निवेश रणनीति

जमा करने की विधि

जमा करने की विधि
    आधार - अगर आपके पास आधार है तो आपको किसी अन्य पहचान या एड्रेस प्रूफ की जरूरत नहीं है, नहीं तो

Post Office की इन 5 स्कीम में डबल होगा आपका पैसा, खाता खोलने के लिए जमा करने होंगे 250 रुपए

बिजनेस डेस्क. आमदनी छोटी हो या बड़ी आम आदमी का फोकस सेविंग्स पर रहता है। पैसे बचाने के लिए लोग कई तरह के प्लान लेते हैं। मार्केट और बैंकों में पैसा निवेश और जमा करने की अलग-अलग स्कीम और ऑफर हैं, पर पोस्ट ऑफिस (Post Office) को पैसा निवेश करने के लिए सबसे सुरक्षित विकल्प माना जाता है। हम आपको पोस्ट ऑफिस की कुछ ऐसी स्कीम के बारे में बता रहे हैं जहां आपको पैसा डबल हो सकता है।

सुकन्या समृद्धि योजना
स्मॉल सेविंग्स स्कीम प्लान में पोस्ट ऑफिस की सुकन्या समृद्धि योजना सबसे अधिक रिटर्न देती है। सुकन्या समृद्धि योजना (SSY) पर सालाना 7.6 फीसदी के हिसाब से ब्याज मिल रहा है। जो फिक्स्ड डिपॉजि​ट (FD), राष्ट्रीय बचत पत्र (NSC), मंथली इनकम स्कीम (MIS), किसान विकास पत्र (KVP) या रेकरिंग डिपॉजिट (RD) जैसी योजनाओं से ज्यादा है। बच्चियों के लिए इस खास स्कीम में पैसा डबल होने में करीब 9 साल और 5 महीने लगते हैं। इस अकाउंट को न्यूनतम 250 रुपये से शुरू कर सकते हैं। इसमें एक वर्ष में न्यूनतम 250 रुपये और अधिकतम 1.जमा करने की विधि 5 लाख रुपये जमा किए जा सकते हैं। इसमें अधिकतम 15 साल तक निवेश किया जा सकता है।

पोस्ट ऑफिस में पब्लिक प्रोविडेंट फंड
इसमें 7.1% सालाना ब्याज मिलता है। इससे पैसा लगभग 10 साल और 1 महीने में डबल होता है। पोस्ट ऑफिस के पीपीएफ स्कीम में लंबे समय के लिए निवेश किया जाता है और इससे मिली एकमुश्त राशि आपके काम आती है। डाकघर में इस पब्लिक प्रोविडेंट फंड स्कीम में निवेश की शुरुआत महज 500 रुपये से कर सकते हैं।

पोस्ट ऑफिस की मंथली इनकम स्कीम
इसमें 6.6% सालाना ब्याज मिलता है। इससे पैसा लगभग 10 साल और 9 महीनें में डबल होता है। इस स्कीम के तहत अकाउंट में सिंगल या ज्वॉइंट अकाउंट के तहत एक मुश्त राशि जमा की जाती है। उस जमा करने की विधि राशि के हिसाब से आपके खाते में हर महीने पैसा आता रहता है। यह स्कीम 5 साल की है जिसके पूरा होने के बाद इसे फिर से 5 साल के लिए आगे बढ़ाया जा सकता है।

पोस्ट ऑफिस की रिकरिंग डिपॉजिट स्कीम
इसमें 5.8% सालाना ब्याज मिलता है। इससे पैसा करीब 12 साल और 4 महीनें में पैसा डबल होता है। Post Office Recurring जमा करने की विधि Deposit में 100 रुपए इन्वेस्ट करके शुरुआत कर सकते है। इसकी कोई लिमिट तय नहीं की गई है, जितना आप चाहें उतना इन्वेस्ट कर सकते हैं. इसके अलावा इस स्कीम में बेहतर ब्याज दर के साथ छोटी किस्तों जमा करने की सरकार की पूरी गारंटी होती है।

पोस्ट ऑफिस की टाइम डिपॉजिट स्कीम
टाइम डिपॉजिट पर 5.5% सालाना ब्याज मिलता है। इसमें निवेश करने पर पैसा करीब 13 सालों में डबल होगा। 5 साल के टाइम डिपॉजिट पर 6.7% सालाना ब्याज मिलता है। इसमें पैसा करीब 10 साल और 8 महीनें में डबल होता है।

KYC क्या है और इसे कैसे करें?

आजकल KYC बहुत प्रचलित शब्द हो गया है। आप बैंक जाइए वहां सुनाई देगा, आप लोन के लिए आवेदन करिये आपको KYC शब्द सुनाई देगा। आप किसी भी टेलिकॉम कंपनी का पोस्टपेड कनेक्शन लीजिये वहां पर आपको KYC शब्द सुनाई देगा। लेकिन क्या जानते हैं कि KYC क्या है?

KYC का फुलफॉर्म Know Your Customer होता है। मतलब अपने ग्राहक को जानने का प्रपत्र। केवाईसी एक ग्राहक के बारें में जानकारी देना वाला प्रपत्र होता है। इस प्रपत्र पर ग्राहक अपने बारें में सभी जरूरी जानकारियां लिखकर देता है।

इसे आप बैंकिंग के क्षेत्र में देखें तो हर 6 महीने पर या 1 साल पर बैंक अपने ग्राहकों से केवाईसी फॉर्म भरने के लिए कहता है। इस केवाईसी फॉर्म में अपना नाम, बैंक अकाउंट का नंबर, पैन कार्ड नंबर, आधार कार्ड नंबर, मोबाइल नंबर और पूरा पता भरना होता है। इस तरह बैंक को ग्राहक की सभी जानकारियां प्राप्त हो जाती है।

ऐसा नहीं है कि बैंक में अकाउंट खुलवाते समय में ये सब जानकारियां नहीं देना होता है। बिल्कुल देना होता है। लेकिन बैंक के तरफ से 6 महीने बाद या 1 साल बाद इसलिए केवाईसी फॉर्म भरवाया जाता है कि अगर इस बीच ग्राहक के व्यक्तिगत सूचना में से कोई सूचना बदली गई होगी, तो केवाईसी फॉर्म के जरिये नई सूचना अपडेट हो जाएगी।

इस तरह बैंक को जरूरत पड़ने पर अपने ग्राहकों से संपर्क करने में किसी तरह की कोई कठिनाई का सामना नहीं करना पड़ेगा। केवाईसी ग्राहक और संबंधित संस्थान दोनों के लिए लाभकारी है। आइये केवाईसी के बारें में विस्तारपूर्वक समझते हैं।

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क्या लोन लेने के लिए भी केवाईसी जरूरी होता है?

लोन एक फाइनेंशियल प्रोडक्ट है। फाइनेंशियल प्रोडक्ट होने के नाते लोन की वापसी सुनिश्चित करना संबंधित बैंक शाखा और ग्राहक की जिम्मेदारी होती है। कई बार जिस बैंक में ग्राहक का खाता होता है, उस बैंक से भी उस ग्राहक को लोन लेने के लिए केवाईसी फॉर्म अनिवार्य तौर पर भरना होता है। क्योंकि बैंक को यह
जानकारी हो सके कि ग्राहक का पता क्या है? ग्राहक का आधार कार्ड नंबर क्या है? ग्राहक का पैन कार्ड नंबर क्या है? इन्हीं सब बेसिक जानकारियों के हिसाब से ही ग्राहक से दोबारा संपर्क किया जाता है।

अगर कोई व्यक्ति किसी नॉन बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनी (एनबीएफसी) से बिजनेस लोन के लिए आवेदन करता है तो उसे भी अनिवार्य रुप से KYC फॉर्म भरकर जमा करना होता है। हालांकि एनबीएफसी कंपनी एक बार पहले ही इस तरह की जानकारियां बिजनेस लोन आवेदन पत्र के साथ ही प्राप्त कर लेती है लेकिन फिर भी केवाईसी फॉर्म ग्राहकों को भरना हो पड़ता है।

KYC फॉर्म में पहचान के लिए इनमें से कोई एक दस्तावेज अटैक करना होता है

  • पासपोर्ट ड्राइविंग लाइसेंस
  • मतदाता पहचान पत्र
  • पैन कार्ड
  • आधार कार्ड
  • एनआरजीए कार्ड

KYC फॉर्म में पता के लिए इनमें से कोई एक दस्तावेज अटैक करना होता है

  • आधार कार्ड की फोटोकॉपी
  • टेलीफोन की बिल की फोटोकॉपी
  • बिजली बिल की फोटोकॉपी
  • गैस का रि-फिलिंग बिल की फोटोकॉपी
    पासपोर्ट की फोटोकॉपी
    राशन कार्ड की फोटोकॉपी
    नियोक्ता द्वारा जारी नियुक्ति पत्र का फोटोकॉपी

Quick Links

KYC क्यों है महत्वपूर्ण

केवाईसी ग्राहक और वित्तीय संस्थान दोनों के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। बैंकिंग संस्थान को जहां KYC के जरिये ग्राहक की सभी अपडेटेड जानकारियां प्राप्त हो जाती हैं। वहीं ग्राहक को इस बात की सुरक्षा मिल जाती है कि उसके अकाउंट में से कोई और व्यक्ति धन का हेरफेर नहीं कर सकता है। क्योंकि जब भी बैंकिंग होगी तो उसकी जानकारी ऑनलाइन/मैसेज के माध्यम से ग्राहक को तुरंत प्राप्त हो जाएगी। कुछ मामलों में बिना ग्राहक के मंजूरी के कोई ट्रांजेक्शन भी नहीं हो सकता है।

इस तरह हम देखते हैं कि के नाउ योर कस्टमर यानी अपने ग्राहक को जानिए सुविधा एक बेहतरीन सुविधा है। इस सुविधा का लाभ ग्राहक और बैंकिंग संस्थान को समान रुप में मिलता है। यह सुरक्षा के साथ – साथ जानकारी अपडेट करने का माध्यम भी है।
KYC कैसे होता है?

केवाईसी करना बहुत ही आसान है। सबसे पहले ऊपर बताए गये कागजी दस्तावेज इक्कठा करें। इसके बाद उस बैंक की ब्रांच में जाइए जिस ब्रांच में आपका बैंक अकाउंट है। वहां पर जाकर संबंधित डेस्क से केवाईसी फॉर्म लीजिये और उस फॉर्म को भरने के बाद और सभी जरूरी कागजात अटैच करने के बाद जमा कर दीजिये। अब समझिये आपका केवाईसी कम्पलीट हो गया है। क्योंकि केवाईसी फॉर्म जमा होने के 3 दिन के भीतर केवाईसी अपडेट हो जाता है।

आपको जानकारी के लिए बता दें कि कोरोना महामारी के चलते हुए लॉकडाउन में बहुत सारे बैंकों की वेबसाइट पर अब ऑनलाइन केवाईसी का विकल्प उपलब्ध है। ऑनलाइन केवाईसी करने के लिए संबंधित बैंक की वेबसाइट लॉग इन करना होता है। वेबसाइट लॉग इन करने के बाद ऑनलाइन केवाईसी विकल्प पर जाना होता है। इसके बाद सभी जरूरी जानकारी भरकर कागजातों की पीडीऍफ़ फाइल अपलोड करके सबमिट कर देना होता है। फॉर्म सबमिट होने के बाद आपका केवाईसी एक सप्ताह के भीतर हो जाता है। केवाईसी कम्पलीट होने का मैसेज और ईमेल आपको प्राप्त हो जाता है। इतना सिंपल है केवाईसी करना।

बुनियादी समस्याओं का हल

मैं बारह वर्षों से अपना कारोबार चला रहा हूं लेकिन अपने बिजनेस का विस्तार करने के लिए सक्षम नहीं था। मैंने Ziploan में आवेदन किया और उन्होंने मेरे लोन आवेदन को बहुत ही कम समय में मंजूरी दे दी।

मैंने अपने कारोबार की ज़रूरतों के लिए ZipLoan से संपर्क किया। कंपनी से लोन पाने की शर्तें पूरा करना आसान था। उन्हें सिर्फ 1 साल का ITR और बिजनेस का सालाना टर्नओवर 10 लाख तक की जरूरत थी।

मैंने हमेशा सोचता था कि लोन और क्रेडिट सुविधाएं केवल बड़े कारोबार के साथ बड़े व्यवसायों के लिए उपलब्ध होती हैं। मैंने कभी सोचा नहीं कि मैं भी बिजनेस लोन के लिए योग्यता प्राप्त करने के लिए सक्षम होऊंगा। Ziploan मेरे जैसे छोटे व्यवसायों के लिए वरदान है।

बैंक अकाउंट कैसे खोलते है: Bank Mein Khata Kaise Kholte Hain

सेविंग्स अकाउंट एक बेसिक बैंक अकाउंट होता है, और जैसा कि नाम से पता चलता है, इसका प्राथमिक उद्देश्य आपके सेविंग्स में मदद करना है। इस अकाउंट से, आप किसी भी समय सुरक्षित रूप से फंड जमा या निकाल सकते हैं और अकाउंट में जमा राशि पर इंटरेस्ट प्राप्त कर सकते हैं। सेविंग्स अकाउंट खोलना बहुत आसान है जिसमें सिर्फ 15 मिनट लग सकते हैं। अधिकांश बैंकों में आमतौर पर समान प्रक्रियाएं होती हैं, इसलिए सेविंग्स अकाउंट खोलना काफी आसान है।

जानिए बैंक अकाउंट कैसे खोलते है -

स्टेप 1 - सबसे पहले आप अपने मोबाइल या लैपटॉप का इस्तेमाल करके इंटरनेट के माध्यम से ऑनलाइन जाएं।

स्टेप 2 - सेविंग्स अकाउंट खोलने के लिए आवश्यक डॉक्युमेंट प्रदान करे।

स्टेप 3 - वीडियो केवाईसी के साथ बेहतर बैंकिंग का अनुभव लें।

स्टेप 4 - ऑनलाइन वेरिफिकेशन में समस्या आने पर निकटतम शाखा में जाकर स्वयं वेरिफिकेशन करे।

स्टेप 5 - ऑनलाइन ट्रांज़ैक्शन शुरू करने के लिए नेटबैंकिंग या मोबाइलबैंकिंग के माध्यम से लॉगिन करें।

स्टेप बाय स्टेप ऑनलाइन सेविंग्स अकाउंट कैसे खुलता है इसे विस्तार से जानिए –

स्टेप 1 : ऑनलाइन जाएं:

इंस्टा-अकाउंट के माध्यम से अपने मोबाइल फोन या लैपटॉप से ऑनलाइन सेविंग्स अकाउंट खोलें। आप केवल अपने मोबाइल नंबर, अपने डॉक्युमेंट और एक फॉर्म भरकर प्रक्रिया शुरू कर सकते हैं। यह सब हमारे ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से आसानी से किया जा सकता है, जिससे आप बैंक जाने से बच सकते हैं।

आप यहां विभिन्न प्रकार के सेविंग्स अकाउंट के बारे में अधिक पढ़ सकते हैं।

स्टेप 2: सेविंग्स अकाउंट खोलने के लिए आवश्यक डॉक्युमेंट को संभाल कर रखें

भले ही आप किसी भी विधि को सिलेक्ट करें, आपको अपना सेविंग्स अकाउंट खोलने के लिए कुछ डॉक्युमेंट प्रदान करने की आवश्यकता है। जैसे की

    आधार - अगर आपके पास आधार है तो आपको किसी अन्य पहचान या एड्रेस प्रूफ की जरूरत नहीं है, नहीं तो

स्टेप 3: वीडियो केवाईसी के साथ बेहतर बैंकिंग का अनुभव लें

अब आप अपने केवाईसी डॉक्युमेंट जमा कर सकते हैं और खुद को ऑनलाइन वेरीफाई करवा सकते हैं! यह सब एचडीएफसी बैंक के एक अधिकारी के साथ वीडियो कॉल पर किया जा सकता है। बस अपने स्मार्टफोन पर अपने लोकेशन, कैमरा और माइक्रोफोन का एक्सेस प्रदान करें, और आप अपने नए सेविंग्स अकाउंट को संचालित करने के लिए तैयार हैं!

स्टेप 4: एचडीएफसी बैंक सेविंग्स अकाउंट का पता लगाएं - लगभग तुरंत बैंकिंग सेवाओं का उपयोग करने के लिए।

क्या होगा यदि आप अपने डेबिट कार्ड और बैंक अकाउंट के डिटेल्स के लिए अपने घर आने की प्रतीक्षा नहीं करना चाहते हैं? यदि बैंक आपके डॉक्युमेंट और डिटेल्स को वेरीफाई नहीं कर सकता है, तो बैंक कैसे आपको अकाउंट जारी कर सकता है? यदि आपने पहले ही अपने आप को वेरीफाई कर लिया है और स्टेप 3 सम्पूर्ण कर लिया है, तो डेबिट कार्ड आपके पते पर 15-25 दिनों में पहुंच जाएगा। अन्यथा, केवाईसी के लिए निकटतम शाखा में जाएं और स्वयं वेरीफाई करें।

स्टेप 5: लेन-देन शुरू करने के लिए नेटबैंकिंग या मोबाइलबैंकिंग के माध्यम से लॉगिन करें

एक बार जब आप अपने ग्राहक आईडी और अकाउंट नंबर प्राप्त कर लेते हैं तो आप पैसे ट्रांसफर करने और अपने अकाउंट का उपयोग शुरू करने में सक्षम हो जाते हैं। नेटबैंकिंग और मोबाइलबैंकिंग में लॉग इन करें और पासवर्ड बनाकर शुरू करें।

एचडीएफसी बैंक सुरक्षित और सुविधाजनक डिजिटल सेवाओं की पेशकश करके अपने ग्राहक अनुभव को बढ़ाने का प्रयास करता है, और इंस्टा-अकाउंट इस वादे पर खरा उतारने का एक और पेशकश है। एचडीएफसी बैंक इंस्टा-अकाउंट के साथ कुछ आसान स्टेप्स में सेविंग्स अकाउंट खोलें। यह एचडीएफसी बैंक नेटबैंकिंग और मोबाइलबैंकिंग के साथ प्री-इनेबल्ड आता है और आप कार्डलेस कैश विथड्रावल का आनंद ले सकते हैं ।

अपना सेविंग्स अकाउंट खोलने के लिए यहां क्लिक करें!

* नियम और शर्तें लागू । इस लेख में दी गई जानकारी प्रकृति में सामान्य है और केवल सूचना के उद्देश्यों के लिए है। यह आपकी अपनी परिस्थितियों में विशिष्ट सलाह का विकल्प नहीं है ।

KYC क्या है और इसे कैसे करें?

आजकल KYC बहुत प्रचलित शब्द हो गया है। आप बैंक जाइए वहां सुनाई देगा, आप लोन के लिए आवेदन करिये आपको KYC शब्द सुनाई देगा। आप किसी भी टेलिकॉम कंपनी का पोस्टपेड कनेक्शन लीजिये वहां पर आपको KYC शब्द सुनाई देगा। लेकिन क्या जानते हैं कि KYC क्या है?

KYC का फुलफॉर्म Know जमा करने की विधि Your Customer होता है। मतलब अपने ग्राहक को जानने का प्रपत्र। केवाईसी एक ग्राहक के बारें में जानकारी देना वाला प्रपत्र होता है। इस प्रपत्र पर ग्राहक अपने बारें में सभी जरूरी जानकारियां लिखकर देता है।

इसे आप बैंकिंग के क्षेत्र में देखें तो हर 6 महीने पर या 1 साल पर बैंक अपने ग्राहकों से केवाईसी फॉर्म भरने के लिए कहता है। इस केवाईसी फॉर्म में अपना नाम, बैंक अकाउंट का नंबर, पैन कार्ड नंबर, आधार कार्ड नंबर, मोबाइल नंबर और पूरा पता भरना होता है। इस तरह बैंक को ग्राहक की सभी जानकारियां प्राप्त हो जाती है।

ऐसा नहीं है कि बैंक में अकाउंट खुलवाते समय में ये सब जानकारियां नहीं देना होता है। बिल्कुल देना होता है। लेकिन बैंक के तरफ से 6 महीने बाद या 1 साल बाद इसलिए केवाईसी फॉर्म भरवाया जाता है कि अगर इस बीच ग्राहक के व्यक्तिगत सूचना में से कोई सूचना बदली गई होगी, तो केवाईसी फॉर्म के जरिये नई सूचना अपडेट हो जाएगी।

इस तरह बैंक को जरूरत पड़ने पर अपने ग्राहकों से संपर्क करने में किसी तरह की कोई कठिनाई का सामना नहीं करना पड़ेगा। केवाईसी ग्राहक और संबंधित संस्थान दोनों के लिए लाभकारी है। आइये केवाईसी के बारें में विस्तारपूर्वक समझते हैं।

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लोन एक फाइनेंशियल प्रोडक्ट है। फाइनेंशियल प्रोडक्ट होने के नाते लोन की वापसी सुनिश्चित करना संबंधित बैंक शाखा और ग्राहक की जिम्मेदारी होती है। कई बार जिस बैंक में ग्राहक का खाता होता है, उस बैंक से भी उस ग्राहक को लोन लेने के लिए केवाईसी फॉर्म अनिवार्य तौर पर भरना होता है। क्योंकि बैंक को यह
जानकारी हो सके कि ग्राहक का पता क्या है? ग्राहक का आधार कार्ड नंबर क्या है? ग्राहक का पैन कार्ड नंबर क्या है? इन्हीं सब बेसिक जानकारियों के हिसाब से ही ग्राहक से दोबारा संपर्क किया जाता है।

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