजी और बहुराष्ट्रीय कंपनियां देती हैं ज्यादा लाभांश
स्टॉक मार्केट की निवेश पाठशाला-2, जानें अच्छा शेयर चुनने के 10 टिप्स
शेयर बाजार में निवेश करके सभी लोग मुनाफा कमाना चाहते हैं। सही जानकारी न होने के चलते अक्सर ऐसा नहीं कर पाते हैं, लेकिन ऐसा करना काफी आसान है। स्टॉक मार्केट से मोटा मुनाफा कमाने के लिए 10 सिंपल रूल हैं। अगर इनका पालन किया जाए तो शेयर बाजार से अच्छा मुनाफा कमाया जा सकता है।
फॉलो करें 10 रूल
अगर आप चाहते हैं कि आपको स्टॉक में खूब फायदा हो तो सिर्फ 10 नियमों का पालन करें। ये आपको अच्छा रिटर्न दिलाने में मदद करेंगे। हालांकि ये नियम हैं तो बहुत आसान, लेकिन लोग निवेश के बाद अपना धैर्य खो देते हैं, जिसके चलते कई बार उन्हें होने वाला मुनाफा नुकसान में बदल जाता है। इसीलिए जानकारों का कहना है कि अगर नियमों का पालन किया जाए तो अच्छा रिटर्न पाना काफी आसान हो सकता है।
रूल 1: निवेश से पहले जानकारी लें
बिना जाने समझे किसी भी शेयर में निवेश न करें। बीएसई पर 5000 से ज्यादा शेयर लिस्टेड हैं। लेकिन कोई भी सभी शेयर में निवेश नहीं कर सकता है। इसलिए जब भी निवेश शुरू करें तो सही शेयर को चुनें।
रूल 2: जिस क्षेत्र की समझ हो उसी में निवेश बेहतर
अगर आपको किसी बिजनेस की समझ है, तो कोशिश करें कि उसी सेक्टर की कंपनी में निवेश करें। ऐसा करना इसलिए फायदेमंद होता है क्योकि उस सेक्टर में होने वाले उतार-चढ़ाव का आप विश्लेषण कर सकते हैं। इसके अलावा आप किसी स्टॉक में निवेश से पहले ब्रोकरेज कंपनियों की सलाह को भी देख सकते हैं। जिससे आपको अच्छे रिटर्न मिलने के चांस बढ़ जाते हैं।
रूल 3: बड़ी कंपनी में निवेश करें
अगर आप दवा क्षेत्र से जुड़े हैं, तो उन्हीं कंपनी में निवेश करें जिनका जाना पहचाना नाम हो। नई कंपनी में निवेश से बचें। हो सकता है कि नई कंपनी अच्छी हो लेकिन यह टाइम टेस्टेड नहीं है, तो कुछ दिन उस कंपनी पर नजर रखें। अगर उसका प्रदर्शन अच्छा रहता है तो बाद में निवेश किया जा सकता है। बड़ी कंपनियों में निवेश सुरक्षित रहता है, इसलिए ज्यादा फायदे के लालच में ऐसी कंपनी में निवेश न करें जिसका पहले से नाम न सुना हो।
रूल 4: अफवाहों से दूर रहें
स्टॉक मार्केट में अफवाहें खूब चलती हैं। इसलिए इससे बचना जरूरी है। सबसे अच्छा होगा कि जो भी खबर सुनें उसको किसी जानकार से कंफर्म करने की कोशिश करें। लेकिन अगर खबर पक्की न हो तो उसके आधार पर निवेश का फैसला न करें।
रूल 5: पहले रणनीति बनाएं, फिर निवेश करें
स्टॉक मार्केट में निवेश से पहले रणनीति बनानी जरूरी होता है। और सबसे अच्छी रणनीति है कि कभी भी पूरा पैसा एक साथ निवेश न करें। कुछ हिस्सा जरूर बचा कर रखें। किसी भी शेयर के बारे में यह पता कर पाना कठिन है कि यह कब ऊपर जाएगा और कब नीचे। हो सकता है कि शेयर बहुत अच्छा हो और आप निवेश कर दें। लेकिन कई कारणों से यह नीचे भी जा सकता है। इसलिए पैसों का कुछ हिस्सा जरूर बचा कर रखें। यह हिस्सा गिरावट के वक्त दोबारा उसी शेयर में खरीदारी में काम आ सकता है। इससे आपकी शेयर की खरीद की एवरेजिंग अच्छी हो जाएगी।
रूल 6: स्टॉक मार्केट में निवेश का सही समय न खोजें
स्टॉक मार्केट ऊपर-नीचे होता रहेगा, आप रणनीति बना कर निवेश शुरू करें। कभी यह इंतजार न करें कि स्टॉक मार्केट आपके सोचे स्तर पर आ जाएगा। आमतौर पर स्टॉक लोगों की सोच से कुछ अलग ही रंग दिखाता है। इसलिए निवेश की योजना बनाएं और इन्वेस्टमेंट शुरू करें।
रूल 7: इन्वेस्टमेंट में इमोशन को स्थान न दें
कई बार लोग अच्छे शेयर में निवेश करते हैं, लेकिन अचानक हालात बदल जाते हैं। ऐसे में शेयर के साथ इमोशनल न हों, बल्कि समय की मांग के हिसाब से फैसला लें। आजकल टेलिकॉम सेक्टर इसी का उदाहरण है। इस सेक्टर के शेयर कुछ समय तक अच्छा रिटर्न दे रहे थे, लेकिन अचानक यह सेक्टर आकर्षक नहीं रह गया है। ऐसे में अगर इस क्षेत्र की कंपनियों में निवेश है, तो उससे निकलना ही बेहतर होता है, या बहुत ही ज्यादा लंबे समय तक उस शेयर के साथ रहना। ज्यादा लंबे समय तक बड़े निवेशक ही रुक पाते हैं, ऐसे में छोटे निवेशकों का इस सेक्टर के शेयरों से बाहर आ जाना ही बेहतर रहता है।
रूल 8: पोर्टफोलियो को व्यापक बनाएं
अपने पोर्टफोलियो या कहें कि स्टॉक मार्केट में निवेश को व्यापक बनाएं। सारा पैसा एक या दो शेयर में न लगाएं। इसके अलावा सेक्टर के हिसाब से भी निवेश करें। कोशिश करें कि कम से तीन सेक्टर में निवेश जरूर हो। इसके अलावा हर सेक्टर की एक से ज्यादा कंपनियों में निवेश रखें।
रूल 9: ज्यादा रिटर्न की उम्मीद न रखें
निवेश करने के साथ ही लोग कुछ ज्यादा ही रिटर्न की उम्मीद लगा लेते हैं। इसके चलते जब उनको फायदा होता है, तो उसका सही विश्लेषण नहीं कर निवेश से जुड़े कुछ टिप्स पाते हैं। इसलिए रिटर्न को लेकर हरदम तर्कसंगत उम्मीद ही लगानी चाहिए। आमतौर पर बैंक की एफडी से दोगुना रिटर्न अच्छा माना जाना चाहिए।
रूल 10: अतिरिक्त पैसों का ही करें निवेश
अंश फायनेंशियल एंड इन्वेस्टमेंट के डायरेक्टर दिलीप कुमार गुप्ता का कहना है कि स्टॉक मार्केट में कभी उस पैसे का निवेश नहीं करना चाहिए, जिसकी आपको कुछ समय बाद ही जरूरत हो। यहां पर उसी पैसे का निवेश करें जो काफी समय के लिए खाली हो, क्योंकि स्टॉक मार्केट लगातार ऊपर नीचे होता रहता है, इसलिए जरूरी नहीं है कि कम समय में आपको फायदा हो। लेकिन लंबे समय में यह बाजार आपको अच्छा रिटर्न देता है, इसलिए निवेश जितने ज्यादा दिनों तक बनाएं रखेंगे उतना ही ज्यादा फायदा होगा।
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Best Investment Ideas: अपने वित्तीय लक्ष्य समय पर प्राप्त करने के लिए आपको अपने निवेश दृष्टिकोण में कुछ बुनियादी बदलाव करने पड़ सकते हैं। यहां विस्तार से जानिए कुछ महत्विपूर्ण बातें।
बहुत से लोग नियमित रूप से अच्छी-खासी रकम निवेश करने के बावजूद पैसे से जुड़े अपने लक्ष्यों को समय पर पूरा करने में विफल रहते हैं। ऐसा मुख्य रूप से इसलिए होता है क्योंकि निवेशक अपने जीवन में होने वाले परिवर्तनों के निवेश से जुड़े कुछ टिप्स अनुसार अपनी लक्ष्य आवश्यकताओं की ठीक से जांच-परख नहीं करते हैं। इसलिए न सिर्फ अपने लक्ष्यों की पहचान करना और अपने करिअर में जल्द-से-जल्द जरूरी निवेश शुरू करना अहम है, बल्कि समय-समय पर अपनी निवेश योजनाओं में अपेक्षित परिवर्तन करना भी महत्वपूर्ण है। अपने वित्तीय लक्ष्य समय पर प्राप्त करने के लिए आपको अपने निवेश दृष्टिकोण में कुछ बुनियादी बदलाव करने पड़ सकते हैं।
अपने वित्तीय लक्ष्यों की जांच-परख करें
आपके वित्तीय लक्ष्यों में समय के साथ बदलाव हो सकता है। उदाहरण के लिए, आपने 10 वर्षों के बाद 50 लाख रुपए का घर खरीदने का लक्ष्य रखा हो सकता है। लेकिन 5 वर्षों के बाद, आपको शायद महसूस हो कि रियल एस्टेट की कीमतों में वृद्धि के कारण यह लक्ष्य राशि अपर्याप्त है, और तब आपको इसके लिए अगले 5 वर्षों में 75 लाख रुपए की आवश्यकता हो सकती है। आप अपने लक्ष्य से न चूकें, इसके लिए आपको इस अपडेटेड लक्ष्य के अनुरूप अपने निवेश दृष्टिकोण में बदलाव लाना होगा। शुरुआत में लक्ष्य की पहचान करने से आपको निवेश की सही दिशा तलाशने में मदद मिल सकती है; कुछ वर्षों के बाद इसकी जांच-परख करने से आपको यह सुनिश्चित करने में मदद मिल सकती है कि आप सही रास्ते पर हैं।
जोखिम उठाने की अपनी क्षमता का पुनः मूल्यांकन करें
आपकी जोखिम लेने की क्षमता उम्र बढ़ने, आपकी आय में बदलाव होने, पारिवारिक दायित्वों में वृद्धि होने व अन्य कई कारणों से बदल सकती है। जब आप पैसे से जुड़े अपने लक्ष्यों की दिशा में काम करना शुरू करते हैं, तो हो सकता है कि तब तक आपके बच्चे न हुए हों और बहुत सारी वित्तीय जिम्मेदारियां न रही हों। समय बीतने के साथ आपकी जिम्मेदारियां बढ़ सकती हैं, और इस तरह जोखिम उठाने की आपकी क्षमता भी कम हो सकती है। जब जोखिम उठाने की क्षमता अधिक हो तो आप अधिक जोखिम वाले निवेश कर सकते हैं, लेकिन जब आपकी जोखिम लेने की क्षमता कम हो जाती है तब आपको अपने निवेश कम जोखिम वाले इंस्ट्रूमेंट में स्विच करने की आवश्यकता हो सकती है। जब आपके पोर्टफोलियो में मौजूद कम जोखिम वाले इंस्ट्रूमेंट पर ज्यादा एक्सपोजर के चलते निवेश पर मिलने वाले रिटर्न कम हो जाता है, तब आपको पैसे से जुड़े अपने लक्ष्य समय पर प्राप्त करने के लिए निवेश राशि बढ़ाने की आवश्यकता हो सकती है।
अपने पोर्टफोलियो को बेहतर ढंग से डाइवर्सिफाई करें
जब आप पैसे से जुड़े अपने लक्ष्य प्राप्त करने के लिए निवेश करते हैं, तब पोर्टफोलियो को डाइवर्सिफाई करने से आपको जोखिम कम करने में मदद मिल सकती है। हालांकि, बहुत ज्यादा डाइवर्सिफाई करने से आपका समग्र रिटर्न कम हो सकता है, वहीं कम डाइवर्सिफाई होने से आपके पोर्टफोलियो में उच्च स्तर का जोखिम हो सकता है। इसलिए, (आवश्यकतानुसार कई एसेट क्लास और प्रोडक्ट में निवेश करके) डाइवर्सिफिकेशन का यथोचित स्तर बनाए रखना अहम है ताकि आपको पैसे से जुड़े अपने लक्ष्यों तथा आपकी मौजूदा जोखिम क्षमता के साथ तालमेल बिठाकर अच्छा रिटर्न मिल सके।
अपने पोर्टफोलियो को रीबैलेंस करें
हमेशा यह लक्ष्य रखें कि आपके निवेश पोर्टफोलियो तथा वित्तीय लक्ष्यों के बीच संतुलन बना हुआ है। समय बीतने के साथ, आपका पोर्टफोलियो किसी खास एसेट क्लास की ओर झुक सकता है जो उस समय आपकी जोखिम उठाने की क्षमता का पूरक नहीं हो सकता है। उदाहरण के लिए, मान लें कि आप अपनी निवेश यात्रा की शुरुआत में अपनी जोखिम उठाने की क्षमता के अनुरूप यह तय किया है कि 20:80 के अनुपात में डेब्ट और इक्विटी में निवेश संतुलन बनाए रखना है। कुछ वर्षों के बाद, आपके पोर्टफोलियो में इक्विटी का हिस्सा बढ़ जाता है, और तब डेब्ट-इक्विटी अनुपात बदल कर 10:90 हो जाता है। तब आप 20:80 का अनुपात फिर से बनाए रखने के लिए डेब्ट में अधिक निवेश करके या इक्विटी से डेब्ट में फंड स्विच करके अपने पोर्टफोलियो को रीबैलेंस करना चाह सकते हैं।
बेकार पड़ी हुई अपनी सरप्लस बचत राशि का निवेश करें
कई लोग अक्सर अलग-अलग बैंक खातों में या घर पर नकदी के रूप में अपना पैसा यूं ही रखे रहते हैं अगर समझदारी से निवेश किया जाए, तो ऐसे निष्क्रिय फंड से आकर्षक रिटर्न मिल सकता है और ये आपका पैसा बढ़ाने में मदद कर सकते हैं। इस प्रकार, आप अपनी बेकार पड़ी हुई बचत राशि पर कुछ ब्याज पाने के लिए अपने बैंक खाते से लिंक की हुई स्वीप-इन एफडी सुविधा का विकल्प चुन सकते हैं। आप अपनी रिटर्न अपेक्षाओं, जोखिम उठाने की क्षमता और नकदी आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए, अपनी सरप्लस बचत राशि यानी किसी आपातकालीन स्थिति के लिए रखे गए धन से अतिरिक्त राशि को अन्य निवेश इंस्ट्रूमेंट में निवेश करना भी चुन सकते हैं।
सुनी-सुनाई बातों या अफवाहों के आधार पर निवेश करना बंद करें
ऐसे निवेशकों की कमी नहीं है जो सुनी-सुनाई बातों या कोरी अफवाहों के आधार पर बिना निवेश से जुड़े कुछ टिप्स सोचे-समझे निवेश के बड़े और कड़े फैसले लेते हैं। इस तरह के विवेकहीन निवेश के चलते पैसे से जुड़े आपके लक्ष्यों को काफी नुकसान पहुंच सकता है। इसलिए, हमेशा सुनिश्चित करें कि आपके निवेश के फैसले तथ्यों और गहन शोध पर आधारित हों। आपको निवेश और शोध विधियों के बारे में अपना ज्ञान बढ़ाने का लक्ष्य रखना चाहिए, और इसके लिए आप प्रसिद्ध विशेषज्ञों की पुस्तकें और लेख पढ़ने चाहिए, विश्वसनीय प्लेटफॉर्म पर वीडियो देखनी चाहिए और ऑनलाइन कोर्स में दाखिला लेना चाहिए। यदि आपको सहायता की आवश्यकता है, तो आपको केवल सेबी में पंजीकृत किसी तटस्थ निवेश सलाहकार से परामर्श करना चाहिए।
टैक्स सेविंग निवेश से परे देखें
पैसे से जुड़े अपने लक्ष्यों की दिशा में काम करते समय, आपको अपने बीमा लक्ष्यों, पैसे के लक्ष्यों और टैक्स सेविंग लक्ष्यों के बीच अंतर करना चाहिए। कई लोग पारंपरिक बीमा पॉलिसियों और एंडाउमेंट प्लान जैसे प्रोडक्ट में निवेश करते हैं, जिनका उद्देश्य तीनों बॉक्सों पर टिक करना है, लेकिन उनका बीमा कवर और निवेश रिटर्न प्रायः पैसे से जुड़े उनके लक्ष्यों को पूरा करने के लिए अपर्याप्त होता है। इस प्रकार, आपको पात्र बीमा और निवेश उत्पाद खरीदकर अपने स्तर पर टैक्स-कटौती लाभ बढ़ाने का लक्ष्य रखना चाहिए, लेकिन आपको समय पर पैसे से जुड़े अपने लक्ष्यों को पूरा करने के लिए टैक्स-सेविंग लक्ष्यों से परे भी देखना चाहिए। इन निवेश उत्पादों का चयन करते समय ध्यान दें कि ये पूरी तरह आपकी रिटर्न अपेक्षाओं और जोखिम उठाने की क्षमता के अनुरूप हों, न कि सिर्फ टैक्स-कटौती निवेश से जुड़े कुछ टिप्स लक्ष्यों के अनुरूप।
(इस लेख के लेखक, BankBazaar.com के CEO आदिल शेट्टी हैं)
(डिस्क्लेमर: यह जानकारी एक्सपर्ट की रिपोर्ट के आधार पर दी जा रही है। बाजार जोखिमों के अधीन होते हैं, इसलिए निवेश के पहले अपने स्तर पर सलाह लें।) ( ये लेख सिर्फ जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। इसको निवेश से जुड़ी, वित्तीय या दूसरी सलाह न माना जाए)
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स्टॉक में निवेश शुरू करने के लिए फ्रेशर्स के लिए 6 टिप्स - Reporter17
इक्विटी ट्रेडिंग एक गेम नहीं है। जब आप इसके बारे में पढ़ना और सीखना शुरू करते हैं, तो आप देखेंगे कि यह एक पेशा है। निवेश करने से पहले, एक व्यक्ति को इसके साथ जुड़े कुछ मूलभूत बातें और जोखिमों को जानने की आवश्यकता होती है। वास्तविक समय शेयर बाजारों पर व्यापार शुरू करने से पहले यह किया जाना है।
शेयरों और शेयर बाजारों के बारे में ज्ञान की यह आवश्यकता शुरुआती लोगों के लिए एक कठिन काम की तरह लगती है। शेयर बाजारों के बारे में आपको बेहतर विचार देने के लिए यहां 6 युक्तियां दी गई हैं और आपको इस निवेश निवेश से जुड़े कुछ टिप्स यात्रा पर शुरू किया गया है:
अपनी बचत का निवेश न करें:
स्टॉक मार्केट उच्च जोखिम वाले निवेश के रूप में जाना जाता है जहां आपके मूल निवेश को वापस प्राप्त करने की कोई गारंटी नहीं है। इसलिए, उच्च रिटर्न के आकर्षण में चूसना बुद्धिमानी नहीं है। एक बार आपके पास अन्य बचत होने के बाद ही स्टॉक मार्केट में निवेश करने की सलाह दी जाती है जो अधिक सुरक्षित होती है। अपने भविष्य को काफी सुरक्षित रखने के बाद, आप जोखिम का जोखिम उठा सकते हैं और शेयर बाजार की तरफ बढ़ सकते हैं।
निवेश अनुशासन बनाए रखें:
कीमतों में उतार-चढ़ाव शेयर बाजार में कुछ भी नया नहीं है। बाजार में इस अस्थिरता ने कभी-कभी निवेशक को अपना पैसा खो दिया है। साथ ही, ऐसी परिस्थितियों में बाजार का समय कठिन काम बन जाता है। अपने पैसे खोने से बचने के लिए निवेश की दिशा में एक अनुशासित दृष्टिकोण अपना सकते हैं। व्यवस्थित निवेश योजना (एसआईपी) ऐसा करने का एक तरीका है। जब आपके पोर्टफोलियो की निगरानी में अनुशासन और धैर्य होता है, तो बड़ा रिटर्न उत्पन्न करने की संभावनाएं उज्ज्वल हो जाती हैं।
जोखिम और धन को बुद्धिमानी से प्रबंधित करें:
एक निवेशक के रूप में, आप बाजार को नियंत्रित नहीं कर सकते हैं लेकिन निश्चित रूप से आप अपने लेन-देन में अपने पैसे का प्रबंधन कर सकते हैं। यहां तक कि यदि आपके पास अच्छी व्यापार रणनीति है तो यह सबकुछ कुछ भी नहीं हो सकता है। आपको अपने निवेश में पैसा भी बचाया जाना चाहिए। आपके निवेशित धन को प्रबंधित करने की सबसे अच्छी तकनीक है स्टॉप लॉस टूल का उपयोग करके।
जब आपके निवेश का दहलीज मूल्य 5-15% तक पहुंच जाता है तो स्टॉप लॉस टूल स्वचालित रूप से ऑर्डर ट्रिगर करेगा। यह ऑर्डर निवेश जारी करेगा और आगे की हानि से बच जाएगा।
विविध पोर्टफोलियो धारण करें:
शेयर बाजार विभिन्न क्षेत्रों और क्षेत्रों की कंपनियों से भरा है जो कई सेवाएं प्रदान करते हैं। अपने स्टॉक को विभिन्न उद्योगों में विविधता दें। इस तरह यदि आपके निवेश का एक उद्योग प्रदर्शन कर रहा है, तो दूसरा शूट हो सकता है। आपको प्रतिष्ठित कंपनियों के शेयरों पर ध्यान देना चाहिए जो अधिक गारंटीकृत रिटर्न प्रदान करते हैं। हालांकि, उन नई कंपनियों के कुछ स्टॉक रखें जिन्हें आप बढ़ने पर भरोसा करते हैं। इस तरह आप अपने मुनाफे को अपने भविष्य के विकास के साथ अधिकतम कर सकते हैं।
दीर्घकालिक लक्ष्य रखें:
स्टॉक मार्केट अल्पावधि में अस्थिर हैं लेकिन लंबी अवधि की अवधि में वे कम जोखिम भरा हैं और बेहतर समग्र रिटर्न प्रदान करते हैं। लंबी अवधि के लिए होल्डिंग स्टॉक आपको अधिक रिटर्न प्राप्त करने की अधिक संभावना है। इसलिए, अल्पकालिक की बजाय दीर्घकालिक दृष्टिकोण वाले स्टॉक में निवेश करना बेहतर होता है। पैसे में लॉक करना एक अच्छा विचार है जिसे आपको निकट भविष्य में आवश्यकता नहीं होगी। इस तरह यदि आप स्टॉक बेचते हैं कीमतें नीचे हैं, आप शुरुआत में पैसे कम कर सकते हैं लेकिन पिछले कुछ सालों में शेयरों को पकड़ना पड़ता है।
याद रखें कि एक स्टॉक एक कंपनी है:
इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप इस निवेश के पीछे मूल विचार याद रखना महत्वपूर्ण है या नहीं। आप ऐसी कंपनी में निवेश कर रहे हैं जिस पर आप भरोसा करते हैं और आशा भविष्य में बढ़ेगी। इसलिए, किसी गेम या जुआ के रूप में स्टॉक की पकड़ नहीं लेना। आपके पैसे को एक वास्तविक कंपनी में निवेश किया जाता है, जहां आपके निवेश के बढ़ने के लिए वास्तविक काम किया जाना चाहिए। इसलिए, यह आपके लिए महत्वपूर्ण है कि आप यह सब कुछ जान सकें कंपनी के बारे में और भविष्य की संभावित संभावना का सही अनुमान पाएं। आपको यह भी विचार करना चाहिए कि क्या ये लक्ष्य आपके अपने निवेश लक्ष्यों के साथ संरेखित हैं।
किसी भी हेल्थ टिप्स को अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह अवश्य ले. क्योकि आपके शरीर के अनुसार क्या उचित है या कितना उचित है वो आपके डॉक्टर के अलावा कोई बेहतर नहीं जानता
वॉरेन बफे से सीखें निवेश और कामयाबी के गुर
नई दिल्ली (टीम डिजिटल)। फोर्ब्स की बिलिनेयर्स रियल टाइम रैंकिंग के मुताबिक वॉरेन बफे आज की तारीख में दुनिया के तीसरे सबसे अमीर शख्स हैं।
20 अगस्त, 1930 को जन्मे वॉरेन बफे अमरीकी निवेशक, व्यवसायी और समाज सेवा से जुड़े रहने वाले व्यक्ति के तौर पर भी जाने जाते हैं। निवेश के मामले में उनके टिप्स और सुझाव देश-दुनिया में खूब चर्चित हैं।
शेयर बाजार की दुनिया के सबसे महान निवेशकों में से एक माने जाने वाले बफे बर्कशायर हैथवे कंपनी के सी.ई.ओ. और सबसे बड़े शेयर होल्डर हैं। 11 फरवरी, 2008 तक अनुमानत: 62 अरब अमरीकी डॉलर की नैटवर्थ होने के कारण फोब्र्स द्वारा उन्हें दुनिया का सबसे अमीर आदमी भी आंका गया था।
शेयर बाजार, निवेश, सफलता और पैसा बनाने के इनके गुर बेहद चर्चित रहते हैं। आइए आज जानें वॉरेन बफे के कुछ ऐसे टिप्स और वक्तव्य जो ‘अमीर’ बनने की दिशा में बेहद काम के साबित होते पाए गए हैं।
दिमाग में हो प्लान और लक्ष्य
निवेश करते वक्त जरूरी है कि आपके दिमाग में कोई न कोई प्लान हो, यानी बिना लक्ष्य के निवेश करना सही नहीं। सोच-समझकर निवेश करने के बाद जरूरी है कि नतीजों के लिए धैर्यपूर्वक इंतजार किया जाए। बफे के ही शब्दों में स्टॉक मार्कीट एक ऐसा उपकरण है जो बेसब्र (निवेशक) के हाथों से पैसा लेकर सब्र रखने वाले (निवेशक) को पैसा सौंप देता है।
संतुलन बनाए रखने की समझदारी जरूरी
वॉरेन कहते हैं कि अपने सभी अंडे एक ही टोकरी में नहीं रखें। बात जब निवेश करने की आती है तो हाथ में कितना नकद है यह खंगालें और फिर फिक्स्ड इंकम सोर्स पर निवेश करें।
इससे मिलने वाला रिटर्न इतना जरूर होना चाहिए कि आपका वर्तमान लाइफ स्टाइल बना रहे। इसके बाद पैसा थोड़ा रिस्क जोन में लेकिन जहां अधिक रिटर्न की संभावना हो, वहां लगाएं। निवेश की जो भी रणनीति बनाएं उसके मूल में संतुलन बनाए रखने की समझदारी जरूर होनी चाहिए।
मूल्य के पीछे भागें, कीमत के नहीं
वॉरेन के मुताबिक कीमत वह चीज है जो आप चुकाते हैं लेकिन मूल्य वह चीज है जो बदले में आपको मिलती है। मूल्य के पीछे भागें, कीमत के पीछे नहीं। निवेश के मामले में ही नहीं बल्कि पैसा कमाने के अन्य तरीकों पर भी लागू होता है।
वह कहते हैं कि प्रतिष्ठा बनाने में 20 वर्ष लग जाते हैं और इसे बर्बाद करने में 5 मिनट लगते हैं। अगर आप इस बारे में सोचना शुरू कर देंगे तो आप जो भी कुछ करेंगे अलग तरीके से करेंगे।
अधिक आय के स्रोत बनाएं
वॉरेन कहते हैं कि एक नौकरी पर ही निर्भर न रहें, एक से अधिक आय के स्रोत बनाएं। निवेश करें ताकि उनसे अतिरिक्त कमाई हो सके। कुछ भी खरीदने से पहले 2 बार सोचें।
यदि आप लगातार ऐसी चीजें खरीदते रहेंगे जिनकी जरूरत नहीं है तो जल्द ही आप ऐसी हालत में आ जाएंगे कि जब आपको जरूरी खरीदारी करने के लिए भी सोचना पड़ेगा।
अमीर करता है ‘समय’ में इन्वैस्ट
वॉरेन बफे कहते हैं कि अमीर व्यक्ति ‘समय’ में इन्वैस्ट करता है जबकि गरीब व्यक्ति पैसे में निवेश करता है। वॉरेन वक्त को बेहद कीमती मानते हैं, किस चीज या काम को कितना वक्त देना है, यही मैनेजमैंट व्यक्ति को आगे ले जाता है।
हर व्यक्ति को 24 घंटे ही मिले होते हैं और हर कोई इन घंटों का इस्तेमाल अपने हिसाब से करता है। सही तरह से वक्त का किया गया इस्तेमाल सही इन्वैस्टमैंट है।
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