ग्वार गम वायदा

Strong rise in Guar: ग्वार में फिर लौटी तेजी, NCDEX पर लगा 6 फीसदी का ऊपरी सर्किट, देखें लेटेस्ट रिपोर्ट
कमोडिटी मार्केट सितम्बर, 02 : अमेरिका में डिमांड की ख़बर से ग्वार के भावों में उछाल NCDEX पर ग्वार सीड 5%, ग्वार गम 6% तक तेज़। ग्वार में लगा ऊपरी सर्किट अब आगे कितनी बढ़ेंगी कीमतें ?
NCDEX पर आज 2 सितम्बर को ग्वार की कीमतों में अच्छी तेजी देखने को मिली। आज Guar Gum अक्टूबर वायदा में 5.99 फीसदी के ऊपरी सर्किट यानि 540 रुपये की जोरदार तेजी के साथ 9556 के स्तर पर पहुंच गया। जबकि सितंबर वायदा के लिए ग्वार गम 6 फीसदी (+534) की बढ़त के साथ 9440 रुपये तक पहुंच गया।
वहीं ग्वार सीड के अक्टूबर वायदा में 5.02 फीसदी का ऊपरी सर्किट लगा, 239 रुपये की तेजी के साथ कीमतें 5000 तक पहुँच गई । जबकि सितम्बर वायदा की कीमतें 4.88 फीसदी की तेजी के साथ 4945 के स्तर पर कारोबार कर रही है।
उधर अगस्त माह में बारिश की कमी के चलते ग्वार के उत्पादन में गिरावट की आशंका जताई जा रही है। जिससे आने वाले दिनों में ग्वार की कीमतों में इजाफा देखने को मिल सकता है ।
एनसीडीईएक्स लाइव बाजार भाव
NCDEX Last Update: Commodity Market 1st September 2022
Commodity Expiry LTP NetChng Chng Close
CASTOR 20SEP2022 7334 42 0.58 7292
CASTOR 20OCT2022 7388 34 0.46 7354
COCUDAKL 20SEP2022 2782 30 1.09 2752
COCUDAKL 20DEC2022 2405 6 0.25 2399
DHANIYA 20SEP2022 11700 342 3.01 11358
DHANIYA 20OCT2022 11840 360 3.14 11480
GUARGUM5 20SEP2022 9440 534 6 8906
GUARGUM5 20OCT2022 9556 540 5.99 9016
GUARSEED10 20SEP2022 4945 230 4.88 4715
GUARSEED10 20OCT2022 5000 239 5.02 4761
JEERAUNJHA 20SEP2022 25255 100 0.40 25155
JEERAUNJHA 20OCT2022 25740 90 0.35 25650
TMCFGRNZM 20SEP2022 7146 94 1.33 7052
TMCFGRNZM 20OCT2022 7270 74 1.03 7196
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इस साल देश में रिकॉर्ड ग्वार उत्पादन का है अनुमान
लम्बे समय बाद एक बार फिर से ग्वार खबरों में आना शुरू हो गया है। पिछले एक महीने से ग्वार के दाम बढ़ रहे हैं। निर्यात मांग बढ़ने की उम्मीद के भरोसे किसानों को लग रहा है कि ग्वार एक बार फिर मुनाफे की फसल साबित होगी। बेहतर बोआई के कारण इस बार रिकॉर्ड पैदावार होने की भी संभावना जताई जा रही है। जो ग्वार की कीमतों को दबाव में ऱखने वाली है।
उतार-चढ़ाव भरे बाजार में ग्वार में हल्की तेजी आती दिख रही है जो ग्वार के किसानों और कारोबारियों को लम्बे समय के बाद खुश होने का एक मौका दे सकती है। ग्वार गम के दाम 9000 रुपये प्रति क्विंटल के पार पहुंच गए तो ग्वार सीड 5000 रुपये प्रति क्विंटल के के करीब हैं। हाजिर बाजार में ग्वारगम की कीमत बढ़कर 9100 रुपये और ग्वार सीड के दाम बढ़कर 4828 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। कमोडिटी एक्सचेंज एनसीडीईएक्स पर ग्वारगम वायदा का अक्टूबर अनुबंध की कीमतें बढ़कर 8890 रुपये और नवंबर अनुबंध की कीमतें 9425 रुपये प्रति क्विंटल हो गई, जबकि ग्वार सीड के अक्टूबर अनुबंध की कीमत 4777 रुपये और नवंबर अनुबंध की 4891 रुपये प्रति क्विंटल हो गई।
एमएमसी सिक्योरिटीज की रिपोर्ट के मुताबिक ग्वारगम की निर्यात मांग के कारण ग्वार गम और ग्वारसीड वायदा की कीमतों में की उछाल देखने को मिल रहा है, लेकिन उत्पादन क्षेत्र में बढ़ोतरी के कारण आगामी सीजन के लिए बेहतर उत्पादन अनुमान से कीमतों में नरमी का रुझान है। राजस्थान कृषि मंत्रालय से प्राप्त ताजा आंकड़ों के मुताबिक राजस्थान में 24 अगस्त तक ग्वार की बोआई पिछले साल के 20.48 लाख हेक्टयर की तुलना में 51 फीसदी बढ़कर 30.79 लाख हेक्टेयर हो गया। पिछले खरीफ सीजन में राजस्थान के अंदर कुल 23.94 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में ग्वार की बोआई हुई थी जबकि पिछले पांच साल का औसत बोआई क्षेत्र 30.75 लाख हेक्टेयर है। कृषि मामलों के जानकारों का कहना है कि ग्वार की बोआई लगभग पूरी हो चुकी है लेकिन कुछ इलाकों में देर तक बोआई होती है इसलिए इस साल ग्वार का राजस्थान में रकबा बढ़कर 32 लाख हेक्टेयर तक पहुंचने की उम्मीद है।
राजस्थान खाद्य पदार्थ व्यापार संघ के अध्यक्ष बाबू लाल गुप्ता के मुताबिक इस बार राजस्थान में खरीफ फसलों की बंपर उत्पादन होने की संभावना है, ग्वार की अच्छी बोआई हुई है जिसके कारण रिकॉर्ड पैदावार होने की उम्मीद है। ग्वार का रकबा 32 लाख हेक्टेयर के ऊपर पहुंच सकता है। बीकानेर अनाज मंडी के पूर्व चेयरमैन पुखराज चोपडा कहते हैं कि पिछले साल की अपेक्षा इस बार बोआई ज्यादा हुई है, फसल भी अच्छी है, फली में बीज आना शुरू हो गया है, सब कुछ सही रहा तो इस साल ग्वार की रिकॉर्ड पैदावार हो सकती है। फिलहाल विदेशों से मांग औसत ही चल रही है निर्यात मांग बढ़ी तो कीमतें बढ़ेगी, नहीं तो पैदावार अधिक होने के कारण ग्वार में तेजी आना मुश्किल है।
चोपड़ा के मुताबिक इस समय औसतन 28-30 हजार टन मासिक ग्वारगम का निर्यात हो रहा है, जबकि पिछले साल हर महीने का औसतन निर्यात 20 हजार टन था। कीमतों में हल्की तेजी है लेकिन इसको स्थाई नहीं समझना चाहिए क्योंकि मांग में खास तेजी नजर नहीं आ रही है। दूसरी तरफ बाजार से जुड़े लोगों का मानना है कि इस बार निर्यात मांग जबर्दस्त रहने वाली है क्योंकि रूस यूक्रेन युद्ध के कारण रूस की तरफ से कच्चे तेल का निर्यात प्रभावित हुआ है। इस कमी को पूरा करने के लिए अमेरिका अपने क्षेत्र में तेल उत्पादन बढ़ाने के लिए बंद पड़े तेल कुओं को दोबारा शुरू करेगा, जिसके चलते ग्वार गम की मांग बढ़ेगी और 8-9 सालों बाद एक बार फिर ग्वार में तेजी आएगी। जबकि कुछ कारोबारियों का कहना है कि जब से युक्रेन और रूस के बीच युद्ध के कारण रूस को निर्यात किया जाने वाला ग्वार रुक गया है, इसके साथ ही रूस की तरफ से पेमेंट भी रुका हुआ है।
देश में ग्वार का सालाना औसत उत्पादन 50 लाख क्विंटल होता है लेकिन पिछले वर्ष देशभर में करीब 45 लाख क्विंटल ग्वार का उत्पादन हुआ था जिसमें से राजस्थान में करीब 35 लाख ग्वार पैदा हुई थी। इस बार ग्वार उत्पादक राज्य राजस्थान, गुजरात और मध्य प्रदेश में फसल अच्छी होने से माना जा रहा है कि देश में ग्वार का उत्पादन 60 लाख टन तक पहुंच जाएगा।
ग्वार गम वायदा
मंगलवार यानी 14 मई 2013 को ग्वार सीड और ग्वार गम का वायदा कारोबार फिर से आरंभ हो गया।
ग्वार के कारोबारियों और किसानों की ओर से दोबारा ग्वार में वायदा कारोबार में शुरू करने की माँग पर आर्थिक सलाहकार परिषद की तरफ से सरकार को भेजी गयी रिपोर्ट पर मुहर लगने के बाद इसमें वायदा कारोबार शुरू हुआ। फिर से शुरू हुए कारोबार के पहले दिन नेशनल कमोडिटीज ऐंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज (एनसीडीईएक्स) और मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्स) में ग्वार गम और ग्वार सीड में तीखी गिरावट दर्ज की गयी। जहाँ कारोबार के दौरान ग्वार सीड में 10% तक की गिरावट आयी, वहीं दिन के दौरान ग्वार गम में 8% की गिरावट देखी गयी। अगर बात एनसीडीईएक्स की करें तो ग्वार गम का जुलाई कांट्रैक्ट गिर कर 27280 रुपये प्रति क्विंटल और जून कांट्रैक्ट फिसल कर 28150 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ। इससे पहले एनसीडीईएक्स ग्वार गम वायदा पर ग्वार गम का जून कांट्रैक्ट 30700 रुपये प्रति क्विंटल पर खुला।
दूसरी ओर एनसीडीईएक्स पर ग्वार सीड के कारोबार में भी तेज गिरावट देखी गयी। एनसीडीईएक्स पर ग्वार सीड का जून कांट्रैक्ट गिर कर 9460 रुपये प्रति क्विंटल और जुलाई कांट्रैक्ट 9470 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ। इस शुरुआत के पहले दिन एनसीडीईएक्स पर 5664 टन ग्वार सीड और ग्वार गम वायदा 1014 टन ग्वार गम का कारोबार हुआ। दूसरी ओर कारोबार के पहले दिन एमसीएक्स पर जून कांट्रैक्ट 9505 रुपये और जुलाई कांट्रैक्ट 9445 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ। एमसीएक्स में 2136 ग्वार सीड तथा 126 टन ग्वार गम का कारोबार हुआ।
दरअसल काफी समय कारोबार बंद रहने के बाद वायदा बाजार आयोग (एफएमसी) ने विभिन्न कड़ी शर्तों के साथ ग्वार सीड और ग्वार गम में वायदा कारोबार शुरू करने की अनुमति दे दी है। अगर हम पीछे मुड़ कर देखें तो मार्च 2012 में एनसीडीईएक्स से ग्वार का कारोबार हटाये जाने के समय वायदा में ग्वार गम और ग्वार सीड में भारी मात्रा में कारोबार हो रहा था और इनकी कीमतों में अचानक काफी तेजी आ गयी थी। यहाँ तक कि 21 मार्च 2012 को एनसीडीईएक्स पर ग्वार गम का भाव बढ़ कर 100195 रुपये प्रति क्विंटल और ग्वार सीड का भाव 30533 रुपये प्रति क्विंटल हो गया है। ऐसे में कीमतों में आयी तेजी से बाजार नियामक को संदेह हुआ और इसने 27 मार्च 2012 से ग्वार के वायदा कारोबार पर रोक लगा दी थी। बाजार नियामक का मानना था कि सटोरियों की भूमिका की वजह से ग्वार के कारोबार में अनियमितता आयी थी।
एफएमसी ने एमसीएक्स और एनसीडीईएक्स को ग्वार सीड और ग्वार गम के जून, जुलाई, अक्टूबर व नवंबर कांट्रैक्ट आरंभ करने की अनुमति तो जरूर दी है, लेकिन पारदर्शिता लाने और जोखिम प्रबंधन के लिए एफएमसी की ओर से कारोबार की शर्तों में कई महत्वपूर्ण बदलाव किये गये हैं। वायदा बाजार आयोग के पारदर्शिता लाने के उपायों के तहत मांगे जाने पर एक्सचेंजों को वायदा कारोबार में लगायी गयी रकम का विस्तृत विवरण भी उपलब्ध कराना होगा। यही नहीं, वायदा एक्सचेंज पर ग्वार सीड और ग्वार गम में निवेशकों के पास स्टॉक पोजीशन की स्थिति और उनके पास हाजिर स्टॉक की जानकारी भी माँगी जा सकेगी। अब निवेशकों को ग्वार में लगायी जाने वाली रकम का स्रोत भी बताना होगा। ग्वार सीड और ग्वार गम में डिलीवरी अनिवार्य की गयी है। साथ ही पूरे कारोबार पर एफएमसी की कड़ी नजर रहेगी।
वहीं दूसरी ओर जोखिम प्रबंधन के लिए ग्वार सीड और ग्वार गम के कांट्रैक्ट में विशेष मार्जिन का प्रावधान वायदा बाजार आयोग की ओर से किया गया है। विशेष मार्जिन का यह प्रावधान इसलिए किया गया है कि कीमतों में ज्यादा उतार-चढ़ाव न हो। एफएमसी की ओर से तय किये गये फॉर्मूले के अनुसार किसी कांट्रैक्ट की अवधि में अगर कीमतें बढ़ती है तो मार्जिन भी अपने आप बढ़ जायेगा। भाव 20-30% बढऩे पर 10%, 30-40% बढऩे पर 20%, 40-50% बढऩे पर 30% और भाव 50% से ज्यादा बढऩे पर 50% विशेष मार्जिन लगेगा।
बाजार के जानकारों का कहना है कि ग्वार सीड और ग्वार गम में वायदा कारोबार आरंभ होने से किसानों को ग्वार के अंतरराष्ट्रीय भाव मिलेंगे और संबंधित कारोबारियों व उद्योगों को अपने जोखिम का ग्वार गम वायदा प्रबंधन करने में मदद मिलेगी। चूँकि इस बार ग्वार का उत्पादन अधिक हुआ है, ऐसे में किसानों के पास अभी भी अच्छी मात्रा में ग्वार का स्टाक है। इसका किसानों को फायदा मिल सकता है।
(निवेश मंथन, जून 2013)
मजबूत मांग के कारण ग्वारगम वायदा कीमतों में तेजी
नयी दिल्ली, 23 अगस्त (भाषा) हाजिर मांग के कारण सटोरियों ने अपने सौदों के आकार को बढ़ाया जिससे वायदा कारोबार में मंगलवार को ग्वारगम की कीमत दो रुपये की तेजी के साथ 8,558 रुपये प्रति पांच क्विन्टल हो गई।
एनसीडीईएक्स में ग्वारगम के सितंबर माह में डिलीवरी वाले अनुबंध की कीमत दो रुपये अथवा 0.02 प्रतिशत की तेजी के साथ 8,558 रुपये प्रति पांच क्विन्टल हो गई जिसमें 35,130 लॉट के लिए कारोबार हुआ।
बाजार विश्लेषकों ने कहा कि हाजिर बाजार में मजबूती के रुख को देखते हुए व्यापारियों ने अपने सौदों के आकार को बढ़ाया जिससे ग्वारगम वायदा कीमतों में तेजी आई।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
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