विदेशी मुद्रा व्यापार टिप

एमएसई को डॉलर

एमएसई को डॉलर

बंधक भंडारगृह की अवधारणा को सबसे पहले व्‍हाईटफील्‍ड(बंगलौर) में आजमाया गया। आयातक कार्गो का एमएसई को डॉलर भंडारण कर सकते हैं और आंशिक डिलीवरी लेकर सीमाशुल्‍क विभाग को देय शुल्‍क को आस्‍थगित कर सकते हैं तथा साथ-साथ उस आईएसओ कंटेनर को ले सकते हैं जिसमें कार्गो आयातित किया गया है।

बंधक भंडारगृह आयातक को दोहरा लाभ देता है। एक तरफ इस से शुल्‍क अदायगी को आस्‍थगित करने की अनुमति मिल जाती है और इसके साथ ही कार्गो को भंडारागार में अपेक्षाकृत सस्‍ती दरों पर भंडारण हेतु विकल्‍प की अनुमति मिल जाती है अन्‍यथा, एक आईएसओ कंटेनर को अपने पास रखना पड़ता है जिसके लिए आयातक को उपचित लीज किराए का भुगतान डॉलर में करना पड़ता है।

देश के सभी भागों में बंधक भंडारगृह की मांग बढ़ रही है। कॉनकॉर को यह सेवा देने में अद्वितीय अग्रता प्राप्‍त है। इसके भंडारागार उन स्‍थानों/आईसीडी के नजदीक स्‍थित हैं जहां आयात को पहली बार उतारा जाता है। इससे कार्गो की बांडिंग का बहुत किफायती विकल्‍प मिलता है क्‍योंकि एक नामित बांडेड भंडारागार में कार्गो के उतरने वाले स्‍थान से लाने में कोई वास्‍तविक अंतरण लागत नहीं है।इस उच्‍चस्‍तरीय लाभप्रद व्‍यवसाय को पकड़ने के लिए कॉनकॉर ने पहले से ही अपनी सुविधाओं यथा टोंडियारपेट(चैन्‍ने), सनतनगर(सिकंदराबाद), न्‍यू मुलुंड(मुंबई), तुगलकाबाद(नई दिल्‍ली), साबरमती(अहमदाबाद), ग्‍वालियर आदि में भंडारागारण सुविधाओं का परिचालन शुरू कर दिया है।

कॉनकॉर ने अपनी विद्यमान सुविधाओं में परिवर्तन करने या जहां कहीं आवश्‍यक है, ऐसे सभी व्‍यावसायिक केंद्रों पर नई सुविधाओं के निर्माण की योजना भी बनाई है।

बीएसई, एनएसई, एमएसई जल्द से जल्द देंगे सूचीबद्ध प्रतिभूतियों के बाजार आंकड़े

नयी दिल्ली, 23 सितंबर (भाषा) देश के प्रमुख बाजारों – बीएसई, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) और मेट्रोपॉलिटन स्टॉक एक्सचेंज (एमएसई) ने शुक्रवार को कहा कि वे बाजार बंद होने के बाद सूचीबद्ध प्रतिभूतियों की दैनिक मूल्य संबंधी जानकारी जल्द से जल्द अपनी बेवसाइटों पर उपलब्ध कराएंगे।

इन बाजारों ने कहा कि निवेशकों और विभिन्न बाजार प्रतिभागियों के व्यापक हित को देखते हुए यह फैसला किया गया है।

बीएसई, एनएसई और एमएसई ने एक साझा बयान में कहा, ”निवेशकों और विभिन्न बाजार प्रतिभागियों के व्यापक हित के मद्देनजर, प्रतिभूतियों की दैनिक मू्ल्य संबंधी जानकारी को जल्द से जल्द वेबसाइटों पर उपलब्ध कराने का फैसला किया गया है। इन जानकारियों में शुरुआती भाव, दिन का उच्च स्तर, दिन का निचला स्तर और बंद भाव शामिल हैं।”

तीनों एक्सचेंज पूंजी बाजार, वायदा और विकल्प (एफएंडओ), ब्याज दर वायदा, मुद्रा वायदा और एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ईटीएफ) में कारोबार के लिए मंच मुहैया कराते हैं।

MNT (मंगोलियाई तुगरुग)

MNT तुगरुग के लिए मुद्रा कोड है, जो tögrög या tugrik द्वारा भी जाता है। यह मंगोलिया की आधिकारिक मुद्रा है, प्रतीक का उपयोग but है, लेकिन रकम को अक्सर “Tg” के रूप में लिखा जाता है, इसके बाद संख्या Tg 590. can 1 को 100 möngö में विभाजित किया जा सकता है

मंगोलिया बैंक जारी करता है और मुद्रा का प्रबंधन करता है। अगस्त 2020 तक, 1 अमेरिकी डॉलर लगभग 2,850 MNT के बराबर है।

चाबी छीन लेना

  • मंगोलियाई तुगरुग (MNT) 1925 से मंगोलिया की आधिकारिक राष्ट्रीय मुद्रा है।
  • देश काफी सख्त पूंजी नियंत्रण रखता है, देश से बाहर टग्रग की मात्रा को सीमित करने के साथ-साथ विदेशी मुद्रा में कितना परिवर्तित किया जा सकता है।
  • मुद्रा स्वतंत्र रूप से तैरती है और पिछले दशकों में प्रमुख विश्व मुद्राओं के सापेक्ष इसकी कीमत में गिरावट देखी गई है।

मंगोलियाई तुगरुग को समझना

दिसंबर 1925 में MNT ने बैंक ऑफ मंगोलिया के एक प्रस्ताव के बाद पदार्पण किया। मंगोलिया के बैंक कभी-कभी विदेशी मुद्राओं के साथ स्थिर विनिमय दरों को बनाए रखने के लिए हस्तक्षेप करते हैं, लेकिन आम तौर पर एक अस्थायी विनिमय दर नीति का पालन करते हैं ।

तुगरुग ने मंगोलियाई डॉलर को बदल दिया और सोवियत रूबल के साथ बराबर आदान-प्रदान करना शुरू कर दिया । 1929 में MNT देश की एकमात्र कानूनी मुद्रा बन गई। टगुर 100 मोगेन्ग से बना है, या एक टग्रग के सौवें हिस्से से बना है, लेकिन उच्च मुद्रास्फीति के दशकों के बाद, मोन्गॉ अब मुद्रा के रूप में व्यावहारिक उपयोग के लिए बहुत कम हैं। वर्तमान में MNT बैंकनोट्स 10 not से 20,000 not और सिक्के 20 not से 500 not तक के हैं।

विदेशी मुद्रा बाजार में लंबे समय से टुग्रेग का मूल्य कम हो रहा है । 2008 में, $ 1 का मूल्य लगभग 1,150 tugrug था। 2020 में, वही $ 1 का मूल्य लगभग 2,850 tugrug है

टॉग्रग मंगोलियाई स्टॉक एक्सचेंज (एमएसई) पर सूचीबद्ध शेयरों की आधिकारिक मुद्रा है, जिसने 2006 से इसकी घातीय वृद्धि के लिए 21 वीं सदी के पहले दशक के दूसरे छमाही में ध्यान आकर्षित किया, जब यह पूंजीकरण के साथ सबसे छोटा विश्व शेयर बाजार था 2011 तक जब यह चरम पर था। इसके तुरंत बाद, एमएसई तब लड़खड़ा गया जब विदेशी निवेश गिर गया और चीन ने मंगोलिया से अपने आयात को कम कर दिया।

मंगोलियाई मुद्रा प्रतिबंध

मंगोलिया की सरकार पूंजी नियंत्रण के माध्यम से स्थानीय और विदेशी मुद्रा के आयात और निर्यात को प्रतिबंधित करती है । स्थानीय मुद्रा का आयात 815 tugrug तक सीमित है, और विदेशी मुद्रा का आयात यूएस $ 2,000 के बराबर तक सीमित है। किसी भी स्थिति में, यात्री केवल उतनी ही मुद्रा का निर्यात कर सकते हैं, जितनी उन्होंने देश में आने की घोषणा की थी।

मंगोलिया की सीमाओं के अंदर, सभी कीमतों को paid में दर्शाया जाना चाहिए और MNT में भुगतान किया जाना चाहिए। बैंक ऑफ मंगोलिया और वित्तीय नियामक आयोग के पास विशिष्ट लेनदेन के लिए इस प्रतिबंध को माफ करने का अधिकार है। मंगोलियाई सीमा को पार करने वाले लेनदेन इस नियम से बाध्य नहीं हैं और विदेशी मुद्रा में तय किए जा सकते हैं।

यात्री बैंकों या होटलों में विदेशी नकदी का आदान-प्रदान करना पसंद कर सकते हैं और अपने खातों से एटीएम के माध्यम से निकाल सकते हैं, जो प्रतिस्पर्धी विनिमय दरों की पेशकश करते हैं। मंगोलिया अभी भी काफी हद तक एक नकदी अर्थव्यवस्था है, और हर लेनदेन के लिए विदेशियों को अपने कार्ड को स्वाइप करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है, उन पर नकदी रखने के लिए उपयोग करने की आवश्यकता हो सकती है।

चाबी छीन लेना

जब तक एक सुपरसाइडिंग टैक्स संधि नहीं होती है, मंगोलिया विदेशी-धारणीय ब्याज असर वाले डॉलर खातों से उत्पन्न सभी ब्याज भुगतानों पर 20 प्रतिशत रोक लगा देता है ।

राष्ट्रीय लघु उद्योग दिवस: भारत में 6.3 करोड़ से अधिक एमएसएमई

विश्व की तरह ही भारत में किसी भी जगह एमएसएमई मूल्य श्रृंखला के अभिन्न हिस्से हैं, जो एक ओर विविध उत्पादों की पेशकश करते हैं और दूसरी ओर बड़े उद्योगों के लिए मध्यवर्ती वस्तुओं को पहुंचाते हैं। यह सबसे बड़ा रोजगार पैदा करने वाला और भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ है।

भारत में 6.3 करोड़ से अधिक एमएसएमई हैं, जिनके पास अंतर्राष्ट्रीय बाजारों तक पहुंचने और बड़ी अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओं के एमएसई को डॉलर लिए सहायक के रूप में काम करने की योग्यता व क्षमता है। निर्यात के संदर्भ में, यह क्षेत्र विभिन्न उप-क्षेत्रों जैसे कपड़ा, चमड़ा व चमड़े के सामान, फार्मास्यूटिकल्स, ऑटोमोटिव, रत्न और आभूषण आदि में 45 फीसदी के व्यापक योगदान के साथ उच्च क्षमता रखता है। पिछले कुछ वर्षों में भारतीय अर्थव्यवस्था ने एक उत्कृष्ट वृद्धि का प्रदर्शन किया है और इसके विश्व की अग्रणी अर्थव्यवस्थाओं में से एक के रूप एमएसई को डॉलर में उभरने की संभावना है, जो 2025 तक 5 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है। इस प्रकार, व्यापक उद्यमिता विकास वातावरण को सुदृढ़ करने के लिए इसे एक बड़ा प्रोत्साहन दिया जाना है और इन उद्यमों के अंतरराष्ट्रीयकरण से संबंधित बाधाओं को समझने की जरूरत है।

सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय एमएसएमई के विकास की दिशा में अथक प्रयास कर रहा है और इसने भारत में एमएसएमई इकोसिस्टम को आगे बढ़ाने के लिए पहल किया है। एमएसएमई मंत्रालय द्वारा शुरू किए गए कुछ प्रमुख सुधार इस प्रकार हैं :

एमएसएमई परिभाषा का संशोधन: देश में एमएसएमई को सक्रिय करने पर भारत सरकार की उच्च प्राथमिकता के अनुरूप, भारत सरकार ने 1 जून 2020 को आत्मनिर्भर भारत पैकेज के तहत इसकी मजबूती को आगे बढ़ाने के लिए एमएसएमई परिभाषा में संशोधन की मंजूरी दी। सरकार ने निवेश और वार्षिक व्यापार, दोनों के संयुक्त मानदंड को सम्मिलित करके एमएसएमई वर्गीकरण को संशोधित किया।

उद्यम पंजीकरण: उद्यम पंजीकरण दाखिल करने की एक ऑनलाइन और सरलीकृत प्रक्रिया है, जो एमएसएमई को बिना किसी दस्तावेज व शुल्क के पंजीकरण प्राप्त करने में सक्षम बनाती है। यह एक वैश्विक स्तर की बेंचमार्क प्रक्रिया है और व्यापार करने की आसानी की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम है। एमएसएमई मंत्रालय ने जीईएम (गवर्मेंट ई-मार्केटप्लेस) के साथ उद्यम पंजीकरण पोर्टल का एपीआई एकीकरण भी शुरू किया है जिससे एमएसई, सरकारी खरीद में आसानी से हिस्सा ले सकें।

चैंपियन्स पोर्टल: चैंपियन्स विशेष रूप से इस मुश्किल समय में एमएसएमई की सहायता करने और उन्हें संभालने के लिए एक ऑनलाइन मंच है। यह एक आईसीटी आधारित प्रौद्योगिकी प्रणाली है जिसका उद्देश्य छोटी इकाइयों को उनकी शिकायतों का समाधान करके, प्रोत्साहित करके, समर्थन करके, सहायता करके और पूरे व्यावसायिक जीवनचक्र के दौरान संभालकर उन्हें बड़ी इकाई बनाना है। यह मंच एमएसएमई की सभी जरूरतों के लिए एकल खिड़की समाधान की सुविधा प्रदान करता है।

राष्ट्रीय एससी-एसटी केंद्र (एनएसएसएच): एससी-एसटी समुदाय में उद्यमिता संस्कृति को बढ़ावा देने और सार्वजनिक खरीद नीति आदेश, 2018 में उल्लिखित 4 फीसदी खरीद लक्ष्य को पूरा करने के लिए राष्ट्रीय एससी-एसटी केंद्र शुरू किया गया है। एससी/एसटी की आबादी के बीच उद्यमशीलता को एमएसई को डॉलर बढ़ावा देने और अधिकतम जमीनी निवेश के लिए बाजार से जुड़ाव, वित्तीय सुविधा, क्षमता निर्माण आदि की चुनौती को पूरा करने के लिए कई पहल किए गए हैं।

आत्मनिर्भर भारत (एसआरआई) निधि: इस योजना से एमएसएमई क्षेत्र को 50,000 करोड़ रुपये की इक्विटी वित्तीय सहायता मिलने की उम्मीद है। यह इक्विटी समावेशन एमएसएमई को स्टॉक एक्सचेंजों में सूचीबद्ध करने का अवसर प्रदान करेगा। इसके अलावा, यह एमएसएमई को अपने व्यवसाय और विकास को आगे बढ़ाने की सुविधा प्रदान करेगा और एमएसएमई क्षेत्र में अधिक रोजगार पैदा करने में सहायता करेगा।

खरीद नीति: एमएसई को विपणन सहायता प्रदान करने के लिए, सभी केंद्रीय मंत्रालयों/सरकारी विभागों और सीपीएसई को सार्वजनिक खरीद नीति के तहत एमएसई से वस्तु और सेवाओं की अपनी वार्षिक आवश्यकताओं का 25 फीसदी खरीदना आवश्यक है, इसमें एससी/एसटी के स्वामित्व वाले एमएसई से 4 फीसदी और महिला उद्यमियों के स्वामित्व वाले एमएसई से 3 फीसदी खरीदारी शामिल हैं।

उद्यम विकास केंद्रों (ईडीसी) की स्थापना: एमएसएमई से संबंधित सूचना एक ही स्थान पर उपलब्ध कराने की एक सोच से उद्यम विकास केंद्रों (ईडीसी) की परिकल्पना की गई है। अब तक एमएसएमई मंत्रालय ने पूरे भारत में 102 ईडीसी स्थापित किए हैं। इन केंद्रों का उद्देश्य मौजूदा और साथ ही इच्छुक एमएसएमई को निरंतरता के आधार पर ग्रामीण उद्यमों पर विशेष ध्यान देने के साथ पेशेवर सलाह व सहायक सेवाएं प्रदान करके उद्यमी नेताओं का एक नेटवर्क बनाना है।

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