उत्तर अमेरिकी मुक्त व्यापार समझौता

अमेरिका, मैक्सिको और कनाडा के बीच USMCA व्यापर समझौता, नाफ्टा का स्थान लेगा
अमेरिका, मैक्सिको और कनाडा ने मैक्सिको सिटी में 10 दिसम्बर को एक समझौते (United States–Mexico–Canada Agreement) पर हस्ताक्षर किया. यह समझौता अब अंतिम अनुमोदन के लिए संबंधित देशों की संसद में भेजा जाएगा.
यह समझौता दो साल से अधिक समय तक चली सघन बातचीत के बाद हुआ है. यह नया समझौता 25 साल पुराने उत्तरी अमेरिका मुक्त व्यापार समझौता (NAFTA) का स्थान लेगा. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप नाफ्टा उत्तर अमेरिकी मुक्त व्यापार समझौता की लगातार आलोचना करते आये हैं.
समझौते में श्रम सुधार, पर्यावरण संबंधी मसलों की निगरानी आदि को कठोर बनाने के प्रावधान शामिल किये गये हैं. इसमें औषधियों के सस्ते जेनेरिक संस्करणों की राह में बाधा बनने वाले प्रावधानों को भी दूर करने के उपाय किये गये हैं.
समझौते पर अमेरिका के व्यापार प्रतिनिधि रॉबर्ट लाइटहाइजर, कनाडा की उप प्रधानमंत्री क्रिस्टिया फ्रीलैंड और मैक्सिको के शीर्ष वार्ताकार जीसस सिएड ने हस्ताक्षर किये. मैक्सिको के राष्ट्रपति आंद्रेस मैनुएल लोपेज ओब्राडोर ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की.उत्तर अमेरिकी मुक्त व्यापार समझौता
उत्तर अमेरिकी मुक्त व्यापार समझौता (NAFTA) क्या है?
NAFTA, उत्तर अमेरिकी मुक्त व्यापार समझौता (North American Free Trade Agreement का संक्षिप्त रूप है. यह एक व्यापार समझौता है जो मेक्सिको, कनाडा और अमेरिका के बीच 1 जनवरी, 1994 से प्रभाव में आया था. इस संधि का उद्देश्य उपरोक्त तीन उत्तर अमेरिकी देशों के बीच मुक्त व्यापार को बढ़ावा देना था.
NAFTA क्या है |उत्तर अमेरिकी मुक्त व्यापार समझौता |North American Free Trade Agreement – NAFTA
हस्ताक्षर किये जाने की पूर्व संध्या तक सौदे के अंतिम विवरण को लेकर जारी अस्थिरता के बाद हाल ही में मेक्सिको , कनाडा और संयुक्त राज्य अमेरिका के नेताओं ने उत्तरी अमेरिकी व्यापार संधि पर हस्ताक्षर किये।
NAFTA Full Form (North American Free Trade Agreement)
NAFTA Full Form
NAFTA Full Form in Hindi, NAFTA: North American Free Trade Agreement (उत्तरी अमेरिका निशुल्क व्यापर समझौता)
NAFTA का फुल फॉर्म है “North American Free Trade Agreement” जिसका हिंदी मतलब है “उत्तरी अमेरिका निशुल्क व्यापर समझौता”
NAFTA यानि उत्तर अमेरिकी मुक्त व्यापार समझौता यू.एस., कनाडा और मैक्सिको के बीच व्यापार को बढ़ावा देने के लिए लागू किया गया था। इस (NAFTA Full Form) समझौते के अंतर्गत इन तीन देशों के बीच व्यापार पर अधिकांश टैरिफ को समाप्त कर दिया. NAFTA 1 जनवरी, 1994 को प्रभावी हुआ तथा इसके बाद कई टैरिफ-विशेष रूप से कृषि उत्पादों, वस्त्रों और ऑटोमोबाइल से संबंधित टैरिफ को धीरे-धीरे 1 जनवरी 1994 तथा 1 जनवरी, 2008 के बीच समाप्त कर दिया गया था।
NAFTA से सम्बंधित प्रमुख तथ्य
- NAFTA यानि उत्तर अमेरिकी मुक्त व्यापार समझौता (नाफ्टा) 1994 में यू.एस., मैक्सिको और कनाडा के बीच व्यापार को प्रोत्साहित करने के लिए लागू किया गया था।
- नाफ्टा ने भाग लेने वाले तीन देशों के बीच आयात और निर्यात पर शुल्क कम या समाप्त कर दिया, जिससे एक विशाल मुक्त व्यापार क्षेत्र बन गया।
- नाफ्टा के साथ दो पक्ष के समझौतों का उद्देश्य कार्यस्थल सुरक्षा, श्रम अधिकारों और पर्यावरण संरक्षण में उच्च सामान्य मानकों को स्थापित करना है, ताकि व्यवसायों को कम वेतन या शिथिल नियमों का फायदा उठाने के उत्तर अमेरिकी मुक्त व्यापार समझौता लिए अन्य देशों में स्थानांतरित होने से रोका जा सके।
- संयुक्त राज्य-मेक्सिको-कनाडा समझौता (USMCA), जिसे 30 नवंबर, 2018 को हस्ताक्षरित किया गया था, और 1 जुलाई, 2020 को पूरी तरह से लागू हो गया, ने NAFTA को बदल दिया।
- नाफ्टा एक विवादास्पद समझौता था: कुछ उपायों (व्यापार वृद्धि और निवेश) से, इसने यू.एस. अर्थव्यवस्था में सुधार किया; दूसरों द्वारा (रोजगार, व्यापार संतुलन), इसने अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचाया।
NAFTA क्या है? (What is NAFTA in Hindi)?
NAFTA का उद्देश्य उत्तरी अमेरिका की तीन प्रमुख आर्थिक शक्तियों: कनाडा, यू.एस. और मैक्सिको के बीच आर्थिक गतिविधियों को प्रोत्साहित करना था। इस समझौते (NAFTA Full Form) के समर्थकों का मानना था कि कनाडा, मैक्सिको और संयुक्त राज्य अमेरिका के बीच मुक्त व्यापार और कम टैरिफ को बढ़ावा देने से इसमें शामिल तीनों देशों को फायदा होगा। 2016 के राष्ट्रपति चुनाव के दौरान, डोनाल्ड ट्रम्प ने नाफ्टा और अन्य व्यापार समझौतों को रद्द करने के वादे पर प्रचार किया, जिसे वे संयुक्त राज्य के लिए उचित नहीं समझते थे।
27 अगस्त, 2018 को, राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने नाफ्टा को बदलने के लिए मेक्सिको के साथ एक नए व्यापार समझौते की घोषणा की जिसे यू.एस.-मेक्सिको व्यापार समझौता कहा गया. इसका उद्देश्य सीमा के दोनों ओर कृषि वस्तुओं के लिए शुल्क मुक्त पहुंच बनाए रखना तथा गैर-टैरिफ बाधाओं को समाप्त करना है. यह मेक्सिको और संयुक्त राज्य अमेरिका के बीच अधिक कृषि व्यापार को प्रोत्साहित करेगा। बाद में 30 सितंबर, 2018 को कनाडा को शामिल करने के लिए इस समझौते को संशोधित किया गया था। संयुक्त राज्य अमेरिका-मेक्सिको-कनाडा समझौता (USMCA) 1 जुलाई, 2020 को प्रभावी हुआ और पूरी तरह से NAFTA की जगह ले लिया।
USMCA की नयी नीतियों के अनुसार कहा गया कि: “USMCA हमारे श्रमिकों, किसानों, पशुपालकों और व्यवसायों को एक उच्च-मानक व्यापार समझौता देगा, जिसके परिणामस्वरूप हमारे क्षेत्र में मुक्त बाजार, बेहतर व्यापार और मजबूत आर्थिक विकास होगा। यह मध्यम वर्ग को मजबूत करेगा और उत्तरी अमेरिका को घर बुलाने वाले लगभग आधे अरब लोगों के लिए अच्छी, अच्छी तनख्वाह वाली नौकरियां और नए अवसर पैदा करेगा।”
NAFTA (नाफ्टा) का इतिहास
NAFTA नाफ्टा कानून जॉर्ज एच.डब्ल्यू. बुश के राष्ट्रपति पद के दौरान उनके एंटरप्राइज फॉर द अमेरिकास इनिशिएटिव के पहले चरण के रूप में विकसित किया गया था। क्लिंटन प्रशासन, जिसने 1993 में NAFTA को कानून में हस्ताक्षरित किया, का मानना था कि यह दो साल के भीतर 200,000 अमेरिकी नौकरियां और पांच साल के भीतर 1 मिलियन नौकरियों का सृजन करेगा क्योंकि निर्यात अमेरिकी आर्थिक विकास में एक प्रमुख भूमिका निभाते हैं। प्रशासन ने कम टैरिफ के परिणामस्वरूप मेक्सिको से अमेरिकी आयात में नाटकीय वृद्धि का अनुमान लगाया।
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कच्चे तेल, मशीनरी, सोना, वाहन, ताजा उपज, पशुधन और प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ जैसे सभी अमेरिकी आयातों का लगभग एक चौथाई मेक्सिको और कनाडा से उत्पन्न होता है, जो क्रमशः संयुक्त राज्य अमेरिका का दूसरा और तीसरा सबसे बड़ा आयात है।
free trade agreement News in Hindi
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मुक्त व्यापार समझौते (एफ.टी.ए.) में गलत क्या है? जानें
मुक्त व्यापार समझौते (एफ.टी.ए.) और द्विदेशिये निवेश समझौते (बी.आई.टी.) को अक्सर अंतरााष्ट्रीय व्यापार और विदेशी प्रत्यक्ष निवेश को बढावा देने के एक तरीक़े के रूप में देखा जाता है। अधिक सटीक रूप से कहा जाए तो, उन्हें ऐसे विधि के तौर पर देखा जाना चाहिए जिनमे बहुराष्ट्रीय कम्पनियाँ लोगों और पर्यावरण की कीमत पर अपने हितों को आगे बढ़ाने के लिए अपनाया करती है।
1950 के दशक के उत्तरार्ध से 1970 के दशक में पूर्व ओपनिवेशिक शक्तियों में व्यवसायों की सम्पति को नए देशों की सरकार से बचने के लिए एक साथ कई बी.आई.टी. पर हस्ताक्षर लिए गए थे। कंपनियों ने ये तर्क दिया क़ि क्योंकि इन देशों में कानून का शासन कमज़ोर था तो निवेश संरक्षण की आवशकता बढ़ गए थी। वे अपेक्षा के विरुद्ध संरक्षण चाहते थे - अर्थात, सार्वजनिक हित सहित किसी भी उद्देश्य के लिए सरकार द्वारा उनकी निजी सम्पति को हथिया लेना। बी.आई.टी. की एक और प्रमुख लहर 1980 के दशक और 1990 के दशक में आया जब सोवियत ब्लॉक का विघटन हो रहा था और दुनिया भर में मुक्त बाजार पूंजीवाद के प्रभुत्व पर हस्ताक्षर किये जा रहे थे। आज, पूरे विश्व में 3000 से अधिक बी.आई.टी. लागू हैं।
विदेशी निवेश की रक्षा के लिए "निवेश" उत्तर अमेरिकी मुक्त व्यापार समझौता और व्यापक प्रावधानों की विस्तृत परिभाषा के साथ, बी.आई.टी. खतरनाक खनन परियोजनाओं, भूमि और जल अधिग्रहण और बुनियादी ढांचे के विकास को बचाने और बढ़ावा देते हैं जो स्थानीय समुदायों और पर्यावरण पर कहर बरपाते हैं। बी.आई.टी. में आमतौर पर विवादास्पद निवेशक-राष्ट्र विवाद निपटान (आई.एस.डी.एस / ISDS) तंत्र शामिल होता है। यह कम्पनियाँ को सरकार पर मुकदमा करने में सक्षम बनाता है, यदि कम्पनियाँ यह दावा कर सके कि नए कानून या नियम उनके अपेक्षित मुनाफे को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर रहे हैं। तंत्र लोक अदालतों के बजाय मध्यस्थता (arbitration) पर निर्भर रहता है। दुनिया भर में कंपनियों द्वारा सरकारों के खिलाफ लगभग उत्तर अमेरिकी मुक्त व्यापार समझौता 1000 निवेशक-राज्य विवाद अब तक लाए गए हैं।
एफ.टी.ए. बहुत व्यापक समझौते हैं। वे वस्तुओं और सेवाओं में व्यापार को बढ़ावा देने के लिए, न केवल टैरिफ (आयात शुल्क) को कम करके, बल्कि तथाकथित गैर आयात शुल्क बाधाओं (non-tariff )(जैसे मापदंडों और नियमों जो व्यापर में बाधा पहुंचते है) को संबोधित करके वैश्विक व्यापार को बढ़ावा देने का लक्ष्य रखते हैं। ये श्रमिकों के अधिकारों, प्रतिस्पर्धा नीति, सार्वजनिक खरीद नियमों या पेटेंट कानूनों से जुड़े हुए नियम हो सकते हैं। एफ.टी.ए. में निवेश (investment) से संबंधित नियम भी शामिल हो सकते हैं जैसे बी.आई.टी.। पहला आधुनिक व्यापक एफ.टी.ए. उत्तर अमेरिकी फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (नाफ्टा / NAFTA) था, जो जनवरी 1994 में लागू हुआ। तब से, एफ.टी.ए. ने व्यापार को अंतरराष्ट्रीय कंपनियों के लिए अधिक लाभदायक बनाने और राष्ट्रों के बीच राजनीतिक और आर्थिक गठबंधन बनाने की प्रमुख भूमिका अदा की हैं। अभी तक दुनिया भर में 250 से अधिक व्यापक एफ.टी.ए. हो चुके है।
नाफ्टा के बाद से दुनिया भर में कई सामाजिक आंदोलन एफ.टी.ए. और बी.आई.टी. दोनों का विरोध कर रहे हैं। क्योंकि ये एफ.टी.ए. के उत्तर अमेरिकी मुक्त व्यापार समझौता दायरे इतने व्यापक हैं की इन व्यापार संधियों में शिक्षकों, किसानों, छात्रों या मजदूर संघ कार्यकर्ताओं या पर्यावरणवादियों जैसे समुदायों को काफी प्रभावित किया है और इन सभी उत्तर अमेरिकी मुक्त व्यापार समझौता को एफ.टी.ए. के खिलाफ एकजुट होने का मौका दिया है। कुछ देशों में, एफ.टी.ए. के खिलाफ सामाजिक आंदोलनों ने सरकारों तक को गिरा दिया है।
प्रमुख विषय जिन्होंने एफ.टी.ए. के खिलाफ लोगों को संगठित होने का मौका दिया:
• एफ.टी.ए. में होने वाली वार्ता काफी गोपनीय होती है और यह सार्वजनिक जांच के परे है, भले ही वे लोगों के जीवन के व्यापक प्रभाव क्षेत्र जैसे कि भोजन, स्वास्थ्य, श्रम और पर्यावरण को प्रभावित ही क्यों ना करते हो ।
• एफ.टी.ए. का उपयोग अक्सर कॉर्पोरेट कृषि व्यवसायियों द्वारा अपने कृषि उत्पादों के लिए बाजारों को खोलना हो या भोजन संबंधित उत्पाद मानकों जैसे गैर आयात शुल्क जैसी बाधाओं को कमजोर करना हो जिससे उनकी कृषि उत्पादन को आसानी से प्रवेश मिल सके और छोटे किसानों एवं उपभोक्ताओं के जीवन उत्तर अमेरिकी मुक्त व्यापार समझौता को गंभीरता से प्रभावित किया जा सके। उदाहरण के लिए, विकसित और विकासशील देशों के बिच होने वाले व्यापार सौदे अक्सर विकासशील देशों में विकसित देशों के अनुदान प्राप्त रियाती सस्ते खाद्य प्रदार्थो या जी.एम.ओ. (जैविक यांत्रिकी से बने) कृषि उत्पादनों को प्रवेश दिलाने के लिए किए जाते हैं।
• अमेरिका और यूरोपीय संघ जैसी प्रमुख शक्तियां अपने बौद्धिक संपदा (intellectual property) के मानकों, जो कि ज्यादातर कॉर्पोरेट घरानों द्वारा लिखे जाते है, को अपनाने के लिए दूसरे देशों को प्रेरित करती हैं। एफ.टी.ए. देशों को मजबूर करता है:
- ब्रांडेड दवाओं के लिए एकाधिकार (पेटेंट / patent) का विस्तार करने;
- सस्ती जेनेरिक दवाओं की उपलब्धता में बाधा डालने;
- बहुराष्ट्रीय कंपनियां और अन्य संस्थागत संयंत्र प्रजनकों (institutional plant breeders) को बीजों पर एकाधिकार प्रदान करने के अनुकूल कानून बनाने, जो किसानों को बीज बचाने से रोकते है;
- उद्योगों के अनुकूल पशु और मछली प्रजनन नियम बनाना जो प्रभावी रूप से मछली की नस्लों या पशुधन को प्रजनन से रोकते हैं;
- कंप्यूटर सॉफ्टवेयर के पेटेंट को प्रोत्साहित करना जो, स्थानीय कंप्यूटर प्रोग्रामर और बिना पेटेंट वाले सॉफ्टवेयर जिसे ओपन सोर्स मूवमेंट (open source movement) कहते हैं उनको क्षति पहुंचाते हैं; या
- लोकप्रिय उपभोक्ता वस्तुओं की कथित कॉपीराइट (copyright) के उल्लंघन हुए बिना भी उनपर शिकंजा कस्ते है।
• एफ.टी.ए. श्रमिक के अधिकारों, सामाजिक कल्याण, स्वास्थ्य और शिक्षा संबंधित सामाजिक मानकों और बाजार के नियमों को कमजोर करते हैं। ये मानक और नियम पारंपरिक रूप से अंतरराष्ट्रीय कंपनियों की शक्ति को प्रतिबंधित करने का काम करते थे।
• एफ.टी.ए. सरकारों की विनियमन क्षमता को कमजोर करते हैं, जिससे राष्ट्रीय संप्रभुता को आघात पहुँचता है। तथाकथित विनियामक सहयोग प्रावधान, जिसको कई उत्तर अमेरिकी मुक्त व्यापार समझौता समझोतो में शामिल किया जाता हैं, कॉर्पोरेट लॉबी को यह अधिकार देता है कि वो सरकार द्वारा नीति बनाने की प्रक्रिया को काफी हद तक अपने हक़ में प्रभावित कर सके। एफ.टी.ए. के हस्ताक्षरकर्ता देशों को अक्सर एक-दूसरे के नीतिगत बदलावों की जानकारी देनी पड़ती है और नीति-निर्माण प्रक्रियाओं में एक दूसरे के हित की रक्षा भी करनी होती है। यह अक्सर विशिष्ट समितियों के माध्यम से किया जाता है, जिसे आम जनता से दूर रखा जाता है और इसमें जनता को कभी शामिल नहीं किया जाता। एफ.टी.ए. की दो धाराएं जिसे "स्टैंडस्टिल" (standstill) और "रेचिट” (ratchet clause) धारा कहा जाता है जो एक क्षेत्र के व्यापारिक उदारीकरण के बाद इसे फिर से विनियमित करने पर रोक लगाते हैं।
• निवेश संरक्षण (investment protection) प्रावधान विदेशी निवेशकों (विशेष रूप से अंतरराष्ट्रीय कंपनियों) को किसी भी सार्वजनिक नीतियों को चुनौती देने की क्षमता को बढ़ावा देते हैं जो स्वास्थ सुरक्षा, पर्यावरण या श्रम से सम्बंधित ही क्यों न हो। संप्रभु राष्ट्रों के खिलाफ आई.एस.डी.एस. के दावों की बढ़ती संख्या सार्वजनिक नीति निर्णय और विनियामक उपायों को सीधे चुनौती देती है जिससे लोगों के जीवन और आजीविका के मुकाबले कंपनियों के निजी अधिकारों और हितों के प्रभुत्व का पता चलता है।
• एफ.टी.ए. विदेश नीति और भू-राजनीतिक (geopolitical) शक्ति संघर्ष के शस्त्र हैं। जिनका इस्तेमाल अक्सर व्यापार से परे और दूसरी प्रतिबद्धताओं में देशों को वचन-बध्य करने के लिए प्रलोभन के रूप में किया जाता है। उदाहरण के लिए, एफ.टी.ए. भागीदार देशों से क्षेत्रीय विवादों या बहुपक्षीय मंचों पर एक-दूसरे के राजनीतिक एजेंडे का समर्थन करने की उम्मीद की जाती है। एफ.टी.ए. को कुछ शक्तिशाली देशों द्वारा पुरस्कार के रूप में भी प्रस्तुत किया जाता है जिन्हें कमजोर देशों के अच्छे व्यवहार पर किये जाते है।
सालों की बहस और विवेचनाओं का ही नतीजा है कि इन व्यापार समझोतो की बेहतर समझ बन पाई है और उच्चतर सार्वजनिक समीक्षा हो पाई है | लेकिन इनका प्रोत्साहन बाजार और राजनीती के बदलते स्वरूप में जारी रहता है|