फोरेक्स रणनीति

वित्तीय बाजार

वित्तीय बाजार
रक्षा बुनियादी ढांचे के विकास के लिए सरकार को बड़ी राशि की आवश्यकता है। इसके लिए सामाजिक कल्याण गतिविधियों, सार्वजनिक स्वास्थ्य, शिक्षा आदि के लिए भी वित्त की आवश्यकता होती है। वित्तीय बाजारों द्वारा उन्हें यह आपूर्ति की जाती है।

वित्तीय बाजार

वित्तीय बाजार (Financial Market): एक वित्तीय बाजार वित्तीय बाजार एक ऐसा बाजार है जिसमें लोग वित्तीय प्रतिभूतियों और डेरिवेटिव जैसे वायदा और कम लेनदेन लागत पर विकल्प का व्यापार करते हैं। प्रतिभूतियों में स्टॉक और बॉन्ड और कीमती धातुएं शामिल हैं।

फाइनेंशियल मार्केट एक मार्केटप्लेस को संदर्भित करता है, जहां शेयरों, डिबेंचर, बॉन्ड, डेरिवेटिव, मुद्राओं आदि जैसे वित्तीय परिसंपत्तियों का निर्माण और व्यापार होता है। यह देश की अर्थव्यवस्था में, सीमित संसाधनों को आवंटित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

यह बचतकर्ताओं और निवेशकों के बीच एक मध्यस्थ के रूप में काम करता है और उनके बीच धन जुटाता है। वित्तीय बाजार मांग और आपूर्ति बलों द्वारा निर्धारित मूल्य पर व्यापारिक संपत्तियों के लिए, खरीदारों और विक्रेताओं को मिलने के वित्तीय बाजार लिए एक मंच प्रदान करता है।

वित्तीय बाजार के कार्य।

वित्तीय प्रणाली के कार्यों के बारे में संक्षेप में चर्चा की जाती है।

एक वित्तीय प्रणाली में, लोगों के बचत को घरों से वित्तीय बाजार व्यापारिक संगठनों में स्थानांतरित किया जाता है। इनसे उत्पादन बढ़ता है और बेहतर माल का निर्माण होता है, जिससे लोगों के जीवन स्तर में वृद्धि होती है।

व्यवसाय के लिए वित्त की आवश्यकता होती है। इन्हें बैंकों, घरों और विभिन्न वित्तीय संस्थानों के माध्यम से उपलब्ध कराया जाता है। वे बचत जुटाते हैं जिससे पूंजी निर्माण होता है।

भुगतान की सुविधा।

वित्तीय प्रणाली माल और सेवाओं के लिए भुगतान के सुविधाजनक तरीके प्रदान करती है। क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड, चेक आदि जैसे भुगतान के नए तरीके त्वरित और आसान लेनदेन की सुविधा प्रदान करते हैं।

तरलता प्रदान करता है।

वित्तीय प्रणाली में, तरलता का मतलब नकदी में बदलने की क्षमता है। वित्तीय बाजार निवेशकों को अपने निवेश को तरल करने का अवसर प्रदान करता है, जो शेयरों, डिबेंचर, बॉन्ड्स आदि जैसे उपकरणों में होते हैं। कीमत बाजार की शक्तियों के संचालन और मांग के अनुसार दैनिक आधार पर निर्धारित की जाती है।

वित्तीय बाजार क्या है? वित्तीय बाजार के कार्य और प्रकार

वित्तीय बाजार वित्तीय सम्पत्तियों जैसे वित्तीय बाजार अंश, बांड के सृजन एवं विनिमय करने वाला बाजार होता है। यह बचतों को गतिशील बनाता है तथा उन्हें सर्वाधिक उत्पादक उपयोगों की ओर ले जाता है। यह बचतकर्ताओं तथा उधार प्राप्तकर्ताओं के बीच एक कड़ी के रूप में कार्य करता है तथा उनके बीच कोषों को गतिशील बनाता है। वह व्यक्ति/संस्था जिसके माध्यम से कोषों का आबंटन किया जाता है उसे वित्तीय मध्यस्थ कहते हैं। वित्तीय बाजार दो ऐसे समूहों के बीच एक मध्यस्थ की भूमिका निभाते हैं जो निवेश तथा बचत का कार्य करते हैं। वित्तीय बाजार सर्वाधिक उपयुक्त निवेश हेतु उपलब्ध कोषों का आबंटन करते हैं।

(1) बचतों को गतिशील बनाना तथा उन्हें उत्पादक उपयोग में सरणित करना:- वित्तीय बाजार बचतों को बचतकर्ता से निवेशकों तक अंतरित करने को सुविधापूर्ण बनाता है। अत: यह अधिशेष निधियों को सर्वाधिक उत्पादक उपयोग में सरणित करने में मदद करते हैं।

वित्तीय बाजार के प्रकार

वित्तीय बाजार के प्रकार

  1. मुद्रा बाजार
  2. पूंजी बाजार ।

1. मुद्रा बाजार

अवधि एक वर्ष तक की होती है। इस बाजार के प्रमुख प्रतिभागी भारतीय रिजर्व बैंक, व्यापारिक बैंक, गैर बैंकिग, वित्त कम्पनियाँ, राज्य सरकारें, म्युचुअल फंड आदि हैं। मुद्रा बाजार के महत्वपूर्ण वित्तीय बाजार प्रलेख निम्नलिखित हैं।

1. याचना राशि-याचना राशि का प्रयोग मुख्यत: बैंकों द्वारा उनके अस्थायी नकदी की आवश्यकता को पूर्ण करने के लिए प्रयोग किया जाता है ये दिन-प्रतिदिन के आधार पर एक दूसरे से ऋण लेते तथा देते है। इसका पुनभ्र्ाुगतान मांग पर देय होता है और इसकी परिपक्वता अवधि एक दिन से 15 दिन तक की होती है याचना राशि पर भुगतान किए जाने वाले ब्याज की दर को याचना दर कहते है।

प्राथमिक बाजार व द्वितीयक बाजार में अंतर

1. कार्य-प्राथमिक बाजार का मुख्य कार्य नवीन प्रतिभूतियो के निगर्मन द्वारा दीर्घकालीन कोष एकत्र करना है वहीं द्वितीयक बाजार विद्यमान प्रतिभूितयो वित्तीय बाजार वित्तीय बाजार को सतत एवं तात्कालिक बाजार उपलब्ध कराता है।

2. प्रतिभागी-प्राथमिक बाजार में मुख्य भाग लेने वाली वित्तीय संस्थाएं, म्यूच्यूअल फण्ड, अभिगोपक और व्यक्तिगत निवेशक हैं, जबकि द्वितीयक बाजार में भाग लेने वाले इन सभी के अतिरिक्त वे दलाल भी हैं जो शेयर बाजार (स्टाक एक्सचेंज) के सदस्य हैं।

3. सूचीबद्ध कराने की आवश्यकता-प्राथमिक बाजार की प्रतिभूतियों को सूचीबद्ध कराने की आवश्यकता नहीं पड़ती, जबकि द्वितीयक बाजार में केवल उन्हीं प्रतिभूतियों का लेन-देन हो सकता है जो सूचीबद्ध होती हैं।

4. मूल्यों को निर्धारण-प्राथमिक बाजार के सम्बन्ध मे प्रतिभूतियों का मूल्य निर्धारण प्रबंधन द्वारा सेबी के निर्देशों को ध्यान में रखते हुए किया जाता है, जबकि द्वितीयक बाजार में प्रतिभूतियों का मूल्य बाजार में विद्यमान मांग व पूर्ति के समन्वय द्वारा निर्धारित किया जाता है, जो समय के अनुसार परिवर्तित होता रहता है।

Super Exam Economics Financial Market / वित्तीय बाजार Question Bank

भारतीय पूंजी बाजार घोटालों की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए भारत सरकार ने वित्तीय बाजार किसे नियामक शक्तियां सौंपी है?

निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए-
1. सेंसेक्स बंबई स्टॉक एक्सचेंज (BSE) में उपलब्ध 50 अधिकतम महत्वपूर्ण स्टॉकों पर आधारित होता है।
2. सेंसेक्स के परिकलन के लिए सभी सेसेक्स स्टॉकों को आनुपातिक भारिता दी जाती है।
3. न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज विश्व की सबसे पुरानी स्टॉक एक्सचेंज है।
उपरोक्त कथनों में से कौन सा सही है?

'वित्तीय बाजार'

गोवा स्टेट इनोवेशन काउंसिल ने कदम के काम की सराहना की है और राज्य द्वारा संचालित निकाय उन्हें अपने रोबोट को और बेहतर बनाने के लिए वित्तीय मदद दे रहा है और उत्पाद के लिए एक वाणिज्यिक बाजार तलाशने पर भी काम कर रहा है.

Repo Rate Latest: रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने अपनी घोषणा में कहा कि हम उच्च मुद्रास्फीति की समस्या से गुजर रहे हैं और वित्तीय बाजार भी अस्थिर रहे हैं. वैश्विक और घरेलू परिदृश्यों को देखते हुए मौद्रिक नीति समिति ने बेंचमार्क रेट में बढ़ोतरी का फैसला किया है.

घरेलू शेयर बाजार (Share Market) में तेजी का सिलसिला बृहस्पतिवार को लगातार पांचवें कारोबारी सत्र में जारी रहा और बीएसई सेंसेक्स (Sensex) 284 अंक से अधिक के लाभ में रहा. वैश्विक स्तर पर मिले-जुले रुख के बीच ऊर्जा, वित्तीय और आईटी शेयरों (IT stocks) में लिवाली से बाजार में तेजी आई.

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