रणनीतियां विदेशी मुद्रा

(सीसी) को गिरफ्तार कर लिया गया है या जिनके खिलाफ गिरफ्तारी का वारंट या प्राधिकरण दस साल या उससे अधिक की अवधि के लिए कारावास के साथ इस अधिनियम के तहत दंडनीय अपराध के कमीशन के लिए जारी किया गया है, जो हर व्यक्ति, और गिरफ्तार किया गया है, जो हर व्यक्ति या जिनके खिलाफ गिरफ्तारी का वारंट या प्राधिकरण किसी भी अन्य देश के किसी भी इसी कानून के तहत एक समान अपराध के कमीशन के लिए जारी किया गया है।
एनडीपीएस एक्ट के तहत जब्ती, ठंड और संपत्ति की जब्ती
दवा अपमान, अधिकांश अन्य अपराधों के विपरीत, केवल लाभ मकसद के साथ प्रतिबद्ध हैं। नशीले पदार्थों की तस्करी से लड़ने के लिए रणनीतियों में से एक तस्कर उनकी तस्करी के फल को नकार रहा है। एनडीपीएस अधिनियम के अध्याय वीए इस तरह के अवैध रूप से अधिग्रहीत की संपत्तियों की जब्ती के लिए प्रदान करता है। इस अध्याय के लिए लागू होता है:
- दस साल या उससे अधिक की अवधि के लिए कारावास के साथ इस अधिनियम के तहत दंडनीय अपराध रणनीतियां विदेशी मुद्रा का दोषी पाया गया है जो हर व्यक्ति;
- भारत के बाहर आपराधिक न्यायालय की एक सक्षम न्यायालय द्वारा इसी तरह के एक अपराध का दोषी पाया गया है, जो हर व्यक्ति;
- हर नजरबंदी के एक आदेश स्वापक औषधि और मन: प्रभावी पदार्थ में अवैध आवागमन के निवारण अधिनियम, 1988 (1988 का 46) के तहत किया गया है, जिनके संबंध में व्यक्ति, या स्वापक औषधि और मन: प्रभावी पदार्थ में अवैध आवागमन के जम्मू-कश्मीर के निवारण के तहत अधिनियम, 1988 (जम्मू 1988 के कश्मीर अधिनियम तेईसवें):
ब्लॉग: आर्थिक पुनर्बहाली के लिये वित्तपोषण
एशिया प्रशान्त क्षेत्र में आर्थिक सहयोग और समर्थन के ज़रिये रणनीतियां विदेशी मुद्रा बेहतर पुनर्बहाली सम्भव है. संयुक्त राष्ट्र में अवर-महासचिव और संयुक्त राष्ट्र के आर्थिक और सामाजिक आयोग की कार्यकारी सचिव, आर्मिडा सालसियाह अलिसजहबाना का ब्लॉग.
क्षेत्रीय समन्वित नीतियाँ ज़रूरी
एशिया और प्रशान्त क्षेत्र में जैसे-जैसे महामारी के सामाजिक, आर्थिक प्रभाव सामने आ रहे हैं, सभी देशों रणनीतियां विदेशी मुद्रा की सरकारें आपातकालीन स्वास्थ्य प्रतिक्रियाओं और खरबों डॉलर के राजकोषीय पैकेजों के ज़रिये इससे निपटने में लगी हैं.
लगातार जारी तालाबन्दी के कारण आवाजाही पर प्रतिबन्ध होने से अर्थव्यवस्था में सुधार के कोई आसार नज़र नहीं आ रहे हैं. 2019 की आर्थिक स्थिति की तुलना में, पिछले छह महीनों में, एशिया और प्रशान्त देशों में निर्यात आय, प्रेषण, पर्यटन और प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफ़डीआई) में गिरावट के कारण विदेशी मुद्रा प्रवाह तेज़ी से घटा है.
यह स्थिति चिन्ताजनक है क्योंकि नीति निर्धारकों के सामने ये कठिन स्थिति पैदा हो गई है कि घटते राजकोषीय क्षेत्र के बीच किस तरह विकास पर खर्चों को प्राथमिकता दी जाए.
तीन प्रमुख क्षेत्रों में वित्तपोषण
संयुक्त राष्ट्र सतत विकास लक्ष्य सुनिश्चित करने के लिये एक व्यापक वित्तपोषण रणनीति तैयार करने के मक़सद से एक वैश्विक पहल के तहत इसमें योगदान कर रहा है.
Financing for Development in the Era of COVID-19 and Beyond नामक इस पहल में कैनेडा और जमैका भी सह-संयोजक हैं.
सरकारें यह सुनिश्चित करने के लिये एकजुट हैं कि कोविड-19 ख़त्म होने के बाद एक समावेशी, टिकाऊ और लचीली पुनर्बहाली के लिये पर्याप्त वित्तीय संसाधन उपलब्ध हों.
एशिया-प्रशान्त क्षेत्र में, पहले से ही अनेक देश तीन प्रमुख क्षेत्रों की वित्तपोषण योजना अपना चुके हैं. उनका उद्देश्य है - घटते वित्त और ऋण भेद्यता की चुनौती का समाधान निकालना; पेरिस समझौते और 2030 एजेण्डा की महत्वाकांक्षाओं के अनुरूप स्थायी पुनर्रनिर्माण सुनिश्चित करना; और विकास के लिये वित्तपोषण के समर्थन में क्षेत्रीय सहयोग की क्षमता का दोहन करना.
क्षेत्रीय सहयोग
कोई भी देश केवल ख़ुद के दम पर इस एजेण्डा को आगे नहीं ले जा सकता है. क्षेत्रीय समन्वित वित्तपोषण नीतियाँ ही व्यापार फिर से शुरू कर सकती हैं, आपूर्ति श्रृँखलाओं को पुनर्गठित कर सकती हैं और एक सुरक्षित तरीक़े से स्थायी पर्यटन को पुनर्जीवित कर सकती हैं.
एशिया और प्रशान्त क्षेत्र में, सरकारों को वित्तीय संसाधन मिलाकर एक क्षेत्रीय निवेश कोष बनाना चाहिये. क्षेत्रीय सहयोग को मज़बूत करना इसलिये भी ज़रूरी है ताकि सभी देशों को समय पर समान संख्या में टीकों की उपलब्धता सुनिश्चित की जा सके.
हम संयुक्त राष्ट्र आर्थिक और सामाजिक आयोग (ईएससीएपी) के माध्यम से ये प्रयास बढ़ाने में मदद कर सकते हैं – ख़ासतौर पर अपने सदस्य देशों, निजी क्षेत्र और अन्वेषकों के साथ मिलकर अतिरिक्त संसाधन जुटाने के लिये सामूहिक वित्तपोषण प्रतिक्रिया का निर्माण करने में मदद दे सकते रणनीतियां विदेशी मुद्रा हैं.
हम साथ मिलकर, एशिया और प्रशान्त की वित्तपोषण रणनीतियाँ बना सकते हैं, जिनसे भविष्य की महामारियों और संकटों से निपटने के लिये सामाजिक कल्याण और आर्थिक लचीलापन बढ़ सके.