अनुगामी रोक

यहां यह भी गौर करने की बात है कि वृद्धाश्रम में जो हमारे बुर्जुग रहे रहे हैं, वे अपने समय के अपने विषयों के सिद्धहस्त जानकार रहे हैं. किसी की गणित विषय में मास्टरी है तो कोई हिन्दी का जानकार है. अंग्रेजी, इतिहास और ऐसे अनेक विषयों के साथ गीत-संगीत आदि-इत्यादि में पारंगत इन विद्धान वृद्धजनों का उपयोग सीएम राईज स्कूल में किया जा सकता है. इनकी सेवाएं लेने से इनके भीतर का ना केवल अकेलापन खत्म होगा बल्कि समाज को उपयोगी लोग मिल सकेंगे. इनके पास अनुभव का खजाना है जो नयी पीढ़ी के लिए ज्ञान का मंदिर खोल देंगे.
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स्टॉप-लॉस ऑर्डर (अनुगामी रोक Stop Loss Order) मतलब जब स्टॉक एक निश्चित कीमत पर पहुंच जाता है तो उसे खरीदने या बेचने के लिए एक ऑर्डर दिया जाता है जिसे स्टॉप-लॉस ऑर्डर कहते है । स्टॉप-लॉस एक सुरक्षा स्थिति पर निवेशक के नुकसान को सीमित करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। उदाहरण के लिए, जिस कीमत पर आपने स्टॉक खरीदा था, उस कीमत से १०% कम के लिए स्टॉप-लॉस ऑर्डर (Stop Loss Order) सेट करना आपके नुकसान को १०% तक सीमित कर देगा।
मान लीजिए आपने अभी-अभी टाटा मोटर्स के शेयर्स ₹ ३०० प्रति शेयर पर खरीदा है। स्टॉक खरीदने के ठीक बाद, आप ₹ २७० के लिए स्टॉप-लॉस ऑर्डर दर्ज करते हैं। यदि स्टॉक ₹ २७० से नीचे आता है, तो आपके शेयर प्रचलित बाजार मूल्य पर बेचे जाएंगे।
स्टॉप-लिमिट ऑर्डर स्टॉप-लॉस ऑर्डर के (Stop Loss Order) समान हैं। हालाँकि, जैसा कि उनके नाम में कहा गया है, उस कीमत की एक सीमा है जिस पर वे निष्पादित करेंगे। स्टॉप-लिमिट ऑर्डर में निर्दिष्ट दो मूल्य हैं: स्टॉप प्राइस, जो ऑर्डर को सेल ऑर्डर में बदल देगा, और लिमिट प्राइस जहा आर्डर निष्पादित किया जायेगा । ऑर्डर बेचने के लिए मार्केट ऑर्डर के बजाय वो एक लिमिट ऑर्डर (Limit Order) बन जाता है जो केवल लिमिट प्राइस पर ही निष्पादित होगा।
स्टॉप-लॉस ऑर्डर के लाभ ( Advantages of the Stop-Loss Order)
स्टॉप-लॉस (Stop Loss) ऑर्डर का सबसे महत्वपूर्ण लाभ यह है कि इसे लागू करने के लिए कुछ भी खर्च नहीं होता है। शेयर मूल्य स्टॉप-लॉस मूल्य तक पहुंचने के बाद ही आपसे नियमित कमीशन लिया जाता है और स्टॉक को बेचा जाता है ।
स्टॉप-लॉस ऑर्डर (Stop Loss Order) का एक अतिरिक्त लाभ यह है कि यह निर्णय लेने को किसी भी भावनात्मक प्रभाव से मुक्त होने की अनुमति देता है। लोग स्टॉक के साथ “प्यार में पड़ जाते हैं”। उदाहरण के लिए, वे इस गलत धारणा को बनाए रख सकते अनुगामी रोक हैं कि यदि वे स्टॉक को एक और मौका देते हैं, तो यह अपनी दिशा में जाएगा। वास्तव में, यह देरी केवल नुकसान का कारण बन सकती है।
इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप किस प्रकार के निवेशक हैं, आपको आसानी से यह पहचानने में सक्षम होना चाहिए कि आपके पास स्टॉक क्यों है। एक वैल्यू इन्वेस्टर का क्राइटेरिया ग्रोथ इन्वेस्टर अनुगामी रोक के क्राइटेरिया से अलग होगा, जो एक एक्टिव ट्रेडर के क्राइटेरिया से अलग होगा। रणनीति कोई अनुगामी रोक भी हो, रणनीति तभी काम करेगी जब आप रणनीति पर टिके रहेंगे। इसलिए, यदि आप एक कट्टर बाय-एंड-होल्ड निवेशक हैं, तो आपके लिए स्टॉप-लॉस ऑर्डर (Stop Loss Order) बेकार हैं।
स्टॉप-लॉस ऑर्डर भी मुनाफे में लॉक करने का एक तरीका है ( Stop-Loss Orders Are Also a Way to Lock In Profits)
स्टॉप-लॉस ऑर्डर (Stop Loss Order) को पारंपरिक रूप से नुकसान को रोकने के तरीके के रूप में माना जाता है। हालांकि, इस टूल का एक अन्य उपयोग मुनाफे में लॉक करना है। इस मामले में, कभी-कभी स्टॉप-लॉस ऑर्डर को “ट्रेलिंग स्टॉप” कहा जाता है। यहां, स्टॉप-लॉस ऑर्डर मौजूदा बाजार मूल्य से नीचे प्रतिशत स्तर पर सेट किया गया है (उस कीमत पर नहीं जिस पर आपने इसे खरीदा है)। स्टॉप-लॉस की कीमत स्टॉक की कीमत में उतार-चढ़ाव के रूप में समायोजित होती है। यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि यदि कोई स्टॉक ऊपर जाता है, तो आपको एक अवास्तविक लाभ होता है।
एक अनुगामी स्टॉप का उपयोग करने से आप मुनाफे को चलने दे सकते हैं, जबकि साथ ही, कम से कम कुछ वास्तविक पूंजीगत लाभ की गारंटी दे सकते हैं।
ऊपर से हमारे टाटा मोटर्स के उदाहरण के साथ जारी रखते हुए, मान लीजिए कि आपने मौजूदा कीमत से १०% कम के लिए एक पिछला स्टॉप ऑर्डर सेट किया है, और स्टॉक एक महीने के भीतर ₹ ३३० तक बढ़ जाता है। आपका पिछला-स्टॉप ऑर्डर तब ₹ २७० प्रति शेयर (₹ ३३० – (१०% x ₹ ३०० ) = ₹ २७० ) पर लॉक हो जाएगा। क्योंकि यह सबसे खराब कीमत है जो आपको प्राप्त होगी, भले ही स्टॉक में अप्रत्याशित गिरावट आई हो, आप लाल रंग में नहीं होंगे। बेशक, ध्यान रखें कि स्टॉप-लॉस ऑर्डर अभी भी एक मार्केट ऑर्डर (Market Order) है – यह केवल निष्क्रिय रहता है और ट्रिगर मूल्य तक पहुंचने पर ही सक्रिय होता है।
गोरखपुर: गुरु-शिष्य की बेमिसाल परंपरा का गवाह है गोरक्षपीठ
गोरखपुर। गुरु को हमारी सनातन संस्कृति गोविंद (भगवान) से भी ऊंचे स्थान पर प्रतिष्ठित करती है। गुरु का ध्येय समग्र रूप में लोक कल्याण का होता है और इसकी की दीक्षा भी वह अपने शिष्य को देता है। गुरु परंपरा के आईने में देखें तो नाथ पंथ की विश्व प्रसिद्ध गोरक्षपीठ बेमिसाल है। पीढ़ी दर …
गोरखपुर। गुरु को हमारी सनातन संस्कृति गोविंद (भगवान) से भी ऊंचे स्थान पर प्रतिष्ठित करती है। गुरु का ध्येय समग्र रूप में लोक कल्याण का होता है और इसकी की दीक्षा भी वह अपने शिष्य को देता है। गुरु परंपरा के आईने में देखें तो नाथ पंथ की विश्व प्रसिद्ध गोरक्षपीठ बेमिसाल है। पीढ़ी दर पीढ़ी गोरक्षपीठाधीश्वरों ने अपने गुरु से प्राप्त लोक कल्याण की परंपरा को विस्तारित किया है। वर्तमान पीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ इसे निरंतर ऊंचाई प्रदान कर रहे हैं।
कैलाश विजयवर्गीय ने सीएम शिवराज को लिखा पत्र, इस मुद्दे पर सीहोर प्रशासन को लेकर जाहिर की नाराजगी
By: फिरोज खान, इंदौर | Updated at : 01 Mar 2022 07:08 PM (IST)
बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय (Kailash Vijayvargiya) ने रुद्राक्ष महोत्सव निरस्त किए जाने के फैसले पर नाराजगी चाहिर की है. सीहोर में चल रहे रुद्राक्ष महोत्सव के चलते सोमवार को करीब 40 किलोमीटर का लंबा जाम लग गया. इसके बाद प्रशासन हरकत में आया है इस महोत्सव को निरस्त कर दिया गया. कैलाश विजयवर्गीय ने प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) को पत्र लिखकर प्रशासन के प्रति अपनी नाराजगी जाहिर की है.
कैलाश विजयवर्गीय ने पत्र में क्या लिखा?
कैलाश विजयवर्गीय द्वारा मंगलवार को मुख्यमंत्री के नाम पत्र लिखकर अनुगामी रोक कहा गया है कि, "सीहोर में चल रहे रुद्राक्ष महोत्सव के कारण हुए चक्काजाम को अनुगामी रोक लेकर कार्यक्रम निरस्त कराया गया है. आदरणीय 28 फरवरी 2022 को सीहोर में जो कुछ हुआ उसे देख और सुन कर अत्यंत पीड़ा और वेदना पहुंची. सीहोर जिला प्रशासन की अकर्मण्यता अनुगामी रोक से मेरे जैसे कई सनातनियों को आघात पहुंचा है. विगत 17 वर्षों से आप इस प्रान्त के मुखिया हैं. आखिर ऐसी कौन सी विपदा आ गई थी कि पंडित प्रदीप मिश्रा पर इतना दबाव बनाया गया कि उन्हें भारी मन से कथा को समाप्त करना पड़ा.
विश्व वृद्धजन दिवस: वृद्धाश्रम नहीं तीर्थयात्रा कराती शिवराजसिंह सरकार
मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना धार्मिक भावनाओं के संरक्षण और सम्मान का सर्वोत्तम उदाहरण है. भारतीय संस्कृति में धर्म तीर्थों की यात्रा की परम्परा पुरातनकाल से चली आ रही है.
मनोज कुमार
अतिथि विचार Published On : Thu 29th September 2022, 10:32 AM
विकास की पींगे भरता भारतीय समाज भी पाश्चात्य संस्कृति का शिकार हो गया है. एक तरफ हम अपने बुर्जुगों का सम्मान करने की बात करते हैं और दूसरी तरफ उन्हें अपने से दूर कर वृद्धाश्रम में छोड़ आते हैं. समय के साथ भारतीय संस्कृति और परम्परा पर यह दाग है लेकिन मध्यप्रदेश इस बात पर गर्व कर सकता है कि इस दाग को दूर करने के लिए मुख्यमंत्री शिवराजसिंह श्रवण कुमार बनकर इन वृद्धजनों की सुध ले रहे हैं. यह बात तय है कि सरकार अपने स्तर पर वृद्धजनों को अपनों से दूर होने से कानूनन नहीं रोक सकती है लेकिन उनकी बेहतरी के लिए अनेक स्तर पर प्रयास कर रही है. इन्हीं में एक मुख्यमंत्री तीर्थदर्शन योजना का लाभ बहुत बड़े वर्ग को मिल रहा है. मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान अपने इन्हीं नवाचार के माध्यम से समाज में आ रही कुरीतियों को दूर करने की कोशिश में जुटे हुए हैं. इस बात को लेकर आप राहत महसूस कर सकते हैं कि मध्यप्रदेश में वृद्धाश्रम का चलन थम सा गया है. आज जब हम विश्व वृद्धजन दिवस की चर्चा करते हैं तो स्वाभाविक है कि मध्यप्रदेश में वृद्धजनों के हक में हो रहे प्रयासों की चर्चा करना लाजिमी हो जाता है.
हिमाचल में पहले चरण में लगेंगी 93 हजार खुराक, मुख्यमंत्री ने किया वैक्सिनेशन का शुभारंभ
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने आईजीएमसी शिमला से राज्य में कोविड-19 टीकाकरण अभियान की शुरुआत की। पहले चरण में राज्य के स्वास्थ्य देखभाल कर्मियों सहित अग्रिम पंक्ति के योद्धाओं को 93 हजार खुराकें दी जाएंगी। इस अवसर पर सीएम ने कहा कि शनिवार को राज्य में 27 चिन्हित स्थलों के माध्यम से 2,529 स्वास्थ्य देखभाल कार्यकर्ताआें को खुराक दी जा रही है। लगभग 74 हजार 500 स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं का टीकाकरण किया जाएगा और प्रत्येक लाभार्थी को दो खुराक दी जाएंगी। दूसरी खुराक 28 दिन के अंतराल के बाद दी जाएगी। राज्य सरकार ने कोविड-19 टीकाकरण की प्रभावी निगरानी के लिए राज्य स्तरीय संचालन समिति, राज्य टास्क फोर्स, जिला टास्क फोर्स और खंड टास्क फोर्स का गठन किया है।